आज का पंचाग आपका राशि फल, मूर्ति पूजन के लाभ और विसर्जन की हानियां, जाति व्यवस्था संविधान में है शास्त्र में नहीं, पीपलकोटी में पौधारोपण और चिनाब घाटी के फ्लोरा- फौना के अध्ययन के साथ मनाया गया हिमालय दिवस

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻मंगलवार, १० सितम्बर २०२४🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:०७, सूर्यास्त: 🌅 ०६:२९
चन्द्रोदय: 🌝 १२:२०, चन्द्रास्त: 🌜२२:२७
अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🎄 शरद
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८१ (पिंगल)
मास 👉 भाद्रपद, पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 सप्तमी (२३:११ से अष्टमी)
नक्षत्र 👉 अनुराधा (२०:०४ से ज्येष्ठा)
योग 👉 विष्कुम्भ (२४:३१ से प्रीति)
प्रथम करण 👉 गर (१०:३७ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२३:११ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 वृश्चिक
मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 वृष (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४८ से १२:३८
अमृत काल 👉 ०८:४८ से १०:३२
विजय मुहूर्त 👉 १४:१८ से १५:०८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:२८ से १८:५१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:२८ से १९:३७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५१ से २४:३७
राहुकाल 👉 १५:२१ से १६:५४
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:०६ से १०:४०
दुर्मुहूर्त 👉 ०८:२९ से ०९:१९
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२०:०४ से)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 स्वर्ग (२३:११ से)ए
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 भोजन में (२३:११ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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मुक्ता भरण सन्तान सप्तमी, मेला पाण्डूपोल (अलवर), महालक्ष्मी व्रतारम्भ, विवाहादि मुहूर्त सिंह मीन लग्न प्रातः ०६:१४ से रात्रि ०८:०३ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २०:४० तक जन्मे शिशुओ का नाम
अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नी, नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (नो, या) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – २८:१२ से ०६:३१
कन्या – ०६:३१ से ०८:४९
तुला – ०८:४९ से ११:१०
वृश्चिक – ११:१० से १३:२९
धनु – १३:२९ से १५:३३
मकर – १५:३३ से १७:१४
कुम्भ – १७:१४ से १८:४०
मीन – १८:४० से २०:०३
मेष – २०:०३ से २१:३७
वृषभ – २१:३७ से २३:३२
मिथुन – २३:३२ से २५:४७
कर्क – २५:४७+ से २८:०८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:५९ से ०६:३१
चोर पञ्चक – ०६:३१ से ०८:४९
शुभ मुहूर्त – ०८:४९ से ११:१०
रोग पञ्चक – ११:१० से १३:२९
शुभ मुहूर्त – १३:२९ से १५:३३
मृत्यु पञ्चक – १५:३३ से १७:१४
अग्नि पञ्चक – १७:१४ से १८:४०
शुभ मुहूर्त – १८:४० से २०:०३
मृत्यु पञ्चक – २०:०३ से २०:०४
अग्नि पञ्चक – २०:०४ से २१:३७
शुभ मुहूर्त – २१:३७ से २३:११
रज पञ्चक – २३:११ से २३:३२
