स्कंद पुराण में श्रावण मास का महात्म्य, छांगुर उर्फ धर्मांतरण के दलदल में उतरकर जो पत्रकार लड़ा वही आज सत्य की जीत का प्रतीक, अब गोल्डन सगाई के नाम पर ठगी और धर्मान्तरण, आज का पंचाग आप का राशिफल

*|| श्रावण मास माहात्म्य ||*

स्कंद पुराण *{अध्याय -01}*

*इस अध्याय में पढ़िये:-ईश्वर सनत्कुमार संवाद*

*में श्रावण मास के माहात्म्य का वर्णन!

*शौनक बोले – हे सूत ! हे सूत ! हे महाभाग ! हे व्यास शिष्य ! हे अकल्मष ! आपके मुख कमल से अनेक आख्यानों को सुनते हुए हम लोगों की तृप्ति नहीं होती है, अपितु बार-बारे सुनाने की इच्छा बढ़ती जा रही है। तुला राशि में स्थित सूर्य में कार्तिक मास का माहात्म्य, मकर राशि में माघ मास का माहात्म्य और मेष राशि में स्थित सूर्य में वैशाख मास का माहात्म्य और इसके साथ उन-उन मासों के जो भी धर्म हैं, उन्हें आपने भली-भाँति कह दिया, यदि आप के मत में इनसे भी अधिक महिमा मय कोई मास हो तथा भगवत्प्रिय कोई धर्म हो तो आप उसे अवश्य कहिये, जिसे सुनकर कुछ अन्य सुन ने की हमारी इच्छा न हो। वक्ता को श्रद्धालु श्रोता के समक्ष कुछ भी छिपाना नहीं चाहिए।*

*सूत जी बोले – हे मुनियों ! आप सभी लोग सुनें, मैं आप लोगों के वाक्य गौरव से अत्यंत संतुष्ट हूँ, आप लोगों के समक्ष मेरे लिए कुछ भी गोपनीय नहीं है। दम्भ रहित होना, आस्तिकता, शठता का परित्याग, उत्तम भक्ति, सुनने की इच्छा, विनम्रता, ब्राह्मणों के प्रति भक्ति परायणता, सुशीलता, मन की स्थिरता, पवित्रता, तपस्विता और अनसूया – ये श्रोता के बारह गुण बताये गए हैं। ये सभी आप लोगों में विद्यमान हैं, अतः मैं आप लोगों पर प्रसन्न होकर उस तत्त्व का वर्णन करता हूँ।*

*एक समय प्रतिभाशाली सनत्कुमार ने धर्म को जानने की इच्छा से परम भक्ति से युक्त होकर विनम्रतापूर्वक ईश्वर – भगवान शिव – से पूछा।*

*सनत्कुमार बोले – योगियों के द्वारा आराधनीय चरण कमल वाले हे देवदेव ! हे महाभाग ! हमने आप से अनेक व्रतों तथा बहुत प्रकार के धर्मों का श्रवण किया फिर भी हम लोगों के मन में सुनने की अभिलाषा है। बारहों मासों में जो मास सबसे श्रेष्ठ, आपकी अत्यंत प्रीति कराने वाला, सभी कर्मों की सिद्धि देने वाला हो और अन्य मास में किया गया कर्म यदि इस मास में किया जाए तो वह अनंत फल प्रदान कराने वाला हो – हे देव ! उस मास को बताने की कृपा कीजिए, साथ ही लोकानुग्रह की कामना से उस मास के सभी धर्मों का भी वर्णन कीजिए।*

*ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! मैं अत्यंत गोपनीय भी आपको बताऊंगा ! हे सुव्रत ! हे विधिनन्दन ! मैं आपकी श्रवणेच्छा तथा भक्ति से प्रसन्न हूँ। बारहों मासों में श्रावण मास मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है, अतः इसे श्रावण कहा गया है। इस मास में श्रवण नक्षत्रयुक्त पूर्णिमा होती है, इस कारण से भी इसे श्रावण कहा गया है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है। निर्मलता गुण के कारण यह आकाश के सदृश है इसलिए ‘नभा’ कहा गया है।*

