शारदीय नवरात्रि का आज चौथा दिन है. आज के दिन माता दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा होती है. इनकी आठ भुजाएं हैं. आठ भुजाओं में कमंडल, धनुष बाण, चक्र, गदा, अमृतपूर्ण कलश, कमल पुष्प, सिद्धियां और निधियां विराजती हैं. मां सभी सिद्धियों को देने वाली जपमाला हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में यह बताया गया है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तब इन्हीं देवी ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पत्ति की थी और इनका एक नाम आदिशक्ति भी है 🚩*जय माता दी!* 🚩 🏵️🌹🙏🌹🏵️
*༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻**श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*
*आज का पञ्चाङ्ग*
*_बुधवार, १८ अक्टूबर २०२३_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:३२ सूर्यास्त: 🌅 ०५:५३
चन्द्रोदय: 🌝 ०९:४० चन्द्रास्त: 🌜१९:५७
अयन 🌖 दक्षिणायणे(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत: 👉१९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 चतुर्थी (२५:१२ से
पञ्चमी)
नक्षत्र 👉 अनुराधा (२१:०१
से ज्येष्ठा)
योग 👉 आयुष्मान् (०८:१९
से सौभाग्य)
प्रथम करण👉वणिज(१३:२२तक
द्वितीय करण👉विष्टि(२५:१२ तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 वृश्चिक
मंगल🌟तुला(अस्त,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟तुला (अस्त, पूर्व, वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र🌟सिंह(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌
अमृत काल 👉 १०:२४ से १२:०२
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:२० से २१:०१
अमृतसिद्धि योग 👉 ०६:२० से २१:०१
रवियोग 👉 ०६:२० से २१:०१
विजय मुहूर्त 👉 १३:५६ से १४:४१
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४३ से १८:०९
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:४३ से १८:५९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३७ से २४:२७
ब्रह्म मुहूर्त 👉 २८:४० से २९:३०
प्रातः सन्ध्या 👉 २९:०५ से ०६:२०
राहुकाल 👉 १२:०२ से १३:२७
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:४६ से ०९:११
दुर्मुहूर्त 👉 ११:३९ से १२:२५
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२१:०१ से)
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 स्वर्ग (१३:२२ से २५:१२)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 क्रीड़ा में (२५:१२ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शारदीय नवरात्री के चतुर्थ दिवस आदि शक्ति माँ दुर्गा के कुष्माण्ड स्वरूप की उपासना-व्रत, विनायक चतुर्थी, बुध तुला में २५:१४ से, विवाह मुहूर्त तुला लग्न (प्रात: ०६:३० से ०८:४५) तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २१:०१ तक जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नी, नू, ने) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (नो, या) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २८:०५ से ०६:२३
तुला – ०६:२३ से ०८:४३
वृश्चिक – ०८:४३ से ११:०३
धनु – ११:०३ से १३:०६
मकर – १३:०६ से १४:४७
कुम्भ – १४:४७ से १६:१३
मीन – १६:१३ से १७:३७
मेष – १७:३७ से १९:११
वृषभ – १९:११ से २१:०५
मिथुन – २१:०५ से २३:२०
कर्क – २३:२० से २५:४२
सिंह – २५:४२ से २८:०१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:२० से ०६:२३
शुभ मुहूर्त – ०६:२३ से ०८:४३
चोर पञ्चक – ०८:४३ से ११:०३
शुभ मुहूर्त – ११:०३ से १३:०६
रोग पञ्चक – १३:०६ से १४:४७
शुभ मुहूर्त – १४:४७ से १६:१३
मृत्यु पञ्चक – १६:१३ से १७:३७
रोग पञ्चक – १७:३७ से १९:११
शुभ मुहूर्त – १९:११ से २१:०१
मृत्यु पञ्चक – २१:०१ से २१:०५
अग्नि पञ्चक – २१:०५ से २३:२०
शुभ मुहूर्त – २३:२० से २५:१२
रज पञ्चक – २५:१२ से २५:४२
शुभ मुहूर्त – २५:४२ से २८:०१
चोर पञ्चक – २८:०१ से ३०:२१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
