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🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………..5125
विक्रम संवत्…………………….2080
शक संवत्……………………….1945
मास…………………………….बैशाख
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी………………………….एकादशी
संध्या 06.15 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि…………………………..उत्तरायण
सूर्योदय…………..प्रातः 06.06.47 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.47.30 पर
सूर्य राशि………………………….मीन
चन्द्र राशि…………………………कुम्भ
गुरु राशि…………………………..मीन
नक्षत्र…………………………शतभिषा
रात्रि 03.59 पर्यंत पश्चात पूर्वाभाद्रपद
योग………………………………शुक्ल
रात्रि 12.06 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण………………………………बव
प्रातः 07.30 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………..(माधव) वसंत
*दिन………………………….रविवार*
*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*१६ अप्रैल सन् २०२३ ईस्वी !*
☸ शुभ अंक………………………7
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.01 से 12.51 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 05.09 से 06.43 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मेष*
06:03:24 07:44:32
*वृषभ*
07:44:32 09:43:10
*मिथुन*
09:43:10 11:56:52
*कर्क*
11:56:52 14:13:02
*सिंह*
14:13:02 16:24:50
*कन्या*
16:24:50 18:35:30
*तुला*
18:35:30 20:50:08
*वृश्चिक*
20:50:08 23:06:18
*धनु*
23:06:18 25:11:55
*मकर*
25:11:55 26:59:02
*कुम्भ*
26:59:02 28:32:38
*मीन*
28:32:38 30:03:24
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.43 से 09.17 तक चंचल
प्रात: 09.17 से 10.51 तक लाभ
प्रात: 10.51 से 12.25 तक अमृत
दोप. 02.00 से 03.34 तक शुभ
सायं 06.42 से 08.08 तक शुभ
संध्या 08.08 से 09.34 तक अमृत
रात्रि 09.34 से 10.59 तक चंचल ।
📿 *आज का मंत्रः*
।। ॐ पूष्णे नम: ।।
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (प्रथम अध्याय – अर्जुन विषादयोग)*
अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम् ॥ १० ॥
अर्थात :
भीष्म पितामह द्वारा रक्षित हमारा सैन्य बल पर्याप्त नहीं है और भीम द्वारा रक्षित इन लोगों का यह सैन्य बल पर्याप्त(अधिक) है॥10॥
🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*बालों का झड़ना रोकने के घरेलू उपाय : -*
*1. गुड़हल का तेल -*
गुड़हल के तेल में विटामिन सी, विटामिन ए और मिनरल्स होते हैं, इसलिए माना जाता है कि इससे बालों को झड़ना कम होने के साथ-साथ वह काले और घने भी बनते हैं। शायद आपको पता नहीं कि बाल के उगने और झड़ने तक उसको तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। जब बालों का विकास शुरू होता है यानि प्रथम चरण को एनाजेन , दूसरे चरण यानि विकास के दौरान के समय को कैटाजेन और आखिरी चरण यानि टेलोजेन कहते हैं। गुड़हल इन तीनों चरणों में कार्यकारी होता है।
. ⚜ *आज का राशिफल* ⚜
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। बड़ों की सलाह मानें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें।
👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे।
🙎🏻♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधन प्राप्त होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
चोट व रोग से परेशानी संभव है। आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें।
. *🚩 🎪 ‼️ 🕉️ घृणि सूर्याय नमः ‼️ 🎪 🚩*
*☯आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो☯*
. *‼️ शुभम भवतु ‼️*
. *‼️ जयतु भारती ‼️*
. 🚩🇮🇳‼️ *भारत माता की जय* ‼️🇮🇳🚩
हिमालय के चार सबसे बड़े दिव्य धामों के कपाट खुलने की तिथियां 👇
श्री बदरीनाथ धाम जी :- 27 अप्रैल
श्री केदारनाथ धाम जी :- 25 अप्रैल
श्री गंगोत्री धाम जी :- 22 अप्रैल
श्री यमुनोत्री धाम जी :- 22 अप्रैल
चारधाम के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। दर्शनार्थ हेतु सभी श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
सुरक्षित और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा व दर्शनार्थ हेतु निम्न माध्यमों से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है-
🔸 वेबसाइट- https://registrationandtouristcare.uk.gov.in
॥ओ३म्॥🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
*कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि*
🙏 ॐ नमः शिवाय. 🙏
🙏 *शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम* 🙏
🌹ॐ नमो भगवते वासुदेवाय कृष्णाय
क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम
🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🚩🔱🕉️भगवान सूर्य के 21 चमत्कारी नाम
1. विकर्तन- विपत्तियों को नष्ट करने वाले2. विवस्वान- प्रकाश रूप 3. मार्तंड 4. भास्कर 5. रवि 6. लोकप्रकाशक 7. श्रीमान 8. लोक चक्षु 9. गृहेश्वर 10. लोक साक्षी 11. त्रिलोकेश 12. कर्ता 13. हर्ता 14. तमिस्त्रहा- अंधकार को नष्ट करने वाले 15. तपन 16. तापन 17. शुचि- पवित्रतम
18. सप्ताश्ववाहन
19. गभस्तिहस्त- किरणें जिनके हाथ स्वरूप हैं 20. ब्रह्मा21. सर्वदेवनमस्कृत.