*इस श्रावण मास के धर्मों की गणना करने में इस पृथ्वी लोक में कौन समर्थ हो सकता है, जिसके फल का सम्पूर्ण रूप से वर्णन करने के लिए ब्रह्माजी चार मुख वाले हुए, जिसके फल की महिमा को देखने के लिए इंद्र हजार नेत्रों से युक्त हुए और जिसके फल को कहने के लिए शेषनाग दो हजार जिह्वाओं से सम्पन्न हुए। अधिक कहने से क्या प्रयोजन, इसके माहात्म्य को देखने और कहने में कोई भी समर्थ नहीं है। हे मुने ! अन्य मास इसकी एक कला को भी नहीं प्राप्त होते हैं। यह सभी व्रतों तथा धर्मों से युक्त है। इस महीने में एक भी दिन ऐसा नहीं है जो व्रत से रहित दिखाई देता हो। इस माह में प्रायः सभी तिथियां व्रतयुक्त हैं*

*इसके माहात्म्य के सन्दर्भ में मैंने जो कहा है, वह केवल प्रशंसा मात्र नहीं है। आर्तों, जिज्ञासुओं, भक्तों, अर्थ की कामना करने वाले, मोक्ष की अभिलाषा रखने वाले और अपने-अपने अभीष्ट की आकांक्षा रखने वाले चारों प्रकार के लोगों – ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, संन्यास आश्रम वाले – को इस श्रावण मास में व्रतानुष्ठान करना चाहिए।*

*सनत्कुमार बोले – हे भगवन ! हे सत्तम ! आपने जो कहा कि इस मास में सभी दिन एवं तिथियां व्रत रहित नहीं हैं तो आप उन्हें मुझे बताएं किस तिथि में और किस दिन में कौन-सा व्रत होता है, उस व्रत का अधिकारी कौन है, उस व्रत का फल क्या है, किस-किस ने उस व्रत को किया, उसके उद्यापन की विधि क्या है, प्रधान पूजन कहाँ हो और जागरण करने की क्या विधि है, उसका देवता कौन है, उस देवता की पूजा कहाँ होनी चाहिए, पूजन सामग्री क्या-क्या होनी चाहिए और किस व्रत का कौन-सा समय होना चाहिए, हे प्रभो ! वह सब आप मुझे बताएं।*

*यह मास आपको प्रिय क्यों है, किस कारण यह पवित्र है, इस मास में भगवान का कौन-सा अवतार हुआ, यह सभी मासों से श्रेष्ठ कैसे हुआ और इस मास में कौन-कौन धर्म अनुष्ठान के योग्य हैं, हे प्रभो ! यह सब बताएं। आपके समक्ष मुझ अज्ञानी का प्रश्न करने में कितना ज्ञान हो सकता है, अतः आप सम्पूर्ण रूप से बताएं। हे कृपालों!  मेरे पूछने के अतिरिक्त भी जो जो शेष रह गया हो उसे भी लोगों के उद्धार के लिए कृपा कर के बताएं।*

*रविवार, सोमवार, भौमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन जो करना चाहिए, हे,विभो ! वह सब मुझे बताइए। आप सबके आदि में आविर्भूत हुए हैं, अतः आपको आदि देव कहा गया है। जैसे एक की विधि बाधा से अन्य की विधि-बाधा होती है, वैसे ही अन्य देवताओं के अल्प देवत्व के कारण आपको महादेव माना गया है। तीनों देवताओं के निवास स्थान पीपल वृक्ष में सबसे ऊपर आपकी स्थिति है।*

