*ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में धूमधाम से मना राज्य स्थापना दिवस।*
*मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं।*
*अमर शहीदों एवं राज्य आंदोलनकारियों को किया नमन।*
*नंदासैंण, मेहलचौरी व गैरसैंण में आयोजित होने वाले मेलों को स्वीकृत किये दो-दो लाख की धनराशि*
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) मे राज्य स्थापना दिवस की 23वीं वर्षगांठ पूरी गरिमा के साथ हर्षोल्लास से मनाई गई।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया और विधानसभा परिसर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी द्वारा बनाए गए इस युवा उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ हमें निरंतर प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड का चहुंमुखी विकास हो रहा है और हम भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं। हमारा प्रदेश आज 23 वर्ष का हो गया है। इस 23वें साल में उत्तराखण्ड ने देश के सबसे सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून को लागू होते हुए देखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने मातृशक्ति के हित में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये केदारखंड के साथ मानसखंड का भी विकास किया जा रहा है। भ्रष्टाचारियों पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से नारीशक्ति को सशक्त किया जा रहा है। शिक्षा एवं खेल नीति के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में चारधाम, कैंचीधाम एवं कांवड़ यात्रा के माध्यम से नए रिकॉर्ड बन रहे है। प्रदेश में रोड, रेल, रोपवे निर्माण के क्षेत्र सहित बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने हेतु लैंड जिहाद एवं लव जिहाद को रोकने के लिए सख्ती से काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को देश-विदेश के निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। उत्तराखण्ड की प्रगति एवं विकास हमारा एकमात्र लक्ष्य है, इस ध्येय की प्राप्ति के लिए हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम में जुटे हैं। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। सभी के सहयोग से हम इस संकल्प को पूर्ण करने में अवश्य सफल होंगे।
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण क्षेत्र के विकास के लिये कई घोषणायें भी की। जिसमें कारगिल शहीद स्व0 रणजीत सिंह आगरचटटी झिंगोड मोटर मार्ग का डामरीकरण, भराडीसैण थारकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण, रिखोली डिग्री कालेज मोटर मार्ग का निर्माण के साथ ही मेहलचौरी मेला, कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला गैरसैंण, पर्यावरण संबंर्द्धन पर्यटन विकास मेला नन्दासैण को 2-2 लाख देने की घोषणा शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसेंण-बुंगीधार मोटर मार्ग डबल लेन करने हेतु भी जल्द इसका आंकलन कराके स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
प्रदेश के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनपद के प्रभारी मंत्री डा.धन सिंह रावत ने प्रदेश वासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य आज स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में विकास की ओर निरंतर अग्रसर है। वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री और टीवी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने कहा की मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में हमारा प्रदेश निरतंर विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने जिले में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए सीएम का आभार व्यक्त करते विधानसभा क्षेत्र से सात सूत्री मांग भी मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी।
राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस एवं एनसीसी जवानों ने विधानसभा परिसर में भव्य सेरेमोनियल परेड का आयोजन किया गया। स्कूली छात्र-छात्राओं एवं सांस्कृतिक दलों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण भी किया।
इस अवसर पर थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, राज्य मंत्री रमेश गडिया, ब्लाक प्रमुख शशि सौर्याल, पुलिस महानिरीक्षक के.एस नगन्याल, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, एसडीएम संतोष कुमार सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि उपस्थित रहे।
*राज्य स्थापना दिवस पर प्रदर्शित की गई ‘‘केदारखण्ड से मानसखण्ड’’ झांकी*
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद रहे। विभागों द्वारा प्रदर्शित झांकियों के माध्यम से राज्य के समग्र विकास एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य, जैवविविधता, धार्मिक, अध्यात्म के साथ साहसिक पर्यटन गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध करायी गई।
इस अवसर पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रदर्शित ‘‘केदारखण्ड से मानसखण्ड’’ झांकी के माध्यम से राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता, हिमाच्छादित उच्च पर्वत श्रृंखलाओं की समग्रता से परिचित कराने का प्रयास किया गया।
महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गई जिसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में जागेश्वर महादेव के साथ करीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।
