जगन्नाथ रथयात्रा में उमड़े लाखों श्रध्दांलु इस बार पाकिस्तान में भी निकाली गयी रथयात्रा, प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक कूटनीति में ऐसी चाल चली जिसने वॉशिंगटन से लेकर मॉस्को और बीजिंग तक मचा दी हलचल, संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़ा जाना संविधान की मूल भावना के विरूद्ध!, 75 करोड़ वार्षिक वेतन छोड़ कर रिलांयस के उपाध्यक्ष प्रकाश शाह बन गये संत, जरूरत पड़ी तो ईरान पर दोबारा बमबारी करेंगे, लखनऊ में सलाहुद्दीन उर्फ़ लाला के घर से 3000 कट्टे और 50 हज़ार कारतूस

ये वही समय है जिसकी प्रतीक्षा भारत दशकों से कर रहा था। संसार की सबसे ख”तरना”क तकनीक अब भारत के द्वार खोल रही है। वैश्विक कूटनीति के शतरंज पर एक ऐसा चाल चली गई है जिसने वॉशिंगटन से लेकर मॉस्को और बीजिंग तक हलचल मचा दी है।

बात किसी रक्षा डील की नहीं है, बल्कि भारत के सुपरपावर बनने या फिर पश्चिमी शक्तियों का केवल ग्राहक बने रहने की कहानी है। और इस कहानी की शुरुआत होती है एक ऐसी पेशकश से, जिसने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है-रूस का भारत को Su-57E स्टील्थ फाइटर जेट्स के लिए 100% तकनीकी ट्रांसफर और भारत में निर्माण का ऑफर।

रूस का भारत को प्रस्ताव

यानी रूस ने भारत के सामने वो प्रस्ताव रख दिया है जो अमेरिका ने आज तक अपने सबसे करीबी सहयोगियों तक को नहीं दिया। और ये पेशकश उस वक्त आई है जब अमेरिका खुद भारत को अपने एडवांस्ड स्टील्थ फाइटर F-35A बेचने के लिए मनाने की जुगत में लगा है। फर्क सिर्फ इतना है-F-35A खरीदने पर भारत सिर्फ ग्राहक रहेगा, लेकिन Su-57E लेने पर भारत उसका निर्माता बन सकता है। तकनीक का मालिक। रूस ने भारत के सामने जो कार्ड फेंका है, वो सिर्फ फाइटर जेट बेचने तक सीमित नहीं है। उसने कहा है कि भारत और रूस मिलकर Su-57E का निर्माण करेंगे, उसमें लगने वाली स्टील्थ तकनीक, इंजन, एवियोनिक्स और हथियार प्रणालियों का संयुक्त विकास करेंगे। रूस, भारत को उस टेक्नोलॉजी की कुंजी सौंप देगा जिसके पीछे दुनिया की कई ताकतें दशकों से लगी हुई हैं।

कहा बनाएगा भारत का नया अस्त्र 

भारत में ये निर्माण नासिक स्थित HAL प्लांट में हो सकता है, जहां पहले से ही भारतीय वायुसेना के रीढ़ बने Su-30MKI फाइटर जेट्स बन रहे हैं। यानी भारत को न नई फैक्ट्री बनानी है, न नई तैयारी करनी है। बस प्लान्ट में नई मशीनें लगेंगी, नई टेक्नोलॉजी आएगी और भारत का अगला कदम सीधे ‘फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट्स’ की दुनिया में होगा। Su-57E को आप यूं समझिए-ये वही विमान है जो हवा में अदृश्य हो जाता है। सुपरसोनिक क्रूज़ करता है, उसके थ्रस्ट वेक्टरिंग इंजन उसे ऐसे घुमाते हैं जैसे आसमान में मौत ने नृत्य शुरू कर दिया हो। दुश्मन की रडार उसे पकड़ ही नहीं पाती और अगर पकड़ भी ले तो तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। भारत के लिए इससे बड़ी कोई डील नहीं हो सकती थी। तकनीकी आत्मनिर्भरता का असली मतलब यही है।

