उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर विमर्श के लिये संसदीय बोर्ड की बैठक हेतु धामी पंहुचे दिल्ली नीतिन गडकरी से भी मिले मुख्यमंत्री जाने कितनी सीटों पर हो सकता है बदलाव

बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक आज।

दिल्ली में होगी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक।

बैठक में उत्तराखंड के पांच लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों पर होगा मंथन।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बैठक में होंगे सम्मिलित ।

प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर 55 नाम का पैनल भेजा गया पार्लियामेंट्री बोर्ड को।

बीते रोज पूरे दिन भर प्रदेश मुख्यालय में चली बैठक।

कल प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में 55 नामों पर हुई चर्चा।

2 से 3 सीटों पर कट सकते हैं मौजूदा सांसदों के टिकट_ सूत्र

जल्द होगा भाजपा के प्रत्याशियों का ऐलान।

लोकसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का होगा दिल्ली दौरा,

राज्य के पांचो लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को लेकर होगी शीर्ष नेतृत्व 

अपडेट – उत्तराखंड सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी शाह को किया जा सकता है रिपीट

पौड़ी से अनिल बलूनी को मिल सकता है टिकट

हरिद्वार से त्रिवेंद्र रावत के नाम पर लग सकती है मुहर

नैनीताल से अजय भट्ट को किया जा सकता है रिपीट

अल्मोड़ा से अजय टम्टा को किया जा सकता है रिपीट

28 फरवरी 2024, बुधवार को सांय संसदीय बोर्ड की बैठक के लिए दिल्ली पंहुचते ही *मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी का जताया आभार। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अंतर्गत उत्तराखण्ड के विभिन्न लोक सभा क्षेत्रों की 439 कि.मी. सड़कों के नवीनीकरण, सदृढ़ीकरण एवं सुरक्षात्मक कार्यों हेतु 259.00 करोड़ की धनराशि मंजूर की गई है। इसमें पौड़ी लोकसभा क्षेत्र की 164 कि.मी की 7, अल्मोड़ा की 180 कि.मी की 4 तथा टिहरी की 65 कि.मी. की 1 एवं नैनीताल की 30 कि.मी की 1 सड़क शामिल है।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश की लोक महत्व से जुड़ी इन सड़कों की आवश्यक मरम्मत हेतु केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि से धनराशि स्वीकृत करने का केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी से अनुरोध करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न लोक सभा क्षेत्रों के तहत कुल 439 कि.मी. सड़कों का नवीनीकरण, सुधारीकरण एवं सुरक्षा संबंधी कार्य होने से क्षेत्र की जनता के साथ उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों को आवागमन में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिये केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया है।

*आर्थिक सर्वेक्षण में दिखी राज्य के विकास की झलक*

*मुख्यमंत्री ने कहा यह सुशासन और वित्तीय अनुशासन का है प्रमाण।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश की अर्थव्यस्था ने बड़ी छलांग लगाई है यह तथ्य आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2023-24 में सामने आया है, जिसमें स्पष्ट है कि प्रदेश की विकास दर 7.58 फीसदी रही है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 346.20 हजार करोड़ पहुंच गया है, जबकि 2022-23 में इसका आकार 303.78 हजार करोड़ था। उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में भी 12.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 60 हजार 201 रुपये पहुंच गई है। वर्ष 2022-23 में यही आय 2 लाख 30 हजार 994 थी।

आर्थिक सर्वेक्षण से स्पष्ट है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में सेकेंडरी सेक्टर का सबसे अधिक 46.84 प्रतिशत का योगदान रहा है। दूसरे नंबर पर टर्सरी सेक्टर यानी की सर्विस सेक्टर रहा है। सर्विस सेक्टर का अर्थव्यवस्था में 43.17 प्रतिशत योगदान रहा है। वहीं प्राइमरी सेक्टर यानी एग्रीकल्चर का अर्थव्यवस्था में 9.99 प्रतिशत योगदान रहा है। दिनांक 09 नवम्बर, 2000 को राज्य के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 2000-2001 में प्राप्त कर संग्रह 233 करोड़ था, जो कि वर्ष 2022-23 तक लगभग 52 गुना बढ़कर 12,028.68 करोड़ (2,135.60 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) हो गया है। वर्ष 2023-24 में माह दिसम्बर, 2023 तक कुल राजस्व संग्रह 8,496.82 करोड़ (476.62 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) रहा है।

उत्तराखंड में बेरोजगारी दर में भी भारी कमी देखने को मिली है। 2021- 22 में उत्तराखंड में 8.4 फ़ीसदी बेरोजगारी दर थी, जो 2022-23 में घटकर 4.9 फ़ीसदी रह गई। वहीं बहुआयामी गरीबी में भी भारी गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी की दर 17.67 थी जो साल 2019-21 में घटकर 9.67 फ़ीसदी रह गई। इन पांच साल के अंतराल में राज्य के कुल 9,17,299 लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। यही नहीं राज्य में बहुआयामी गरीबी की तीव्रता 2015-16 में 44.35 प्रतिशत थी जो 2019-21 में घटकर 41.99 प्रतिशत रह गई है। उत्तराखंड में 125000 लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। इसके विपरीत अभी तक 68 हजार 579 लखपति दीदी बनाई जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य की वित्तीय स्थिति एवं विकास की प्रगति को आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शायी गई प्रगति राज्य के समग्र विकास की झलक प्रस्तुत करती है। यह सुशासन एवं वित्तीय अनुशासन का भी स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के हमारे प्रयासों में भी इससे गति मिलेगी। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल मंत्र से जन समस्याओं के समाधान एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की राह आसान हुई है। यह हमारे विकसित एवं आदर्श उत्तराखण्ड के निर्माण के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में भी प्रेरणादायी होगा।