सेहत के दृष्टिकोण से आपका आज का दिन प्रतिकूल रहेगा। शरीर में थकान बैचैनी शारीरिक अंगों में अकड़न महसूस होने से कार्य के प्रति उत्साह की कमी रहेगी। आज नए कार्य का आरम्भ अथवा पूँजी निवेश भूल कर भी ना करें। सहकर्मियों का कार्य में विलम्ब से किसी से किया वादा पूर्ण नही कर पाएंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन निराश करने वाला रहेगा ले देकर कही से धन की आमद होगी वह भी तुरंत ही हाथ से निकल जायेगा। मध्यान पश्चात परिजनों के सहयोग से स्थिति में परिवर्तन संभव है। आज किसी भी प्रकार का जोखिम वाला कार्य विशेष कर गहरे पानी अथवा अग्नि से बचें।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिये शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा। आज आप अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़संकल्पित रहेंगे। कोई भी कार्य आरंभ करने के बाद उसे पूरा करके ही छोड़ेंगे उत्साह भी बना रहने से निर्धारित समय पर पूर्ण कर पाएंगे। जिससे हर क्षेत्र में प्रशंशा के पात्र बनेंगे। मध्यान पश्चात आकस्मिक यात्रा के योग बन सकते है इसमे खर्च तो होगा लेकिन कुछ ना कुछ लाभ भी होगा। आर्थिक रूप से दिन संतोषजनक रहेगा। परिवार में मांगलिक कार्यक्रम के आयोजन की रूप रेखा बनेगी। संध्या के समय पेट सम्बंधित परेशानी हो सकती है। खान-पान संयमित रखें। बाहर के खान पान से बचें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन विषम परिस्थिति वाला रहेगा। आपके अंदर अतिआत्मविश्वास की भावना बढ़ेगी असंभव कार्य को भी संभव बनाने का प्रयास परिजनों अथवा किसी नजदीकी जानकार के साथ बहस कराएगा। जिससे कुछ समय के लिये मन मे नकारात्मक विचारों की अधिकता आएगी। मध्यान के बाद शारीरिक स्फूर्ति एवं उत्साह का अभाव रहेगा। स्वयं अथवा किसी परिजन की बीमारी पर खर्च हो सकता है। कमर एवं कंधों सम्बंधित पीड़ा की संभावना है। संतान के उद्दंड स्वाभाव से हताशा होगी। आज इनपर नजर रहने की भी आवश्यकता है। भविष्य के खर्चो को लेकर चिंतित होंगे।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का पूरा दिन आपके अनुकूल रहेगा। प्रातः काल से ही शरीर स्फूर्तिवान रहेगा। आज व्यापार व्यवसाय में आर्थिक लाभ के प्रबल योग बन रहे है किसी पुराने सौदे अथवा व्यवहार से असमय धन की आमद हो सकती है जिससे भविष्य की चिंताओं से छुटकारा मिलेगा लेकिन आज पारिवारिक खर्चो में वृद्धि भी होगी। महिलावर्ग अथवा संताने किसी कामना पूर्ति के लिये जिद करेंगे पूर्ति होने पर घर का वातावरण आंनदमय रहेगा। वस्त्र-आभूषणों की खरीददारी की योजना बन सकती है। संध्या बाद का समय थोड़ा थकान वाला रहेगा लेकिन किसी शुभ समाचार की प्राप्ति होने से जोश आ जायेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपमें क्रोध की अधिकता रहने से परिवारजनों के साथ किसी बात पर विवाद होने की संभावना है। मध्यान तक आप सुनेंगे सबकी लेकिन करेंगे वही जो किसी को भी पसंद नही होगा जिससे समस्या अधिक गहरा सकती है। दोपहर के आस-पास अचानक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। आँख एवं पेट से ऊपरी भाग सम्बंधित रोग होने की सम्भावना है। नए कार्य का आरंभ एवं यात्रा संभव हो तो आज टाले। धन की आमद तो होगी लेकिन खर्च अधिक रहने से आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। आज का दिन धैर्य से बिताये कल से परिस्थितियां अनुकूल बनने लगेंगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए लाभ के अवसर लाएगा लेकिन मध्यान तक किसी विशेष कार्य को लेकर इंतजार भी करना पड़ेगा इसके बाद ही कार्य विस्तार की सफल योजना बनापायेंगे। शेयर-सट्टे से आकस्मिक लाभ की संभावना है निसंकोच होकर निवेश करें पूँजी निवेश के अनुकूल परिणाम मिलेंगे। दोपहर के बाद का सैम आनद दायक रहेगा पुराने परिचितो से भेंट होंगी। आज उधारी की वसूली के लिए भी उपयुक्त समय है। परिवार में किसी अविवाहित के रिश्ते आएंगे। आध्यत्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। परिवार में किसी की सेहत पर खर्च होगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे। आज मन अनिर्णायक स्थिति में रहने से लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है लेकिन आज आपका संतोषी स्वभाव रहने से मन दुखी नही होगा। स्वभाव में भावुकता अधिक रहने से किसी से धोखा या हानि होने की संभावना है बिना जांच पड़ताल के किसी की