अमेरिका भारत को देना चाहता है F-35A

अब ज़रा अमेरिका के कार्ड पर नजर डालते हैं। अमेरिका भारत को F-35A देना चाहता है। दुनिया भर में इस फाइटर जेट की धाक है। सेंसर फ्यूज़न, AI आधारित फायर कंट्रोल, नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर-हर चीज़ में यह बेमिसाल है। मगर दिक्कत ये है कि अमेरिका किसी भी देश को अपनी तकनीक का मालिक नहीं बनाता। न तो भारत में निर्माण की अनुमति, न टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ऊपर से कीमत-करीब 80 मिलियन डॉलर प्रति यूनिट। ऊपर से उसके लिए पूरी अलग लॉजिस्टिक सपोर्ट चाहिए, नई ट्रेनिंग चाहिए, नए इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत। यानी भारत सिर्फ ग्राहक रहेगा, निर्माता नहीं। लेकिन कहानी में असली ट्विस्ट तब आया जब भारत की रडार प्रणाली ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। त्रिवेंद्रम एयरस्पेस में अचानक ब्रिटिश रॉयल नेवी का एक F-35B स्टील्थ फाइटर आपात लैंडिंग के लिए दाखिल हुआ। तकनीकी खराबी थी। लेकिन असली खबर ये बनी कि जिसे अमेरिका और ब्रिटेन दुनिया का “अदृश्य फाइटर जेट” कहते हैं, उसे भारत की IACCS प्रणाली ने न सिर्फ डिटेक्ट कर लिया बल्कि ट्रैक भी किया। भारतीय वायुसेना ने फौरन सुखोई फाइटर जेट्स को निगरानी पर भेजा और ब्रिटिश विमान को घेर लिया।

क्या है IACCS सिस्टम

ये वही IACCS सिस्टम है जिसने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के एयर इंट्रूज़न को नाकाम किया था। F-35B के डिजाइन में जहां हथियार इंटरनल बे में छिपे होते हैं, इंजन और टरबाइन को इस तरह मास्क किया जाता है कि रडार उसे पकड़ न सके, वहीं भारत की एडवांस रडार तकनीक ने इस “अदृश्य” विमान की पोल खोल दी। अब दुनिया की निगाहें भारत पर हैं। अमेरिका सकते में है कि भारत अब उसके जाल में नहीं फंस रहा। रूस मुस्कुरा रहा है, क्योंकि उसने भारत के सामने वो ऑफर रख दिया है जो उसे डिफेंस सुपरपावर बना सकता है।

अब आगे क्या

ये कोई मामूली रक्षा सौदा नहीं है। ये भारत के भविष्य की दिशा तय करने वाला मोड़ है। अगर भारत Su-57E का निर्माता बनता है तो सिर्फ लड़ाकू विमान नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को टेक्नोलॉजी बेचेगा। रूस के साथ मिलकर भारत अपनी खुद की फिफ्थ जेनरेशन फ्लीट खड़ी कर सकता है और आने वाले दशकों में अमेरिका की हथियार बाजार में बादशाहत को सीधी चुनौती दे सकता है। फैसला अब भारत के हाथ में है-क्या भारत भविष्य में सिर्फ सुपरपावर देशों का ग्राहक बनेगा या अब वो खुद डिफेंस टेक्नोलॉजी का निर्माता और निर्यातक बनेगा? सवाल बड़ा है, वक्त कम है और दांव… पूरी दुनिया का है।

संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल करने के विरोध में क्यों थे बाबासाहेब?

राष्ट्र की पहचान और भविष्य की दिशा के बारे में गहन चर्चा और बहस भारत के संविधान के निर्माण की आधारशिला थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद कई वर्षों तक चले इस वृहत् कार्य में कुछ सबसे उल्लेखनीय प्रमुख बहसें शामिल थीं। ऐसी ही एक बहस प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को शामिल करने को लेकर थी।

प्रोफेसर केटी शाह ने 15 नवंबर 1948 को भारतीय संविधान के मसौदे में एक संशोधन का एक प्रस्ताव रखा, जिसमें भारत को ‘धर्मनिरपेक्ष, संघीय, समाजवादी राज्यों का संघ’ के रूप में लेबल करने की माँग की गई। हालाँकि, मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने इस प्रस्ताव को दृढ़ता से खारिज कर दिया।

केटी शाह द्वारा रखे गए उस स समय रखे गए प्रस्ताव पर डॉक्टर अंबेडकर को दो आपत्तियाँ थीं, जो भारत के बारे में उनकी दृष्टि की समझ का आधार बनीं। उनकी दृष्टि लोकतंत्र और देश के लोगों की इच्छा को निश्चित वैचारिक पदों से ऊपर रखती थी।