शुभ मुहूर्त – २३:३२ से २५:४७
चोर पञ्चक – २५:४७+ से २८:०८
शुभ मुहूर्त – २८:०८+ से २९:५९
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उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली मशरूम इसे स्थानीय भाषा में गुच्छी कहा जाता है। इसका मूल्य लगभग आठ हजार रू प्रति किलो है इसकी शब्जी बनाई जाती है। 

आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन भी सेहत का साथ कम मिलेगा लेकिन बीते कल की तुलना में सुधार भी आयेगा। मध्यान तक कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे सोचने में ही समय खराब होगा मध्यान बाद व्यवसाय में अधूरे कार्य को पूर्ण करने की चिंता में रहेंगे प्रयास करने पर भी पूरे नही कर सकेंगे अधिकारी वर्ग से अनबन होगी। लेकिन थोड़ा बहुत धन लाभ जोड़ तोड़ कर कही न कही से अवश्य हो जाएगा। मध्यान बाद आरोग्य लाभ मिलेगा लेकिन कार्य करने की जगह मनोरंजन एवं व्यर्थ की गतिविधियों में रुचि लेंगे। विवेक से काम ले आज भी कामोतेजना अधिक रहेगी रंगीन मिजाजी के कारण घर मे कलह हो सकती है। गृहस्थी के कार्यो मे रुचि नही लेंगे बल्कि आस पड़ोसियों की बाते सुनने में आनंद आएगा। छोटी यात्रा हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी आपके लिये कुछ न कुछ लाभ देकर जाएगा दिन के आरंभ में कामो की गति धीमी रहेगी दैनिक कार्य भी आलस्य में करेंगे लेकिन मध्यान से पहले बाहर घूमने की योजना बनने पर शरीर मे चुस्ती आ जायेगी दिन का अधिकांश समय यात्रा पर्यटन में बीतेगा उत्तम भोजन वाहन सुख मिलने से मन प्रसन्न भी रहेगा लेकिन सेहत में नरमी आने से रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र के प्रति आज उदासीन रहेंगे अन्य लोगो के भरोसे रहने के कारण उचित लाभ से वंचित रह जाएंगे फिर भी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। घरेलू सामान की आवश्यकता पड़ने पर भी कंजूस वृति के कारण खर्च करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों से कहासुनी होगी। संध्या के समय पेट की समस्या गैस कब्ज वमन की शिकायत रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपके हानि लाभ बराबर रहेंगे धन लाभ समय से थोड़ा विलंब से होगा जिससे थोड़ी असुविधा होगी इसके कारण कार्यक्रम में बदलाव भी करना पड़ेगा। मध्यान बाद दिनचर्या स्थिर बनेगी पर व्यस्तता भी बढ़ेगी कार्य क्षेत्र के साथ सामाजिक व्यवहारों के लिये भी समय निकालने से परेशानी आएगी घर के बड़ो का सहयोग मिलने से इसका भी समाधान हो जाएगा। व्यवसायी वर्ग दैनिक कार्यो के साथ नए कार्यो में भी भाग्य आजमाएंगे इसमे लाभ होगा लेकिन आशाजनक नही। घरेलू वातावरण गलतमहमी के कारण थोड़ी देर के लिये अशांत बनेगा कुछ देर में सामान्य भी हो जाएगा लेकिन किसी की जिद पूरी करने के बाद ही। सेहत संध्या बाद विपरीत होने की संभावना है ठंडे प्रदार्थो से परहेज करें। धार्मिक यात्रा के योग है इससे मन को शान्ति मिलेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप दिन के आरंभ से ही आलस्य में भरे रहेगें मध्यान तक कि दिनचर्या धीमी रहेगी इसके बाद भी काम तो करेंगे लेकिन ध्यान कही और