बातों पर शीघ्र भरोसा ना करें। माता या किसी अन्य वरिष्ठ व्यक्ति से सलाह ले कर कोई महत्त्वपूर्ण कार्य करें। नकारात्मक सोच त्याग सकारात्मकता अपनाए। कल से परिस्थिति अनुकूल बनने लगेगी। सेहत थोड़े बहुत मानसिक तनाव को छोड़ ठीक ही रहेगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपके लिए आनंददायक रहेगा। आज आप दिनभर हास्य एवं मनोरंजन के मूड में रहेंगे मौज शौक पूरा करने के लिये आवश्यक कार्यो को भी नजरअंदाज कर सकते है। लेखक एवं कला क्षेत्र से जुड़े जातको को प्रतिभा प्रदर्शन के सुअवसर मिलेंगे। व्यापार व्यवसाय भी आज सामान्य से अधिक उन्नत चलेगा लेकिन आर्थिक मामले में जल्दी से किसी पर विश्वास ना करें अन्यथा हानि होने की संभावना भी है। नौकरी पेशा जातको की वेतन वृद्धि हो सकती है। परिजनों के साथ खरीददारी पर खर्च होगा। आज अपनी ही किसी गलती से सेहत में विकार आने की सम्भवना है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके प्रतिकूल रहेगा। आज कार्यो में असफलता मिलने से मन हताशा से भरा रहेगा जिसके कारण क्रोध की मात्रा भी आप में आज अधिक रहेगी। जल्दबाजी में बिना विचारे कोई भी कार्य ना करे। मध्यान बाद कुछ समय के लिये आलस और व्याकुलता बढ़ेगी स्वास्थ्य कुछ नरम-गरम भी रहेगा। परिजनों के साथ बैठकर समस्याओं का समाधान निकालना हितकर रहेगा। लंबे समय से उलझे आर्थिक अथवा सरकारी कार्यो में आज ढील देना ही उचित रहेगा अन्यथा उलझने ज्यादा बढ़ सकती है। आज का दिन मौन होकर बिताने का प्रयास करें।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके अनुकूल रहने से शारीरिक और मानसिक रूप से खुशी का अनुभव करेंगे। आज आपको सामाजिक क्षेत्र पर दिए योगदान के लिये प्रशंशा मिलेगी। नौकरी अथवा व्यापार में किसी अपरिचित से पहचान भविष्य के लिए लाभदायी रहेगी। आर्थिक मामले आरम्भ में अटकते नजर आएंगे लेकिन थोड़ा प्रयास करने पर सफलता मिल सकती है। संध्या के बाद का समय मनोरंजन में बिताएंगे। परिजनों के साथ बाहर घूमने का अवसर मिलेगा। धन खर्च अधिक रहेगा। सेहत में छोटे मोटे विकार रहने पर भी दिनचर्या को प्रभावित नही करेंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए शुभ रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में आशानुकूल सफलता मिलने से संतोष होगा लेकिन आज बैठे बिठाए लाभ पाने की आशा ना रखें अन्यथा लाभ किसए अन्य को मिल सकता है। नए कार्य का विस्तार आज मध्यान के बाद करना शुभ रहेगा इसके लिये आवश्यक सहयोग थोड़े से प्रयास के बाद मिल जायेगा। पूर्व में किसी की सहायता करने के लिये आज समाज एवं कुटुंब में मान-सम्मान बढेगा। हड्डी अथवा जोड़ो की तकलीफ हो सकती है सतर्क रहें। शेयर सट्टे से भी आकस्मिक लाभ की सम्भवना है। परिवार का वातावरण शांत रहेगा।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपको मिला-जुला फल प्रदान करेगा। दिन के आरम्भ में धार्मिक प्रवृत्ति के कारण दिनचर्या में विलंब होगा लेकिन इसके बाद स्वभाव में फुर्ती आएगी रुके हुए कार्य सरलता से पूर्ण होने से आत्मविश्वाश में वृद्वि होगी। कार्य स्थल पर आज अधिकारी वर्ग का सहयोगात्मक वातावरण रहेगा। व्यवसायी वर्ग को आज जहां से उम्मीद नही रहेगी वहां से भी आकस्मिक लाभ होगा। परंतु संध्या से स्थिति इसके उलट हो जायेगी। बनते कामो में विघ्न आएंगे। आकस्मिक खर्च बढ़ने से मन हताश होगा। सेहत में भी कोई विकार आ सकता है। परिवार में भी उदासीनता का वातावरण बनेगा।
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बड़े भ्रष्टाचारी नये भारत का भ्रष्टाचार पर प्रहार पचा नहीं पा रहे हैं
प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने सन 2011 में कह दिया था कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मेरे पास कोई जादुई छड़ी नहीं है
पर,मौजूदा प्रधान मंत्री ने तो पहले से मौजूद जांच एजेंसियों को ही जादू की छड़ियों में परिवर्तित कर दिया।
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लेख ✍️सुरेंद्र किशोर
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बड़े- बड़े भ्रष्टाचारी इन दिनों जेलों की शोभा बढ़ा रहे हैं।
ऐसे ‘‘जेल यात्रियों’’ की संख्या बढ़ने ही वाली है !!
