आज का पंचाग आपका राशि फल, स्त्री का कोई गुरू हो सकता है? भोजन करने के विधान, चीनी समान के बहिष्कार के परिणामस्वरूप डोल रही चीन की अर्थव्यवस्था

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*शनिवार, २९ अक्टूबर २०२२*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:३१
सूर्यास्त: 🌅 ०५:३५
चन्द्रोदय: 🌝 १०:३३
चन्द्रास्त: 🌜२०:४०
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 चतुर्थी (०८:१३ से
पञ्चमी, २९:४९ से षष्ठी)
नक्षत्र👉ज्येष्ठा(०९:०६से मूल)
योग 👉 अतिगण्ड (२२:२३
से सुकर्मा)
प्रथम करण👉विष्टि(०८:१३ तक)
द्वितीय करण👉बव(१९:०१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 धनु (०९:०५ से)
मंगल 🌟 मिथुन
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 तुला
(अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन
(उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)
शनि 🌟 मकर
(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३८ से १२:२२
अमृत काल 👉 २५:२८ से २६:५८
रवियोग 👉 ०६:२८ से ०९:०६
विजय मुहूर्त 👉 १३:५१ से १४:३५
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२१ से १७:४५
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:३२ से १८:५०
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२७
राहुकाल 👉 ०९:१४ से १०:३७
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:२३ से १४:४६
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पूर्व
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (०९:०६ तक)
अग्निवास 👉 पृथ्वी (०८:१३ तक)
भद्रावास 👉 स्वर्ग (०८:१३ तक)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व ०९:०६ से)
शिववास 👉 क्रीड़ा में (०८:१३ से कैलाश पर, २९:४९ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पूर्व-उत्तर (वाय विडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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सौभाग्य-ज्ञान-लाभ-पांडव पञ्चमी आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०९:०६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
ज्येष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (यु) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मूल नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ये, यो, भ, भी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २९:३८ से ०७:५९
वृश्चिक – ०७:५९ से १०:१८
धनु – १०:१८ से १२:२२
मकर – १२:२२ से १४:०३
कुम्भ – १४:०३ से १५:२९
मीन – १५:२९ से १६:५२
मेष – १६:५२ से १८:२६
वृषभ – १८:२६ से २०:२१
मिथुन – २०:२१ से २२:३६
कर्क – २२:३६ से २४:५८
सिंह – २४:५८ से २७:१६
कन्या – २७:१६ से २९:३४
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:२८ से ०७:५९
मृत्यु पञ्चक – ०७:५९ से ०८:१३
अग्नि पञ्चक – ०८:१३ से ०९:०६
शुभ मुहूर्त – ०९:०६ से १०:१८
रज पञ्चक – १०:१८ से १२:२२
शुभ मुहूर्त – १२:२२ से १४:०३
चोर पञ्चक – १४:०३ से १५:२९
शुभ मुहूर्त – १५:२९ से १६:५२
शुभ मुहूर्त – १६:५२ से १८:२६
चोर पञ्चक – १८:२६ से २०:२१
शुभ मुहूर्त – २०:२१ से २२:३६
रोग पञ्चक – २२:३६ से २४:५८
शुभ मुहूर्त – २४:५८ से २७:१६
मृत्यु पञ्चक – २७:१६ से २९:३४
मृत्यु पञ्चक – २९:३४ से २९:४९
अग्नि पञ्चक – २९:४९ से ३०:२९