ही रहेगा। कार्य व्यवसाय में धन लाभ के अवसर अवश्य मिलेंगे लेकिन आज सुख सुविधाओं को बढ़ाने पर आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे जिससे धन संचय नही हो पायेगा। कार्य क्षेत्र पर अधिक कार्य भार सौपने पर आपसे अधीनस्थ लोग नाराज रहेंगे। नौकरी पेशाओ के लिये दिन आरामदायक रहेगा छोटे मोटे घरेलू कार्य को छोड़ अन्य किसी कार्य को नही करेंगे। सामाजिक क्षेत्र के लिये समय नही देने से प्रेमीजन नाराज होंगे लेकिन मित्र वर्ग से अच्छी पटेगी। घर मे भी समय पर आवश्यकता पूर्ति करने पर शांति बनी रहेगी। उत्तम भोजन वाहन पर्यटन के अवसर मिलेंगे सेहत बनी रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी छोटी मोटी घटनाओं से अशांत बनेगा फिर भी बीते कल की तुलना में थोड़ी शांति भी रहेगी। प्रातः काल घर के सदस्यों से बीती बातो के कारण मतभेद रहेंगे केवल मतलब से ही व्यवहार करेंगे लेकिन मध्यान बाद स्थिति बदलेगी घर के सभी सदस्य स्वार्थ से एक मत होंगे बाहर घूमने पर्यटन के अवसर मिलने से भी कड़वाहट में कमी आएगी लेकिन घर के बुजुर्गों को आज संतुष्ट नही कर पाएंगे। पैतृक संपत्ति के मामलों को छेड़ने की जगह अभी विराम दे अन्यथा दिन खराब हो सकता है। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा आशा नही रहेगी फिर भी अकस्मात लाभ होने से खुशी मिलेगी। महिलाए आज अधिक खर्चीली रहेंगी लेकिन खर्च घरेलू सामान पर अधिक करेंगी। संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से बीतेगा लेकिन सेहत में बदलाव भी आने से असहज रहेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपको किसी न किसी रूप में लाभ देकर जाएगा। दिन के आरंभी भाग में आलस्य दिखाएंगे मेहनत से बचने की मानसिकता रहने से आवश्यक कार्यो में विलंब होगा जिससे घर के सदस्यों से फटकार भी सुनने को मिलेगी। दोपहर का समय कार्य व्यवसाय के लिये शुभ रहेगा प्रतिस्पर्धा कम रहने से इसका जमकर लाभ उठाएंगे धन की आमद आशासे अधिक होगी लेकिन सहकर्मी का व्यवहार आज परेशान करने वाला रहेगा फिर भी संध्या से पूर्व ही दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। संध्या का समय काम की जगह मनोरंजन में बिताना अधिक पसंद करेंगे। मौज शौक पर खर्च अधिक होगा व्यसनों से बचे अन्यथा अपमानित हो सकते है। जरूरी कार्य भी आज ही निपटा ले कल कुछ न कुछ व्यवधान आने से लटक सकते है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपका स्वभाव बीते कुछ दिनों से संतोषि रहेगा। आज धन संबंधित उलझने रहने के बाद भी पारिवारिक कार्यो एवं आपसी संबंधों को अधिक महत्त्व देंगे। मध्यान तक घर मे कोई न कोई आपसे असंतुष्ट रहेगा लेकिन संध्या बाद खर्च करने के बाद नाराजगी प्रसन्नता में बदल जाएगी मनोरंजन सुख वृद्धि के लिये खर्च में कमी नही करेंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध कुछ समय के लिये मानसिक रूप से अशांत बनाएँगे पैतृक कारणों से बहस होने की संभावना है फिर भी आपका व्यवहार आज थोड़ा शालीन रहने से स्थिति को संभाल लेंगे। कार्य व्यवसाय से लाभ मेहनत के बाद ही साधारण रहेगा। संध्या के समय भाग दौड़ से बचने का प्रयास