आषाढ़ मास में आने वाली पहली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। महर्षि व्यास आदिगुरु हैं। उन्होंने मानव जीवन को गुणों पर निर्धारित करते हुए उन महान आदर्शों को व्यवस्थित रूप में समाज के सामने रखा। इस दृष्टि से गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा गया है। संस्कृत में गुरु शब्द का अर्थ है अंधकार को मिटाने वाला। गुरु साधक के अज्ञान को मिटाता है, ताकि वह अपने भीतर ही सृष्टि के स्रोत का अनुभव कर सके।
पारंपरिक रूप से गुरु पूर्णिमा का दिन वह समय है जब साधक गुरु को अपना आभार अर्पित करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। “अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन् चराचरं, तत्पदं दर्शितंयेनं तस्मै श्री गुरुवे नम:” यह सृष्टि अखंड मंडलाकार है। बिन्दु से लेकर सारी सृष्टि को चलाने वाली अनंत शक्ति जो परमेश्वर तत्व है, उनका जीव के साथ क्या सहज सम्बन्ध है, इन बातों को जिनके चरणों में बैठकर समझने की अनुभूति प्राप्त होती है, वही गुरु है।
जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य जी श्तश्लोकी के पहले श्लोक में कहते हैं- तीनों लोकों में सद्गुरु की उपमा किसी से नहीं दी जा सकती। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार भगवान बुद्ध ने सारनाथ में आषाढ़ पूर्णिमा के दिन अपने प्रथम पांच शिष्यों को उपदेश दिया था। इसीलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी भी पूरी श्रद्धा से गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाते हैं।
गुरु-शिष्य परम्परा भारतीय संस्कृति की ऐसी अनुपम धरोहर है जिसकी मिसाल दुनियाभर में दी जाती है। कठोपनिषद् में पंचाग्नि विद्या के रूप में व्याख्यायित यम-नचिकेता का पारस्परिक संवाद गुरु-शिष्य परम्परा का विलक्षण उदाहरण है। पिता के अन्याय का विरोध करने पर एक पांच साल के बालक नचिकेता को अहंकारी पिता द्वारा घर से निकाल दिया जाता है। पर वह झुकता नहीं और अपने प्रश्नों की जिज्ञासा शांत करने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के दरवाजे पर जा खड़ा होता है। तीन दिन तक भूखा-प्यासा रहता है। अंतत: यमराज उसकी जिज्ञासा, पात्रता और दृढ़ता को परख कर गुरु रूप में उसे जीवन तत्व का मूल ज्ञान देते हैं। यम-नचिकेता का यह वार्तालाप भारतीय ज्ञान सम्पदा की अमूल्य निधि है।
व्यक्ति पूजा नहीं, तत्व पूजा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भगवा ध्वज को अपना गुरु माना है। भगवाध्वज त्याग व समर्पण का प्रतीक है। स्वयं जलते हुए सारे विश्व को प्रकाश देने वाले सूर्य के रंग का प्रतीक है। संपूर्ण जीवों के शाश्वत सुख के लिए समर्पण करने वाले साधु, संत भगवा वस्त्र ही पहनते हैं। भगवा त्याग का प्रतीक है। अपने राष्ट्र जीवन तथा मानव जीवन के अनेक इतिहासों का साक्षी है यह ध्वज। यह शाश्वत है, अनंत है, चिरंतन है।
संघ तत्व पूजा करता है, व्यक्ति पूजा नहीं क्योंकि व्यक्ति शाश्वत नहीं है, हमारे समाज की सांस्कृतिक जीवनधारा में यज्ञ का बड़ा महत्व रहा है। यज्ञ शब्द के अनेक अर्थ हैं। व्यक्तिगत जीवन को समर्पित करते हुए समष्टि जीवन को परिपुष्ट करने के प्रयास को यज्ञ कहा गया है। सद्गुण रूप अग्नि में अयोग्य, अनिष्ट, अहितकर बातों को होम करना यज्ञ है। श्रद्धामय, त्यागमय, सेवामय, तपस्यामय जीवन व्यतीत करना भी यज्ञ है। यज्ञ का अधिष्ठाता देव यज्ञ है। अग्नि की प्रतीक है ज्वाला, और ज्वालाओं का प्रतिरूप है- अपना परम पवित्र भगवाध्वज।
