योग्यता के अनुसार मिलेगी शहीदों के आश्रितों को नौकरीः सीएम

विजय दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर 1971 में शहीद हुए सैनिकों को सम्मान के साथ याद किया। उन्होंने सैनिक वं अर्द्धसैनिक बलों मे ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त होने वाले उत्तराखंड के निवासी के आश्रित को शैक्षिक योग्यता के आधार पर नौकरी देने की घोषणा भी की।

गांधी पार्क में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान एक सैन्य प्रदेश के रूप में है। राज्य की सैनिक पृष्ठभूमि की प्रत्यक्ष वं अप्रत्यक्ष रूप से देश भर में सराहना होती है। राज्य की अनेक विभूतियां सुरक्षा के क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं, जो प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह एवं तमाम मिलिट्री आपरेशन से जुड़े मसलों में उत्तराखंड के निवासी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दून में रिस्पना (ऋषिपर्णा) नदी एवं कुमाऊं की कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का बड़ा निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी ईको टास्क फोर्स को दी गई है। उन्होंने इन नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए जनता से जनसहयोग की अपील की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने वीरता पदक प्राप्त उत्तराखण्ड के 428 सैनिकों व शहीद सैनिकों के परिवारजनों को सम्मानित किया। मौके पर सन 71 के युद्ध से जुड़ी चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम में मेयरध्विधायक विनोद चमोली, विधायक गणेश जोशी, विधायक कुंवर प्रणव चैंम्पियन, जनरल आनन्द स्वरूप, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डीके कौशिक आदि ने भी शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किए।