करेंगे दुर्व्यसनों पर भी खर्च होगा। सेहत में थोड़ी समस्या रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपके लिये शुभफलदायी रहेगा स्वभाव में थोड़ी चंचलता अवश्य रहेगी लेकिन इससे आस पास का वातावरण खुशनुमा ही बनाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज किसी के भटकाने से गलत निर्णय हो सकते है देखभाल कर ही कार्य करें व्यवसाय में चाहकर भी निवेश करना पड़ेगा इसका भविष्य में सामान्य लाभ मिल जाएगा। उधारी के व्यवहार कुछ समय के लिये बेचैनी बढ़ाएंगे पुरानी शीघ्र चुकाने के प्रयास करें नई करने से बचे अपमानित हो सकते है। दोपहर के बाद काम करने का मन नही करेगा मित्र परिजनों के साथ धार्मिक अथवा एकांत स्थान की यात्रा करेंगे दिखावे से बचे नाहाई तो बाद में आर्थिक विषमताएं बनेगी। सेहत में आज सुधार रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन हानिकर रहने वाला है किसी भी कार्य मे जल्दबाजी से बचे सोच समझकर अनुभवी व्यक्ति की सलाह के बाद ही कोई कदम उठाए। कार्य व्यवसाय आज भगवान भरोसे रहेगा लाभ होते होते किसी अन्य के पक्ष में जाने से निराशा होगी। आज जहां से सहायता की उम्मीद लगाएंगे वही आपको टरकायेगा ज्यादा जोर देने पर आगे के लिये संबंध खराब होने का भर रहेगा। धन की आमद अत्यंत सीमित होगी वह भी पुराने व्यवहारों से ही कार्य क्षेत्र पर स्वयं अथवा नौकरों के हाथ नुकसान हो सकता है क्रोध से बचे। घर मे भी परिजनों के द्वारा हानि होने की संभावना है। सेहत ठीक रहेगी लेकिन आकस्मिक चोटादि का भय है उपकरणों से काम करते समय सावधानी बरतें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा आप भी आज परोपकार में रुचि लेंगे धार्मिक क्षेत्र पर भी दान पुण्य करने के अवसर मिलेंगे परन्तु दिखावे की वृत्ति भी रहेगी। ठाठ-बाट की जीवनशैली रहने पर समाज मे आपकी पहचान धनी जैसी बनेगी। कार्य क्षेत्र पर आज समय कम देंगे फिर भी अल्प समय मे दिन भर की पूर्ति हो जाएगी। धन लाभ एक हाथ से होगा दूसरे हाथ से चला जायेगा। मध्यान बाद भी लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मनोरंजन में रुचि होने पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। लंबी दूरी की यात्रा के प्रसंग बनेंगे परन्तु किसी कारण स्थगित करने पड़ेंगे अगर करनी भी पड़े तो सामान और सेहत का अधिक ध्यान रखें। घरेलू वातावरण में विश्वास की कमी दिखेगी इसलिये बाहर समय बिताना अधिक भायेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपको कार्य क्षेत्र पर कल जैसी अनुकूलता नही मिलेगी फिर भी छोटे मोटे कार्यो में सफलता मिलने से धन की आमद निश्चित होगी। शरीर आलस्य में रहने के कारण आज ज्यादा उलझनों में पड़ने से बचेंगे घरलू कार्य भी चार बाते सुनने के बाद ही करेंगे। मध्यान तक दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी मित्र अथवा रिश्तेदारी में जाने के कारण अन्य कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। मध्यान बाद का समय दिन की तुलना में बेहतर रहेगा खर्च करने के बाद सुख सुविधा और आनंद में वृद्धि होगी। महिलाओ में आज अन्य लोगो से तुलना करने पर हीं भावना आएगी। धार्मिक