*कल्याण रूप होने के कारण आप शिव हैं और पाप समूह को हरने के कारण आप हर हैं। आपके आदि देव होने में आपका शुक्ल वर्ण प्रमाण है क्योंकि प्रकृति में शुक्ल वर्ण ही प्रधान है, अन्य वर्ण विकृत है। आप कर्पूर के समान गौर वर्ण के है, अतः आप आदि देव हैं। गणपति के अधिष्ठान रूप चार दल वाले मूलाधार नामक चक्र से, ब्रह्माजी के अधिष्ठान रूप छ: दल वाले स्वाधिष्ठान नामक चक्र से और विष्णु के अधिष्ठान रूप दस दल वाले मणिपुर नामक चक्र से भी ऊपर आप के अधिष्ठित होने के कारण आप ब्रह्मा तथा विष्णु के ऊपर स्थित हैं – यह आपकी प्रधानता को व्यक्त करता है। हे देव ! एकमात्र आपकी ही पूजा से पंचायतन पूजा हो जाती है जो की दूसरे देवता की पूजा से किसी भी तरह संभव नहीं है।*

*आप स्वयं शिव हैं। आपकी बाईं जाँघ पर शक्ति स्वरूपा दुर्गा, दाहिनी जाँघ पर गणपति, आपके नेत्र में सूर्य तथा ह्रदय में भक्तराज भगवान् श्रीहरि विराजमान हैं। अन्न के ब्रह्मारूप होने तथा रास के विष्णु रूप होने और आपके उसका भोक्ता होने के कारण हे ईशान ! आपके श्रेष्ठत्व में किसे संदेह हो सकता है। सबको विरक्ति की शिक्षा देने हेतु आप श्मशान में तथा पर्वत पर निवास करते हैं।*

*पुरुषसूक्त में “उतामृतत्वस्येशानो” इस मन्त्र के द्वारा प्रतिपादन के योग्य हैं – ऐसा महर्षियों ने कहा है। जगत का संहार करने वाले हालाहल को गले में किसने धारण किया ! महाप्रलय की कालाग्नि को अपने मस्तक पर धारण करने में कौन समर्थ था ! संसार रूप अंधकूप में पतन के हेतु कामदेव को किसने भस्म किया ! आप ऐसे हैं कि आपकी महिमा का वर्णन करने में कौन समर्थ है ! एक तुच्छ प्राणी मैं करोड़ों जन्मों में भी आपके प्रभाव का वर्णन नहीं कर सकता। अतः आप मेरे ऊपर कृपा कर के मेरे प्रश्नों को बताएं।*

*इस प्रकार श्रीस्कन्द पुराण के अंतर्गत ईश्वर सनत्कुमार संवाद में श्रावण मास माहात्म्य में पहला अध्याय पूर्ण हुआ।*                        *|| ॐ नमःशिवाय ||*

धर्मांतरण के दलदल में उतरकर जो पत्रकार लड़ा, वही आज सत्य की जीत का प्रतीक बना…

साल 2022 —

मौलाना छांगुर धर्मपरिवर्तन का रैकेट चला रहा था।
हिन्दू बेटियों को मुस्लिम बना रहा था। यह जिहादी अपने काम को बहुत गोपनीयता से कर रहा था।

जब तथाकथित सेक्युलरिज़्म की चादर ओढ़े देश का एक बड़ा वर्ग आँखें मूँदे बैठा था, तब एक अकेला पत्रकार बलरामपुर की ज़मीन पर उतरकर सच्चाई की मशाल जलाए हुए था।

आइए इस योद्धा का परिचय कराते हैं जिसने सबसे पहले “छांगुर” के पाप का खुलासा किया था।

नाम है शिवम दीक्षित —
पाञ्चजन्य के वही निर्भीक पत्रकार, जिन्होंने उस समय सबूतों के साथ खुलासा किया था कि किस तरह छांगुर मोलवी की अगुवाई में धर्मांतरण का पूरा रैकेट ऑपरेट हो रहा था।

ये कोई मामूली खुलासा नहीं था — इसके पीछे विदेशी फंडिंग, स्थानीय नेटवर्क और सुनियोजित साजिश की मोटी परतें थीं।

शिवम दीक्षित ने बताया कि कैसे हिंदू बेटियों को जाल में फँसाकर उनका धर्म बदला जा रहा था।

शिवम दिक्षित ने उन चेहरों को उजागर किया जिनके पीछे नकाब सेक्युलरिज़्म का था और नीयत इस्लामीकरण की। लेकिन उस समय क्या हुआ?

