अलास्का में एक हो गये ट्रम पुतिन : यूक्रेन के कॉमेडियन जेलैंस्की को छोड़ दिया उसके हाल पर, चक्रव्यूह में अभिमन्यु कैसे मारा गया! क्या भारत में भी मोदी के विरूद्ध रचा जा रहा है राजनीतिक चक्रव्यूह?

#इतिहास बदल सकता है #यूक्रेन वापस रूस का हिस्सा बन सकता है। #यूक्रेन का #पप्पू पागल #जेलेंस्की यूक्रेन को बर्बाद कर चुका है। बता दें कि यूक्रेन पहले सोवियत संघ में रूस का ही हिस्सा था, यहां रूस की सैन्य हथियारों की फैक्ट्रियां थी। तब अमेरिकी डीप स्टेट ने  सोवियत संघ में #गोर्वाचोव नाम व्यक्ति को इम्प्लांट किया, गोर्वाचोव सोवियत संघ में #ग्लासनोस्त व #प्रेरिस्त्रोइका अर्थात् खुलापन और उदारीकरण का लोक लुभावने नारे देते देते दस वर्ष में ही सोवियत संघ को विघटित कर गया। #यूक्रेन भी अलग हो गया। फिर अमेरिका ने #टीशर्ट पहनने वाले वहां के एक #कॉमेडियन जेलेंस्की को यूक्रेन का मुखिया बनवाया दिया, उसी कॉमेडियन #जेलेंक्सी को चने के झाड़ पर चढा कर रूस जैसी महाशक्ति के सामने #भिड़ा दिया। पिछले तीन वर्ष से रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है #यूक्रेन लगभग पूरा #बर्बाद ही हो गया, अब अमेरिका रूस के साथ अलास्का में #गलबंहिंया करने लगा है। अलास्का एक दौर में रूस का ही हिस्सा था जिसे गरीबी के दौर अमेरिका ने खरीद दिया था। लेकिन अलास्का में आज भी रसियन कल्चर बहुत बचा है। इस लिए ब्लादिमीर पुतिन अलास्का में वार्ता के लिए राजी हुए, अलास्का रूस से लभग पचास किलोमीटर दूरी पर है जहां रुसी फाईटर जैट पुतिन की सुरक्षा में रेडी हैं।
इसलिए कह रहे हैं कामेडियन #पप्पू चाहे #यूक्रेन का हो या कहीं और का इसे हल्के में मत लेना #डीपस्टेट उसके माध्यम से उसी देश को #बर्बाद कर सकता है ✍️हरीश मैखुरी 

  • अलास्का के एंकोरेज में रूस और अमेरिका के राष्ट्रपतियों का शिखर सम्मेलन यूक्रेन युद्ध पर चर्चा के लिए हुआ था.

  • ट्रंप और पुतिन की लगभग तीन घंटे की बैठक में कोई निर्णायक समझौता या सीजफायर पर सहमति नहीं बन पाई.
  • बैठक में दोनों नेताओं के साथ उनके वरिष्ठ सलाहकार भी शामिल थे, जिन्होंने वार्ता को गहन और रचनात्मक बताया

शुक्रवार को अलास्‍का के एंकोरेज में तापमान 17 डिग्री सेल्सियस था. मौसम तो बसंत का लग रहा था लेकिन फिर भी दुनिया ने कई देशों ने यहां पर गर्मी का अहसास किया था. इस गर्मी की वजह थी रूस और अमेरिका के राष्‍ट्रपतियों का शिखर सम्‍मेलन. यूक्रेन में युद्ध का क्‍या होना चाहिए, इस मसले पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ एंकोरेज में एक अहम मीटिंग की. पुतिन का रेड कारपेट वेलकम और ट्रंप के बी-2 बॉम्‍बर वाले इस सम्‍मेलन को लेकर कई लोगों की उत्‍सुकताओं को बढ़ा दिया था. हर कोई जानने को बेरकरार था कि फरवरी 2022 में जिस युद्ध की शुरुआत हुई थी क्‍या वह अब 2025 में खत्‍म होगा या नहीं? जिस सीजफायर के बारे में ट्रंप पिछले हफ्ते तक बात कर रहे थे, उस शब्‍द का एकबार भी जिक्र नहीं हुआ तो जाहिर सी बात है कि इस पर कोई डील भी नहीं हुई है. बल्कि अब ‘मॉस्‍को समिट’ की चर्चाएं होने लगी हैं. 

