गोमुख से गंगाजल का कोई शास्त्रीय विधान नहीं है। क्योंकि वास्तविक गंगा देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलने के बाद हरिद्वार में बनती है। भागीरथी का
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गोमुख से गंगाजल का कोई शास्त्रीय विधान नहीं है। क्योंकि वास्तविक गंगा देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलने के बाद हरिद्वार में बनती है। भागीरथी का
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