अनेक भ्रष्टाचारी गण जमानत पर हैं।
मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के शासन काल का यह मुख्य अंतर है।
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15 अगस्त, 2011 को तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने लाल किले से कहा था कि ‘‘देश की तरक्की में भ्रष्टाचार सबसे बड़ी बाधा है और यह सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है।
लेकिन भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार के पास कोई जादुई छड़ी नहीं है।’’
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दूसरी ओर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले से ही कहा कि
‘‘मैं न खाऊंगा और न खाने दूंगा।’’
इसी साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
‘‘एक भी भ्रष्टाचारी नहीं बचना चाहिए चाहे वह कितना ही शक्तिशाली हो। बिना हिचक के सी.बी.आई.कार्रवाई करे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि
‘‘भ्रष्टाचार लोकतंत्र और न्याय की राह में सबसे बड़ी बाधा है।’’
प्रधान मंत्री मोदी ने एक अन्य अवसर पर यह भी कहा था कि ‘‘बड़े -बड़े भ्रष्टाचारी मुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे ,मुझे बर्बाद कर देंगे।
पर मैं उसके लिए भी तैयार हूं।’’
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सन 2004 में जब कांग्रेस सत्ता में आई थी तो राहुल गांधी ने कहा था कि पिछली सरकार के सारे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
पर,कोई कार्रवाई हुई क्या ?
यदि नहीं हुई तो क्यों ?
सरकार के हाथ किसने रोके ?
दरअसल कांग्रेस की अघोषित नीति ने रोकी।
नीति यह कि ‘‘तुम हमें बचाओ,हम तुम्हें बचाएंगे।’’
यह परंपरा अब नहीं चल पा रही है।
पहले के ‘‘समझौता काल’’ में अटल सरकार ने अमेरिका में भी एक प्रतिपक्षी भारतीय हस्ती को 25 साल की सजा होने से बचा लिया।
फिर अटल सरकार के भ्रष्टाचारों पर मनमोहन सरकार कार्रवाई क्यों करती ?उपकार जो था !
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आज स्थिति यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार की जांच एजेंसियां कुछ अधिक ही सक्रिय हैं।
कोर्ट की ओर से एजेंसियों के काम में कोई खास बाधा नहीं है।
कहा जा रहा है कि मोदी सरकार बदले की भावना से नेताओं को परेशान कर रही है ।पर सवाल है कि यह कैसे हो रहा है कि ‘‘नाहक परेशान करने’’ के बावजूद कोर्ट उनकी मदद नहीं कर रही है ?
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अब सवाल मनमोहन सिंह से है।
आपने सन 2011 में जिन भ्रष्टाचारियों की ओर इंगित किया था,क्या मोदी सरकार उन्हीं भ्रष्ट नेताओं,व्यापारियों और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है या उनके अलावा कहीं से भ्रष्टाचारियों का ‘आविष्कार’ किया है ?
यदि उन्हीें के खिलाफ एजेंसियां कार्रवाई कर रही है तो फिर यह आरोप क्यों लग रहा है कि बदले की भावना से काम कर रही है ?
मनमोहन जी भी कह रहे थे कि भ्रष्टाचार देश के विकास में बाधक है।प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने 1985 में ही कह दिया था कि हम सौ पैसे भेजते हैं और जनता तक उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचते हैं।विकास कैसे होता ?
विकास नहीं होने से और भ्रष्टाचार की सर्वत्र मौजूदगी से राष्ट्रद्रोहियों को सक्रिय होने में मदद मिलती है।आज घुसपैठिये
सीमा से लेकर भीतर तक 10-12 हजार रुपए घूस देकर भारत के मतदाता बन जा रहे हैं।सैकड़ों घुसपैठिए रोज घुस रहे हैं,वोट बैंक केे सौदागर नेता उन्हें मदद कर रहे हैं।
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मनमोहन सरकार के कार्यकाल की ही बात हैं
17 जनवरी 2011 को देश के 14 बड़े उद्योगपतियों ने खुला पत्र लिखा था।
खुले पत्र में उन लोगों ने एक के बाद एक खुलते घोटालों और इसके कारण प्रशासनिक खामियों पर चिंता व्यक्त की थी। उन लोगों ने लिखा था कि भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दों से तुरंत निपटने की आवश्यकता है।’’
जिन उद्योगपतियों ने खुला पत्र लिखा ,उनमंें अजीम प्रेमजी,केशव महिंद्रा,दीपक पारीख,
और जमशेद गोदरेज शामिल थे।
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आज के भाजपा विरोधी दलों का मुख्य आरोप यही है कि जांच एजेसियां सिर्फ भाजपा विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों करती है ?
