📖 *नीतिदर्शन…………….*✍ *अबन्धुर्बन्धुतामेति नैकट्याभ्यासयोगतः।* *यात्यनभ्यासतो दूरात्स्नेहो बन्धुषु तानवम्।।* 📝 *भावार्थ* 👉🏾 बार-बार मिलने के सम्बन्ध से अबन्धु बन्धु बन जाता है। दूरी के कारण परस्पर
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📖 *नीतिदर्शन…………….*✍ *अबन्धुर्बन्धुतामेति नैकट्याभ्यासयोगतः।* *यात्यनभ्यासतो दूरात्स्नेहो बन्धुषु तानवम्।।* 📝 *भावार्थ* 👉🏾 बार-बार मिलने के सम्बन्ध से अबन्धु बन्धु बन जाता है। दूरी के कारण परस्पर
Read moreआदरणीय! नित्य पंचाग अवश्य पढ़ें इससे कलिकाल एवं शकरकाल का संज्ञान रहता है यानी आप अपडेट रहते हैं। समय सबसे मूल्यवान है उसकी उपयोगिता पता
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