-पहली आपत्ति: संविधान को कोई विचारधारा नहीं थोपनी चाहिए

डॉक्टर अंबेडकर का मुख्य तर्क लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में निहित था। उनका दृढ़ विश्वास था कि संविधान राज्य के कामकाज को विनियमित करने का एक तंत्र है। अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि संविधान को ऐसे दस्तावेज़ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए जो देश की भावी पीढ़ियों पर एक विशेष सामाजिक या आर्थिक विचारधारा थोपता हो।
केटी शाह के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए अंबेडकर ने कहा था, “राज्य की नीति क्या होनी चाहिए, समाज को उसके सामाजिक और आर्थिक पक्ष में कैसे संगठित किया जाना चाहिए, ये ऐसे मामले हैं जिनका निर्णय लोगों को समय और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं करना चाहिए।”
अंबेडकर के अनुसार, भारत के संविधान में समाजवाद जैसी विचारधारा को संहिताबद्ध करने में एक बुनियादी विरोधाभास था। उन्होंने तर्क दिया कि अगर समाजवाद को प्रस्तावना में जोड़ दिया गया तो यह भविष्य की पीढ़ियों को अपना रास्ता चुनने की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करेगा। उन्होंने कहा, “इसे संविधान में नहीं रखा जा सकता, क्योंकि यह लोकतंत्र को पूरी तरह से नष्ट कर देगा।”
उन्होंने पहले ही इस बात को समझ लिया था कि अलग-अलग कालखंड नई चुनौतियाँ आ सकती हैं। वे देश की भावी पीढ़ियों को किसी निर्दिष्ट प्रणाली से बांधने के लिए तैयार नहीं थे। इतिहास में एक समय समाजवाद लोकप्रिय था। जिस समय संविधान तैयार किया गया था, तब यह विकसित हो रहा था। इसे संविधान में जोड़ने से इनकार करना प्रासंगिक हो गया।

-दूसरी आपत्ति: संविधान में पहले से ही समाजवादी सिद्धांत मौजूद

प्रस्ताव को खारिज करते हुए अंबेडकर ने दूसरा तर्क दिया कि संविधान के मसौदे में पहले से ही ऐसे प्रावधान हैं, जिन्हें राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के माध्यम से समाजवादी सिद्धांतों के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने मसौदे के अनुच्छेद 31 की ओर इशारा किया और कहा कि इसमें धन के संकेन्द्रण को रोकने और समान काम के लिए समान वेतन जैसे उपायों की रूपरेखा दी गई है, जो एक समाजवादी प्रावधान है।
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “यदि ये निर्देशक सिद्धांत… अपनी दिशा और विषय-वस्तु में समाजवादी नहीं हैं तो मैं यह नहीं समझ पा रहा हूँ कि समाजवाद और क्या हो सकता है।” उन्होंने आगे तर्क दिया कि समाजवादी आदर्श पहले से ही निर्देशक सिद्धांतों में अंतर्निहित हैं, जिससे संवैधानिक रूप से भारत को अधिक समतापूर्ण समाज की ओर ले जाना संभव हो गया।
अंबेडकर के अनुसार, प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से ‘समाजवादी’ शब्द जोड़ना निरर्थक होगा, क्योंकि सामाजिक और आर्थिक न्याय के सिद्धांत पहले से ही मसौदा पाठ का हिस्सा हैं। इसके अलावा, उनका मानना ​​था कि नीति निर्देशक तत्वों में शामिल समाजवादी शब्द सरकार को देश को अधिक लचीलेपन के साथ चलाने की अनुमति देंगे।
उनका मानना था कि यह सरकार को समय के साथ बदलती आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों के अनुकूल होने में सक्षम बनाएगा। इस विचार के विपरीत, यदि प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द जोड़ा गया तो यह देश की भावी पीढ़ियों को अधिक कठोर वैचारिक ढाँचे में बाँध देगा, जिससे कई तरह की बाधाएँ पैदा होंगी।

-धर्मनिरपेक्षता पर बहस: एक सूक्ष्म दृष्टिकोण

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर धर्म को राजनीति से दूर रखने के प्रबल समर्थक थे। सिर्फ़ वे ही नहीं, बल्कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी यही मानते थे। उन दोनों ने तर्क दिया कि प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का स्पष्ट रूप से उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है। अंबेडकर ने तर्क दिया कि संविधान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत एक ऐसा देश होगा, जो किसी भी धर्म को मान्यता नहीं देगा।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का कहना था कि धर्मनिरपेक्षता के विचारों को विभिन्न अनुच्छेदों में लागू किया गया है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और राज्य के किसी विशेष धर्म के साथ गैर-संरेखण (Non-alignment) से संबंधित थे, जैसे अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 16। ये अनुच्छेद धर्म के आधार पर किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव को प्रतिबंधित करते हैं।
दूसरी ओर, नेहरू का मानना ​​था कि भारत में धर्मनिरपेक्षता अपने पश्चिमी समकक्षों से अलग है। पश्चिम में धर्मनिरपेक्षता मुख्य रूप से चर्च और यूरोप के देशों के बीच ऐतिहासिक संघर्ष को संबोधित करती है। नेहरू का मानना था कि इसके विपरीत भारत का धार्मिक परिदृश्य राजनीति से अधिक जुड़ा हुआ है। इस प्रकार धर्मनिरपेक्षता को अधिक लचीली और कार्यात्मक अवधारणा के रूप में समझा जाना चाहिए।

-इंदिरा गाँधी का 42वाँ संविधान संशोधन और ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों का समावेश