न तथाकथित लिबरल मीडिया बोली, न दिल्ली की आरामकुर्सी पर बैठे बुद्धिजीवी। उल्टा, शिवम को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश हुई। कानूनी जाल में फंसाने की कोशिश हुई। पर वह शेर लड़ता रहा..

उसका हथियार कलम था, निशाने पर मौलाना छांगुर का जिहादी क्रियाकलाप,,, शिवम ने 2022 से अब तक मियां छांगुर के कुकर्मों के कई खुलासे किये..

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परंतु सैक्यूलर गैंग के इको सिस्टम द्वारा उसे फेक न्यूज़ कहकर उसकी रिपोर्टिंग को बदनाम किया गया, जैसे सच बोलना इस देश में गुनाह हो।

पर आज, जब यूपी पुलिस की कार्रवाई में छांगुर मोलवी की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चला, तो ये महज़ एक प्रशासनिक कार्यवाही नहीं थी — ये उस पत्रकार की विजय थी जिसने ज़मीन से सच्चाई निकाली, उसको सहेजा, और जनता के सामने रखा।

बुलडोजर उन दीवारों पर चला है…
जिनमें मजहबी जहरीले इरादों की ईंटें भरी थीं।

देश के लिए ये महज़ एक केस नहीं — ये चेतावनी है। और शिवम दीक्षित जैसे पत्रकार सिर्फ पत्रकार नहीं, राष्ट्ररक्षक हैं। जब बड़े-बड़े मीडिया हाउस पैकेज के नीचे झुक जाते हैं, तब ऐसे पत्रकार बिना तनख्वाह, बिना सुरक्षा, सिर्फ अपने धर्म और देश के लिए कलम उठाते हैं।

आज आवश्यकता है ऐसे पत्रकारों को सिर माथे बैठाया जाए — क्योंकि अगर शिवम जैसे लोग न हों, तो सेक्युलरिज़्म के नाम पर हर गली में एक छांगुर मोलवी खड़ा होगा, और हर चौराहे पर एक हिंदू बेटी फँसाई जा रही होगी।

और मुझे गर्व है मुझे इस रिपोर्टर पर..

⚠️ *चौंकाने वाली खबर* *_60,000 शादीशुदा महिलाएं केजरी वाल से विधवा पेंशन ले रही थीं ..* दिलचस्प ये है कि सभी *केजरी* के *महिला विंग* से जुड़ी थीं ….. पति जिंदा फिर भी विधवा पेंशन का ले रही थीं लाभ *विभाग द्वारा दिल्ली के 11 राजस्व जिलों में डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन अभियान चलाया गया।* आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से लाभार्थियों के दस्तावेजों और उनके पारिवारिक हालात की जांच की गई। इस जांच में सामने आया कि कई महिलाएं विधवा नहीं थीं। बावजूद इसके वह विधवा पेंशन ले रही थीं। कुछ महिलाओं ने विधवा होने के बाद दोबारा विवाह कर लिया था, लेकिन उन्होंने योजना से नाम हटाने की सूचना विभाग को नहीं दी।

 *सावधान रहें* *गोल्डन सगाई**गोल्डन सगाई* 

नाम की एक वेबसाइट है। जहाँ 

*करोड़पति वर माता* के नाम से 

*सिर्फ हिन्दू लड़कियाँ ही रजिस्टर होती हैं* *सावधान रहें*। 

यदि यह इतनी बड़ी कंपनी है तो यह रिक्शा के पीछे विज्ञापन क्यों दे रही है और 

*मुस्लिम इलाके* 

में अपना ऑफिस क्यों बना रही है??*

*शकील अहमद* (?) नाम का एक मुस्लिम व्यक्ति 59 ब्राह्मणों को इकट्ठा करने के लिए एक जिलेवार व्हाट्सएप ग्रुप बना रहा है। 

*मुस्लिम संगठन है जो लव जिहाद के लिए हिन्दू ब्राह्मण लड़कियों की जानकारी इकट्ठा करता है।* *सभी से सावधान रहें* (साभार सोशल मीडिया) 