अथवा पर्यटन क्षेत्र की योजना बनते बनते अंत समय मे निरस्त करने पर घर मे उदासीनता छाएगी। सेहत आज संध्या बाद खराब हो सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन सुख शांति की चाह में रहेंगे लेकिन फल इसके विपरीत ही मिलेगा। आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ मध्यान बाद तक किसी न किस काम से भाग दौड़ लगी रहेगी। घर मे आज मन नही लगेगा लेकिन कई दिनों से लटके घरेलुकार्य आज एकसाथ सर पर आने से असहजता बनेगी फिर भी मध्यान तक धीरे धीरे काफी हद तक पूर्ण कर लेंगे। परिजनों का व्यवहार अत्यंत स्वार्थी रहेगा कामनापूर्ति करने पर ही चैन से बैठने देंगे। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा धन लाभ की आशा ना रखे नाहाई ज्यादा समय देंगे जिससे सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संध्या के समय वरिष्ठ लोगो के टोकने के बाद भी किसी की नही सुनेंगे अपने मन की करेंगे बाद में पछतायेंगे भी। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे पर अनैतिक कार्यो से बचे सेहत अकस्मात खराब हो सकती है।
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भगवान गणेश जी संकट हरण करने वाले शुभ मंगल करने वाले और ऋद्धि सिद्धि के देवता हैं सभी देवताओं में अग्रपूजा के अधिकारी हैं। इनकी दो सहधर्मिणी हैं ऋद्धि और सिद्धि इनके दो पुत्र हैं शुभ और लाभ। समस्त शुभ कार्य इनके दर्शन स्पर्शन के बिना अधूरे हैं इसलिए शास्त्रों में इनके आवाह्न का विधान है लेकिन इनकी विदाई या विसर्जन का विधान नहीं है। ठीक उसी भांति सुख-समृद्धि की देवी महालक्ष्मी का भी आवाह्न किया जाता है लेकिन विदाई विसर्जन नहीं। क्योंकि इन दोनों देवी-देवताओं की हमें सदैव आवश्यकता रहती है। इसलिए इनकी मूर्तियों का विसर्जन शास्त्र सम्मत नहीं है। अन्य देवी-देवताओं को किसी विशेष कार्य निमित हेतु निमंत्रित या आवाह्न किया जाता है। इसलिए कार्य या पूजा सम्पन्न होने पर उन्हें दुर्वा से निजधाम गच्छ गच्छ कह कर विदा देने का शास्त्रीय विधान है। लेकिन उन देवताओं के भी मूर्तियां नहीं बनाई जाती है अपितु चावल के आटे हल्दी रोली या अनाजों यंत्र बनाये जाते हैं ताकि विसर्जन जैसी अशास्त्रीय कार्य नहीं करना पड़े। मुम्बई महाराष्ट्र में गणेश उत्सव किसी विशेष प्रयोजन से आरम्भ किया गया है हो सकता है वहां इसकी आवश्यकता हो। 

शास्त्र का अर्थ होता सार्वभौमिक सार्वकालिक अनुभवजन्य समस्त ब्रहमांड के लिए कल्याणकारी विज्ञान। सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चिद् दुख भाग भवेत्।। यह शास्त्रों का भावना मंत्र है। वेद और शास्त्र सदैव वर्तमान ही रहते हैं कभी भी कालातीत नहीं होते वे सदा वर्तमान हैं काल की गति के साथ हैं कालजयी हैं। शास्त्र सम्मत आचरण करने वाले को कभी दुर्भाग्य और जरा व्याधि का सामना नहीं करना पड़ता और आयु पूरी होने पर व्यक्ति जन्म मरण के वंधन से मुक्त हो कर आनन्दकंद भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त करता है। यदि संस्कार समय पर संपन्न हों तो संस्कारों की महिमा ऐसी ही है कि इससे आत्मा का परिष्कार हो जाता है जिससे आत्मा कूकर