आपातकाल के दौरान 1976 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने संविधान में 42वें संशोधन के माध्यम से भारत की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़ दिए। प्रस्तावना में इतना बड़ा बदलाव करने के लिए इंदिरा गाँधी की बार-बार आलोचना की गई। इसे गाँधी की शक्ति को मजबूत करने के उद्देश्य से एक राजनीतिक रूप में देखा गया।
किए गए बदलावों को अगर हम भीमराव अंबेडकर के दृष्टिकोण से देखें तो वे लोकतंत्र और स्वतंत्रता की उस भावना के विपरीत हैं, जिसकी वे रक्षा करना चाहते थे। अंबेडकर का मानना ​​था कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के बारे में फैसले लोगों की इच्छा को दर्शाने वाले होने चाहिए। ये किसी सत्तारूढ़ सरकार की वैचारिक प्राथमिकताएँ नहीं होनी चाहिए।
हाल में इसे भारतीय मूल्यों के प्रतिबिंब करने वाले के बजाय एक असुरक्षित सरकार का प्रतिबिंब माना गया। सितंबर 2024 में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता एक यूरोपीय अवधारणा है, न कि भारतीय। उन्होंने कहा कि यह चर्च और यूरोप के राजा के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए अस्तित्व में आया था।
भारत में ‘धर्मनिरपेक्षता’ को गैर-जरूरी बताते हुए उन्होंने बताया कि संविधान के मूल निर्माताओं ने इसे दस्तावेज़ में शामिल नहीं किया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का जिक्र करते हुए आरएन रवि ने उन्हें ‘एक सुरक्षित प्रधानमंत्री’ कहा था, जिन्होंने संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़ा था।

-अंबेडकर का दीर्घकालिक दृष्टिकोण: विचारधारा से ऊपर लोकतंत्र

संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को शामिल करने के बारे में अंबेडकर के विचार और अनिच्छा लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उनका मानना ​​था कि अगर इन आदर्शों को संविधान के ज़रिए लागू किया गया तो यह लोगों की स्वतंत्रता के लिए प्रतिकूल होगा। उन्होंने तर्क दिया कि संविधान एक लचीला दस्तावेज़ होना चाहिए, जो समाज की बदलती ज़रूरतों के हिसाब से ढलने में सक्षम हो।
उनके अनुसार, एक लोकतांत्रिक देश को अपने नागरिकों को देश की परिस्थितियों के आधार पर अपनी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करनी चाहिए। धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद कठोर आदर्श हैं, जो लोगों की स्वतंत्रता को सीमित करते हैं। लोकतंत्र, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और राज्य की अनुकूलनशीलता के प्रति अंबेडकर की प्रतिबद्धता ने उन्हें इन शब्दों को शामिल करने का विरोध करने के लिए प्रेरित किया।
(लेख साभार: ऑपइंडिया)

देश में तैयारी क्या चल रही है ?
*लखनऊ में 72 साल के हकीम सलाहुद्दीन उर्फ़ लाला के घर से 3000 कट्टे और 50 हज़ार कारतूस बरामद हुए,* 🚨

घर में ऑर्डिनेन्स फैक्ट्री चला रहे हकीम का घर मलिहाबाद थाने से सिर्फ 100 मीटर दूर है।

अब लखनऊ पुलिस और STF ने हकीम के घर को घेर लिया है,
हकीम के घर से माऊजर, पिस्टल और विदेशी असलहे भी बरामद हुए।

*हकीम का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ था,*
सलाहउद्दीन मलिहाबाद में पहले हकीम का काम करता था,

इसकी एक बेटी नॉर्वे में पढ़ती है, दूसरी लखनऊ के एक बहुत महंगे इंजिनियरिंग कॉलेज में।
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‘जरूरत पड़ी तो ईरान पर दोबारा बमबारी करने से नहीं हिचकिचाएंगे’, डोनाल्ड ट्रंप ने चेताया

मध्य पूर्व में तनाव कम हो गया है. ईरान और इज़रायल (Israel-Iran) के बीच हुए सीजफायर (Ceasefire) के बाद शांति बहाल है. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक फिर से दोहराया है कि हवाई हमलों के ज़रिए ईरान के न्यूक्लियर प्लांट को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है.

उन्होंने कहा, अगर ज़रूरत पड़ती है तो ईरान पर हमला करने से हिचकिचाएंगे नहीं. अगर ईरान भविष्य में संवेदनशील गतिविधियों को फिर से शुरू करता है तो अमेरिका फिर से हमला कर सकता है। 

देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के वाइस प्रेसिडेंट और मुकेश अंबानी के पूर्व राइट हैंड रहे प्रकाश शाह ने हाल ही में एक ऐसा निर्णय लिया है जिसने कॉर्पोरेट जगत को हैरानी में डाल दिया है। वर्षों तक रिलायंस समूह में शीर्ष पद पर कार्य करते हुए करोड़ों की सैलरी और तमाम भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ लेने के बावजूद प्रकाश शाह ने सांसारिक जीवन त्यागकर साधु बनने का मार्ग चुन लिया है।

