🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻रविवार, १० अप्रैल २०२२🌻
सूर्योदय: 🌄 ०६:०५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:३६
चन्द्रोदय: 🌝 १२:२१
चन्द्रास्त: 🌜२६:४८
अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय
ऋतु: 🌿 बसंत
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)
मास 👉 चैत्र
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 नवमी (२७:१५ तक)
नक्षत्र 👉 पुष्य (पूर्ण रात्रि तक)
योग 👉 सुकर्मा (१२:०४ तक)
प्रथम करण 👉 बालव (१४:२३ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (२७:१५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मीन
चंद्र 🌟 कर्क
मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मेष (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 मकर (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५३ से १२:४४
अमृत काल 👉 २३:५० से २५:३५
रविपुष्य योग 👉 पूरे दिन
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन
रवियोग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:२८ से १८:५२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:४१ से १९:४८
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५५ से २४:४०
राहुकाल 👉 १७:०५ से १८:४१
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:१८ से १३:५४
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्र वास 👉 उत्तर
शिववास 👉 गौरी के साथ (२७:१५ से सभा मे)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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श्रीराम नवमी (श्रीराम जन्मोत्सव), (नवरात्री के नवम दिवस आदि शक्ति माँ दुर्गा के नवे सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना), नवरात्री विधान पूर्ण आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ३०:२१ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पुष्य नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (हू, हे, हो, डा) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मीन – २८:४७ से ०६:११
मेष – ०६:११ से ०७:४४
वृषभ – ०७:४४ से ०९:३९
मिथुन – ०९:३९ से ११:५४
कर्क – ११:५४ से १४:१६
सिंह – १४:१६ से १६:३५
कन्या – १६:३५ से १८:५२
तुला – १८:५२ से २१:१३
वृश्चिक – २१:१३ से २३:३३
धनु – २३:३३ से २५:३६
मकर – २५:३६ से २७:१७
कुम्भ – २७:१७ से २८:४३
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:५६ से ०६:११
मृत्यु पञ्चक – ०६:११ से ०७:४४
अग्नि पञ्चक – ०७:४४ से ०९:३९
शुभ मुहूर्त – ०९:३९ से ११:५४
रज पञ्चक – ११:५४ से १४:१६
शुभ मुहूर्त – १४:१६ से १६:३५
चोर पञ्चक – १६:३५ से १८:५२
शुभ मुहूर्त – १८:५२ से २१:१३
रोग पञ्चक – २१:१३ से २३:३३
शुभ मुहूर्त – २३:३३ से २५:३६
मृत्यु पञ्चक – २५:३६ से २७:१५
अग्नि पञ्चक – २७:१५ से २७:१७
शुभ मुहूर्त – २७:१७ से २८:४३