शिवोभूत्वा शिवंयजेत्- शिव की पूजा करना यानि स्वयं शिव बनना, अर्थात शिव के गुणों को आत्मसात् करना, जीवन में उतारना है। भगवाध्वज की पूजा यानि त्याग, समर्पण जैसे गुणों को अपने जीवन में उतारते हुए समाज की सेवा करना है। संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी ने स्वयं अपने जीवन को समाज की सेवा में अर्पित किया था, ध्येय के अनुरूप अपने जीवन को ढाला था। समर्पण भाव से ही सारे समाज में एकात्म भाव बढ़ता है। इस भावना से ही लाखों स्वयंसेवक अपने समाज के विकास के लिए हजारों सेवा प्रकल्प चलाते हैं।
*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*
*आज का पञ्चाङ्ग*
*_सोमवार, ०३ जुलाई २०२३_*
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सूर्योदय: 🌄 ०५:४१
सूर्यास्त: 🌅 ०७:२०
चन्द्रोदय: 🌝 १९:४०
चन्द्रास्त: 🌜❌️❌️❌️
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पूर्णिमा (१७:०८
से प्रतिपदा)
नक्षत्र👉मूल(११:०२ से पूर्वाषाढ)
योग👉ब्रह्म (१५:४५ से इन्द्र)
प्रथम करण👉विष्टि(०६:४७ तक)
द्वितीय करण👉बव(१७:०८ तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 धनु
मंगल🌟सिंह(उदित,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟मिथुन (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र🌟कर्क (उदित, पश्चिम)
शनि🌟कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५३ से १२:४९
अमृत काल 👉 ०४:०८ से ०५:३४
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:२१ से १९:४१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 ००:०१ से ००:४१
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:०० से ०४:४०
प्रातः सन्ध्या 👉 ०४:२० से ०५:२०
राहुकाल 👉 ०७:०५ से ०८:५०
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३६ से १२:२१
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (१७:०८ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 पाताल (०६:४७ तक)
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 श्मशान में (१७:०८ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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उत्तर-पूर्व (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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गुरु पूर्णिमा (व्यासपीठ) पूजा स्नान दान हेतु आषाढ पूर्णिमा, विवाहादि मुहूर्त सिंह-कन्या लग्न (प्रातः ०८:५७ से दोपहर ०१:२८) तक, देवप्रतिष्ठा प्रातः ०९:०५ से १०:४७ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ११:०२ तक जन्मे शिशुओ का नाम मूल नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भ, भी) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाषाढ नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (भू, धा, फा) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – ०४:१० से ०६:२५
कर्क – ०६:२५ से ०८:४६
सिंह – ०८:४६ से ११:०५
कन्या – ११:०५ से १३:२३
तुला – १३:२३ से १५:४४
वृश्चिक – १५:४४ से १८:०३
धनु – १८:०३ से २०:०७
मकर – २०:०७ से २१:४८
कुम्भ – २१:४८ से २३:१४
मीन – २३:१४ से ००:३७
मेष – ००:३७ से ०२:११
वृषभ – ०२:११ से ०४:०६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:२० से ०६:२५
रज पञ्चक – ०६:२५ से ०८:४६
शुभ मुहूर्त – ०८:४६ से ११:०२
चोर पञ्चक – ११:०२ से ११:०५
शुभ मुहूर्त – ११:०५ से १३:२३
रोग पञ्चक – १३:२३ से १५:४४
शुभ मुहूर्त – १५:४४ से १७:०८
मृत्यु पञ्चक – १७:०८ से १८:०३
अग्नि पञ्चक – १८:०३ से २०:०७
शुभ मुहूर्त – २०:०७ से २१:४८
रज पञ्चक – २१:४८ से २३:१४
शुभ मुहूर्त – २३:१४ से ००:३७
शुभ मुहूर्त – ००:३७ से ०२:११
रज पञ्चक – ०२:११ से ०४:०६
शुभ मुहूर्त – ०४:०६ से ०५:२०