पहले मिलना था अकेले 

ट्रंप और पुतिन यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्‍म करने पर चर्चा करने के लिए मिले थे. अमेरिका के मिलिट्री बेस पर पहुंचने के बाद ट्रंप ने पुतिन का शानदार स्‍वागत किया. पुतिन के रेड कारपेट वेलकम के बाद और ट्रंप की गर्मजोशी के बाद ऐसा लगा कि मानों दोनों नेता दुनिया को अच्‍छी खबर देने वाले हैं. दोनों नेता पहले अकेले वार्ता करने वाले थे लेकिन फिर इस योजना में सलाहकारों को भी शामिल करने का फैसला किया गया. जहां ट्रंप के साथ  उनके विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ थे तो पुतिन के साथ सर्गेई लावरोव और क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव मौजूद थे

2.45 घंटे बात और 9 मिनट की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस…यूक्रेन पर हुआ क्या? ट्रंप-पुतिन मुलाकात की इनसाइड स्‍टोरी

ट्रंप और पुतिन यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्‍म करने पर चर्चा करने के लिए मिले थे. अमेरिका के मिलिट्री बेस पर पहुंचने वाले हैं 

अलास्का के एंकोरेज में रूस और अमेरिका के राष्ट्रपतियों का शिखर सम्मेलन यूक्रेन युद्ध पर चर्चा के लिए हुआ था.
  • ट्रंप और पुतिन की लगभग तीन घंटे की बैठक में कोई निर्णायक समझौता या सीजफायर पर सहमति नहीं बन पाई.
  • बैठक में दोनों नेताओं के साथ उनके वरिष्ठ सलाहकार भी शामिल थे, जिन्होंने वार्ता को गहन और रचनात्मक बताया.

शुक्रवार को अलास्‍का के एंकोरेज में तापमान 17 डिग्री सेल्सियस था. मौसम तो बसंत का लग रहा था लेकिन फिर भी दुनिया ने कई देशों ने यहां पर गर्मी का अहसास किया था. इस गर्मी की वजह थी रूस और अमेरिका के राष्‍ट्रपतियों का शिखर सम्‍मेलन. यूक्रेन में युद्ध का क्‍या होना चाहिए, इस मसले पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ एंकोरेज में एक अहम मीटिंग की. पुतिन का रेड कारपेट वेलकम और ट्रंप के बी-2 बॉम्‍बर वाले इस सम्‍मेलन को लेकर कई लोगों की उत्‍सुकताओं को बढ़ा दिया था. हर कोई जानने को बेरकरार था कि फरवरी 2022 में जिस युद्ध की शुरुआत हुई थी क्‍या वह अब 2025 में खत्‍म होगा या नहीं? जिस सीजफायर के बारे में ट्रंप पिछले हफ्ते तक बात कर रहे थे, उस शब्‍द का एकबार भी जिक्र नहीं हुआ तो जाहिर सी बात है कि इस पर कोई डील भी नहीं हुई है. बल्कि अब ‘मॉस्‍को समिट’ की चर्चाएं होने लगी हैं. 

पहले मिलना था अकेले 

ट्रंप और पुतिन यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्‍म करने पर चर्चा करने के लिए मिले थे. अमेरिका के मिलिट्री बेस पर पहुंचने के बाद ट्रंप ने पुतिन का शानदार स्‍वागत किया. पुतिन के रेड कारपेट वेलकम के बाद और ट्रंप की गर्मजोशी के बाद ऐसा लगा कि मानों दोनों नेता दुनिया को अच्‍छी खबर देने वाले हैं. दोनों नेता पहले अकेले वार्ता करने वाले थे लेकिन फिर इस योजना में सलाहकारों को भी शामिल करने का फैसला किया गया. जहां ट्रंप के साथ  उनके विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ थे तो पुतिन के साथ सर्गेई लावरोव और क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव मौजूद थे।

मीटिंग के बहाने बताई अहमियत 

2 घंटे 45 मिनट की यह मुलाकात बिना किसी नतीजे और 9 मिनट की एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के साथ खत्‍म हो गई. दोनों ने कॉन्‍फ्रेंस के बाद मीडिया के सवालों को लेने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही अलास्‍का में यूक्रेन युद्ध के एंडगेम पर कोई फैसला नहीं हो सका. लेकिन पुतिन ने ट्रंप को रूस की राजधानी मॉस्‍को में बातचीत का प्रस्‍ताव दिया है. अलास्का सम्‍मेलन का इंतजार पिछले एक हफ्ते से दुनिया को था और यह एक अस्पष्टता पर जाकर खत्‍म हो गया है.  पुतिन ने अलास्का में उन्‍हें इनवाइट करने के लिए ट्रंप को थैंक्‍यू कहा. उन्‍होंने कहा, ‘हमारी बातचीत रचनात्मक और गहन रही. पुतिन के अनुसार एक महासागर की वजह से अलग होने के बावजूद, रूस और अमेरिका घनिष्‍ठ पड़ोसी हैं. आज भी, अलास्का ‘रूसी अमेरिका’ की सांस्कृतिक विरासत का एक बड़ा हिस्सा संजोए हुए है।