छिटपुट कार्रवाई तो भाजपा के नेताओं के खिलाफ भी हो ही रही हैं। जो जितना भ्रष्टाचारी उसके विरुद्ध उतनी बड़ी कार्यवाही।
यदि प्रतिपक्षी दलों के पास ऐसी कोई सूचना व सबूत है कि कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं तो आप डा.सुब्रहमण्यन स्वामी से मदद लीजिए।
उन्होंने जिस नियम के तहत सरकार से कोई मदद लिए बिना जय लालिता,ए.राजा और नेशनल हेराल्ड मामले मेें केस किया ,वही तरीका आप भी अपनाइए। आपको कोई नहीं रोक सकेगा जिस तरह अदमनीय स्वामी को कोई नहीं रोक सका।
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नरेंद्र मोदी को चाहिए कि वे सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली कुआन (1959-1990)के भ्रष्टाचार विरोधी उपायों का भी अध्ययन कर लें।
यदि पहले ही अध्ययन कर लिए हों,तो बहुत अच्छी बात है।
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पर, इस संदर्भ में इससे पहले यानी आजादी से अब तक की कहानी जान लेना मौजूं होगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बातें तो होती रहीं,पर साथ ही यह महारोग बढ़ता चला गया।अब तो सर्वव्यापी हो चुका है।अत्यंत थोड़े से अपवादों को छोड़कर सरकार के किसी आॅफिस में घूस के बिना कोई काम नहीं हो रहा है।
कुछ उक्तियां पढ़िए
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सन 1963 में ही तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष डी.संजीवैया को इन्दौर के अपने भाषण में यह कहना पड़ा कि ‘‘वे कांग्रेसी जो 1947 में भिखारी थे, वे आज करोड़पति बन बैठे।
गुस्से में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि ‘‘झोपड़ियों का स्थान शाही महलों ने और कैदखानों का स्थान कारखानों ने ले लिया है।’’
1971 के बाद तो लूट की गति तेज हो गयी।अपवादों को छोड़कर सरकारों में भ्रष्टाचार ने संस्थागत रूप ले लिया।
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उससे पहले एक केंद्रीय मंत्री ने प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू से कहा था कि सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।इसकी निगरानी के लिए कोई छतरी संगठन बना दीजिए।जवाहरलाल का जवाब था-उससे शासन में पस्तहिम्मती आएगी।
सिंगापुर के प्रधान मंत्री ने भी नेहरू को भ्रष्टाचार विरोधी उपायों के बारे में सलाह देने की कोशिश की थी।पर,नेहरू ने उन पर गौर नहीं किया।
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लगता है कि कांग्रेस शुरू से नोबल विजेता अभिजीत बनर्जी सदृश्य लोगों की राह पर चल रही थी।
अभिजीत बनर्जी इन दिनों राहुल गांधी के अघोषित सलाहकार है।न्याय योजना उन्हीं की देन है।
‘‘चाहे यह भ्रष्टाचार का विरोध हो या भ्रष्ट के रूप में देखे जाने का भय,
शायद भ्रष्टाचार अर्थ -व्यवस्था के पहियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण था, इसे काट दिया गया है।
मेरे कई व्यापारिक मित्र मुझे बताते हैं निर्णय लेेने की गति धीमी हो गई है।
………….’’
–नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी,
हिन्दुस्तान और हिन्दुस्तान टाइम्स
23 अक्तूबर 2019
…………………………………..
भ्रष्टाचार पर बड़े नेताओं आदि की उक्तियां
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भ्रष्टाचार को लोकतंत्र की अपरिहार्य उपज नहीं बनने दिया जाना चाहिए
–महात्मा गांधी
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भ्रष्टाचारियों को नजदीक के लैंप पोस्ट से लटका दिया जाना चाहिए
–प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू
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भ्रष्टाचार तो विश्वव्यापी फेनोमेना है,सिर्फ भारत में ही नहीं–
प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी
…………………………….
सत्ता के दलालों के विरूद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। वदलालों पावर ब्लाकर्स और हडल्स हैं।
–प्रधान मंत्री राजीव गांधी
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देश के शक्तिशाली लोग इस देश को बेच कर खा रहे हैं ।
–मधु लिमये–(1988)
……………………………………..
इस देश की पूरी व्यवस्था सड़ चुकी है–मनमोहन सिंह-(1998)
1998 में मनमोहन सिंह प्रतिपक्ष में थे।
………………………….
