📖 *नीतिदर्शन………………*✍
*लोके यशः परत्रापि फलमुत्तमदानतः।*
*भवतीति परिज्ञाय धनं दीनाय दीयताम्।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 प्रशस्त दानका फल इस लोकमें *यश* और (मृत्यके बाद) *उत्तम लोकोंकी* प्राप्ति है– ऐसा जानकर दीनजनोंके निमित्त धन देना चाहिए।
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष || एकादशी तिथि पूर्वाह्ण १०:०४ तक उपरान्त द्वादशी || भृगुवासर || मार्गशीर्ष सौर २६ प्रविष्ठ || तदनुसार ११ दिसम्बर २०२० ई० || नक्षत्र चित्रा पूर्वाह्ण ०८:४७ तक उपरान्त स्वाति || तुलास्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ 🚩मार्गशीर्ष-कृ११-२०७७🚩
🔥 11 दिसम्बर 2020 🔥
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दिन —– *शुक्रवार*
तिथि — *एकादशी 10:04 am तक रहेगी*
नक्षत्र ——- *चित्रा*
पक्ष —— *कृष्ण*
अमांत माह- कार्तिक-२६
माह– — *मार्गशीर्ष*
ऋतु ——– *हेमन्त*
सूर्य दक्षिणायणे,*दक्षिण गोले*
विक्रम सम्वत –2077 -प्रमादी
दयानन्दाब्द — 196
शक सम्बत -1942
मन्वन्तर —- वैवस्वत
कल्प सम्वत–1972949122
मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत-१९६०८५३१२२
🌞सूर्योदय -((दिल्ली)7:03🔅बदायूँ 6:55
🌞सूर्यास्त–( दिल्ली)5:24🔅बदायूं 5:19
🌹 *रूप- वाणी*
..खून के रिश्ते भी कर देते हैं कभी अपनों का खून
लेकिन प्यार के रिश्ते देते हैं हमेशा सुकून।!!
🍅 *पहला सुख निरोगी काया*
*सर्दी-जुकाम व दर्द:* दो तीन ग्राम अजवाइन भूनकर सुबह-शाम गर्म पानी से लें तो आराम हो जाएगा
🌺 *आचार्य संजीव रूप*
वेदकथाकार-,पुरोहित,कवि ,यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूं
🏵 *हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵
हे परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग जिसका प्रथम चरण वर्तमान है,कि जिसका काल अब 5122 वर्ष चल रहा है ,सृष्टि कल्प सम्वत्सर एक अरब सतानवे करोड़ उन्तीस लाख उनन्चास हजार एक सौ बाईसवां वर्ष है,तथा वेदोत्पत्ति मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ बाईसवां ,विक्रम सम्वत् दो हजार सतत्तर है,दयानन्दाब्द 196वां है, सूर्य दक्षिण अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु हेमन्त , मास *मार्गशीर्ष* का कृष्ण पक्ष ,तिथि – *एकादशी* नक्षत्र – *चित्रा* आज *शुक्रवार* है ,अंग्रेजी तारीख 11 दिसम्बर को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में) मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ,जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,
🕉️ *संस्कृत संकल्प पाठ*🕉
ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः सप्तनवतिकोटयः एकोनत्रिंशत् लक्षाणि एकोनपञ्चाशत् सहस्राणि द्विविंशत्यधिकशततमे सृष्टयब्दे ,२०७७ {सप्तसप्ततति: उत्तर द्वी सहस्रे वैक्रमाब्दे }, शाके १९४२ दयानन्दाब्द(षण् णवती उत्तर शततमे) १९६ , रवि दक्षिणायणे, दक्षिण गोले, हेमंत ऋतौ, *मार्गशीर्ष मासे कृष्ण पक्षे तिथि एकादशी ,चित्रा नक्षत्रे , शुक्रवासरे ,तदनुसार 11 दिसम्बर 2020*
जम्बूद्वीपे,
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)….अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्वि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।
🚩 *आचार्य संजीव रूप*
संस्थापक/संचालक -आर्य संस्कारशाला/आर्य