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भाग्य पक्ष मे वृद्धि कराने वाला रहेगा। आज के दिन आप में धर्म कर्म के प्रति विशेष लगाव रहेगा। गूढ़ विषयो को जानने में अधिक रुचि लेंगे। नास्तिक लोग भी आज चमत्कारिक रूप से धर्म का पालन करते दिखेंगे। विद्यार्थी वर्ग आज पढाई में ध्यान लगाएंगे परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। कार्य व्यवसाय के लिए आज का दिन सामान्य ही रहेगा। लाभ खर्च बराबर रहेंगे। परिवार में थोड़ी नोक-झोंक हो सकती है। लघु यात्रा के योग बनेंगे इससे कुछ ना कुछ लाभ मिलेगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ्य रहेंगे। शरीर में दर्द की शिकायत रह सकती है जिस कारण कार्य में व्यधान पड़ सकता है। आज घर एवं बाहर के कार्यो की अधिकता रहेगी इनमे से कुछ एक से धन की आमद भी होंगी लेकिन काम चलाउ ही। मध्यान के बाद अत्यन्त थकान रहेगी। परिजनों के साथ किसी अंदरूनी विषय पर मतभेद भी रह सकता है। धन लाभ से खर्च अधिक रहेंगे उधार आज किसी को ना दें। शांति से दिन व्यतीत करें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज के दिन का पहला भाग निराशा से भरा रहेगा। सम्पति का विवाद अथवा धन सम्बंधित करणो से मानसिक रूप से चिंतित रहेंगे लेकिन किसी के आगे प्रकट नहीं होने देंगे। कार्य क्षेत्र पर ज्यादातर समय उदासीनता छायी रहेगी। लाभ के अवसर मिलते हुए भी हाथ से निकल सकते है। स्वयं अथवा किसी परिजन के स्वास्थ्य में अचानक खराबी आने से समय एवं धन व्यर्थ होगा। आज हर क्षेत्र पर विवेक एवं संयम का परिचय दें। स्वाभाव मे संतोष लाये तो आज का दिन खुशहाल बन सकता है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपका लक्ष्य मुख्य रूप से भौतिक संसाधनों में वृद्धि करना रहेगा। इसमें काफी हद तक सफलता भी मिल जायेगी। भागीदारी के कार्य आज सावधानी से करें छल होने का भय है। आज आप जो भी कार्य करें उसमे बड़ो की सलाह जरूर ले लाभदायक रहेगा। मध्यान तक आवश्यक कार्य पूर्ण कर लें इसके बाद थोड़ा व्यवधान आ सकता है। यात्रा लाभदायीं रहेगी। मित्र परिचितों के साथ आनंददायक समय बितायेंगे। सेहत ठीक ठाक रहेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आपके लिए अनुकूल रहेगा। किसी परिचित की समस्या का समाधान करने पर सामाजिक क्षेत्र पर आज आपकी छवि बुद्धिमान जैसी बनेगी। आज के दिन सामाजिक अथवा मांगलिक कार्यक्रमो के कारण व्यस्तता अधिक रहेगी। कार्य क्षेत्र से भी आज धन का आगमन होगा। फिजूल खर्च भी लगे रहेंगे जिन पर अंकुश रखे। विपरीत लिंगीय से आज आकस्मिक लाभ हो सकता है नजदीकियां भी बढ़ेंगी। उपहार सम्मान मिलेगा। सेहत मे संध्या के समय बदलाव आ सकता है।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका आज का दिन भी विषम परिस्थिति वाला रहेगा। आज आपके वाणी अथवा व्यवहार से किसी का अहित भी हो सकता है। कार्यो में असफलता मिलने से क्रोध अधिक रहेगा। आज परिजन अथवा अधिकारी आपके खिलाफ कोई कठोर निर्णय ले सकते है। अनिर्णय की स्थिति रहने के कारण आज कोई महत्त्वपूर्ण कार्य हाथ में ना लें। धन की आमद आज बिना किसी के सहयोग के होना मुश्किल ही रहेगा और जो होंगी उसमे भी कोई ना कोई अडचन डालेगा सतर्क रहें। सर अथवा अन्य शारीरिक अंगों मे दर्द की समस्या ही सकती है।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। दिन के पूर्वार्ध में कार्य क्षेत्र पर बेहतर वातावरण मिलने से धन लाभ होगा। इसके बाद का समय गलत निर्णय लेने से हानिकर रहेगा। खर्च पर नियंत्रण नहीं रहने से आर्थिक समस्या भी बन सकती है। परिजनों का सहयोग बराबर मिलते रहने से मानसिक रूप से शान्ति रहेगी। मित्रो का भी साथ मिलेगा। सेहत मे कोई विकार आ सकता है। आज बोल चाल मे सतर्कता बरते। किसी दूर रहने वाले प्रिय जन से दुखद समाचार भी मिल सकता है।