स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं, वंदेमातरम राष्ट्रीय गीत आज संसार के बहुत से देशों ने अपना लिया है इसका हिंदी अनुवाद अवश्य पढें, 24 अनाथ बच्चों की मां खुशबु पाठक से मिलें, आज का पंचाग आपका राशि फल

आ रही हिमालय से पुकार,

है उदधि, गरजता बार-बार,

प्राची, पश्चिम, भू, नभ अपार,

सब पूछ रहे हैं दिग्-दिगंत,

वीरों का कैसा हो वसंत?

*मेरा रंग दे बसंती चोला*

जय हिन्द, वन्देमातरम

78वे स्वतंत्रता दिवस की अनेक शुभकामनायें 💐🇮🇳✍️हरीश मैखुरी 

खुशबू पाठक, जिन्हें ‘माँ’ का एक अलग ही रूप दिया जाता है, ने अपने जीवन को समर्पित कर दिया है 24 बच्चों की परवरिश में। यह कहानी किसी भी साधारण माँ की नहीं है, बल्कि एक असाधारण महिला की है, जो बच्चों के लिए एक आश्रय, एक घर, और एक परिवार बनकर उभरी हैं। 🌟

खुशबू पाठक उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा उन बच्चों की देखभाल में समर्पित किया है, जिनके पास न तो माता-पिता का सहारा था और न ही कोई परिवार। 24 बच्चों की माँ के रूप में जानी जाने वाली खुशबू ने इन अनाथ और परित्यक्त बच्चों को न केवल अपनाया, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और प्यार भरा माहौल भी प्रदान किया। 🤱

इन बच्चों के साथ उनका रिश्ता केवल एक माँ का नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक, एक शिक्षक और एक संरक्षक का भी है। उन्होंने सुनिश्चित किया कि इन बच्चों को न केवल बुनियादी जरूरतें पूरी हों, बल्कि वे अच्छी शिक्षा और नैतिक मूल्यों के साथ बड़े हों। उनकी देखभाल में पलने वाले बच्चे आज समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं, और यह सब खुशबू के निस्वार्थ प्रेम और समर्पण का परिणाम है। 📚

खुशबू पाठक की यह कहानी प्रेरणादायक है, जो हमें यह सिखाती है कि माँ बनना केवल जन्म देने से नहीं होता, बल्कि उन बच्चों को अपनाने और उनकी परवरिश करने से होता है, जिनके पास कोई नहीं होता। उनकी इस निस्वार्थ सेवा और प्रेम को देखकर यह कहा जा सकता है कि खुशबू ने एक नई परिभाषा दी है ‘माँ’ शब्द को। ❤️

यह महिला समाज के लिए एक मिसाल है और हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम कैसे अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से दूसरों की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। खुशबू पाठक का यह योगदान उन्हें हमेशा के लिए हमारी स्मृतियों में जीवित रखेगा।

🌼मध्य प्रदेश में भीमबेटका की गुफाएं 600 गुफाओं का संग्रह है और इसे भारत के सबसे पुराने गुफा संग्रहों में से एक माना जाता है। यह अपनी कुछ अद्भुत रॉक नक्काशियों और चित्रों के लिए पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र है। यहां की दिलचस्प बात यह है कि कुछ रॉक शेल्टर 100,000 साल से भी पहले बसे हुए थे। भीमबेटका साइट भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पुरानी ज्ञात रॉक कला है, जो 30,000 से अधिक वर्षों से अधिक पुरानी है। ये गुफाएं भारत में एक विश्व धरोहर स्थल भी हैं।

बांग्लादेशी हिन्दुओ की हत्या पर :

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तेजस्वी यादव – 0 ट्वीट

ममता बनर्जी – 0 ट्वीट

अखिलेश यादव – 0 ट्वीट

मल्लिकार्जुन खड़गे – 0 ट्वीट

अब सभी हिन्दुओं को याद रखना होगा कि जब जब राज्य या केन्द्र के चुनाव आए तो इनको भी 0 वोट देना है. जयचंदों को छोड़कर