प्रकाश शाह की सालाना आय लगभग 75 करोड़ रुपये थी। वे न केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज के बेहद महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल रहते थे, बल्कि कंपनी की रणनीतिक योजनाओं में भी उनकी भूमिका अहम थी। मुकेश अंबानी जैसे वैश्विक स्तर के उद्योगपति के अत्यंत विश्वासपात्रों में उनकी गिनती होती थी। उनके अचानक लिए गए इस फैसले से न केवल उनके सहकर्मी चौंक गए, बल्कि बिज़नेस जगत में भी इसकी व्यापक चर्चा हो रही है।

प्रकाश शाह ने अपने आध्यात्मिक जीवन की ओर झुकाव के बारे में बताते हुए कहा कि भौतिक सुख, ऐश्वर्य और ऊंचे ओहदे के बावजूद उन्हें अंदर से शांति नहीं मिल रही थी। उन्होंने बताया कि वर्षों तक उन्होंने इस असंतोष को नजरअंदाज किया, लेकिन अंततः उन्हें यह अहसास हुआ कि सच्चा सुख भौतिकता में नहीं, बल्कि आत्मा की खोज और सेवा में है। इसी सोच ने उन्हें संन्यास की ओर प्रेरित किया।

अब उन्होंने अपनी पूरी जीवन समाज सेवा, ध्यान, साधना और आध्यात्मिकता को समर्पित कर दी है। वे अब एक साधु के रूप में सादा जीवन जी रहे हैं और हिमालय के एक शांत क्षेत्र में निवास कर रहे हैं, जहां वे ध्यान और अध्ययन में समय बिता रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब उन लोगों की सहायता करना चाहते हैं जो जीवन में मानसिक और आत्मिक शांति की तलाश कर रहे हैं।

उनके इस निर्णय को लेकर सोशल मीडिया और व्यवसायिक दुनिया में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोगों ने इसे एक साहसी और प्रेरणादायक कदम बताया है, तो वहीं कुछ इसे एक असामान्य निर्णय मानते हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि प्रकाश शाह ने अपने भीतर की आवाज को सुना और उस राह पर चलने का साहस दिखाया, जिसे चुनना आसान नहीं होता।

प्रकाश शाह की यह यात्रा केवल एक व्यक्ति के बदलाव की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन लाखों लोगों के लिए एक संदेश भी है जो बाहरी चमक-धमक के पीछे दौड़ते हुए अपनी आत्मा की आवाज को भूल जाते हैं। उनका यह निर्णय हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि असली सफलता क्या है—धन और पद, या आत्मिक शांति और संतुलन?

*सुबह देश राज्यों से बड़ी खबरें*

   *शनिवार – 28- जून -2025*        =================*

*1* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जैन धर्म के महान आध्यात्मिक गुरु व समाज सुधारक आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करेंगे। विज्ञान भवन में होने वाले इस आयोजन के मौके पर पीएम मोदी लोगों को संबोधित भी करेंगे।

*2* जुलाई में 5 देशों की यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी, ब्राजील में होने वाले BRICS समिट में होंगे शामिल

*3* वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से कहा कि वे अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले सेक्टरों को कर्ज देने में पीछे नहीं हटें और इसके लिए आरबीआइ द्वारा रेपो रेट में की गई 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती का लाभ उठाएं।

*4* देशभर के डाकघर अपने आइटी सिस्टम में एक नए एप्लिकेशन की शुरुआत करने के बाद अगस्त से काउंटरों पर डिजिटल भुगतान स्वीकार करना शुरू कर देंगे। फिलहाल डाकघर डिजिटल भुगतान स्वीकार नहीं करते हैं, क्योंकि उनके खाते यूपीआइ से ¨लक नहीं हैं।

*5* आरएसएस का नकाब फिर उतरा; उसे संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए: राहुल गांधी, आरएसएस महासचिव होसबाले ने कहा था- संविधान में सोशलिस्ट-सेक्युलर शब्दों पर बहस हो

*6* भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए ईरान का धन्यवाद’; जयशंकर ने अरागची से की फोन पर बात, जताया आभार

*7* भारतीय विदेश व्यापार महानिदेशालय ने बड़ा फैसला लेते हुए बांग्लादेश से जूट उत्पादों के जमीन के रास्ते आयात पर रोक लगा दिया है। अधिसूचना में साफ कहा गया है कि अब इन जूट उत्पादों का जमीनी रास्तों से आयात अनुमति योग्य नहीं होगा

*8* पहले कई खाद्य सामग्री के आयात पर लगी थी पाबंदी

इससे पहले 17 मई को भारत ने बांग्लादेश से तैयार कपड़ों और प्रोसेस्ड खाद्य सामग्री जैसे कुछ उत्पादों के आयात पर भी बंदरगाह आधारित पाबंदी लगाई थी।

