अधर्मी और विधर्मी से सदैव सचेत और सावधान रहना चाहिए। शास्त्रों के अनुकूल चलें, मन से तो बंदर चलता है। वेद में लिखा है-“धर्मं चर,”
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अधर्मी और विधर्मी से सदैव सचेत और सावधान रहना चाहिए। शास्त्रों के अनुकूल चलें, मन से तो बंदर चलता है। वेद में लिखा है-“धर्मं चर,”
Read moreहरीश मैखुरी चार करोड़ साल से भी अधिक प्राचीन, सनातन पद्धति ही धर्म यानी विज्ञान सम्मत सत्य हैं, दूसरा कोई धर्म है ही नहीं जो
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