ट्रंप बोले, अभी समझौता नहीं 

पुतिन के अनुसार अलास्का में दफनाए गए सोवियत पायलटों की याद के सम्मान के लिए रूस, अमेरिका का आभारी है. पुतिन ने इस दौरान यह भी कहा कि नए प्रशासन के आगमन के साथ, रूस और अमेरिका के बीच व्यापार में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान कहा कि ‘ अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है’ – पूरी आपसी समझ नहीं बन पाई है. उनके शब्‍दों में, ‘हमारी बातचीत सार्थक रही. हमारे पास शांति स्थापित करने की अच्छी संभावना है, हालांकि अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है, लेकिन संभावनाएं प्रबल हैं.’  एंकोरेज शिखर सम्मेलन के बाद पुतिन और ट्रंप ने हाथ मिलाकर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को खत्‍म किया. 

मॉस्‍को में होगी त्रिपक्षीय वार्ता! 

ट्रंप ने मॉस्को में अगली मीटिंग के आयोजन करने वाले प्रस्‍ताव को ‘दिलचस्प’ बताया. उन्‍होंने कहा कि उन्हें ‘बहुत जल्द’ रूसी राष्‍ट्रपति से फिर से बात करने की उम्मीद है. ट्रंप ने इस दौरान पुतिन के साथ हुई मीटिंग के नतीजों को साझा करने के लिए जेलेंस्की, नाटो और बाकी को फोन करके उन्‍हें इसके बारे में बताने का वादा भी किया है. ट्रंप की मानें तो वह मॉस्को आ सकते हैं. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रंप और पुतिन की मॉस्‍को में होने वाली वार्ता एक त्रिपक्षीय मुलाकात हो सकती है। (साभार)

*यदि कोई आपसे पूछे* कि

*अभिमन्यु* कैसे मारा गया ?

तो संभवतः आपके पास दो जवाब होंगे ! 👉*पहला* :

अभिमन्यु को कौरव सेना के दर्जनों

महारथियों ने घेरकर मार दिया !!

👉*दूसरा* :

अर्जुन से चक्रव्यूह तोड़ने की विद्या सुनते

हुए सुभद्रा की नींद लग गई थी,

जिससे अभिमन्यु

माँ के गर्भ में चक्रव्यूह तोड़ने का हुनर

नहीं सुन पाया और

चक्रव्यूह में फंसकर मारा गया !!

*लेकिन यह इस सवाल का सही जवाब*

*नहीं है…*

इस सवाल का सही जवाब है….

*कौरवों की अपने हिडन एजेण्डे के तहत पूरा नरेटिव सेट करते हुए वो रणनीति*

जिसके तहत *अर्जुन को युद्धक्षेत्र से*

*जानबूझकर* इतनी दूर ले जाया गया कि,

वो *चाहते हुए भी* अपने बेटे को

बचाने हेतु समय पर नहीं पहुंच सके…!*यदि *

अर्जुन अभिमन्यु से दूर नहीं होते

*तो संभवतः कोई भी*

अभिमन्यु की निर्मम हत्या नहीं कर पाता !!

*अब तो युद्धक्षेत्र सज चुका है..!*

* सत्ता के भूखों द्वारा अपने हिडन एजेण्डे के तहत पूरा नरेटिव सेट करके अभिमन्यु अर्थात ( मोदी जी) को*

घेरने की पूरी तैयारी हो चुकी है !!

*कौरवों के योद्धा*

ममता, लालू, शिवसेना, एनसीपी,

वामपंथी, आप, ओवैसी, कांग्रेस सहित

PFI, ISI, जार्ज सोरोश, चीन, अमेरिका और

*पाकिस्तान जैसी कुख्यात विदेशी ताकतें*

*इकट्ठे हो रहे हैं…!!!*

अब…..बस

*आखिरी रणनीति के तहत*

अर्जुन अर्थात

*(पूरे हिन्दू समाज को जातियों में बांटकर)*

*रणक्षेत्र से दूर करने का प्रयास जारी है..!*

*अब ये आप और हम पर निर्भर है कि,*

आप और हम..!

*अभिमन्यु को अकेला छोड़कर*

*उसके मरने के बाद पछताना*

*चाहते हैं..*👉या..!

*उसके साथ खड़े रहकर उसे*

*विजयी होते देखना..!!*

आदतन कुछ लोग नहीं भेजेंगे लेकिन मुझे यकीन है आप जरूर भेजेंगे

* राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने और विकसित भारत बनाने के संकल्प के साथ ही हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का सवाल है !*

*🙏🏻 हम दिन चार रहें न रहें मां (भारत माता), तेरा वैभव अमर रहे 🙏💐🕉️ जय श्रीकृष्ण जय हिन्द, वंदे मातरम्*🙏🏻