शूकर कीडे मकोडे़ की योनियों में नहीं पड़ती। लेकिन मनुष्य जानकारी के अभाव में संस्कारों को कछुए की समान बोझ समझने लगता है। कल्पना करो यदि कवच ना हो तो अनेक बड़ी जीव कछुए को चट कर जायेंगे। ठीक वैसे ही संस्कारों के अभाव में हमारी आत्मा स्थिति होती है न जाने किस दुखी जीवन में जन्म मिले। इतने बड़े विधि-विधान को ना जानने या समझने का प्रतिफल हमें देवी देवताओं की मूर्ति विसर्जन जैसी अशास्त्रीय घटनाओं या गो भक्षियों की सड़ी हुई मजार पर माथा पटकने या निरंकारी राधा स्वामी ब्रह्म कुमारी नव बौद्ध मूलनिवासी आदि लोगों को वेदच्युत और संस्कार विहीन कर पशुवत बनाने वाले गिरोहों के चक्कर काटते हुए दिखते हैं।
मनुष्य का अर्थ होता है भगवान स्वायंभुव मनु की संतानें अर्थात मनु परम्परा के लोग जो चार करोड़ वर्ष पुरानी सनातन धर्म संस्कृति परम्परा है, संसार भर के मनुष्य इसी परम्परा के हैं बौद्ध जैन आर्य समाज भी सनातन परम्परा के अंग हैं। ✍️हरीश मैखुरी 

सभी बैंगन ही हैं बस उनका रंग और आकार प्रकृति ने अपनी विधान से सुसज्जित किया है। ठीक ऐसे ही शास्त्र का अर्थ होता सार्वभौमिक सार्वकालिक अनुभवजन्य समस्त ब्रहमांड के लिए कल्याणकारी विज्ञान। सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चिद् दुख भाग भवेत्।। यह शास्त्रों का भाव मंत्र है। वेद और शास्त्र सदैव वर्तमान ही रहते हैं कभी भी कालातीत नहीं होते वे सदा वर्तमान हैं काल की गति के साथ हैं कालजयी हैं। शास्त्र सम्मत आचरण करने वाले को कभी दुर्भाग्य एवम् जरा आदि व्याधि का सामना नहीं करना पड़ता और आयु पूरी होने पर व्यक्ति जन्म मरण के वंधन से मुक्त हो कर आनन्दकंद भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त करता है। यदि संस्कार समय पर संपन्न हों तो संस्कारों की महिमा ऐसी ही है कि इससे आत्मा का परिष्कार हो जाता है जिससे आत्मा कूकर शूकर कीडे मकोडे़ की योनियों में नहीं पड़ती। लेकिन मनुष्य जानकारी के अभाव में संस्कारों को कछुए के कवच के समान बोझ समझने लगता है। कल्पना करो यदि कवच ना हो तो अनेक बड़े जीव कछुए को चट कर जायेंगे। ठीक वैसे ही संस्कारों के अभाव में हमारे आचरण और आत्मा स्थिति होती है न जाने किस दुखी जीवन में जन्म मिले। इतने बड़े विधि-विधान को ना जानने या समझने का प्रतिफल हमें देवी देवताओं की मूर्ति विसर्जन जैसी अशास्त्रीय घटनाओं या गो भक्षियों की सड़ी हुई मजार पर माथा पटकने या निरंकारी राधा स्वामी ब्रह्म कुमारी नव बौद्ध मूलनिवासी इत्यादि जो लोगों को वेदच्युत और संस्कार विहीन कर पशुवत बनाने वाले ऐसे गिरोहों के चक्कर काटते हुए दिखते हैं।

मनुष्य का अर्थ होता है भगवान स्वायंभुव मनु की संतानें अर्थात मनु परम्परा के लोग जो चार करोड़ वर्ष पुरानी सनातन धर्म संस्कृति परम्परा है, संसार भर के मनुष्य इसी परम्परा के हैं बौद्ध जैन आर्य समाज भी सनातन परम्परा के अंग हैं। जो सनातन मनु परम्परा नहीं मानते उन्हें सोचना है कि वे मनुज स: अर्थात् मनुष्य परम्परा के नहीं हैं तो फिर क्या हैं! आजकल तो कुछ लोग इतनी समृद्ध वैज्ञानिक अनुसंधानजन्य भगवद्ग परम्परा की बजाय गुरु पंथी हो गये और भगवान को छोड़ दिया। वे दुर्भावनावश सनातनियों को मनुवादी कह कर धर्म संस्कृति के ज्ञाताओं को अपशब्द कह कर अपने को बड़ा पंथी जैसे सैक्युलर पंथी बामपंथी म्लेच्छ कसाई कबीलों या इसाई कबीलों का पंथी बनने या समझने के लिए अभिषप्त हैं।  