महाविद्या स्त्रोत ऊँ नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनी। नमस्ते कालिके कालमहाभयविनाशिनि।। शिवे रक्ष जगद्धात्रि प्रसीद हरवल्लभे। प्रणमामि जगद्धात्रीं जगत्पालनकारिणीम्।। जगत् क्षोभकरीं विद्यां जगत्सृष्टिविधायिनीम्। करालां विकटां घोरां
Read more
महाविद्या स्त्रोत ऊँ नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनी। नमस्ते कालिके कालमहाभयविनाशिनि।। शिवे रक्ष जगद्धात्रि प्रसीद हरवल्लभे। प्रणमामि जगद्धात्रीं जगत्पालनकारिणीम्।। जगत् क्षोभकरीं विद्यां जगत्सृष्टिविधायिनीम्। करालां विकटां घोरां
Read more