भगवान भी इस देश को नहीं बचा सकता।
–सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूत्र्ति बी.एन.अग्रवाल–
5 अगस्त ,2006. – – – – – – – – – –
भ्रष्ट लोगों से छुटकारा पाने का एकमात्र रास्ता यही है कि कुछ लोगों को लैंप पोस्ट से लटका दिया जाए।
–सुप्रीम कोर्ट-7 मार्च 2007
……………………………………
भ्रष्टाचार को साधारण अपराध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
-दिल्ली हाईकोर्ट –9 नवंबर 2007
……………………………………..
भ्रष्टाचार में जोखिम कम और लाभ ज्यादा है।
-एन.सी.सक्सेना,पूर्व सचिव ,केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय
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सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि ‘‘इस देश में भ्रष्टाचार विरोधी कानून विफल साबित हो रहा है।
भारत की सर्वोच्च अदालत ने ग्रेट ब्रिटेन के प्रधान मंत्री राॅबर्ट वालपोल(1676-1745) की पंक्तियां दुहराते हुए तब यह भी कहा था कि
‘‘हर व्यक्ति बिकाऊ है, इसे भले ही हर व्यक्ति पर लागू नहीं किया जा सकता।
लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह सच्चाई से बहुत अधिक दूर भी नहीं है।’’
—न्यायमूर्ति दोराई स्वामी और न्यायमूर्ति अरिजित पसायन
सुप्रीम कोर्ट –16 नवंबर, 2003
………………………………………
गत 24 फरवरी, 23 को भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
‘‘आम आदमी भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है।
हर स्तर पर जवाबदेही तय करने की जरूरत है।’’
अदालत ने यह भी कहा कि
‘‘किसी भी सरकारी दफ्तर में जाएं तो आप बिना डरे बाहर नहीं आएंगे।’’
……………………………
इसके अलावा भी अनेक उक्तियां आपको मिलेंगी।
पर,भ्रष्टाचार के राक्षस से निर्णायक लड़ाई सन 2014 से पहले कभी नहीं हुई।
वोट बैंक के दायरे के लोगों को छोड़कर आम जन में भ्रष्टों के विरूद्ध भारी गुस्सा है।
देखना है कि नरेंद्र मोदी आम जन की उम्मीदों को किस हद तक पूरा करते हैं।……..17 अक्तूबर 23
A से Apple A B C सिखाया है अब अपने बच्चों को A से अम्बे जरूर सिखाये
A=अम्बे 👣
B=भवानी 👣
C=चामुंडा 👣
D=दुर्गा 👣
E=एकरूपी 👣
F=फरसाधारणी 👣
G=गायत्री 👣
H=हिंगलाज 👣
I=इंद्राणी 👣
J=जगदंबा 👣
K=काली 👣
L=लक्ष्मी 👣
M=महामाया 👣
N=नारायणी 👣
O=ॐकारणी 👣
P=पद्मा👣
Q=कात्यायनी 👣
R=रत्नप्रिया 👣
S=शीतला 👣
T=त्रिपुरासुंदरी 👣
U=उमा 👣
V=वैष्णवी 👣
W=वराही 👣
Y=यति 👣
Z=ज़य्वाना 👣
ABCD पढ़ते जाओ ..जय माता दी कहते जाओ ..जय माता दी
*🪷 सनातन संस्कृति और विज्ञान 🪷*
*अपने धर्म और अपने ऋषि मुनियों पर गर्व करें,,इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है*
पुरातन ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन ऋषि-मुनि एवं दार्शनिक हमारे आदि वैज्ञानिक थे, जिन्होंने अनेक आविष्कार किए और विज्ञान को भी ऊंचाइयों पर पहुंचाया…
*1. अश्विनीकुमार -:*
मान्यता है कि ये देवताओं के चिकित्सक थे। कहा जाता है कि इन्होंने उड़ने वाले रथ एवं नौकाओं का आविष्कार किया था।
*2. धन्वंतरि -:*
इन्हें आयुर्वेद का प्रथम आचार्य व प्रवर्तक माना जाता है। इनके ग्रंथ का नाम धन्वंतरि संहिता है। शल्य चिकित्सा शास्त्र के आदि प्रवर्तक सुश्रुत और नागार्जुन इन्हीं की परंपरा में हुए थे।
*3. ऋषि भारद्वाज -:*
आधुनिक विज्ञान के मुताबिक राइट बंधुओं ने वायुयान का आविष्कार किया। वहीं हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक कई सदियों पहले ही ऋषि भारद्वाज ने विमानशास्त्र के जरिए वायुयान को गायब करने के असाधारण विचार से लेकर, एक ग्रह से दूसरे ग्रह व एक दुनिया से दूसरी दुनिया में ले जाने के रहस्य उजागर किए। इस तरह ऋषि भारद्वाज को वायुयान का आविष्कारक भी माना जाता है।