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका मन आध्यात्म की ओर स्वयं ही आकर्षित होगा। ज्योतिष एवं अन्य गूढ़ रहस्यों को जानने की लालसा रहेगी पूजापाठ टोन टोटको पर विश्वास करेंगे इनपर समय एवं धन भी खर्च होगा। सार्वजिनक क्षेत्र पर नए व्यावहारिक संबंध बनेंगे परन्तु आज घर के सदस्यों की बात ना मानने के कारण आप अनुपयोगी ही रहेंगे। कभी आकस्मिक उछाल कभी उदासीनता रहने से कार्य व्यवसाय में आज अनिश्चितता अधिक रहेगी। भाई-बंधुओ में कुछ समय के लिए अनबन गृहस्थ का वातावरण बिगाड़ेगी किसी बुजुर्ग के सहयोग से स्थिति सामान्य बनेगी फिर भी मन मे क्षोभ बना रहेगा। व्यावसायिक अथवा पर्यटन यात्रा की संभावना है दोनो में लाभ कम खर्च ही अधिक होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
सेहत के दृष्टिकोण से आपका आज का दिन अशुभ रहेगा। आज दिन के आरंभ से ही स्वास्थ्य मे विकार आने से किसी भी कार्य मे उत्साह नही बनेगा परिणाम स्वरूप सभी कार्य में विलंब होगा भाग्य का साथ भी आज कम ही मिलेगा। गहरे जल अथवा ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने से बचे यात्रा भी अति आवश्यक होने पर ही करें। व्यवसायी एवं नौकरी वाले लोग अपूर्ण कार्य पूर्ण करने का भरपूर प्रयास करेंगे फिर भी कुछ कार्य अधूरे रह सकते है।हतोत्साहित ना हो आशानुकूल ना सही काम चलाने लायक लाभ अवश्य होगा। पति पत्नी मे अथवा किसी अन्य से गरमा गरमी हो सकती है विवेकि व्यवहार अपनाए। यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। खर्च सोच समझ कर ही करें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए विजय दिलाने वाला रहेगा। घर एवं बाहर सर्वत्र आपके कार्य की प्रशंसा होगी। व्यवसायी वर्ग भी आज मनोवांछित लाभ पाने से उत्साहित रहेंगे। लेकिन नौकरी वाले लोग जल्दबाजी में कार्य करने के कारण गलती कर सकते है। आपका हितैशी व्यवहार अन्य सभी से निकटता बढ़ाएगा लोग आपको अपने मन की बात निसंकोच होकर बताएंगे। आर्थिक लाभ पूर्वनियोजित के साथ ही अकस्मात भी होगा। दिन के पूर्वार्ध की अपेक्षा मध्यान के बाद का समय बेहतर रहेगा धन की आमद होने से अधूरे कार्य पूर्ण कर सकेंगे। महिलाओं की भावनाएं आज पल-पल में बदलेंगी जिससे सही निर्णय लेने में दिक्कत आएगी। बड़े लोगो से स्वार्थ सिद्धि पूर्ण कर लेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपको परिश्रम का उचित फल मिल सकेगा। कार्य व्यवसाय में थोड़ी मेहनत के बाद उत्साहजनक लाभ मिलेगा सहकर्मी आज आपसे ईर्ष्या करेंगे लेकिन आपकी दिनचार्य एवं व्यक्तित्त्व पर इसका कोई असर नही पड़ेगा। कुछ दिनों से चल रही धन संबंधित उलझने शांत होंगी। मन इच्छित कार्यो पर खर्च कर सकेंगे फिजूल खर्ची भी रहेगी लेकिन पारिवारिक खुशी के आगे व्यर्थ नही लगेंगे। सार्वजनिक कार्यो में आज कम रुचि लेंगे महिलाये भी आज अपने आओ में ही ज्यादा मस्त रहेंगी। पारिवारिक वातावरण छोटी मोटी बातो को छोड़ शांत ही रहेगा। सेहत सामान्य रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपके अंदर बुद्धि विवेक की प्रचुर मात्रा रहेगी फिर आर्थिक कार्यो में संयम नही रख सकेंगे। कम समय मे अधिक लाभ कमाने के चक्कर मे हाथ आया लाभ भी निकल सकता है प्रलोभन से बच कर रहे। आवश्यकता अनुसार धन लाभ आज बैठे बिठाये भी हो सकता है। महिला वर्ग आज कोई उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशंशा की पात्र बनेंगी। आर्थिक कारणों से किसी प्रियपात्र से कलह हो सकती है। मध्यान के बाद शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी थोड़ा आराम अवश्य करें। धार्मिक आयोजनों में सम्मिलित होने के कारण घरेलू कार्य अस्त-व्यस्त रहेंगे। बुजुर्ग लोग शारीरिक समस्या से परेशान रहेंगे फिर भी हिम्मत नही हारेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका आज का दिन व्यर्थ के झगड़ो एवं बहस के कारण अशांति से व्यतीत होगा घर मे भाई बंधुओ से धैर्य की कमी के चलते किसी ना किसी बात पर मतभेद होने की संभावना है मामूली बात को बढ़ाने से परिणाम गंभीर भी हो सकते है। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर अनिर्णायक स्थिति के कारण हाथ से निकलने की संभावना अधिक है। व्यवसाय में आज सोचने में वक्त खराब ना करें जोभी निर्णय लेना है शीघ्र ही लें कुछ ना कुछ लाभ ही होगा। महिलाओं को भी आज गुस्से पर काबू रखने की अधिक आवश्यकता है। बात-बात पर नाराज होने से घर का वातावरण अस्त-व्यस्त हो सकता है। धन आने के साथ जाने के रास्ते बना लेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके धन कोष में वृद्धि करेगा। लेकिन आज लापरवाही भी आपमें कुछ अधिक ही रहेगी महत्त्वपूर्ण कार्यो में टालमटोल का नतीजा हानिकर हो सकता है। आर्थिक कार्य मे कुछ ना कुछ व्यवधान अवश्य आएंगे परन्तु धैर्य ना त्यागे कर्म करते रहे परिणाम आशा से अधिक अनुकूल मिलेंगे। व्यवसायी वर्ग छोटे निवेश से बड़ा लाभ कमाने में सफल होंगे। नौकरी वाले लोग भी आज अतिरिक्त आय बना सकेंगे। घरेलू खर्चो में भी आज वृद्धि होगी फिर भी तालमेल बना रहेगा। पारिवारिक जीवन आपके व्यवहार कुशलता से आनदमय रहेगा लेकिन महिलाये आज कुछ अनैतिक मांग पूरी करने पर घर का वातावरण कुछ समय के लिए अशांत बनाएंगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के आरंभिक भाग में धन लाभ होगा परन्तु खर्च अधिक रहने के कारण संचय नही कर पाएंगे। दिन अधिकांश समय मन को प्रसन्न करने वाले प्रसंग बनेंगे। कार्यो में सहज सफलता मिलने से उत्साह बढ़ेगा। भाग्य साथ देने से अटके कार्य पूर्ण होंगे धन की आमद भी रुक रुक कर होती रहेगी। पारिवारिक सदस्यों की कार्य क्षेत्र पर भी सहायता मिलेगी। सरकारी कार्य में बाधा आने की संभावना है फिर भी किसी के सहयोग से पार कर लेंगे। नौकरी पेशा जातको को अतिरिक्त कार्य का लाभ शीघ्र मिल जायेगा। दूर रहने वाले रिश्तेदारो से मिलने के प्रसंग बनेंगे। पारिवारिक वातावरण में प्रेम रहेगा लेकिन प्रेम प्रसंगों में दुखद अनुभव होंगे लंबी यात्रा के योग है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप घर मे सुख सुविधा बढ़ाने पर विचार करेंगे निकट भविष्य में इनके ऊपर खर्च करना पड़ेगा। घर अथवा कार्य क्षेत्र की साजसज्जा बढ़ाने के लिए तोड़-फोड़ भी करा सकते है। महिलाओं का मन आज बाहर घूमने यात्रा पर्यटन का रहेगा इसकारण घरेलू कार्य बेमन से ही करेंगी। आर्थिक स्थिति में सुधार आने से आवश्यकताओं की पूर्ति आराम से हो जाएगी। महिलाओं को भी आज गृहस्थी में तालमेल बैठाने में अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी। पूर्व नियोजित यात्रा पर्यटन की योजना शारीरिक अथवा किसी अन्य कारण से निरस्त करनी पड़ेगी जिससे खास कर सन्ताने निराश होंगी। धर्म क्षेत्र पर दान-पुण्य के अवसर मिलेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपकी सोची हुई योजनाए विफल रहेंगी। कार्य क्षेत्र अथवा घर मे हानि होने के योग बन रहे है प्रत्येक कार्य देखभाल कर ही करें। व्यापार में निवेश अथवा वस्तुओ पर खर्च आज ना करें। व्यवसायी वर्ग संतोषी वृति अपनाने से ही आज मानसिक रूप से शांत रह सकते है। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाये अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी आपके लिये शुभफलदायी रहेगा। आज आपके विचार अधिकांश कार्य थोड़े से प्रयास के बाद पूर्ण हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज लंबे समय तक लाभ देने वाले सौदे हाथ लग सकते है। व्यवसायी वर्ग की मानसिकता जोखिम वाले कार्यो से शीघ्र पैसा बनाने की रहेगी इसमे सफल भी रहेंगे। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। सन्तानो की प्रगति से संतोष होगा। सरकारी कार्यो में धन खर्च होगा लेकिन कुछ लाभ नही मिलेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। स्त्री से सुखदायक समाचार मिलेंगे। मित्र मंडली में खर्च करने पर खुशामद होगी। सार्वजिक क्षेत्र पर सम्मान बढेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी आपके लिए बेहतर साबित होगा। दिन के आरंभ में किसी बहुप्रतीक्षित कार्य के पूर्ण होने की संभावना बनेगी जिसके मध्यान तक पूर्ण होने की संभावना है। आज आपके संपर्क में जो भी आएगा वह कुछ ना कुछ खुशिया ही देकर जाएगा। व्यवहार कुशलता से अपने काम बना लेंगे। आर्थिक रूप से दिन मध्यान तक उलझन बढ़ाएगा इसके बाद धन की आमद होने से स्थिति सुधरेगी। आज नए अनुबंध पाने के लिए ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ेगी। धन संबंधित उलझने कुछ हद तक शांत रहेंगी। घर के बुजुर्ग अथवा महिलाये आज अकारण ही क्रोध कर सकते है जिससे वातावरण कुछ समय के लिए अशान्त बनेगा धैर्य बनाये रखें।
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 प्रश्न – #क्या_स्त्री_किसी_को_गुरु_बना_सकती_है?
उत्तर – स्त्री को कोई भी गुरु नहीं बनाना चाहिए। स्त्री का पति ही उसका गुरु है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है,
गुरुरग्निर्द्विजातीनां वर्णानां ब्राह्मणो गुरुः ।
पतिरेवगुरु: स्त्रीणां सर्वस्याभ्यागतो गुरुः।।
” अग्नि द्विजातियों का गुरु है। ब्राह्मण चारों वर्णों का गुरु है।एकमात्र पति ही स्त्री का गुरु है, एवं अतिथि सबका गुरु है। “
– ब्रह्म पुराण । ८० । ४७ ।
वैवाहिको विधि: स्त्रीणां संस्कारो वैदिक: स्मृत: ।
पतिसेवा गुरौ वासो गृहार्थोऽग्निपरिक्रिया ।।
” स्त्रियों के लिए वैवाहिक विधि का पालन ही वैदिक संस्कार ( यज्ञोपवीत ) , पति की सेवा ही गरुकुल वास और गृह कार्य ही अग्निहोत्र कहा गया है। “
– मनु स्मृति । २ । ६७ ।
श्री रामचरितमानस में माँ सती अनसूया ने माता सीता को जो पतिव्रता धर्म का उपदेश दिया है, उसमें उन्होंने जो माता सीता से कहा है:
सोरठा – 
सहज अपावनि नारि पति सेवत सुभ गति लहइ ।
जसु गावत श्रुति चारि अजहुँ तुलसिका हरिहि प्रिय ।।
” स्त्री जन्म से ही अपवित्र है, किन्तु पति की सेवा करके वह अनायास ही शुभ गति प्राप्त कर लेती है। ( अपने पतिव्रता धर्म के कारण ही ) आज भी ” तुलसी ” भगवान श्रीहरि को प्रिय है और चारों वेद उनका यश गाते हैं। “
– मानस । ३ । ४ ।
स्त्री को अपने पति के सिवाय और किसी से संबंध नहीं जोड़ना चाहिए । अत: स्त्रियों से अनुरोध है कि वे किसी भी साधु, तथाकथित गुरु के फेरे में ना पड़े क्योंकि आजकल वैसे भी बहुत ठगी, दम्भ, पाखण्ड हो रहा है।  
हम तो यहाँ तक कहेंगे कि साधु को भी चाहिए कि किसी स्त्री को अपनी चेली ना बनायें क्योंकि दिक्षा देते समय गुरु को शिष्य का स्पर्श करना पड़ता है। जबकि सन्यासी के लिए शास्त्रों में स्त्री के स्पर्श का कड़ा निषेध किया गया है। श्रीमद्भागवत पुराण में लिखा है कि हाड़ मासमय स्त्री का तो कहना ही क्या, लकड़ी की बनी हुई स्त्री का भी स्पर्श ना करें,
पदापि युवतीं भिक्षुर्न स्पृशेद् दारवीमपि ।
– भागवत । ११ । ८ । १३ ।
शास्त्र मेँ यहाँ तक कहा गया है-
