सौ वर्ष पुराने आयुर्वेदिक काॅलेजों का होगा कायाकल्प – ऋषिकुल एवं गुरूकुल कालेज होंगे उच्चीकृत, विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में वैद्य कोटेचा ने कहा कि पिछले दस वर्ष में देश में आयुष के संबंध में क्रांतिकारी प्रगति, आज का पंचाग आपका राशि फल

जय श्री गणेशाय नमः जय भगवती चंडिका 

       🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺

       🌺🙏 *अथ पंचांगम्* 🙏🌺

*दिनांक:- 14/12/2024, शनिवार* चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष, मार्गशीर्ष…….. समाप्ति काल 

तिथि————– चतुर्दशी 16:58:09 तक 

पक्ष———————— शुक्ल

नक्षत्र————— रोहिणी 27:53:42

योग———————- सिद्ध 08:25:24

योग——————- साध्य 29:06:06

करण————— वणिज 16:58:09

करण———— विष्टि भद्र 27:42:06

वार———————- शनिवार

माह———————– मार्गशीर्ष

चन्द्र राशि—————— वृषभ

सूर्य राशि——————- वृश्चिक

रितु————————–हेमंत

आयन———————- दक्षिणायण

संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त

विक्रम संवत————– 2081 

गुजराती संवत———— 2081 

शक संवत—————– 1946 

कलि संवत—————– 5125 

दिल्ली 

सूर्योदय——————— 07:07:19

सूर्यास्त——————— 17:24:40

दिन काल——————- 10:17:21

रात्री काल—————— 13:43:15

चंद्रोदय——————— 16:15:58 

चंद्रास्त———————- 31:03:49*

लग्न——–वृश्चिक 28°21′, 238°21

सूर्य नक्षत्र——————- ज्येष्ठा 

चन्द्र नक्षत्र——————- रोहिणी

नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण 

*💮🚩 पद, चरण 🚩💮*

ओ—-रोहिणी 11:17:24

वा—- रोहिणी 16:48:36

वी—- रोहिणी 22:20:38

वु—- रोहिणी 27:53:42

*💮🚩 ग्रह गोचर 🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

=========================

सूर्य= वृश्चिक 28°45, ज्येष्ठा 4 यू 

चन्द्र=वृषभ 10°30 , रोहिणी 1 ओ 

बुध =वृश्चिक 12°52 ‘ अनुराधा 3 नू 

शु क्र= मकर 13°05, श्रवण’ 1 खी 

मंगल=कर्क 11°30 ‘ पुष्य ‘ 3 हो 

गुरु=वृषभ 21°30 रोहिणी, 4 वू 

शनि=कुम्भ 19°50 ‘ शतभिषा , 4 सू 

राहू=(व) मीन 08°15 उo भा o, 2 थ 

केतु= (व)कन्या 08°15 उ o फा o 4 पी 

*💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮*

राहू काल 09:42 – 10:59 अशुभ

यम घंटा 13:33 – 14:50 अशुभ

गुली काल 07:07 – 08: 24 

अभिजित 11:55 – 12:37 शुभ

दूर मुहूर्त 08:30 – 09:11 अशुभ

वर्ज्यम 20:30 – 21:58 अशुभ

प्रदोष 17:25 – 20:12 शुभ

💮चोघडिया, दिन

काल 07:03 – 08:21 अशुभ

शुभ 08:21 – 09:39 शुभ

रोग 09:39 – 10:56 अशुभ

उद्वेग 10:56 – 12:14 अशुभ

चर 12:14 – 13:32 शुभ

लाभ 13:32 – 14:50 शुभ

अमृत 14:50 – 16:07 शुभ

काल 16:07 – 17:25 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

लाभ 17:25 – 19:07 शुभ

उद्वेग 19:07 – 20:50 अशुभ

शुभ 20:50 – 22:32 शुभ

अमृत 22:32 – 24:14* शुभ

चर 24:14* – 25:57* शुभ

रोग 25:57* – 27:39* अशुभ

काल 27:39* – 29:21* अशुभ

लाभ 29:21* – 31:04* शुभ

💮होरा, दिन

शनि 07:03 – 07:55

बृहस्पति 07:55 – 08:47

मंगल 08:47 – 09:39

सूर्य 09:39 – 10:30

शुक्र 10:30 – 11:22

बुध 11:22 – 12:14

चन्द्र 12:14 – 13:06

शनि 13:06 – 13:58

बृहस्पति 13:58 – 14:50

मंगल 14:50 – 15:41

सूर्य 15:41 – 16:33

शुक्र 16:33 – 17:25

🚩होरा, रात

बुध 17:25 – 18:33

चन्द्र 18:33 – 19:42

शनि 19:42 – 20:50

बृहस्पति 20:50 – 21:58

मंगल 21:58 – 23:06

सूर्य 23:06 – 24:14

शुक्र 24:14* – 25:23

बुध 25:23* – 26:31

चन्द्र 26:31* – 27:39

शनि 27:39* – 28:47

बृहस्पति 28:47* – 29:55

मंगल 29:55* – 31:04

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* 

वृश्चिक > 03:42 से 06:20 तक

धनु > 06:20 से 08:32 तक

मकर > 08:32 से 10:00 तक

कुम्भ > 10:00 से 11:32 तक

मीन > 11:32 से 13:02 तक

मेष > 13:02 से 14:42 तक

वृषभ > 14:42 से 16:40 तक

मिथुन > 16:40 से 18:52 तक

कर्क > 18:52 से 21:10 तक

सिंह > 21:10 से 23:20 तक

कन्या > 23:20 से 01:46 तक

तुला > 01:46 से 03:54 तक

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार॥

अर्थात- चर में वाहन, मशीन आदि कार्य करें।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।

लाभ में व्यापार करें।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*

*🚩🔥अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।।*

*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।*

 14 + 7 + 1 = 22 ÷ 4 = 2 शेष

पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक हैl

