🍁”रिद्धि दे सिद्धि दे, अष्ट नव निद्धि दे, वंश में वृद्धि दे, ह्रदय में ज्ञान दे, चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे, दुःख
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🍁”रिद्धि दे सिद्धि दे, अष्ट नव निद्धि दे, वंश में वृद्धि दे, ह्रदय में ज्ञान दे, चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे, दुःख
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अधर्मी और विधर्मी से सदैव सचेत और सावधान रहना चाहिए। शास्त्रों के अनुकूल चलें, मन से तो बंदर चलता है। वेद में लिखा है-“धर्मं चर,”
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