रज पञ्चक – २८:४३ से २९:५५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपका आज का दिन भी विषम परिस्थितियों वाला रहेगा। दिन के आरंभ में ही कोई अशुभ समाचार मिलने से मन हताश रहेगा। कार्य व्यवसाय में से भी आज निराशा ही हाथ लगेगी। ध्यान रहे आज धन लाभ के लिए किसी के सहयोग एवं मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ेगी इसलिए रूखे व्यवहार से बचें आज आप केवल व्यवहारिकता के बल पर ही लाभ कमा सकते है। घर मे भी किसी सदस्य के हाथ नुकसान होने की संभावना है इसको अनदेखा करना ही बेहतर रहेगा अन्यथा पहले से ही उग्र वातावरण अधिक गंभीर हो सकता है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए विशेष शुभ रहेगा। धन लाभ के साथ-साथ संबंधों में भी निकटता का अहसास होगा। व्यवसाय क्षेत्र पर भी सहयोगी वातावरण मिलने से निश्चित समय पर कार्य पूर्ण कर लेंगे। पूर्व नियोजित कार्यो के अलावा भी अन्य आय के स्त्रोत्र बनेंगे। आज आपके व्यवहार से कुछ ऐसे संबंध बनेंगे जिनसे लंबे समय तक लाभ प्राप्त किया जा सकेगा। घर मे अविवाहितों के लिए रिश्ते आएंगे लेकिन पक्के होने में संशय रहेगा। मनपसंद भोजन वस्त्र एवं अन्य सुख मिलने से प्रसन्नचित रहेंगे।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप अधिकांश कार्यो में लापरवाही दिखाएंगे जिससे उचित लाभ मिलने में विलंब के साथ ही कमी भी आएगी। स्वयं का काम छोड़ अन्य लोगो के कार्य मे रुचि लेना हानि कराएगा। किसी के झगड़े में टांग ना अड़ाए मान हानि हो सकती है। आर्थिक उलझने किसी के टोकने पर ही परेशान करेंगी अन्य समय इनको लेकर भी बेपरवाह ज्यादा रहेंगे। घर मे किसी सदस्य के मनमाने व्यवहार के कारण माहौल थोड़ा गरम हो सकता है। शारीरिक स्फूर्ति आज कम रहेगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपकी मनोवृति सुखोपभोग की अधिक रहेगी जिस वजह से कार्य क्षेत्र पर पूर्ण ध्यान नही दे पाएंगे फिर भी आज धन लाभ के अवसर मिलते रहेंगे। जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उनके निर्णय आरंभिक व्यवधान के बाद आपके ही पक्ष में रहेंगे। सरकारी कार्यो भी आज किसी के सहयोग मिलने से आगे बढ़ेंगे। सार्वजनिक कार्यो में अरुचि रहेगी। लंबी धार्मिक तीर्थ स्थानों की यात्रा के प्रसंग बन सकते है। पारिवारिक वातावरण लगभग सामान्य ही रहेगा। संतानो के ऊपर खर्च होगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप किसी ना किसी उलझन में फंसे रहेंगे। दिन का अधिकांश समय अनर्गल कार्यो में बर्बाद होगा। लोग आपके मन के विपरीत कार्य करवाने को बाध्य करेंगे जिसमें निकट भविष्य में हानि ही होगी। कार्य व्यवसाय में देरी के कारण सौदे निरस्त हो सकते है। आज किसी पारिवारिक सदस्य के गलत आचरण के कारण सम्मान में कमी आने की भी संभावना है। क्रोध पर नियंत्रण अतिआवश्यक है वरना उलझने कम होने की जगह ज्यादा गंभीर बनेंगी। धन लाभ आकस्मिक लेकिन अल्प मात्रा में ही होगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपको आकस्मिक धन लाभ कराएगा। आज जिन कार्यो अथवा व्यवहारों से उम्मीद नही रहेगी उनसे भी आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। व्यवहार में थोड़ी चंचलता रहने से आस-पास के लोग असहज अनुभव करेंगे फिर भी मसखरा स्वभाव आपकी उदंडता पर पर्दा डालेगा। पारिवारिक सदस्य तीर्थ स्थल की यात्रा पर जाने की योजना बनाएंगे इसके लिए अधिक खर्च भी करना पड़ेगा। आज सामर्थ्य से अधिक खर्च करने पर आर्थिक उलझनों में पड़ सकते है। कार्य व्यवसाय में शुरुआती मंदी के बाद गति आएगी धन लाभ प्रचुर मात्रा में होगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप कार्यो में व्यस्त रहने