#यह_ज्ञान_अपने_बच्चों_को_जरूर_बतायें ||

10 #कर्तव्य👉  

1.संध्यावंदन, 2.व्रत, 3.तीर्थ, 4.उत्सव, 5.दान, 6.सेवा 7.संस्कार, 8.यज्ञ, 9.वेदपाठ, 10.धर्म प्रचार।…

क्या आप इन सभी के बारे में विस्तार से जानते हैं और क्या आप इन सभी का अच्छे से पालन करते हैं?

10 #सिद्धांत👉  

1.एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति (एक ही ईश्‍वर है दूसरा नहीं), 2.आत्मा अमर है, 3.पुनर्जन्म होता है, 4.मोक्ष ही जीवन का लक्ष्य है, 5.कर्म का प्रभाव होता है, जिसमें से ‍कुछ प्रारब्ध रूप में होते हैं इसीलिए कर्म ही भाग्य है, 6.संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है, 7.ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है, 8.संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है, 9.वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है, 10.दान ही पुण्य है।

#महत्वपूर्ण_10_कार्य👉 

1.प्रायश्चित करना, 2.उपनयन, दीक्षा देना-लेना, 3.श्राद्धकर्म, 4.बिना सिले सफेद वस्त्र पहनकर परिक्रमा करना, 5.शौच और शुद्धि, 6.जप-माला फेरना, 7.व्रत रखना, 8.दान-पुण्य करना, 9.धूप, दीप या गुग्गल जलाना, 10.कुलदेवता की पूजा।

10 #उत्सव👉  

नवसंवत्सर, मकर संक्रांति, वसंत पंचमी, पोंगल-ओणम, होली, दीपावली, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्‍टमी, महाशिवरात्री और नवरात्रि। 

इनके बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करें।

10 #पूजा👉 

 गंगा दशहरा, आंवला नवमी पूजा, वट सावित्री, दशामाता पूजा, शीतलाष्टमी, गोवर्धन पूजा, हरतालिका तिज, दुर्गा पूजा, भैरव पूजा और छठ पूजा। 

ये कुछ महत्वपूर्ण पूजाएं है जो हिन्दू करता है। हालांकि इनके पिछे का इतिहास जानना भी जरूरी है।

10 #पवित्र_पेय👉  

1.चरणामृत, 2.पंचामृत, 3.पंचगव्य, 4.सोमरस, 5.अमृत, 6.तुलसी रस, 7.खीर, 9.आंवला रस और 10.नीम रस।

 आप इनमें से कितने रस का समय समय पर सेवन करते हैं? ये सभी रस अमृत समान ही है।

10 #पूजा_के_फूल👉  

1.आंकड़ा, 2.गेंदा, 3.पारिजात, 4.चंपा, 5.कमल, 6.गुलाब, 7.चमेली, 8.गुड़हल, 9.कनेर, और 10.रजनीगंधा।

 प्रत्येक देवी या देवता को अलग अलग फूल चढ़ाए जाते हैं लेकिन आजकल लोग सभी देवी-देवता को गेंदे या गुलाब के फूल चढ़ाकर ही इतिश्री कर लेते हैं जो कि गलत है।

10#धार्मिक_स्थल👉  

12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, 4 धाम, 7 पुरी, 7 नगरी, 4 मठ, आश्रम, 10 समाधि स्थल, 5 सरोवर, 10 पर्वत और 10 गुफाएं हैं। 

क्या आप इन सभी के बारे में विस्तार से जानने हैं? नहीं जानते हैं तो जानना का प्रयास करना चाहिए।

10#महाविद्या👉  

1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4. भुवनेश्‍वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला।