*9* जगन्नाथपुरी रथ यात्रा- भीड़ और गर्मी से 600 लोग बीमार, पहले दिन रथ 200 मीटर भी नहीं बढ़ पाए; सुबह 10 बजे दोबारा शुरू होगी यात्रा

*10* CJI बोले-अधिकारों की रक्षा के लिए अदालतों की सक्रियता जरूरी, लेकिन यह ज्यूडिशियल टेररिज्म न बने; माता-पिता का संघर्ष याद कर भावुक हुए जस्टिस गवई

*11* हिंदू समाज को स्नेह सूत्र में बांधना संघ का लक्ष्य, मोहन भागवत बोले- RSS का मूल विचार अपनापन; 26 अगस्त से शुरू होगा शताब्दी समारोह

*12* मानसून सत्र से पहले भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष; 12 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की भी जल्द होगी नियुक्ति

*13* AC टेम्परेचर 20-28°C पर सेट करने का नियम अभी नहीं, सरकार ने कहा- 2050 के बाद यह संभव; पहले पावर मिनिस्टर बोले थे- जल्द नियम लागू होगा

*14* कांटा लगा फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला का निधन, दावा- कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत; आज होगा पोस्टमॉर्टम

*15* ‘हमारा जो मन होगा हम करेंगे…’, रेसिप्रोकल टैरिफ पर ट्रंप ने फिर दी खुली धमकी; 9 जुलाई से करेंगे लागू?

*16* खामेनेई की चेतावनी के बाद भड़के ट्रंप, बोले- ‘नहीं माना ईरान तो फिर से करेंगे बमबारी’

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‌‌ जगन्नाथ रथयात्रा में उमड़े लाखों श्रध्दांलु इस बार पाकिस्तान में भी निकाली गयी रथयात्रा  

*༺┇卐┇༻**श्री हरिहरौ*
*विजयतेतराम*
*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*

*_शनिवार, २८ जून २०२५_*
*═══════⊰⧱⊱═══════*

सूर्योदय: 🌄 ०५:३९
सूर्यास्त: 🌅 ०७:२०
चन्द्रोदय: 🌝 ०८:०२
चन्द्रास्त: 🌜२२:०२
अयन 🌘 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत:👉१९४७(विश्वावसु)
विक्रम सम्वत:👉२०८२(सिध्दार्थी
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 तृतीया (०९:५३
से चतुर्थी)
नक्षत्र 👉 पुष्य (०६:३५ से
आश्लेशा)
योग 👉 हर्षण (१९:१५ से
वज्र)
प्रथम करण👉गर(०९:५३ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज
(२१:२८ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 कर्क
मंगल🌟सिंह(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध🌟कर्क(उदय,पश्चिम,मार्गी)
गुरु🌟मिथुन(अस्त,पश्चिम,मार्गी)
शुक्र 🌟 मेष
(अस्त, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 कुम्भ
केतु 🌟 सिंह

शुभाशुभ मुहूर्त विचार⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:४८
अमृत काल 👉 २८:५८ से ०६:३४
रवि योग 👉 ०६:३५ से २९:१८
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:२१ से १९:४१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४०
राहुकाल 👉 ०८:४९ से १०:३५
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:०६ से १५:५१
दुर्मुहूर्त 👉 ०५:१८ से ०६:१४
होमाहुति 👉 सूर्य (०६:३५ से बुध)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 मृत्यु (२१:२८ से)
चन्द्र वास 👉 उत्तर
शिववास 👉 सभा में (०९:५३ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)

