*हनुमान जी शैव वैष्णव आदि सभी के ईष्ट हैं एकादश रूद्र हैं जो विष्णु अवतार भगवान राम के अनन्य भक्त और अद्वितीय हैं। हनुमान जी की पूजा के बिना भगवान श्रीराम की पूजा पूर्ण फलदाई नहीं होती

हनुमान जी वानरराज सुग्रीव के साथ पहले किष्किंधा रहते थे पर प्रभु राम के साथ बाद में अयोध्या आ गए, वह कुछ समय मकरध्वज के

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