 बहुत कम लोग जानते हैं कि ये 10 देवियां कौन हैं। नवदुर्गा के अलावा इन 10 देवियों के बारे में विस्तार से जानने के बाद ही इनकी पूजा या प्रार्थना करना चाहिए। बहुत से हिन्दू सभी को शिव की पत्नीं मानकरपूजते हैं जोकि अनुचित है।

10 #धार्मिक_सुगंध👉  

गुग्गुल, चंदन, गुलाब, केसर, कर्पूर, अष्टगंथ, गुढ़-घी, समिधा, मेहंदी, चमेली। 

समय समय पर इनका इस्तेमाल करना बहुत शुभ, शांतिदायक और समृद्धिदायक होता है।

10 #यम_नियम👉  

1.अहिंसा, 2.सत्य, 3.अस्तेय 4.ब्रह्मचर्य और 5.अपरिग्रह। 6.शौच 7.संतोष, 8.तप, 9.स्वाध्याय और 10.ईश्वर-प्रणिधान। —–ये 10 ऐसे यम और नियम है जिनके बारे में प्रत्येक हिन्दू को जानना चाहिए यह सिर्फ योग के नियम ही नहीं है ये वेद और पुराणों के यम-नियम हैं। क्यों जरूरी है? क्योंकि इनके बारे में आप विस्तार से जानकर अच्छे से जीवन यापन कर सकेंगे। इनको जानने मात्र से ही आधे संताप मिट जाते हैं

10 #बाल_पुस्तकें👉 

 1.पंचतंत्र, 2.हितोपदेश, 3.जातक कथाएं, 4.उपनिषद कथाएं, 5.वेताल पच्चिसी, 6.कथासरित्सागर, 7.सिंहासन बत्तीसी, 8.तेनालीराम, 9.शुकसप्तति, 10.बाल कहानी संग्रह। 

अपने बच्चों को ये पुस्तकें जरूर पढ़ाए। इनको पढ़कर उनमें समझदारी का विकास होगा और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

10 #ध्वनियां 👉  

1.घंटी, 2.शंख, 3.बांसुरी, 4.वीणा, 5. मंजीरा, 6.करतल, 7.बीन (पुंगी), 8.ढोल, 9.नगाड़ा और 10.मृदंग। 

घंटी बजाने से जिस प्रकार घर और मंदिर में एक आध्यात्मि वातावरण निर्मित होता है उसी प्रकार सभी ध्वनियों का अलग अलग महत्व है।

10 #दिशाएं 👉  

दिशाएं 10 होती हैं जिनके नाम और क्रम इस प्रकार हैं- उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो। एक मध्य दिशा भी होती है। इस तरह कुल मिलाकर 10 दिशाएं हुईं। 

इन दिशाओं के प्रभाव और महत्व को जानकर ही घर का वास्तु निर्मित किया जाता है। इन सभी दिशाओं के एक एक द्वारपाल भी होते हैं जिन्हें दिग्पाल कहते हैं।

10 #दिग्पाल 👉  

10 दिशाओं के 10 दिग्पाल अर्थात द्वारपाल होते हैं या देवता होते हैं। उर्ध्व के ब्रह्मा, ईशान के शिव व ईश, पूर्व के इंद्र, आग्नेय के अग्नि या वह्रि, दक्षिण के यम, नैऋत्य के नऋति, पश्चिम के वरुण, वायव्य के वायु और मारुत, उत्तर के कुबेर और अधो के अनंत।

10 #देवीय_आत्मा👉  

1.कामधेनु गाय, 2.गरुढ़, 3.संपाति-जटायु, 4.उच्चै:श्रवा अश्व, 5.ऐरावत हाथी, 6.शेषनाग-वासुकि, 7.रीझ मानव, 8.वानर मानव, 9.येति, 10.मकर। 