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

  14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

16:58 से रात्रि 27:42 तक 

स्वर्ग लोक = शुभ कारक 

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

 *पूर्णिमा व्रत 

*सर्वार्थ सिद्धि योग 27:54 तक 

*रोहिणी व्रत 

*💮🚩 शुभ विचार 🚩💮*

स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गणा।

साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृत।।

।। चा o नी o।।

 महिलाओं में पुरुषों कि अपेक्षा: 

भूख दो गुना,

लज्जा चार गुना,

साहस छः गुना, 

और काम आठ गुना होती है।

*💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮*

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

भक्त्या त्वनन्यया शक्य अहमेवंविधोऽर्जुन।,

ज्ञातुं द्रष्टुं च तत्वेन प्रवेष्टुं च परन्तप॥,

परन्तु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति (अनन्यभक्ति का भाव अगले श्लोक में विस्तारपूर्वक कहा है।,) के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज रूपवाला मैं प्रत्यक्ष देखने के लिए, तत्व से जानने के लिए तथा प्रवेश करने के लिए अर्थात एकीभाव से प्राप्त होने के लिए भी शक्य हूँ॥,54॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष

धनार्जन होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

🐂वृष

संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूंजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा।

👫मिथुन

जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी।

🦀कर्क

भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। फालतू खर्च होगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएंगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम न लें। झंझटों में न पड़ें। आय में कमी होगी।

🐅सिंह

प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

🙎‍♀️कन्या

मान बढ़ेगा। मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖️तुला

स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

🦂वृश्चिक

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।

🏹धनु

उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐊मकर

धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।

🍯कुंभ

समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी।

🐟मीन

रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏🌺🌺🌺

*सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद काॅलेजों का होगा कायाकल्प*

*ऋषिकुल काॅलेज के उच्चीकरण की डीपीआर तैयार, गुरूकुल पर थोड़ा इंतजार*

*उत्तराखंड के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का रूख सकारात्मक, करीब एक दर्जन हैं देश में सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद काॅलेज, वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस का मंच बना राज्य के लिए मददगार*

देहरादून, 13 दिसंबर। देहरादून परेड ग्राउंड में वर्ल्ड आयुर्वेदिक कांग्रेस चल रही है। जिसमें देश विदेश से हजारों की संख्या में आयुर्वेद के विशेषज्ञ और देश भर के आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं। यहां पता चला कि पिछली सरकारों ने लोगों से सस्ता सरल और भारतीय चिकित्सा पद्धति छीन ली है। और ऐलोपैथी को उद्योग के रूप में विकसित करने का षड्यंत्र रचा है। ऐलोपैथी में केवल तात्कालिक उपचार और सर्जरी है, रोग निदान नहीं। रोग निदान और लम्बी बीमारियों का उपचार केवल आयुर्वेद में ही है। उसी तरह हरित क्रांति के नाम पर अमेरिकी कंपनियों की यूरिया पोटास आदि हानिकारक कैमिकल से भारत की खेती चौपट कर दी गई है। धरती की उर्वरा शक्ति नष्ट हो चुकी है और रासायनिक जहर अन्न के माध्यम से मनुष्य पशुओं और पक्षियों शरीर में प्रवेश कर चुके हैं जिससे उन्हें कैंसर गैस्ट्रिक किडनी एवं हृदय रोगों ने घेर लिया है। पहले लोग कृषि को प्राकृतिक रूप से उर्वरक बनाने वाले अमूल्य पदार्थ गोबर को देने वाले पशुओं को पाल लेते थे। जिससे मिट्टी उर्वरक और पोली बनी रहती थी। लेकिन जबसे रासायनिक खाद का प्रयोग बढा रोग तो बढ़े ही हैं लेकिन सबसे बड़ी क्षति उन पशुओं की भी हो गयी जो केवल गोबर के लिए पाले जाते थे अब उन्हें कटने के लिए भेज दिया जाता है। इस तरह भारतीय चिकित्सा पद्धति यहां प्रकृत्ति और गो पालन की संस्कृति नष्ट करने में कांग्रेस आदि सैक्युलर सरकारों ने जानबूझकर बड़ी भूमिका निभाई। वीडियो लिंक