🥀🌺🌷🌻
*ॐ आदित्याय विद्महे, भास्कराय धीमहि तन्नो भानू: प्रचोदयात्*।।
🥀🌹🌺 भगवान सूर्यनारायण जी को कोटि कोटि प्रणाम, नमन वंदन, सादर चरण स्पर्श । सृष्टि को चलाने वाले परम् पिता परमात्मा जी से यही प्रार्थना करता हूं कि वो आप और आपके परिवार को खुश, स्वस्थ, दीर्घायु, यश, सुख, समृद्धि, कीर्ति, पराक्रम, वैभव, सफलता और अपार धन-धान्य के साथ आपके प्रगति के सभी द्वार खोलते रहें 🥀🌷🌹🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 🙏🙏
🚩सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय!
⛳जय आर्य जय आर्यावर्त!
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🔥स्तुतिविषय:🔥
न यस्य द्यावापृथिवी अनु व्यचो
न सिन्धवो रजसो अन्तमानशु:।
नोत स्ववृष्टिं मदे अस्य युध्यत
एको अन्यच्चकृषे विश्वमानुषक्॥
—ऋग्वेद १।४।१४।१४
हे परमैश्वर्ययुक्तेश्वर! आप इन्द्र हो। हे मनुष्यों! ‘जिस परमात्मा का अन्त — इतना यह है’, न हो, उसकी व्याप्ति का परिच्छेद (इयता) परिमाण कोई नहीं कर सकता तथा “द्यावा” अर्थात् सुर्यादिलोक — सर्वोपरि आकाश तथा “पृथिवी” मध्यनिकृष्टलोक — ये कोई उसके आदि — अन्त को नहीं पाते, क्योंकि “अनुव्यच:” वह सबके बीच में अनुस्यूत (परिपूर्ण) हो रहा है तथा “न सिन्धव:” अन्तरिक्ष में जो दिव्य जल तथा “रजस:” सब लोक सो भी “न अन्तम् आनशु:” उसका अन्त नहीं पा सकते “नोत स्ववृष्टिं मदे” वृष्टिप्रहार से “युध्यत:” युद्ध करता हुआ वृत्र (मेघ) तथा बिजली — गर्जन आदि भी “अस्य” ईश्वर का पार नहीं पा सकते। हे परमात्मन्! आपका पार कौन पार सके, क्योंकि “एक:” एक अपने से भिन्न सहायरहित स्वसामर्थ्य से ही “विश्वम् ” सब जगत् को “आनुषक्” आनुषक्त, अर्थात् उसमें व्याप्त होते और “चकृषे” (कृतवान्) आपने ही उत्पन्न किया है, फिर जगत् के पदार्थ आपका पार कैसे पा सकें तथा “अन्यत् ” आप जगद्रूप कभी नहीं बनते, न अपने में से जगत् को रचते हो, किन्तु अनन्त अपने सामर्थ्य से ही जगत् का रचन, धारण और लय यथाकाल में करते हो, इससे आपका सहाय हम लोगों को सदैव है।
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💥ज्ञान रहित भक्ति अंधविश्वास है।
भक्ति रहित ज्ञान नास्तिकता है॥
🌹🙏🌷नमस्ते जी🌷🙏🌹