*आज का पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक – 12 जुलाई 2025*

🌤️ *दिन – शनिवार*

🌤️ *विक्रम संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*

🌤️ *शक संवत -1947*

🌤️ *अयन – दक्षिणायन*

🌤️*ऋतु – वर्षा ॠतु* 

🌤️ *मास – श्रावण (गुजरात- महाराष्ट्र अनुसार आषाढ)*

🌤️ *पक्ष – कृष्ण* 

🌤️ *तिथि – द्वितीया 13 जुलाई रात्रि 01:46 तक तत्पश्चात तृतीया*

🌤️ *नक्षत्र -उत्तराषाढ़ा सुबह 06:36 तक तत्पश्चात श्रवण*

🌤️ *योग – विष्कंभ शाम 07:32 तक तत्पश्चात प्रीति*

🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:24 से सुबह 11:04 तक*

🌤️ *सूर्योदय – 06:05*🌤️ *सूर्यास्त – 07:22*

👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*

🚩 *व्रत पर्व विवरण – जया पार्वती व्रत जागरण (गुजरात)*

💥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

💥 *चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)*

💥 *चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।*

          🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *श्रावण शनिवार* 🌷

🙏🏻 *भगवान शिव की भक्ति का महीना श्रावण (सावन) (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) से शुरू हो चुका है। (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अषाढ़ मास चल रहा है वहां 25 जुलाई, शुक्रवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा)*

👉🏻 *बहुत लोगों को श्रावण शनिवार का पूरे वर्ष इंतज़ार रहता है।*

🌷 *स्कन्दपुराण के अनुसार*

*”श्रावणे मासि देवानां त्रयानां पूजनं शनौ। नृसिंहस्य शनैश्चव्य अञ्जनीनन्दनस्य च।।”*

🙏🏻 *श्रावण मास में शनिवार के दिन नृसिंह, शनि तथा अंजनीपुत्र हनुमान इन तीनों देवताओं का पूजन करना चाहिए।*

🌷 *शिवपुराण के अनुसार*

*अपमृत्युहरे मंदे रुद्राद्रींश्च यजेद्बुधः ॥*

*तिलहोमेन दानेन तिलान्नेन च भोजयेत् ॥ (शिवपुराण, विध्येश्वर संहिता)*

🙏🏻 *शनैश्चर अल्पमृत्यु का निवारण करने वाला है, उस दिन बुद्धिमान पुरुष रुद्र आदि की पूजा करे। तिल के होम के , दान से देवताओं को संतुष्ट करके ब्राह्मणों को तिलमिश्रित अन्न भोजन कराएं।*

🙏🏻 *स्कन्दपुराण के अनुसार श्रावण शनिवार को हनुमान पूजा :*

👉🏻 *1 “शनिवारे श्रावणे च अभिषेकं समाचरेत, रुद्रमंत्रेण तैलेन हनुमत्प्रीणनाय च। तैलमिश्रितसिन्दूरलेपमं तस्य समर्पयेत” रुद्रमंत्र के द्वारा तेल से हनुमान जी का अभिषेक करना चाहिए। तेल में मिश्रित सिन्दूर का लेप उन्हें समर्पित करना चाहिए*

👉🏻 *2. जपाकुसुम, आक, मंदारपुष्प की मालाओं से , नैवेद्य से उनकी पूजा करनी चाहिए।*

👉🏻 *3. “जपेद्द्वादश नामानि हनुमत्प्रीतये बुधः” हनुमान जी के 12 नामों का जप करना चाहिए।*

🌷 *”हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो* *महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।।*

*उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।* *लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।”*

🙏🏻 *जो मनुष्य प्रातःकाल उठकर इन बारहनामों को पढ़ता है, उसका अमंगल नहीं होता और उसे सभी सम्पदा सुलभ हो जाती है।*

👉🏻 *4. हनुमान जी के मंदिर में हनुमत्कवच का पाठ करना चाहिए।*

🌷 *“श्रावणे मंदवारे तु एवमाराध्य वायुजं। वज्रतुल्यशरीरः स्यादरोगो बलवान्नरः।।*

*वेगवान्कार्यकरणे बुद्धिवैभवभूषितः। शत्रु: संक्षयमाप्नोति मित्रवृद्धि: प्रजायते।।*