तिथि विशेष〰️〰️〰️〰️
विनायक चतुर्थी, अनन्त श्री विभूषित नित्य वन्दनीय ब्र. श्रीमत्स्वामी हरिहर तीर्थ जी महाराज का चतुस्त्रिंशत् (३४ वाँ) निवार्ण महोत्सव, एवं श्री हरिहर कैलास ज्ञानपीठ का द्वात्रिंशत् (३२ वाँ) वार्षिकोत्सव आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०६:३५ तक जन्मे शिशुओ का नाम पुष्य नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डा) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डी, डू, डे, डो) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:२८ से ०६:४३
कर्क – ०६:४३ से ०९:०४
सिंह – ०९:०४ से ११:२३
कन्या – ११:२३ से १३:४१
तुला – १३:४१ से १६:०२
वृश्चिक – १६:०२ से १८:२१
धनु – १८:२१ से २०:२५
मकर – २०:२५ से २२:०६
कुम्भ – २२:०६ से २३:३२
मीन – २३:३२ से २४:५५+
मेष – २४:५५+ से २६:२९+
वृषभ – २६:२९+ से २८:२४+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:१८ से ०६:३५
रज पञ्चक – ०६:३५ से ०६:४३
शुभ मुहूर्त – ०६:४३ से ०९:०४
चोर पञ्चक – ०९:०४ से ०९:५३
शुभ मुहूर्त – ०९:५३ से ११:२३
रोग पञ्चक – ११:२३ से १३:४१
शुभ मुहूर्त – १३:४१ से १६:०२
मृत्यु पञ्चक – १६:०२ से १८:२१
अग्नि पञ्चक – १८:२१ से २०:२५
शुभ मुहूर्त – २०:२५ से २२:०६
रज पञ्चक – २२:०६ से २३:३२
शुभ मुहूर्त – २३:३२ से २४:५५+
शुभ मुहूर्त – २४:५५+ से २६:२९+
रज पञ्चक – २६:२९+ से २८:२४+
शुभ मुहूर्त – २८:२४+ से २९:१८+
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपको किसी ना किसी कारण मानसिक क्लेश बना रहेगा। प्रत्येक कार्य को देख-भाल कर ही करेंगे फिर भी सफलता निश्चित नहीं रहेगी। सरकारी दखल बढ़ने से कार्य क्षेत्र पर दवाब रहेगा। हाथ लिए अनुबंध समय पर पूर्ण करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। आज आप किसी को भी खुश करने में असफल रहेंगे। काम का बोझ अधिक रहने के कारण स्वभाव में चिड़चिड़ाहट रहेगी जिससे प्रियजनों से दूरी बढ़ना संभव है। आज आप पुराने कार्यो को पूर्ण करने पर अधिक ध्यान दे इसके बाद ही नए कार्य हाथ लें। परिजनों की बात मानने में ही भलाई है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन कार्य क्षेत्र के साथ साथ घरेलु कार्य अधिक रहने से व्यस्तता बढ़ेगी। मध्यान का समय धन लाभ के अवसर भी मिलेंगे परन्तु आशा के अनुसार सफलता नहीं मिल पाएगी। घर में सजावट एवं बदलाव लाने के लिए समय एवं धन खर्च होगा। सन्तानो की जिद के चलते थोड़े असहज रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा कम रहने का पूरा लाभ मिल सकेगा। प्रतिष्ठा को लेकर आज आप अधिक संवेदनशील रहेंगे। अविवाहितो को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। नौकरी पेशा जातको को थोड़ी परेशानी रहेगी। संध्या का समय एकांत वास में बिताना पसंद करेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन भी थोड़ा उतार चढ़ाव वाला रहेगा। संबंधो में चाह कर भी मधुरता नहीं रख पाएंगे। परिजनों से बात-बात पर मतभेद बनेंगे। गलतफहमियां भी आज अधिक परेशान करेंगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से अधिक ध्यान देना पड़ेगा। आज आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य व्यक्ति ले सकता है। संभावित अनुबंध निरस्त होने से मन भारी रहेगा। धन लाभ के लिए किसी की मान गुहार करनी पड़ेगी। लंबी यात्रा की योजना स्थगित करनी पड़ सकती है। पारिवारिक खर्च अधिक बढ़ने से परेशानी होगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपके मन के विचार थोड़ी-थोड़ी देर में बदलते रहेंगे जिससे कोई भी ठोस निर्णय लेने में दिक्कत आएगी। परन्तु फिर भी आज आपका ध्यान सुख के साधनों की हर हाल में वृद्धि करने में रहेगा। अनैतिक साधनो से लाभ पाने के प्रलोभन भी मिल सकते है परन्तु इनसे बच कर रहे भविष्य की हानि से भी बचेंगे। लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु अनिर्णय की स्थिति के कारण इनका पूर्ण लाभ नहीं ले पाएंगे। अधिकांश कार्य आगे के लिए टलेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर आपकी छवि धनवानों जैसी रहेगी फिर भी आडंबर से दूर रहें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपके अपने ही बनते कार्यो में अड़चन डाल सकते है जिससे नया विवाद खड़ा होगा। धन को लेकर किसी से मामूली विवाद गंभीर रूप धारण कर सकता है इसलिए धन सम्बंधित मामलो को प्राथमिकता से निपटाएं। कार्य व्यवसाय में धन लाभ होते होते आगे के लिए टलेगा। खर्च यथावत बने रहने से आर्थिक समस्या बनेगी। अनावश्यक विषयो