महानिदेशक सूचना ने कहा कि सदियों से उत्तराखण्ड की देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रही है। गढ़वाल क्षेत्र के बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री के साथ अन्य मंदिरों का वर्णन जहां केदारखण्ड में वर्णित है वहीं मानसखण्ड के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के जागेश्वर बागेश्वर सहित अन्य मंदिर समूह राज्य को देवभूमि बनाते है। इसके साथ ही हिमालय की चोटियों में स्थित ऊं पर्वत आदि कैलाश पार्वती कुण्ड इसकी दिव्यता को विशिष्ट पहचान दिलाते है। इसके अतिरिक्त कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क सहित अन्य अभयारण्य समृद्ध जैव विविधता से भी परिचित कराते है। इन विषयों को झांकी में सामिल किये जाने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं में मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके तहत जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत कुँमाऊ मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक/ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देश-विदेश से तीर्थयात्री/पर्यटकों को यहाँ आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके।
विभाग द्वारा प्रस्तुत झांकी ‘‘केदारखण्ड से मानसखण्ड’’ की परिकल्पना एवं प्रस्तुतीकरण संयुक्त निदेशक श्री कलम सिंह चौहान के नेतृत्व में किया गया। प्रस्तुत की गई झांकी को काफी सराहना भी मिली।
*हमारे प्रिय उत्तराखंड से जुड़े अनोखे तथ्य*
■ उत्तराखंड पहले उत्तर प्रदेश राज्य का ही एक हिस्सा था, जो 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षों के आंदोलन के बाद अपने अस्तित्व में आया।
■ उत्तराखंड में स्थित *कॉर्बेट नेशनल पार्क* भारत का सबसे पहला राष्ट्रीय उद्यान है जिसे 8 अगस्त1936 को *हेली नेशनल पार्क* नाम से स्थापित किया गया था।
■ उत्तराखंड राज्य में स्थित *नंदा देवी* भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई *7816 मीटर* है।
■ हिंदू मान्यताओं में सबसे पवित्र नदियों में से गंगा और यमुना का उदगम उत्तराखंड के गंगोत्री और यमुनोत्री में है।
■ भारत का सबसे बड़ा बांध टिहरी बाँध उत्तराखंड के टिहरी जिले में है जोकि भागीरथी नदी पर बनाया गया है।
■ उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर हिंदू मान्यताओं के अनुसार सबसे पवित्र स्थान है क्योंकि इसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
■ हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है जो हिमालय में 4632 मीटर की ऊंचाईपर एक बर्फीली झील के किनारे 7 पहाड़ों के बीच में स्थित है।
■ विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ उत्तराखंड में है जिसकी ऊंचाई 3680 मीटर है।
■ भारत के चार पवित्र तीर्थ स्थलों में से उत्तराखंड का हरिद्वार एक है जहां कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
■ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित *रूपकुंड झील* विश्व भर में विख्यात है क्योंकि बर्फीले पहाड़ों के बीच स्थित इस स्थान पर बिखरे नर कंकाल रहस्यमय और रोमहर्षक कथानक के वाहक हैं।
■ विश्वप्रसिद्ध *फूलों की घाटी* जो कि उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है। यह घाटी UNESCO द्वारा सन 1982 में *विश्व धरोहर स्थल* घोषित की गई है।
■ *नन्दादेवी बायोस्फियर रिज़र्व* को भी यूनेस्को द्वारा *विश्व धरोहर स्थल* घोषित किया है। इस तरह उत्तराखंड में दो विश्व धरोहर स्थल हैं।
■ देहरादून जिले में स्थित *आसन संरक्षण आरक्ष* को *रामसर साइट* घोषित किया गया है।
■ उत्तराखंड के मसूरी में स्थित *सवॉय होटल* को भारत के रहस्यमई होटल में से गिना जाता है।
इस होटल का निर्माण साल 1910 में करवाया गया था । 1911 में एक ब्रिटिश महिला लेडी गारनेट ऑरमे रहने आई थी।
लेकिन कुछ समय बाद लेडी गारनेट ऑरमे की होटल में रहस्यमई तरीके से मृत्यु हो गई और लेडी गारनेट ऑरमे की लाश कई दिनों बाद कमरे से बरामद की गई थी।
इसके बाद भी लाश एकदम fresh थी। लेडी गारनेट ऑरमे की मौत कैसे हुई आज तक भी रहस्य है?
■ उत्तराखंड में नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित *कैंची धाम* जो कि नीम करोली बाबा का मंदिर है।
_फेसबुक और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग जैसी कई बड़ी हस्तियां बाबा के भक्त हैं। प्रसिद्ध लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने बाबा पर एक पुस्तक ,*’मिरेकल ऑफ लव’* लिखी है।_
■ भारत के शीर्ष दो पर्वतारोहण संस्थान उत्तराखंड में हैं। उत्तरकाशी में *नेहरू पर्वतारोहण संस्थान* 1965 में स्थापित किया गया था और यह देश के सबसे प्रसिद्ध संस्थानों में से एक है। दूसरा *पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान,* मुनस्यारी, पिथौरागढ जिले में स्थित है।
■ उत्तराखंड का ऋषिकेश *विश्व की योग राजधानी है!* यहां कई प्रसिद्ध योग और ध्यान संस्थान है।
■ उत्तराखंड में प्रसिद्ध *पंच प्रयाग* (नदियों के संगम का स्थान) देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, रुद्रप्रयाग और विष्णुप्रयाग हैं।
■ विश्व प्रसिद्ध *वन अनुसंधान संस्थान* देहरादून में स्थित है।
■ भारत के प्रमुख स्थान *भारतीय सैन्य अकादमी, ओ एन जी सी, भारतीय सर्वेक्षण, भारतीय वन सर्वेक्षण, मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, बोटानिकल सरवे ऑफ इंडिया, लालबहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी* आदि उत्तराखंड में ही स्थित हैं।
■ जगप्रसिद्ध *दून स्कूल* भी यहीं स्थित है।
■ अलौकिक *ब्रह्म कमल* उत्तराखंड का राज्य पुष्प है। इस खूबसूरत सफेद फूल को बहुत पवित्र माना जाता है।
■ उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो बाघ, हाथी, मगरमच्छ और कोबरा साँप पाए जाने की अन्तिम सीमा है।
*यह सूची बहुत लम्बी है, परन्तु आज के लिए इतना ही पर्याप्त है। _हमारे पास समुद्र के सिवा सबकुछ है।_ यूँ तो बहुत कुछ कहा जा सकता है उत्तराखंड के बारे में, परन्तु आज स्थापना दिवस के कारण कोई नकारात्मक बातों का स्मरण करना श्रेयस्कर नहीं है।*शुभ उत्तराखंड दिवस!!*🇮🇳🇮🇳🇮🇳