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उत्तराखंड में सौ वर्ष पुराने दो आयुर्वेद काॅलेजों की जल्द ही कायाकल्प होगी। इसमें से एक ऋषिकुल काॅलेज के उच्चीकरण का मामला तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार को भेजने के लिए उत्तराखंड ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। केंद्र सरकार का रूख इस संबंध में बेहद सकारात्मक है। इसी तरह, सौ वर्ष पुराने गुरूकुल आयुर्वेद काॅलेज पर भी सरकार की नजर है। हालांकि अभी इसका विचार बेहद प्राथमिक स्तर पर है।

इन स्थितियों के बीच, वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं एक्सपो-2024 का देहरादून में आयोजन उत्तराखंड के पक्ष में माहौल बनाने वाला साबित हो रहा है। सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद काॅलेजों के उच्चीकरण की उत्तराखंड लगातार पैरवी कर रहा है। हालांकि उत्तराखंड ने ऋषिकुल काॅलेज को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। केंद्र ने उत्तराखंड से इसके स्थान पर उच्चीकरण का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था। उत्तराखंड के आयुष विभाग ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर ली है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग ने उच्चीकरण से संबंधित डिटेल प्रोजेक्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली है। शासन स्तर जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाना है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा एके त्रिपाठी के अनुसार-केंद्र के सकारात्मक रूख को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि जल्द ही ऋषिकुल काॅलेज का उच्चीकरण हो जाएगा। दूसरी तरफ, केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा का कहना है कि उत्तराखंड के प्रस्ताव पर कार्रवाई गतिमान है और मंत्रालय का रूख सकारात्मक है।

*पूरे देश में दर्जन भर है ऐसे काॅलेजों की संख्या*

-आयुर्वेद के सौ वर्ष पुराने काॅलेज पूरे देश में दर्जन भर हैं। उत्तराखंड इस मामले में भाग्यशाली है कि उसके पास हरिद्वार में ऋषिकुल और गुरूकुल के रूप में दो ऐसे आयुर्वेद काॅलेज हैं, जो सौ वर्ष से ज्यादा पुराने हैं। इनमें भी ऋषिकुल काॅलेज सबसे ज्यादा पुराना है, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि महामना मदन मोहन मालवीय ने इसकी स्थापना की थी। गुरूकुल काॅलेज की स्थापना वर्ष 1921 में स्वामी श्रद्धानंद ने की थी।

*ऋषिकुल में सात मंजिला हाॅस्पिटल का प्रस्ताव*

-उच्चीकरण के लिए जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, उसके ऋषिकुल में सात मंजिला हाॅस्पिटल का प्रस्ताव रखा गया है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा एके त्रिपाठी के अनुसार-ऋषिकुल काॅलेज में मौजूद पुराने हाॅस्पिटल को तोड़कर यह हाॅस्पिटल बनाए जाने का प्रस्ताव किया गया है। ऋषिकुल काॅलेज के पास 25 एकड़ जमीन उपलब्ध है। वर्तमान में यहां पर 11 विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कराई जा रही है।

*उत्तराखंड में आयुष से जुड़ी हर गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार का भी इस संबंध में राज्य को पूर्ण सहयोग मिल रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आयुष के संबंध में उत्तराखंड के जो भी प्रस्ताव है, उन पर जल्द ही मुहर लग जाएगी।-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री*

नेशनल आयुष मिशन में उत्तराखंड का अच्छा काम

केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने की उत्तराखंड की सराहना

देहरादूून, 13 दिसंबर। प्राथमिक स्वास्थ्य से जुड़े नेशनल आयुष मिशन पर उत्तराखंड की प्रगति की केंद्र सरकार ने सराहना की है। केंद्र सरकार का मानना है कि उत्तराखंड दिए गए लक्ष्यों की पूर्ति के लिए बेहतर काम कर रहा है।

