9 किमी पैदल और जान हथेली पर रखनी पड़ती है अपने गांव जाने के लिए

जीतेन्द्र पंवार

कर्णप्रयाग राज्य स्थापना के 17 साल बीतने के बाद आज भी कर्णप्रयाग विधानसभा के कपीरी और कडाकोट पट्टी के सैकड़ों गांवोकर्णप्रयाग
राज्य स्थापना के 17 साल बीतने के बाद आज भी कर्णप्रयाग विधानसभा के कपीरी और कडाकोट पट्टी के सैकड़ों गांवो के हजारो लोगों  को मोटरमार्ग सुविधा के अभाव में 9 किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांवो को पहुचना पड़ रहा है । साल 2009 में इस क्षेत्र को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए 3.5 किलोमीटर सड़क व 95 मीटर पुल की स्वीकृति हेतु 491.50 लाख रु0 शासन से अवमुक्त किये गए थे , जिसके बाद साल 2013 में वन भूमि से इस योजना के लिए हरी झंडी मिली थी । मगर स्वीकृति के 8 साल पूरे होने के बाद भी यह योजना अभी तक पूरी नही हो पाई , जिससे नाराज होकर क्षेत्रीय जनता ने रविवार को आमसोड में सरकार के खिलाप नारेबाजी की , लोगो का कहना है कि बिभाग द्वारा पिंडर नदी पर लकडी का अस्थायी पुल बनाया गया है । जिससे इन दिनों ग्रामीण जान को जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे है । सेरागाड़ के ग्रामीणों ने बताया कि मोटर रोड न होने के कारण क्षेत्रो के पलायन दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । इतना ही नही न तो क्षेत्र में स्वास्थ्य की सुविधा है और न ही नजदीक कोई शिक्षा की , यदि शाषन के किसी कर्मचारी की नियुक्ति क्षेत्र में हो भी जाति है तो वह भी अपना तबादला कही और करवा देते है । जो कि बड़े ही चिंता का विषय भी है । सरकार पलायन को लेकर योजना कागजो में बना रही है जिससे योजनाए धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ने लगती है । लोगो ने चेतावनी दी है कि अगर मार्ग निर्माण का कार्य समय 15 दिनों के भीतर शुरू नही हुआ तो गौचर पीडब्ल्यूडी कार्यालय पर तालेबन्दी कर आंदोलन शुरू किया जाएगा । के हजारो लोगों को मोटरमार्ग सुविधा के अभाव में 9 किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांवो को पहुचना पड़ रहा है । साल 2009 में इस क्षेत्र को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए 3.5 किलोमीटर सड़क व 95 मीटर पुल की स्वीकृति हेतु 491.50 लाख रु0 शासन से अवमुक्त किये गए थे , जिसके बाद साल 2013 में वन भूमि से इस योजना के लिए हरी झंडी मिली थी । मगर स्वीकृति के 8 साल पूरे होने के बाद भी यह योजना अभी तक पूरी नहीं  हो पाई , जिससे नाराज होकर क्षेत्रीय जनता ने रविवार को आमसोड में सरकार के खिलाप नारेबाजी की , लोगों  का कहना है कि विभाग द्वारा पिंडर नदी पर लकड़ी  का अस्थायी पुल बनाया गया है । जिससे इन दिनों ग्रामीण जान को जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं । सेरागाड़ के ग्रामीणों ने बताया कि मोटर रोड़ न होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन बढ़ता जा रहा है लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं । इतना ही नहीं न तो क्षेत्र में स्वास्थ्य की सुविधा है और न ही नजदीक शिक्षा की , यदि शाशन के किसी कर्मचारी की नियुक्ति क्षेत्र में हो भी जाति है तो वह भी अपना तबादला करवा देते हैं । जो चिंता का विषय है । सरकार पलायन को लेकर योजना कागजो में बना रही है जिससे योजनाएं  धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ने लगती है । लोगों  ने चेतावनी दी है कि अगर मार्ग निर्माण का कार्य समय 15 दिनों के भीतर शुरू नही हुआ तो गौचर पीडब्ल्यूडी कार्यालय पर तालेबन्दी कर आंदोलन शुरू किया जाएगा ।