चलो विदेशी तो दया के पात्र हैं क्योंकि एक बडे़ काल खंड में अब वहां ब्रह्म परम्परा का कोई ज्ञानी ही नहीं बचा विशेष रूप से वृतेशवर ब्राहमण तो बचे ही नहीं जो संस्कारों की अमूल्य पूंजी नयी पीढ़ी में प्रतिष्ठित करें। लेकिन भारत जैसी शस्य श्यामला देवभूमि पर जन्म लेने वालों का भी ऐसा दुर्भाग्य हो गया है कि वे वृतेशवर ब्राह्मणों को तिरोहित करने में ही अपना भला समझते हैं। इस कारण समाज में असंस्कार कुसंस्कार असहिष्णुता और हिंसात्मक मानसिकता को तेजी बढ़ने का अवसर मिला है। म्लेच्छ कसाईयों का क्रूर मजहब तेजी से फैलने का यही मुख्य कारण है कि दुर्दांत म्लेच्छ आक्रांताओं ने सबसे पहले अपने मार्ग से गुरूकुल हटाये और उनके आचार्यों की हत्या कर उनके जनेऊ के ढेर लगाये। लोग संस्कार विहीन होते गये विदेशी कसाई पंथी और इसाई पंथी भारत में विदेशी गाजर घास की तरह लैंटाना की तरह बढते ही गये। इस कार्य में भारत की सैक्युलर सरकारों ने आग में घी का काम किया।  देश की योग्य और प्रतिभावान पीढ़ी तेजी से विदेश पलायन कर रही है। विपक्षी भी मान रहे हैं कि गलत हुआ है। पूरे षड्यंत्र के अन्तर्गत पढे लिखे लोगों पुजा पाठ करने वालों देश रक्षा करने वाले हिन्दूओं को संविधान में उंची जाति बनाया गया और व्यापार व अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने वालों को उनसे नीची जाति बनाया गया है यह ऊंची और नीची की व्यवस्था संविधान में है, शास्त्रों में नहीं जाति प्रमाण पत्र भी संविधान के अनुसार बनाए जाते हैं शास्त्रों में जाति प्रमाण पत्र की व्यवस्था नहीं है। सनातन धर्म संस्कृति में कार्यों के चयन के लिए वर्ण व्यवस्था रही है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से अपनी वृतिनुसार कार्यों का वरण यानी चयन कर सकते हैं ‘जन्मनात् जायते शूद्र: कर्मणात् द्विजम् उच्यते’ अर्थात्  प्रत्येक व्यक्ति शुद्ध चित वाला असीम संभावना युक्त जन्म लेता है आगे चल कर उसके कर्म अर्थात कार्य उसे दूसरी अवस्थाओं में उच्चीकृत करता है। यह एक प्राकृतिक नियम है इसे ही शास्त्रों में वर्ण व्यवस्था कहा गया है। शास्त्रों में जाति व्यवस्था है ही नहीं कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था है जिसमें उंच नीचे का भाव कदापि नहीं क्यों कि प्रत्येक कार्य अपने आप में महत्वपूर्ण है लेकिन भारत की सैक्युलर सरकारों ने षड्यंत्र करके संविधान में जातियों के नाम पर आधी जनसंख्या के साथ जैसा अन्यायपूर्ण भेद-भाव किया ऐसा संसार में किसी देश में आज तक नहीं हुआ। आवश्यकता है संविधान से जातीय व्यवस्था समाप्त करने की ताकि हिन्दूओं की एकता खंडित ना हो और देश म्लेच्छ कसाईयों के हाथ की कठपुतली ना बने। इसलिए आज भारत में समान नागरिक संहिता विधेयक की प्रबल मांग उठ रही है। सबके लिए एक समान नागरिक संहिता बने तब तो समान विधान यानी तो ही सही अर्थ में संविधान होगा। ✍️ हरीश मैखुरी