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन मिला-जुला फल देगा। दिन के पूर्वार्ध में थोड़ी बहुत स्वास्थ्य सम्बंधित शिकायते रह सकती है। आलस्य के कारण कार्य में मन नहीं लगेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन सामान्य रहेगा। आकस्मिक यात्रा करनी पड़ सकती है। चोट आदि का भय है सावधान रहें। परिजनो के साथ भी आज कम ही जमेगी। लेकिन सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचार अथवा निर्णयो को पसंद किया जायेगा। आध्यात्म से जुड़ें मानसिक शांति मिलेगी। संध्या के समय किसी रुके काम के बनने की सम्भावना है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी लाभदायक रहेगा। आज आप निश्चिन्त होकर दिनचर्या बितायेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहयोगी वातावरण रहने से आशा से अधिक लाभ कमा सकते है। व्यवहार में मधुरता रखने से अटके काम बना सकते है। बड़े लोगो की दया दृष्टि रहने से अपनी बात मनवा लेंगे। परिजनों के साथ भी आज मित्र की तरह व्यवहार करने से आनंद की प्राप्ति होगी। सेहत छुट् पुट बातो को छोड़ सामान्य ही रहेगी। किसी से उधारी के व्यवहार को लेकर कहा सुनी होने की सम्भावना है।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपकी आशाओं के विपरीत रहने वाला है। रिश्तों को आज अहमियत दे अन्यथा व्यर्थ में अशान्ति बढ़ेगी। उधारी के व्यवहारों के कारण भी आज परेशान रहेंगे। आर्थिक रूप से दिन उलझन वाला है धन की कमी अनुभव होगी। नए कार्यो के प्रस्ताव अभी रोके रखें। बीमारी पर भी खर्च हो सकता है। नकारात्मक सोच से बचे। प्रेम प्रसंगों में आज दूरी बनाए अन्यथा मन दुःख के प्रसंग बनेंगे। यात्रा के प्रसंग बने तो टालना ही बेहतर रहेगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी आपके पक्ष में रहेगा। परन्तु सेहत में थोड़ा उतार चढ़ाव बना रहेगा। पुराने लटके कार्यो में गति आएगी। नई योजनाएं अधिक फलीभूत होंगी। सामाजिक कारणों से भी आज अधिक व्यस्त रह सकते है। सरकारी अथवा धन सम्बंधित कार्य आज करना ठीक रहेगा थोड़े विलम्ब से ही सही निश्चित सफलता मिलेगी। संध्या के समय धन की आमद होने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी। विरोधी आज शांत रहेंगे। घरेलु कार्य से बचने के चक्कर मे कहासुनी हो सकती है।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी कल की ही भांति सुख-शांति से व्यतीत करेंगे। स्वास्थ्य आज सर्दी जुखाम अथवा पेट की समस्या के कारण नरम रह सकता है फिर भी आपकी दिनचर्या पर इसका विशेष असर नहीं पड़ेगा। नौकरी व्यवसाय में आज आपके कार्य की प्रशंसा होगी। धन लाभ के कोई भी अवसर आज नहीं चूकेंगे। दाम्पत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। पत्नी संतान के साथ आज अच्छी पटेगी। सुखोपभोग के साधनों मे वृद्धि होंगी संध्या के आसपास किसी से कहा सुनी हो सकती है।।
शरद पवार और चाणक्य? 😀😁😂🤣
जिन लोगों को राहुल गांधी में देश का भविष्य नज़र आता है, सिर्फ़ उसी तरह लोगों को ऐसी गलतफहमी भी है कि #शरद_पवार राजनीति के #चाणक्य हैं। मीडिया छवि गढ़ता है और लोग बिना सोचे-समझे वही लकीर पकड़ लेते हैं।
#शरदपवार जब पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने, तब उनकी पार्टी की लगभग ५०-५५ सीटें थीं। आज लगभग चालीस सालों बाद भी उनकी पार्टी की सीटें लगभग उतनी ही हैं। उनके मुकाबले भाजपा को देखिए। जब शरद पवार १९७८ में पहली बार मुख्यमंत्री बने, तब भाजपा का जन्म भी नहीं हुआ था। वही भाजपा पिछले दो चुनावों से महाराष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी है और उसकी सीटों की संख्या शरद पवार की पार्टी से लगभग दोगुनी है।