इन सभी के बारे में विस्तार से जानना चाहिए।

10 #देवीय_वस्तुएं 👉  

1.कल्पवृक्ष, 2.अक्षयपात्र, 3.कर्ण के कवच कुंडल, 4.दिव्य धनुष और तरकश, 5.पारस मणि, 6.अश्वत्थामा की मणि, 7.स्यंमतक मणि, 8.पांचजन्य शंख, 9.कौस्तुभ मणि और 10.संजीवनी बूटी।आदि!!✍️Arun Shastriजबलपुर: ❗जय महादेव❗

 ⭕प्रश्न नहीं स्वाध्याय करें‼️

प्रमुख नारे स्वतंत्रता सेनानी

1. इंक़लाब जिन्दाबाद :-भगत सिंह

2. साइमन कमीशन वापस जाओ :- लाला लाजपत राय

3. जय जगत :- विनोबा भावे

4. दिल्ली चलो :- सुभाषचंद्र बोस

5. जय हिन्द :- सुभाषचंद्र बोस

6. तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूँगा :- सुभाषचंद्र बोस

7. भारत छोड़ो :- महात्मा गांधी

8. हे राम:- 

 उपाधि/उपनाम स्वतंत्रता सेनानी

1. देशरत्न/अजातशत्रु – डॉ. राजेंद्र प्रसाद

2. सरदार –बल्लभ भाई पटेल

3. महात्मा – महात्मा गांधी

4. नेता जी – सुभाष चन्द्र बोस

5. गुरुदेव – रविंद्र नाथ टैगोर

6. देशनायक – सुभाष चंद्र बोस

7. जननायक –कर्पूरी ठाकुर

8. लोकनायक –जय प्रकाश नारायण

9. लोकमान्य –

*🇮🇳 राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ // अर्थ & इतिहास 🇮🇳*

राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् को हमारे देश में बहुत महत्व दिया जाता है।

यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया तथा इस गीत को बंकिमचन्द्र चटर्जी के उपन्यास आनंदमठ से लिया गया था तथा इसका प्रकाशन सन् 1882 में हुआ था।

उसके बाद स्वतंत्रता मिलने के बाद 24 जनवरी 1950 में इस गीत को राष्ट्रीय गीत के रूप में संविधान सभा में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्वीकार कर लिया गया।

*🇮🇳 वन्दे मातरम् 🇮🇳*

सुजलां सुफलां मलयजशीतलां

शस्यश्यामलां मातरम्!

शुभ-ज्योत्सना-पुलकित-यामिनीम्

फुल्ल-कुसुमित-द्रमुदल शोभिनीम्

सुहासिनी सुमधुर भाषिणीम्

सुखदां वरदां मातरम्!

सन्तकोटिकंठ-कलकल-निनादकराले

द्विसप्तकोटि भुजैर्धृतखरकरबाले

अबला केनो माँ एतो बले।

बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं

रिपुदल वारिणीं मातरम्!

तुमि विद्या तुमि धर्म

तुमि हरि तुमि कर्म

त्वम् हि प्राणाः शरीरे।

बाहुते तुमि मा शक्ति

हृदये तुमि मा भक्ति

तोमारइ प्रतिमा गड़ि मंदिरें-मंदिरे।

त्वं हि दूर्गा दशप्रहरणधारिणी

कमला कमल-दल विहारिणी

वाणी विद्यादायिनी नवामि त्वां

नवामि कमलाम् अमलां अतुलाम्

सुजलां सुफलां मातरम्!

वन्दे मातरम्!

श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम

धमरणीं भरणीम् मातरम्।

*🇮🇳 वन्दे मातरम् का हिंदी में अर्थ 🇮🇳*

०१- हे माँ मैं तेरी वन्दना करता हूँ

तेरे अच्छे पानी, अच्छे फलों,

सुगन्धित, शुष्क, उत्तरी समीर (हवा)