*वीर्यवान्कीर्तिमांश्चैव प्रसादादंञ्जनीजने।”*

🙏🏻 *इस प्रकार श्रावण में शनिवार के दिन वायुपुत्र हनुमानजी की आराधना करके मनुष्य वज्रतुल्य शरीर वाला, निरोग और बलवान हो जाता है। अंजनीपुत्र की कृपा से वह कार्य करने में वेगवान, तथा बहुद्धि वैभव से युक्त हो जाता है, उसके शत्रु नष्ट हो जाते हैं, मित्रों की वृद्धि होती है और वह वीर्यवान तथा कीर्तिमान हो जाता है।*

🙏🏻 *स्कन्दपुराण के अनुसार* *श्रावण शनिवार को शनि पूजा:*

*शनि की प्रसन्नता के लिए एक लंगड़े ब्राह्मण और उसके अभाव में किसी ब्राह्मण के शरीर में तिल का तेल लगाकर उसे उष्ण जल से स्नान कराना चाहिए और श्रद्धायुक्त होकर खिचड़ी उसे खिलाना चाहिए। तत्पश्च्यात तेल, लोहा, काला तिल, काला उडद, काला कंबल, प्रदान करना चाहिए। इसके बाद व्रती यह कहे कि मैंने यह सब शनि की प्रसन्नता के लिए किया है, शनिदेव मुझपर प्रसन्न हों। तदनन्तर तिल के तेल से शनि का अभिषेक कराना चाहिए। उनके पूजन मेजन तिल तथा उड़द के अक्षत प्रशस्त माने गए हैं।*

 

🌷 *उसके बाद शनि का ध्यान करें:*

*शनैश्चरः कृष्णवर्णो मन्दः काश्यपगोत्रजः।*

*सौराष्ट्रदेशसम्भूतः सूर्यपुत्रो वरप्रदः। दण्डाकृतिर्मण्डले स्यादिन्द्रनीलसमद्युतिः।*

*बाणबाणासनधरः शूलधृग्गृध्रवाहनः।* *यमाधिदैवतश्चैव ब्रह्मप्रत्यधिदैवतः।*

*कस्तूर्यगुरुगन्ध: स्यात्तथा गुग्गुलुधूपकः। कृसरान्नप्रियश्चैव विधिरस्य प्रकीर्तितः।*

🙏🏻 *पूजा में कृष्ण वस्तु (काली वस्तु) का दान करना चाहिये। ब्राह्मण को काले रंग के दो वस्त्र देने चाहिए और काले बछड़े सहित काली गौ प्रदान करनी चाहिए।*

🌷 *शनि पूजन में वैदिक मंत्र:*

*ॐ शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।*

*शंयोरभिस्र वन्तु न:। ॐ शनैश्चराय नम:।*

🙏🏻 *भगवान् शिव, शनिदेव के गुरु हैं। शिव ने ही शनि को न्यायाधीश का पद सौंपा था जिसके फलस्वरूप शनि देव मनुष्य/देव/पशु सभी को कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए श्रावण के महीने में जो भी भगवान् शिव के साथ साथ शनि की उपासना करता है उसको शनि के शुभ फल प्राप्त होते हैं। भगवान् शिव के अवतार पिप्पलाद, भैरव तथा रुद्रावतार हनुमान जी की पूजा भी शनि के प्रकोप से रक्षा करती है।*