आज के कई ऐसे नेता हैं, जो १९७८ में राजनीति में कहीं नहीं थे। शरद पवार की ही तरह ममता बनर्जी ने भी काँग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई। पिछले दस सालों से वो बंगाल में अपने दम पर राज कर रही है। जगन मोहन रेड्डी की उम्र तो शायद शरद पवार से आधी होगी, लेकिन वे भी अपने राज्य में अपने दम पर सरकार चला रहे हैं। मायावती और मुलायम सिंह यादव तो शरद पवार के महाराष्ट्र से भी बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अपने दम पर सरकारें बना चुके हैं और पूरे पाँच साल चला भी चुके हैं। बिहार में लालू यादव भी ऐसा ही एक नाम है।
पूरे देश के ऐसे कई उदाहरण आपको मिल जायेंगे। उनके मुकाबले आप शरद पवार की पार्टी को देखें, तो पिछले चालीस सालों में भी वे ५०-५५ सीटों पर ही अटके हुए हैं। इसमें उनका कौन-सा पराक्रम है, जिसका गुणगान किया जाए? कोई व्यक्ति अगर किसी भी नौकरी या व्यवसाय में लगातार चालीस सालों तक काम करने के बावजूद भी कोई तरक्की न कर पाए, तो उसे सफल मानने का क्या कारण है? सच्चाई यह है कि शरद पवार केवल किसी तरह जोड़-तोड़ और जुगाड़ करके राजनीति में अपना गुज़ारा चलाते आ रहे हैं। उनकी पूरी राजनैतिक यात्रा इस बात की गवाही देती है।
कभी वे सोशलिस्ट काँग्रेस में रहे, कभी इंदिरा काँग्रेस में। कभी जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई, कभी काँग्रेस के साथ, तो अब शिवसेना के साथ बना ली। १९९२ में जब उनकी बजाय नरसिंहराव को प्रधानमंत्री चुन लिया गया था, तब चाणक्य नीति कहाँ थी? जिस सोनिया गांधी के विरोध में काँग्रेस छोड़कर उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाई, जब बाद में उसी सोनिया के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन में शामिल हो गए, तब नीति-अनीति का विचार कहाँ खो गया था? केवल केंद्र में ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में भी उनकी पार्टी ने उसी काँग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार चलाई थी। यहाँ तक कि गुजराल और देवेगौड़ा जैसे लोग भी भारत के प्रधानमंत्री बन गए, प्रतिभा पाटिल जैसी महिला राष्ट्रपति तक बन गई, लेकिन शरद पवार इनमें से कुछ भी न बन पाए। फिर उनको बाकियों से विशेष मानने का कोई कारण ही क्या है?
शरद पवार कई दशकों तक राज्य या केन्द्र में मंत्री या मुख्यमंत्री जैसे पदों पर रहे हैं। क्या आप गूगल देखे बिना पिछले चालीस सालों की उनकी दो-चार महान उपलब्धियां गिना सकते हैं? १९९३ में मुम्बई में बम धमाके हुए और सैकड़ों लोग मारे गए। तब पवार ही मुख्यमंत्री थे। दाऊद इब्राहिम जब भारत से फ़रार हुआ, तब भी शायद पवार ही मुख्यमंत्री थे। २००५ से २०१४ तक सोनिया सरकार में शरद पवार कृषि मंत्री रहे और उसी दौरान देश में लाखों किसानों ने कर्ज के बोझ में दबकर आत्महत्या कर ली थी, जिनमें सबसे ज़्यादा संख्या महाराष्ट्र के किसानों की ही थी। इनमें से किस बात को मैं शरद पवार की उपलब्धि में गिनूं? ये सब तो प्रशासकीय विफलता की कालिख के दाग हैं!
जिस राजनेता की पार्टी चालीस सालों में भी अपनी सीटें न बढ़ा पाई हो, जिस मंत्री या मुख्यमंत्री के शासन में लाखों लोगों की अकाल मौतें हुई हों, जिसकी पार्टी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में जांच चल रही हो, उसे मैं चाणक्य जैसा सफल, महान और तीक्ष्ण कैसे मान लूँ? क्या सिर्फ इसलिए कि वह राजनेता किसी न किसी पार्टी को समर्थन देकर किसी तरह जोड़-तोड़ की सरकार में शामिल होने का जुगाड़ कर लेता है? यह काम तो राम विलास पासवान और रामदास आठवले जैसे नेता भी कर लेते हैं, तो क्या इनको भी चाणक्य मान लूँ या शरद पवार को सिर्फ इसलिए मान लूँ क्योंकि ऐसा मीडिया ने बताया है?