के बाद भी दिन का भरपूर आनंद उठाएंगे। मन इच्छित कार्य होने से हास-परिहास का वातावरण बना रहेगा। कार्य-व्यवसाय में थोड़ा अधिक परिश्रम करना पड़ेगा लेकिन इसका उचित लाभ भी अवश्य मिलेगा। कार्य स्थल पर लोगो को आपकी कार्य शैली पसंद आएगी अधिकारी वर्ग भी आप पर कृपा दृष्टि बनाये रखेंगे। आपकी आवश्यकता लोगो को आज अधिक रहने से सम्मान के साथ धन लाभ के अवसर भी मिलते रहंगे। गृहस्थ में पूर्ण ध्यान नही देने से किसी की नाराजगी देखनी पड़ेगी लेकिन कुछ समय के लिए ही।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप कार्य-व्यवसाय में असहयोग की स्थिति बनने पर उग्र हो सकते है। सहयोगी आवश्यक कामो में लापरवाही दिखाएंगे। सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय आपको स्वयं ही लेने पड़ेंगे जिससे कुछ समय के लिए असमंजस की स्थिति बनेगी फिर भी इससे किसी वरिष्ठ के सहयोग से बाहर निकल सकेंगे। धन लाभ आज आवश्यकता अनुसार लेकिन प्रयत्न करने पर ही होगा। आज आप पुरानी स्मृतियां ताजा होने से कुछ समय के लिए काल्पनिक दुनिया मे भी खोये रहेंगे। दाम्पत्य जीवन मे अहम के कारण खटास आ सकती है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपका आज का दिन भी अशुभ रहने से अधिक सावधानी बरतने की सलाह है। सेहत का आज विशेष ध्यान रखें परिवार में बीमारी का प्रकोप अथवा अन्य आकस्मिक दुर्घटना होने की संभावना है। दवाओं पर भी आज अतिरिक्त खर्च करना पड़ सकता है। भोजन की असंयमितता पेट खराबी का कारण बनेगी। कार्य व्यवसाय से भी आज किसी की खुशामद के बाद ही लाभ के योग बन पाएंगे। पारिवारिक वातावरण आज अस्त-व्यस्त अधिक रहेगा। विद्यार्थी वर्ग पढ़ाई में आना-कानी करेंगे।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको आर्थिक रूप से सबल बनाने में सहयोग करेगा। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा आज कुछ कम रहेगी जिसका फायदा अवश्य उठाएंगे। नौकरी पेशा जातको को अधिकारी वर्ग का प्रोत्साहन मिलने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। आज आप स्वयं के कार्य के साथ ही परिचितों के कार्यो में भी सहयोग करेंगे। घर एवं बाहर के लोग आपकी प्रसंशा अवश्य करेंगे। सरकारी अथवा पैतृक संबंधित मामलों में विजय के साथ ही भविष्य के लिए लाभ सुनिश्चित होगा। गृहस्थ जीवन मे थोड़ा उतार चढ़ाव लगा रहेगा फिर भी संतोष की अनुभूति होगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी आपके लिए लाभदयक रहेगा फिर भी ध्यान रखें आज किसी के गलत मार्गदर्शन अथवा गलतफहमी में पड़ने से लाभ के अवसर किसी अन्य के पास भी जा सकते है। धन लाभ भी आपके परिश्रम की तुलना में अधिक हो सकता है परंतु इसके लिए कार्य क्षेत्र पर अनर्गल बातो को छोड़ लक्ष्य को केंद्रित रकह कार्य करें। दैनिक उपभोग के खर्च आसानी से निकल जाएंगे। आज कोई आपकी भावुकता का गलत फायदा भी उठा सकता है। आंख बंद कर किसी पर विश्वास ना करें। लंबी यात्रा की योजना बनेगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के आरंभ में दैनिक कार्यो को पूर्ण करने की जल्दी में कुछ हानि हो सकती है। इसके बाद का समय अधूरे कार्यो को पूर्ण करने में बीतेगा मध्यान तक परिश्रम का फल ना मिलने से निराशा रहेगी परन्तु संध्या के समय धन की आमद होने लगेगी व्यवसाय में आज विस्तार ना करें निवेश भी सोच समझ कर ही करें। नौकरी पेशा जातक कार्यभार बढ़ने से थकान अनुभव करेंगे। घर मे मांगलिक आयोजन हो सकता है। कुछ मतभेद के बाद भी शांति बनी रहेगी।
