जिसके जीवन में संस्कार का आत्मानुशासन नहीं है शास्त्र में उसे साक्षात् पशु पुच्छ विहीनम् कहा गया है। संस्कारित आत्मा कुकर शूकर योनियों में नहीं
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जिसके जीवन में संस्कार का आत्मानुशासन नहीं है शास्त्र में उसे साक्षात् पशु पुच्छ विहीनम् कहा गया है। संस्कारित आत्मा कुकर शूकर योनियों में नहीं
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