रवि रावत -:-:-:-:-:-:–:-:-:-:-:-:-:-:-:-:-:-:-:-:-:-:–::-:-:-:-:-:–
वरिष्ठ वकील अरविंद जैन की तपस्या सफल हुई…। 1994 में आई उनकी किताब “औरत होने की सजा” में उन्होंने इसका उल्लेख किया था…।
सन् 2000 में आई मेरी किताब “एक सामाजिक बुराई बलात्कार” में भी इस बलात्कार का उल्लेख था…!
नोट- 18 साल से कम उम्र की लड़की से सहमति से सेक्स भी बलात्कार है,पर पत्नी 18 से कम हो तो उसे बलात्कार नहीं माना जाता था..यही विरोधाभास था… आज सुप्रीम कोर्ट ने एक महान फैसला देकर इस विरोधाभास को खत्म कर दिया है..! देश में कई समुदाय के लोगों में मजहब की दुहाई दे कर नाबालिग बच्चियों से शादी के बहाने शारीरिक शोषण जारी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसलेके से उनके लिए उम्मीद की आस जगी है।