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〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏
क्षीर सागर में भगवान बिष्णु शेष शैय्या पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मीजी उनके पैर दबा रही हैं। बिष्णुजी के एक पैर का अंगूठा शैय्या के बाहर आ गया और लहरें उससे खिलवाड़ करने लगीं।
क्षीरसागर के एक कछुवे ने इस दृश्य को देखा और मन में यह बिचार कर कि मैं यदि भगवान बिष्णु के अंगूठे को अपनी जिह्वा से स्पर्श कर लूं तो मेरा मोक्ष हो जायेगा, यह सोच कर उनकी ओर बढ़ा।
उसे भगवान बिष्णु की ओर आते हुये शेषनाग ने देख लिया और कछुवे को भगाने के लिये जोर से फुंफकारा, फुंफकार सुन कर कछुवा भाग कर छुप गया।
कुछ समय पश्चात् जब शेषनाग जी का ध्यान हट गया तो उसने पुनः प्रयास किया। इस बार लक्ष्मीदेवी की दृष्टि उस पर पड़ गई और उन्होंने उसे भगा दिया।
इस प्रकार उस कछुवे ने अनेकों प्रयास किये पर शेष नाग और लक्ष्मी माता के कारण उसे सफलता नहीं मिली। यहां तक कि सृष्टि की रचना हो गई और सतयुग बीत जाने के बाद त्रेता युग आ गया।
इस मध्य उस कछुवे ने अनेक बार अनेक योनियों में जन्म लिया और प्रत्येक जन्म में भगवान की प्राप्ति का प्रयत्न करता रहा। अपने तपोबल से उसने दिब्य दृष्टि प्राप्त कर लिया था।
कछुवे को पता था कि त्रेता युग में वही क्षीरसागर में शयन करने वाले बिष्णु राम का और वही शेषनाग लक्ष्मण का व वही लक्ष्मीदेवी सीता के रूप में अवतरित होंगे तथा बनवास के समय उन्हें गंगा पार उतरने की आवश्यकता पड़ेगी। इसीलिये वह भी केवट बन कर वहां आ गया था।
एक युग से भी अधिक काल तक तपस्या करने के कारण उसने प्रभु के सारे मर्म जान लिये थे, इसीलिये उसने रामजी से कहा था कि मैं आपका मर्म(भेद) जानता हूं।*
सन्त श्री तुलसीदासजी भी इस तथ्य को जानते थे, इसीलिये अपनी चौपाई में केवट के मुख से कहलवाया है किः-
“कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना”।
केवल इतना ही नहीं, इस बार केवट इस अवसर को किसी भी प्रकार हाथ से जाने नहीं देना चाहता था। उसे याद था कि शेषनाग क्रोध कर के फुंफकारते थे और मैं डर जाता था।
अबकी बार वे लक्ष्मण के रूप में मुझ पर अपना बाण भी चला सकते हैं, पर इस बार उसने अपने भय को त्याग दिया था, लक्ष्मण के तीर से मर जाना उसे स्वीकार था पर इस अवसर को खो देना नहीं।
इसीलिये विद्वान सन्त श्री तुलसीदासजी ने लिखा हैः-
(हे नाथ! मैं चरणकमल धोकर आप लोगों को नाव पर चढ़ा लूंगा; मैं आपसे उतराई भी नहीं चाहता। हे राम! मुझे आपकी दुहाई और दशरथजी की सौगन्ध है, मैं आपसे बिल्कुल सच कह रहा हूं। भले ही लक्ष्मणजी मुझे तीर मार दें, पर जब तक मैं आपके पैरों को पखार नहीं लूंगा, तब तक हे तुलसीदास के नाथ! हे कृपालु! मैं पार नहीं उतारूंगा)।
तुलसीदासजी आगे और लिखते हैंः –
केवट के प्रेम से लपेटे हुये अटपटे बचन को सुन कर करुणा के धाम श्री रामचन्द्रजी जानकी और लक्ष्मण की ओर देख कर हंसे। जैसे वे उनसे पूछ रहे हैं- कहो, अब क्या करूं, उस समय तो केवल अंगूठे को स्पर्श करना चाहता था और तुम लोग इसे भगा देते थे पर अब तो यह दोनों पैर मांग रहा है!