मात्रा स्वस्रा दुहित्रा वा न विविक्तासनो भवेत् ।
बलवानिन्दियग्रामो विद्वांसमपि कर्षति ॥ 
– मनु॰ । २ । २१५ ।
” मनुष्य को चाहिये कि अपनी माता, बहन अथवा पुत्री के साथ कभी एकांत मेँ न रहेँ; क्योँकि इन्द्रियाँ बड़ी प्रबल होती हैँ, वे विद्वान मनुष्य को भी अपनी तरफ खीँच लेती हैं। “
सङ्गं न कुर्यात्प्रमदासु जातुः योगस्य पारं परमारुरुक्षुः ।
मत्सेवया प्रतिलब्धात्मलाभो वदन्ति या निरयद्वारमस्य ॥
– भागवत॰ । ३ । ३१ । ३९ ।
” जो पुरुष योग के परम पद पर आरुढ़ होना चाहता हो अथवा जिसे मेरी सेवा के प्रभाव से आत्मा-अनात्मा का विवेक हो गया हो, वह स्त्रियों का संग कभी न करे; क्योंकि उन्हें ऐसे पुरुष के लिए नरक का खुला द्वार बताया गया है । “
विश्वामित्रपराशरप्रभृतयो वाताम्बुपर्णाशनास्
तेऽपि स्त्रीमुखपड़्कजं सुललितं दृष्ट्वैव मोहं गताः ।
शाल्यन्नं सघृतं पयोदधियुतं भुञ्जन्ति ये मानवास् तेषामिन्द्रियनिग्रहो यदि भवेद्विन्ध्यस्तरेत्सागरे ॥
– भर्तृहरिशतक
” जो वायु-भक्षण करके, जल पीकर और सूखे पत्ते खाकर रहते थे, वे विश्वामित्र, पराशर आदि भी स्त्रियों के सुंदर मुख को देखकर मोह को प्राप्त हो गये, फिर जो लोग शाली धान्य (सांठी चावल) को घी, दूध और दही के साथ खाते हैं, वे यदि अपनी इन्द्रियका निग्रह कर सकेँ तो मानो विन्ध्याचल पर्वत समुद्रपर तैरने लगा । “
हमने तो जैसे पढ़ा है और बड़े-बड़े संतों से जैसा सुना है, वही लिखा है। यदि हमारा लिखा पढ़ कर हमारी कोई माता या बहन नहीं मानें, तो हमें कोई व्यक्तिगत लाभ अथवा हानि नहीं है। हमने तो यहाँ सबके भले के लिए ही लिखा है।
                ||जय श्री राम||
स्वेच्छाचारी ,मनमुखी और दुष्प्रवृत्ती के लिए कोई नियम नहीं ।।
*शास्त्रों में भोजन करने के नियम..* 
१. भोजन सदैव एकान्त में करना चाहिए – वशिष्ठस्मृति, स्कन्दपुराण।
२. दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख इन पाँचों अंगों को धोकर ही भोजन करना चाहिए। ऐसा करना वाला शतायु होता है – पद्मपुराण, सुश्रुतसंहिता, महाभारत।
३. भोजन करते समय मौन रहना चाहिए – स्कन्दपुराण।
४. परोसे हुये भोजन की निन्दा नहीं करनी चाहिए। वह स्वाद में जैसा भी हो, उसे प्रेम से ग्रहण करना चाहिए – महाभारत, तैत्तिरीय उपनिषद।
५. रात में भरपेट भोजन नहीं करना चाहिए – स्कन्दपुराण।
६. सोने के स्थान पर बैठकर खानपान ना करें, हाथ में लेकर कुछ भी ना खाएँ, अर्थात् पात्र में लेकर खाएँ।
७. बहुत थके हुये हों तो विश्राम करने के पश्चात ही कुछ खाएँ – पीएँ। अधिक थकावट की स्थिति में कुछ भी खाने से ज्वर या उल्टी होने की आशंका रहती है – नीतिवाक्यामृतम्।
८. जूठा किसी को ना दें और स्वयं भी न खायें, चाहे वो आपका छोड़ा हुआ अन्न ही क्यों ना हो। भोजन के बाद झूठे मुँह कहीं न जाएँ – मनुस्मृति। 
९. जो सेवक स्वयं भूख से पीड़ित हो और उसे आपके लिये भोजन लाना पड़े तो ऐसा भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। जो आपके प्रति प्रेम – स्नेह नहीं रखता उसका अन्न भी नहीं खाना चाहिए – चरकसंहिता। 
१०. खाने की वस्तुओं को गोद में रखकर नहीं खाना चाहिए – बौधायनस्मृति, कूर्मपुराण। 
११. अंधेरे में, आकाश के नीचे देवमन्दिर में भोजन नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार एक वस्त्र पहन अअ सवारी या बिस्तर पर बैठकर, जूते – चप्पल पहने हुए और हँसते हुए या रोते हुए भी कुछ खाना नहीं चाहिए – कूर्मपुराण।
 कुछ वर्षों पहले जब चीनी सामान के Boycott की बात की जाती थी, तब इसे काफी हल्के में लिया जाता था…. ऐसे आह्वान करने वालों का मज़ाक़ उड़ाया जाता था.