हरे-भरे खेतों वाली मेरी माँ।

०२- सुन्दर चाँदनी से प्रकाशित रात वाली,

खिले हुए फूलों और घने वृ़क्षों वाली,

सुमधुर भाषा वाली,

सुख देने वाली वरदायिनी मेरी माँ।

०३- तीस करोड़ कण्ठों की जोशीली

आवाज़ें,

साठ करोड़ भुजाओं में तलवारों को

धारण किये हुए

क्या इतनी शक्ति के बाद भी,

हे माँ तू निर्बल है,

तू ही हमारी भुजाओं की शक्ति है,

मैं तेरी पद-वन्दना करता हूँ मेरी माँ।

 

०४- तू ही मेरा ज्ञान, तू ही मेरा धर्म है,

तू ही मेरा अन्तर्मन, तू ही मेरा लक्ष्य,

तू ही मेरे शरीर का प्राण,

तू ही भुजाओं की शक्ति है,

मन के भीतर तेरा ही सत्य है,

तेरी ही मन मोहिनी मूर्ति

एक-एक मन्दिर में,

०५- तू ही दुर्गा दश सशस्त्र भुजाओं वाली,

तू ही कमला है, कमल के फूलों की बहार,

तू ही ज्ञान गंगा है, परिपूर्ण करने वाली,

मैं तेरा दास हूँ, दासों का भी दास,

दासों के दास का भी दास,

अच्छे पानी अच्छे फलों वाली मेरी माँ,

मैं तेरी वन्दना करता हूँ।

०६- लहलहाते खेतों वाली, पवित्र, मोहिनी,

सुशोभित, शक्तिशालिनी, अजर-अमर

मैं तेरी वन्दना करता हूँ।

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

गैरसैंण स्थाई राजधानी जगमगाती हुई 

*🏹!! ओ३म् !!🏹*

*🪷शुभम् सुप्रभातम् 🪷*

*🌻अमृत पञ्चाङ्ग – ३७६४🌻*

*🪔🇮🇳आज‬ का पञ्चाङ्ग 🇮🇳🪔*

*🇮🇳तिथि………..दशमी (१०.२२)*

*🪷तत्पश्चात…………….एकादशी*

*🪔वार………………बृहस्पतिवार*

*🇮🇳पक्ष………………………शुक्ल*

*🪷नक्षत्र………………ज्येष्ठा/मूल*

*🪔करण…………..गरज/वाणिज*

*🇮🇳 योग…………वैधृति/विषकुंभ*

 

*🪔निशितामुहूर्त..००.२२ से ०१.०६*

*🪷ब्राह्ममुहूर्त……०४.४७ से ०५.३२*

*🇮🇳अमृतमुहूर्त…..०७.२९ से ०९.०७*

*🪄शुभ मुहूर्त……०५.५१ से ०७.२९*

*🪷अशुभ मुहूर्त…०९.०७ से १०.४५*

*🇮🇳अभिजीत……१२.१७ से १३.१०*

*🪔राहुकाल……..१४.०३ से १५.४०*

*🪷सूर्योदय…………………०५.५४*

*🇮🇳सूर्यास्त…………………१८.५६*

*🪔मास…………………….श्रावण*

*🪷ऋतु………………………..वर्षा*

*🇮🇳आयण………………उत्तरायण*

 

*🇮🇳सृष्टि संवत…१९६०८,५३१२५*

*🪔कलियुगाब्द……………५१२६*

*🪷बौद्ध संवत्…………….२५६८*

*🇮🇳महावीर संवत्…………२५५८*

*🪔विक्रम संवत्…………..२०८१*

*🪷शाके……………………१९४६*

*🇮🇳नानकशाही……………..५५३*

*🪔शिवा पातशाही…………३५०*

*🪷ऋषि दयानन्दाब्द……….२०१*

*🙏१५ अगस्त २०२४ ईस्वी*

*🧑‍🦳अखंड भारत के स्वप्न दृष्टा महर्षि अरविन्द जयंती*

*🇮🇳 ७८वाँ स्वतंत्रता दिवस*

*🙌 आज का दिन हम सभी के लिए*

      *सुखमय एवम् मंगलमय हो।*