केवट बहुत चतुर था। उसने अपने साथ ही साथ अपने परिवार और पितरों को भी मोक्ष प्रदान करवा दिया। तुलसीदासजी लिखते हैंः-
चरणों को धोकर पूरे परिवार सहित उस चरणामृत का पान करके उसी जल से पितरों का तर्पण करके अपने पितरों को भवसागर से पार कर फिर आनन्दपूर्वक प्रभु श्री रामचन्द्र को गंगा के पार ले गया।
उस समय का प्रसंग है… जब केवट भगवान् के चरण धो रहे हैं।
बड़ा प्यारा दृश्य है, भगवान् का एक पैर धोकर उसे निकालकर कठौती से बाहर रख देते हैं, और जब दूसरा धोने लगते हैं।
तो पहला वाला पैर गीला होने से जमीन पर रखने से धूल भरा हो जाता है।
केवट दूसरा पैर बाहर रखते हैं, फिर पहले वाले को धोते हैं, एक-एक पैर को सात-सात बार धोते हैं।
फिर ये सब देखकर कहते हैं, प्रभु, एक पैर कठौती में रखिये दूसरा मेरे हाथ पर रखिये, ताकि मैला ना हो।
जब भगवान् ऐसा ही करते हैं तो जरा सोचिये … क्या स्थिति होगी, यदि एक पैर कठौती में है और दूसरा केवट के हाथों में ।
भगवान् दोनों पैरों से खड़े नहीं हो पाते बोले- केवट मैं गिर जाऊंगा ?
केवट बोला- चिन्ता क्यों करते हो भगवन् !
दोनों हाथों को मेरे सिर पर रख कर खड़े हो जाईये, फिर नहीं गिरेंगे।
जैसे कोई छोटा बच्चा है जब उसकी मां उसे स्नान कराती है तो बच्चा मां के सिर पर हाथ रखकर खड़ा हो जाता है, भगवान् भी आज वैसे ही खड़े हैं।
भगवान् केवट से बोले- भईया केवट! मेरे अन्दर का अभिमान आज टूट गया…
केवट बोला- प्रभु! क्या कह रहे हैं ?
भगवान् बोले- सच कह रहा हूं केवट, अभी तक मेरे अन्दर अभिमान था, कि…. मैं भक्तों को गिरने से बचाता हूं पर..
आज पता चला कि, भक्त भी भगवान् को गिरने से बचाता है।
🙏🙏 जय सियाराम जी की 🙏🙏
#कृष्ण_की_रणनीति
यह तो तय है जो मैं 2015 से लिखता आ रहा हूँ कि गृहयुद्ध को कोई रोक नहीं सकता बस दोंनों पक्ष अपनी चालें चल रहे हैं।
सौभाग्य से हमारा नेतृत्व भोलेनाथ का पुजारी जरूर है पर कूटनीति के लिए राम और कृष्ण को गुरू बना रखा है।
श्रीराम ने अंगद को क्यों भेजा और कृष्ण स्वयं दूत बनकर दुर्योधन के दरबार में क्यों गये थे? जबकि पता था कि शत्रु मानेगा नहीं।
‘सबका साथ सबका विकास’ भी वही है कि देखो बाकी सेक्यूलरिज्म के नशे में सोए हुए हिंदुओ ‘ये लोग’ न आपका साथ चाहते हैं न विकास बल्कि ये तो आपका विनाश चाहते हैं।
-अंगद, विभीषण व युयुत्सु ने न केवल अपनी सैन्य सेवाएं दीं बल्कि नैतिक बल भी दिया।
शहजाद पूनावाला, तारिक फतेह आदि डिबेट में जिस तरह मौलानाओं की धज्जियां उड़ाते हैं वैसे तो सुधाँशुजी को छोड़ दें तो कोई अन्य प्रवक्ता नहीं कर पाता।
-लंका का घेराव करके बाहरी मदद रोक दी थी राम जी ने।