*4. ऋषि विश्वामित्र -:*
ऋषि बनने से पहले विश्वामित्र क्षत्रिय थे। ऋषि वशिष्ठ से कामधेनु गाय को पाने के लिए हुए युद्ध में मिली हार के बाद तपस्वी हो गए। विश्वामित्र ने भगवान शिव से अस्त्र विद्या पाई। इसी कड़ी में माना जाता है कि आज के युग में प्रचलित प्रक्षेपास्त्र या मिसाइल प्रणाली हजारों साल पहले विश्वामित्र ने ही खोजी थी।
*5. गर्गमुनि -:*
गर्ग मुनि नक्षत्रों के खोजकर्ता माने जाते हैं। यानी सितारों की दुनिया के जानकार। ये गर्गमुनि ही थे, जिन्होंने श्री कृष्ण एवं अर्जुन के बारे में नक्षत्र विज्ञान के आधार पर जो कुछ भी बताया, वह पूरी तरह सही साबित हुआ। कौरव-पांडवों के बीच महाभारत युद्ध विनाशक रहा। इसके पीछे वजह यह थी कि युद्ध के पहले पक्ष में तिथि क्षय होने के तेरहवें दिन अमावस थी। इसके दूसरे पक्ष में भी तिथि क्षय थी। पूर्णिमा चौदहवें दिन आ गई और उसी दिन चंद्रग्रहण था। तिथि-नक्षत्रों की यही स्थिति व नतीजे गर्ग मुनि जी ने पहले बता दिए थे।
*6. पतंजलि -:*
आधुनिक दौर में जानलेवा बीमारियों में एक कैंसर या कर्करोग का आज उपचार संभव है। किंतु कई सदियों पहले ही ऋषि पतंजलि ने कैंसर को भी रोकने वाला योगशास्त्र रचकर बताया कि योग से कैंसर का भी उपचार संभव है।
*7. महर्षि कपिल -:*
सांख्य दर्शन के प्रवर्तक व सूत्रों के रचयिता थे महर्षि कपिल, जिन्होंने चेतना की शक्ति एवं त्रिगुणात्मक प्रकृति के विषय में महत्वपूर्ण सूत्र दिए थे।
*8. कणाद ऋषि -:*
ये वैशेषिक दर्शन के प्रवर्तक हैं। ये अणु विज्ञान के प्रणेता रहे हैं। इनके समय अणु विज्ञान दर्शन का विषय था, जो बाद में भौतिक विज्ञान में आया।
*9. सुश्रुत -:*
ये शल्य चिकित्सा पद्धति के प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य थे। इन्होंने सुश्रुत संहिता नामक ग्रंथ में शल्य क्रिया का वर्णन किया है। सुश्रुत ने ही त्वचारोपण (प्लास्टिक सर्जरी) और मोतियाबिंद की शल्य क्रिया का विकास किया था। पार्क डेविस ने सुश्रुत को विश्व का प्रथम शल्य चिकित्सक कहा है।
*10. जीवक -:*
सम्राट बिंबसार के एकमात्र वैद्य। उज्जयिनी सम्राट चंडप्रद्योत की शल्य चिकित्सा इन्होंने ही की थी। कुछ लोग मानते हैं कि गौतम बुद्ध की चिकित्सा भी इन्होंने की थी।
*11. बौधायन -:*
बौधायन भारत के प्राचीन गणितज्ञ और शुलयशास्त्र के रचयिता थे। आज दुनिया भर में यूनानी उकेलेडियन ज्योमेट्री पढाई जाती है मगर इस ज्योमेट्री से पहले भारत के कई गणितज्ञ ज्योमेट्री के नियमों की खोज कर चुके थे। उन गणितज्ञ में बौधायन का नाम सबसे ऊपर है, उस समय ज्योमेट्री या एलजेब्रा को भारत में शुल्वशास्त्र कहा जाता था।
*12. भास्कराचार्य -:*
आधुनिक युग में धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति (पदार्थों को अपनी ओर खींचने की शक्ति) की खोज का श्रेय न्यूटन को दिया जाता है। किंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि गुरुत्वाकर्षण का रहस्य न्यूटन से भी कई सदियों पहले भास्कराचार्यजी ने उजागर किया। भास्कराचार्यजी ने अपने ‘सिद्धांतशिरोमणि’ ग्रंथ में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के बारे में लिखा है कि ‘पृथ्वी आकाशीय पदार्थों को विशिष्ट शक्ति से अपनी ओर खींचती है। इस वजह से आसमानी पदार्थ पृथ्वी पर गिरता है’।