कहा जाता था कि भारत में यह चीजें बनती नहीं हैं, ऐसे में लोग खरीदें भी तो क्या खरीदें…… बात सही भी थी.
मोबाइल फोन, मेडिकल equipment, खिलौने, सजावट के सामान, electronics items, कपडे, जूते, Laptops, music systems, TV और यहाँ तक कि भगवान् की मूर्तीयाँ तक चीन से बनकर आती थी.
एक प्रसिद्ध गीत है….धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय
कोई भी बदलाव एकाएक नहीं आता… किसी चीज का Boycott तब तक सफल नहीं हो सकता.. जब तक उसका Alternative ना हो… या फिर आपका product उससे बेहतर quality का न हो।
भारत ने भी धीरे धीरे यह सब चीजें बनानी शुरू की… और अब कुछ चीजों में हमारा चीन से import काफी कम हो गया है. दीवाली के समय हम हर साल कई billions का सामान चीन से import किया करते थे….. लेकिन पिछले 3 सालों में यह तस्वीर बदल रही है.
पिछले 3 सालों में दीवाली के समय इतने हजार करोड़ का सामान का order हमने चीन को नहीं दिया.
2020: 40,000 cr
2021:  50,000 cr
2022: 75,000 cr
Source – CAIT 
इसका अर्थ यह है कि पिछले तीन सालों में 1,65,000 करोड़ रूपए का सामान जो हम चीन से import करते, वह हमने अपने देश में ही बनाया. दीवाली पर मिलने वाले सजावट के सामान, पूजा पाठ की चीजें, तस्वीरें, मूर्तीयाँ, खिलौने, और कई तरह के Electronic Items भारत के बने हुए ही बिके.
साथ ही मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा.. कि यह अभी एक शुरुआत ही है… अभी लम्बा रास्ता तय करना है. मोबाइल phone एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें चीनी ब्रांड्स का भारत के 70% से ज्यादा market पर एकाधिकार है…. जबकि Total Market लगभग 38 Billion USD का है.. मतलब लगभग 27 billion का market अभी भी चीनी कंपनियों के ही पास है. हालांकी यह कम्पनिया भारत में ही मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं…. लेकिन इस पर बहुत काम करना होगा…इसे भी पलटना होगा.
1,65,000 करोड़ बहुत बड़ी रकम है… लगभग 20 Billion USD… पाकिस्तान की सरकार और Army महीनों तक चीन और सऊदी के आगे उठक बैठक लगाती है तब जा कर उन्हें 1 Billion USD मिलते हैं….. उससे 20 गुणा का झटका भारतीयों ने चीन को दिया है.
कुछ लोग पूछते हैं कि भारत एकाएक चीन से इतने सामान import क्यों करने लगा…. उन लोगों को 2004-2014 के बीच भारत-चीन के Trade Agreements, आर्थिक नीतियों में आये बदलावों को तसल्ली से पढ़ना चाहिए….. मैं कहूँगा तो आप मानेंगे नहीं, but Data never lies हम तो कहेंगे चीनी समान के बहिष्कार के परिणामस्वरूप डोल रही चीन की अर्थव्यवस्था।