आज का राशिफल   🐐🐂💏💮     

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपके लिए शुभ रहेगा लेकिन आज आर्थिक रूप से दिन निराशाजनक ही रहने वाला है। प्रातः काल से किसी कार्य को पूर्ण करने की जल्दी रहेगी। जल्दबाजी के कारण कार्य सफाई से नही कर पाएंगे। धन लाभ में भी विलम्ब होगा जिससे पूर्व में विचारे कार्य अधर में लटक सकते है। घरेलू वातावरण आपकी आलसी अथवा टालमटोल वाली वृति से अस्त-व्यस्त रहेगा फिर भी आज कोई भी आपके सामने शिकायत या आपकी आलोचना नही करेगा। प्रेम-प्रसंगों में अधिक भावुकता मन को दुखी करेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आप आराम से बिताएंगे कुछ दिनों से चल रही उलझने आज थोड़ी शांत होंगी। धार्मिक कार्यो में रुचि रहने से मानसिक शांति मिलेगी। व्यवसायी वर्ग काम को लेकर कुछ दुविधा में रहेंगे फिर भी आवश्यकता अनुसार धन की आमद हो ही जाएगी। आज आप घरेलू कार्यो में टालमटोल करेंगे जिससे परिजन नाराज हो सकते है। मनोरंजन के साथ ही आराम के क्षण भी मिलेंगे। दाम्पत्य जीवन मे सुधार आएगा। अकस्मात यात्रा के प्रसंग बन सकते है। आज सेहत का ध्यान रखें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन प्रतिकूल फलदायी रहेगा। दिन के आरंभ में किसी से बंधी आशा टूटने से मन दुखी होगा। आर्थिक कारणों से मध्यान तक का समय संघर्ष वाला रहेगा इसके बाद कही से आकस्मिक धन लाभ होने से थोड़ी राहत मिलेगी। आज यात्रा पर्यटन की योजना भी बनेगी परन्तु वाहन से चोट अथवा अन्य आकस्मिक दुर्घटना का भय है सावधान रहें। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से लाभ में कमी आएगी। परिजन किसी कार्य से आपके ऊपर आश्रित रहेंगे जिसमे उन्हें निराश ही होना पड़ेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपको प्रत्येक क्षेत्र में विजय दिलाएगा। आज जिस भी काम मे निवेश करेंगे उसमे दुगना धन मिलने की संभावना रहेगी लेकिन धन की आमद में थोड़ा विलम्ब हो सकता है। व्यवसाय के अतिरिक्त भी आय होने की संभावना है। नौकरी पेशा जातक आज आराम के मूड में रहेंगे लेकिन घरेलू काम बढ़ने से असहजता होगी। पारिवारिक वातावरण में थोड़ा विरोधाभास रहेगा परन्तु महत्त्वपूर्ण विषयो में सभी एकजुट हो जाएंगे। सेहत में सुधार आएगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन धन-धान्य वृद्धि कारक रहेगा। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति पर खर्च होगा। सुख-सुविधा भी बढ़ेगी। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक दिन भर का कोटा पूरा कर लेंगे इसके बाद भी लाभ होता रहेगा किन्तु कुछ कमी आएगी। घर अथवा व्यावसायिक स्थल को नया रूप देने के लिये तोड़-फोड़ करा सकते है। नये कार्यानुबन्ध हाथ मे लेना आज शुभ रहेगा। नौकरी पेशा जातक भी कार्य क्षेत्र बदलने का मन बनाएंगे। कही से रुका धन मिलने से प्रसन्नता होगी। घर मे मामूली बहस के बाद भी स्थिति सुखदायी रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आपकी बौद्धिक क्षमता में विकास होगा भले बुरे को परख कर ही कोई भी कार्य करेंगे फिर भी स्वभाव अनुसार छोटी बातों पर अकड़ दिखाना नही जाएगा जिससे कुछ ना कुछ व्यवधान आ सकता है। व्यवसाय में आपके लिके निर्णय लाभदायक सिद्ध होंगे आर्थिक दृष्टिकोण से भी अन्य दिनों की अपेक्षा आज का दिन बेहतर रहेगा। विरोधी आपके आगे नही टिकेंगे लेकिन पीठ पीछे कुछ ना कुछ तिकड़म अवश्य लगाएंगे। हित शत्रुओ से सावधान रहें। पारिवारिक सदस्यों को समय देना पड़ेगा खर्च भी होगा। 