*13. चरक -:*
चरक औषधि के प्राचीन भारतीय विज्ञान के पिता के रूप में माने जातें हैं। वे कनिष्क के दरबार में राज वैद्य (शाही चिकित्सक) थे, उनकी चरक संहिता चिकित्सा पर एक उल्लेखनीय पुस्तक है। इसमें रोगों की एक बड़ी संख्या का विवरण दिया गया है और उनके कारणों की पहचान करने के तरीकों और उनके उपचार की पद्धति भी प्रदान करती है। वे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पाचन, चयापचय और प्रतिरक्षा के बारे में बताते थे और इसलिए चिकित्सा विज्ञान चरक संहिता में, बीमारी का इलाज करने के बजाय रोग के कारण को हटाने के लिए अधिक ध्यान रखा गया है। चरक आनुवांशिकी (अपंगता) के मूल सिद्धांतों को भी जानते थे।
*14. ब्रह्मगुप्त -:*
7 वीं शताब्दी में, ब्रह्मगुप्त ने गणित को दूसरों से परे ऊंचाइयों तक ले गये। गुणन के अपने तरीकों में, उन्होंने लगभग उसी तरह स्थान मूल्य का उपयोग किया था, जैसा कि आज भी प्रयोग किया जाता है। उन्होंने गणित में शून्य पर नकारात्मक संख्याएं और संचालन शुरू किया। उन्होंने ब्रह्म मुक्त सिध्दांतिका को लिखा, जिसके माध्यम से अरब देश के लोगों ने हमारे गणितीय प्रणाली को जाना।
*15. अग्निवेश :- ये शरीर विज्ञान के रचयिता थे*
16. शालिहोत्र :- इन्होंने पशु चिकित्सा पर आयुर्वेद ग्रंथ की रचना की।
*17. व्याडि :-*
ये रसायन शास्त्री थे। इन्होंने भैषज (औषधि) रसायन का प्रणयन किया। अलबरूनी के अनुसार, व्याडि ने एक ऐसा लेप बनाया था, जिसे शरीर पर मलकर वायु में उड़ा जा सकता था।
*18. आर्यभट्ट :-*
इनका जन्म 476 ई. में कुसुमपुर ( पाटलिपुत्र ) पटना में हुआ था। ये महान खगोलशास्त्र और व गणितज्ञ थे। इन्होने ही सबसे पहले सूर्य और चन्द्र ग्रहण की वियाख्या की थी और सबसे पहले इन्होने ही बताया था की धरती अपनी ही धुरी पर धूमती है और इसे सिद्ध भी किया था। और यही नही इन्होने हे सबसे पहले पाई के मान को निरुपित किया।
*19. वराहमिहिर :-*
इनका जन्म 499 ई . में कपित्थ (उज्जैन ) में हुआ था। ये महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्र थे। इन्होने पंचसिद्धान्तका नाम की किताब लिखी थी जिसमे इन्होने बताया था कि, अयनांश , का मान 50.32 सेकेण्ड के बराबर होता होता है | और इन्होने शून्य और ऋणात्मक संख्याओ के बीजगणितीय गुणों को परिभाषित किया।
*20. हलायुध :-*
इनका जन्म 1000 ई . में काशी में हुआ था। ये ज्योतिषविद , और गणितज्ञ व महान वैज्ञानिक भी थे। इन्होने अभिधानरत्नमाला या मृतसंजीवनी नमक ग्रन्थ की रचना की | इसमें इन्होने या की पास्कल त्रिभुज ( मेरु प्रस्तार ) का स्पष्ट वर्णन किया है।पुरातन ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन ऋषि-मुनि एवं दार्शनिक हमारे आदि वैज्ञानिक थे, जिन्होंने अनेक आविष्कार किए और विज्ञान को भी ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यदि आधुनिक विज्ञान ने कुछ तकनीकी सुविधाओं का विकास किया है तो विनाशकारी बम भी दिए। जीवन को सरल बनाने के क्षेत्र में कुछ कार्य किए हैं तो उसके साथ-साथ उसके दुष्परिणाम भी घातक दुष्परिणाम भी सामने आए हैं उदाहरण के लिए कैरी बैग देख लीजिए आज प्लास्टिक के कैरी बैग पूरी दुनिया के लिए समस्या बने हुई हैं ₹10 वाले जंक फूड पैकेट हों या पानी की बोतल हो या प्लास्टिक के सजावटी सामान या कांच अथवा चीनी मिट्टी के बर्तन इन्होंने धरती को जितना अधिक प्रदूषित इन सौ वर्षों में कर दिया है उतना पिछले 38 नील वर्षों के इतिहास में धरती कभी प्रदूषण नहीं हुई। ✍️हरीश मैखुरी