की चर्चा से दूरी बना कर रखे अन्यथा हास्य के पात्र बन सकते है। सामाजिक क्षेत्र पर स्वयं को बड़ा दिखाना भविष्य में मुसीबत खड़ी करेगा। परिजनों के लिए समय निकालें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज घर एवं सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारों को पसंद किया जाएगा। अनजान लोग भी आपकी बातों से प्रभावित होंगे नए मित्र एवं जनसंपर्क बनेंगे। सेहत भी आज अच्छी रहेगी परन्तु मध्यान के बाद दर्द की शिकायत रह सकती है। कार्य क्षेत्र पर अपने बल पर कार्य करेंगे। आज किसी से मदद अथवा शिफारिश नहीं लेंगे। पुराने रुके हुए कार्यो में आश्चर्यजनक रूप से गति आएगी। धन लाभ भी आकस्मिक ही होगा। बीच-बीच में मनोरंजन के अवसर मिलने से मन हल्का रहेगा। परिजन सहयोग करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपकी अपेक्षाओं के अनुसार रहेगा। सामाजिक एवं पारिवारिक क्षेत्र पर आज आप भाग्यशाली माने जाएंगे। आपके अधिकांश कार्य सरलता से बनते चले जाएंगे। जायदाद सम्बंधित कार्यो को आज करना शुभ रहेगा। सरकार की तरफ से लाभदायक समाचार मिल सकता है। विदेश सम्बंधित कार्यो में भी सफलता सुनिश्चित रहेगी। धार्मिक क्षेत्र पर योगदान के लिए सम्मानित किए जाएंगे। परिवार में भी आज आपको विशेष स्नेह एव सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। धन लाभ में थोड़ा विलम्ब हो सकता है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपको मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के पूर्वार्ध में शारीरिक रूप से असमर्थ रहेंगे आलस्य अधिक रहने से उत्साह की कमी रहेगी। परिवार में भी गर्मागर्मी का वातावरण रहने से असहजता होगी। परन्तु मध्यान तक स्थिति सुधरने लगेगी अपना उत्तरदायित्व समझेंगे किसी विशिष्ट व्यक्ति के मार्गदर्शन से कार्य क्षेत्र पर लाभ के अनुबंध मिलेंगे। सेहत भी धीरे-धीरे सामान्य हो जायेगी। सहकर्मियों का साथ मिलने से कार्य निश्चित अवधि में पूर्ण कर लेंगे। संध्या के समय धन लाभ होगा मनोरंजन पर खर्च भी रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप अपने ही गैरजिम्मेदार व्यवहार के कारण कष्ट उठाएंगे। कार्यो में लापरवाही भी अधिक रहेगी। हर कार्य में शक करने के कारण परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर तनातनी हो सकती है। व्यवसाय आशा के विपरीत रहेगा। धन लाभ आज मुश्किल से ही हो पायेगा। किसी दूर रहने वाले रिश्तेदार से दुःखद समाचार मिलेगा। परिवार में किसी की बीमारी पर खर्च होगा। सरकारी कार्यो के पीछे व्यर्थ की भाग दौड़ करनी पड़ेगी। सेहत का विशेष ध्यान रखें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आनंददायक रहेगा। आज आप लगभग प्रत्येक क्षेत्र पर सफल रहेंगे। सफलता के पीछे परिजनों का भी विशेष योगदान रहेगा फिर भी आज स्वार्थ की मनोवृत्ति अधिक रहने से किसी का अहसान नहीं मानेंगे। महिला मित्रो से ज्यादा नजदीकी के कारण समाज में निंदा हो सकती है। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहतर सिद्ध होगा। व्यापारियों के लिए आज का दिन कुछ ख़ास करेगा। मनोरंजन के साथ-साथ तामसी वृतियो में वृद्धि होगी। घर का वातावरण सामान्यतः शांत ही रहेगा फिर भी रंग में भंग ना पड़े इसका ध्यान रखे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपको संयमित व्यवहार करने की सलाह है। स्वाभाव में उग्रता रहने से स्वयं जनों से मन दुःख के प्रसंग बन सकते है। आपके कार्य करने का तरीका किसी अन्य के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। बिना बात बोलने अथवा सलाह देने के कारण सम्मान में कमी आएगी। कार्य परिश्रम के बाद भी अधरे रहेंगे। धन आवश्यकता के समय नहीं मिलने पर निराशा होगी। भाग-दौड़ करने के बाद किसी से अल्प मात्रा में मदद मिल जायेगी। परिजनों के विपरीत व्यवहार की अनदेखी करना ही बेहतर रहेगा। आध्यात्म से जुड़े शांति मिलेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से बेहतर अनुभव करेंगे। दिन के आरम्भ में किसी इच्छित कार्य के बनने से मन में उत्साह बढेगा। व्यवहार में भी मधुरता रहने से आसानी से अपने कार्य निकाल सकेंगे। थोड़ी बहुत स्वार्थ सिद्धि की भावना भी रहेगी। घर में अथवा कार्य क्षेत्र पर बड़बोलापन व्यर्थ की समस्या खड़ी ना करे इसलिए सोच समझ कर ही अपनी बात रखे अथवा मौन ही रहें। दोपहर के बाद कार्यो में बाधा आने लगेगी। सरकारी अथवा पुरानी योजनाओं में धन फंस सकता है। लेन देन करते समय सावधानी रखें। परिवार में आपसी मतभेद उभर सकते है।