खाड़ी देशों द्वारा इनकी फंडिंग बंद की जा चुकी है।
-श्रीराम के पक्ष में अगस्त्य और कृष्ण के पक्ष में वेदव्यास जी द्वारा जनसामान्य का संगठन किया गया।
द कश्मीर फाइल्स जैसी मूवी को प्रमोट कर जनसामान्य को जागृत कर शत्रुबोध उत्पन्न किया गया ताकि वे कोई विक्टिम कार्ड न खेल सकें और साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर हिजाब, अजान आदि के प्रश्नों द्वारा आक्रमण किया जा रहा है ताकि वे रक्षात्मक हो जाएं और हमारे लोग आक्रामक। अगली बारी सड़कों पर दरगाहों और फिर UCC की है।
-कृष्ण ने अर्जुन को कर्ण से तब तक ना भिड़ने दिया जब तक कि कर्ण की शक्ति घटोत्कच के ऊपर चलवाकर जाया न कर दिए।
नैरेटिव का ये खेल अब तब तक चलेगा जब तक पाकिस्तान विखंडित न हो जाये और उसके बाद गिलगित बाल्टिस्तान पर कब्जा।
यूक्रेन युद्ध के समय भारत के रुख से एहसानमंद रूस कम से इतना अवश्य करेगा कि चीन को आक्रमण करने से विरत कर दे।
इस सबसे मजहबी उन्मादियों का मनोबल इतना गिर चुका होगा कि वे सहज रूप से पुलिस, हिंदू मिलीशिया का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।
इसके बाद होगी ‘सामूहिक घरवापसी’।
यानि,
हम ‘कृष्ण की रणनीति’ के द्वितीय फेज में
प्रवेश कर चुके हैं क्योंकि मु स्लिमों की बेचैनी बता रही है कि मोदी की रणनीति में उनकी हालत क्या है और दिन ब दिन मोदी हिंदुओं को तकनीकी तौर पर उनसे आगे करता जा रहा है।
एक बार बस गिलगित बाल्टिस्तान आ जाये फिर शुरू होगा–“अथ श्री महाभारत कथा।”राधे राधे ॥ आज का भगवद चिन्तन 
*भगवान श्री राम के प्राकट्य उत्सव की*
💐 *।। बहुत बहुत बधाई।💐
🕉️ मात्र केवल राम-राम जपने से ही कोई भगवान राम का प्रिय नहीं बन जाता। श्रीराम जैसा जीवन जीकर ही श्रीराम का प्रिय बना जा सकता है। अयोध्या की सत्ता अगर वो स्वीकार कर लेते तो राजा राम बन जाते पर सत्ता को ठोकर मारकर वो हर दिल के राजा बन गए ।
🕉️ पूरी दुनिया में भगवान श्री के राम जैसा व्यक्तित्व आज तक नहीं हुआ। अच्छे शासक का यही तो गुण होता है दुखी – पीड़ितों के द्वार पर स्वयं पहुँच जाये। अच्छा पुत्र वही तो होता है जो पिता के सम्मान की रक्षा के लिए वन-वन जाने को तैयार हो जाता है। अच्छे भाई का यही तो गुण होता है जो अपने भाई को सुख देंने के लिए स्वयं सुखों को छोड़ दे।
🕉️ एक आदर्श पुत्र, आदर्श पिता, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श शिष्य, आदर्श मित्र, आदर्श राजा सब गुण श्रीराम के भीतर थे। उनका एक भी गुण आपके भीतर आ जाये तो समझना आपने रामायण पूरी पढ़ ली। धर्म क्या है ? भगवान् श्री राम के सम्पूर्ण जीवन को देख लो, समझ आ जायेगा।
🇮🇳🌹🙏🏻🕉️ *जय श्री सूर्यनारायण*🙏🏻🌹🇮🇳