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन विपरीत परिस्थितियों वाला रहेगा दिन के आरंभ में ही परिवार अथवा आस-पड़ोसियों से कलह हो सकती है इसका प्रभाव भी दिन भर देखने को मिलेगा। कार्य व्यवसाय में उदासीनता दिखाने से होने वाले लाभ में कमी आएगी। लेकिन उधारी के व्यवहार भी आज कम होंगे। आज आपके स्वभाव में रूखापन रहने से स्नेहीजनों को तकलीफ होगी। परिवार अथवा अन्य से किये वादे पूरे नही कर सकेंगे जिसकारण सम्मान हानि हो सकती है। आय की अपेक्षा खर्च अधिक होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से लाभदायक रहेगा। घर के बुजुर्गों एवं कार्य व्यवसाय से अकस्मात लाभ होगा। लेकिन आज व्यर्थ के खर्च भी बढ़ेंगे। व्यापारी वर्ग को कुछ दिनों से अटके कार्य आज पूर्ण होने से तसल्ली मिलेगी। लेकिन परिवार में आज आर्थिक कारण अथवा किसी अन्य वजह से खींच-तान होने की संभावना है। धन की अपेक्षा संबंधों को अधिक महत्त्व दे अन्यथा वैर-विरोध का सामना करना पड़ेगा। मध्यान के बाद का समय पूरे दिन की अपेक्षा ज्यादा सुखदायी रहेगा। मौज-शौक पर खर्च होगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आपकी मानसिकता बिना परिश्रम किया सुख भोगने वाली रहेगी यह कामना कुछ हद तक पूर्ण भी हो जाएगी परन्तु धन संबंधित योजनाओ को गति देने के लिए आज बौद्धिक एवं शारीरिक परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। मध्यान तक किये परिश्रम का फल संध्या तक मिल जाएगा। जोड़-तोड़ कर धन कोष में वृद्धि होगी लेकिन अकस्मात खर्च आने से बचत नही हो पाएगी। पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति मजबूरी में करेंगे। बाहर घूमने का आयोजन होगा मनोरंजन पर खर्च बढेगा। 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आपकी बनाई योजनाए आरम्भ में विफल होती प्रतीत होंगी लेकिन कुछ समय बाद स्वतः ही सभी काम बनते चले जायेंगे। आर्थिक कारणों से आज किसी की खुशामद भी करनी पड़ सकती है। व्यवसाय से धन लाभ संतोषजनक होगा लेकिन आवश्यक के समय ना होकर अकस्मात ही होगा। घर के बुजुर्ग आज आपकी किसी बुरी आदत से दुखी होंगे कुछ समय के लिए स्थिति को संभालना मुश्किल होगा। संध्या के समय घरेलू खर्च के साथ ही मौज शौक पर खर्च होगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आपके लिए हानिकारक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर किसी गलत निर्णय के कारण आर्थिक हानि की संभावना है जिसकी भरपाई में समय लगेगा। विरोधी कुछ समय शांत रहकर अगली चाल की योजना बनाएंगे सतर्क रहें। स्वभाव में आज व्यवहारिकता रखना अत्यंत आवश्यक है। सामजिक एवं धार्मिक कार्यो में अरुचि रहने पर भी बेमन से सम्मिलित होने पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर आज सहकर्मी अथवा नौकरो की गतिविधि पर भी नजर रखें। संध्या के समय थोड़ा मनचाहा वातावरण मिलने से मानसिक दुविधा कम होगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आप एक साथ कई क्षेत्रों से लाभ कमा सकते है परंतु आज आलसी प्रकृति भी रहने के कारण कुछ ना कुछ आशा के विपरीत अवश्य होगा। व्यवसायी वर्ग बेहिचक निवेश करें निकट भविष्य के लिए लाभदायी रहेगा। धन लाभ आवश्यकता के समय होने से ज्यादा झंझट में नही पड़ना पड़ेगा। आज आप अपनी व्यवहार कुशलता का परिचय हर क्षेत्र पर देंगे लेकिन परिवार में किसी से रूठना मनाना लगा रहेगा फिर भी माहौल नियंत्रण में ही रहेगा। विशेष कर आज व्यसनों से दूर रहें धन के साथ ही मान एवं शारीरिक हानि हो सकती है।

       〰️〰️🙏राधे राधे🙏〰️〰️

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