याद रखिये कि महाराष्ट्र में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का लालच देकर सत्ता में हिस्सेदारी पा लेना कोई महान उपलब्धि नहीं है। यह काम भाजपा भी कर सकती थी क्योंकि शिवसेना तो खुद ही मुख्यमंत्री पद के बदले खुद को बेचने का ऑफर लेकर घूम रही थी। महान पराक्रम या कूटनीति तब मानी जाती, अगर शरद पवार इसके बावजूद भी शिवसेना से समर्थन लेकर अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री बनवा लेते। जो खुद ही बिकने को तैयार बैठा हो, उसे खरीदने में कौन-सा परिश्रम लगता है? असली कसौटी तब होती है, जब आप कोई ऐसा सामान खरीद लाएं, जिसे दुकानदार बेचने को ही राज़ी नहीं था। शरद पवार अभी तक ऐसा कोई कमाल नहीं दिखा पाए हैं। सादर! ✍️सुमंत विद्वांसजी की 3 साल पुरानी पोस्ट।
फ्रांस में कुछ वर्षों पूर्व शरणार्थी बन कर आये आततायी आज तख्तापलट के प्रयासों में हैं मीडिया इस बात को छिपा रहा है।
५ दिन से जबरदस्त हिंसा चल रही है
दंगा की वजह है वह घटना जिसमें अल्जीरियाई मूल के शरणार्थी नाहेल एम नामक एक 17 साल के लड़के को ट्रैफिक लाइट पर पुलिस ने रुकने को कहा।
वह थोड़ी देर रुका भी पर उसके बाद उसने गाड़ी भगाने की कोशिश की
जिसके बाद आत्मरक्षा में पुलिस ने उस पर गोली चला दी, जिसमे उसकी मौत हो गयी
इसके बाद फ्रांस में दंगे भड़क उठे
देश मे आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं
अब तक 900 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है
फ्रांस में 29% ईसाई है, 10% मुस्लिम, 10% अन्य धर्म के और 51% नास्तिक नतीजा आप सब के सामने है.. शान्तिदूत दंगाइयों ने अब तक स्कूल, बस, दफ्तर, ट्रैन इत्यादि जला दिए हैं इन तीन दिनों में
इतना ही नहीं फ्रांस की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी इन दंगाइयों ने फूंक दी हैआज फ्रांस जल रहा है तो उसको जलानेवाले वे घुसपैठिए हैं जिनको कभी फ्रांस ने बेखबर होकर बसाया था।
फ्रांस और स्वीडन ने कभी हमदर्दी दिखाते हुए इन्हें इनके बुरे वक्त में अपने यहां शरण दी थी और आज ये हरामखोर फ्रांस को ही बर्बाद करने पर आमादा है
भारत के लिब्राण्ड मौन है
मजे की बात ये है कि फ्रांस में न तो RSS है, न बजरंग दल, न VHP, न गौ रक्षक, न हिन्दू युवा वाहिनी, न भाजपा, न मोदी, न योगी और न कपिल मिश्रा। फ्रांस अब भारी भूल कर रहा है
जो वहां की पुलिस आतताइयों के साथ नरमी बरत रही है। आतताइयों से निबटने का एक ही फार्मूला है
षठेशाठ्यं समाचरेत। देखते ही गोली मारनी चाहिए जरा भी ढील नहीं देनी चाहिए। आततायी मनुष्य होते ही नहीं हैं वे जन्मजात अपराधी असुर होते हैं। इसलिये मनुष्य के लिए बनाये गये हैं। आतताइयों के लिए योगी आदित्यनाथ माडल। और उसकी तैयारी में तैयारी में भारत में भी करोड़ों रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को भारत में बसाना बंद करें। इन्हें तुरंत बाहर करें। UCC, NRC, NPR और जनसंख्या नियंत्रण कानून सभी तुरंत कठोरता से लागू करो। घुसपैठियों को बाहर खदेड़ो। जनसंख्या नियंत्रण कानून का उलंघन करने वाले दोषियों को देशद्रोही मानकर आजीवन सश्रम कारावास तथा सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर तथा दोषियों और उससे उत्पन्न होने वाले बच्चों को मताधिकार से वंचित कर दो।जिस दिन देश की जनता हिन्दू बन गई! उस दिन यह देश हिंदू राष्ट्र बन जायेगा! नहीं तो फ्रांस बनना तय है! मोहब्बत की दुकान खोलने वालों से निवेदन है एक आध दुकानें फ्रांस में भी खोल लो 😁आप लोगों का क्या कहना है? दंगा उर्दू शब्द है। फसाद भी। दोनों का कोई समकक्षी भारतीय शब्द हो तो बताने की कृपा कीजिये। लिंच ईसाई शब्द है! इसीलिए कहता हूंँ फिर एक बार फिर भारतीय सरकार।