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के सिलसिले में देहरादून आए केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने शुक्रवार को मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि नेशनल आयुष मिशन के तहत देश भर में प्राथमिक स्तर पर जन स्वास्थ्य को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में उत्तराखंड का अच्छा काम है। उन्होंने बताया कि इस मिशन के अंतर्गत आयुष मंत्रालय ने हाल ही में देश भर में दस हजार से अधिक ऐसे कैंप आयोजित किए, जो बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित थे। इसमें भी उत्तराखंड का काम सराहनीय रहा। 

वैद्य कोटेचा ने कहा कि पिछले दस वर्ष में देश में आयुष के संबंध में क्रांतिकारी प्रगति हुई है। उन्होंने इस संबंध में आंकड़ों के जरिये अपनी बात को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले आयुष की टेली मेडिसन सुविधा 19 देशों में उपलब्ध थी, जो कि अब बढ़कर 84 देशों में हो गई है। आयुष निर्यात पहले डेढ़ सौ देशों में था, जिसमें ढाई गुना की वृद्धि दर्ज हुई है।

आयुष चिकित्सालयों पर चल रहा काम

-नेशनल आयुष मिशन के तहत वर्तमान में उत्तराखंड में ठोस कार्यों की शुरूआत हुई है। 50 बेड के चार आयुष चिकित्सालयों पर काम आगे बढ़ा है, जो कि जाखनीधार-टिहरी, हल्द्वानी, टनकपुर और कोटद्वार में निर्मित किए जाने हैं। इसी तरह, दस बेड के दो आयुष चिकित्सालय पथरी-हरिद्वार व भीमताल में निर्मित होने हैं। विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन चिकित्सालयों की खास तौर पर चर्चा की थी। साथ ही कहा था कि आयुष सुविधाओं के विस्तार के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन अथॉरिटी (SARRA) की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान विभिन्न केंद्रीय संस्थानों एवं राज्य के विभिन्न विभागों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।

अपर मुख्य सचिव द्वारा समस्त जनपदों में इसी प्रकार से वैज्ञानिक आधार पर जल संसाधनों के सतत विकास हेतु योजना बनाने के निर्देश सभी विभागों को प्रदान किए गए। अपर मुख्य सचिव ने एनआईएच और आईआईटी रूड़की द्वारा नयार, शिप्रा, गौड़ी तथा सोग नदी की दीर्घकालिक उपचार योजनाओं हेतु किए जा रहे अध्ययन की समीक्षा भी की। उन्होंने सभी कार्यों को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश भी दिए।

अपर मुख्य सचिव ने SARRA को प्रत्येक जिले मे जल स्रोत, नदी एवं सहायक धाराओं के उपचार मॉडल को विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि इस महत्वाकांक्षी कार्य को आगे बढ़ाने हेतु इस मॉडल को विभिन्न विभागों और आम जनमानस द्वारा अपनाए जाने हेतु प्रेरित किया जा सके।

बैठक मे अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी sarra, नीना ग्रेवाल द्वारा बताया गया कि राज्य में विभिन्न जनपदों द्वारा SARRA के साथ convergence द्वारा जल स्रोतों के पुनरुद्धार हेतु कार्य किए जा रहे हैं। वर्तमान तक जनपदों से जल स्रोतों को वैज्ञानिक आधार पर उपचारित करने हेतु 29 करोड़ की कार्य योजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिसमें SARRA द्वारा 12 करोड़ रुपये convergence के रूप में आबंटित किए जा रहे है।

सारा की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा आज टिहरी जिले की आरगाड़और सोंग सहायक नदी/ धारा के वैज्ञानिक रूप से उपचार हेतु प्रस्तावित योजनाओं को भी अनुमोदित किया गया जिनकी लागत 8.16 करोड़ रुपये है।

आज की बैठक मे Dehradun के भूजल स्तर के रिचार्ज हेतु 51 रिचार्ज shaft निर्मित करने हेतु स्वीकृत प्रदान की गई इनका निर्माण विभिन्न सरकारी इमारतों के प्रांगण में लघु सिंचाई विभाग द्वारा केन्द्रीय भू जल बोर्ड की सहायता से किया जाएगा।

बैठक मे NIH, IIT Roorke, केंद्रीय भूजल बोर्ड, वन, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, ग्राम विकास, आदि केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों ने प्रतिभाग किया।