8400000 लाख योनियों का रहस्य…
हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में से एक है। अब समस्या ये है कि कई लोग ये नहीं समझ पाते कि वास्तव में इन योनियों का अर्थ क्या है? ये देख कर और भी दुःख होता है कि आज की पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी इस बात पर व्यंग करती और हँसती है कि इतनी सारी योनियाँ कैसे हो सकती है। कदाचित अपने सीमित ज्ञान के कारण वे इसे ठीक से समझ नहीं पाते। गरुड़ पुराण में योनियों का विस्तार से वर्णन दिया गया है। तो आइये आज इसे समझने का प्रयत्न करते हैं।
सबसे पहले ये प्रश्न आता है कि क्या एक जीव के लिए ये संभव है कि वो इतने सारे योनियों में जन्म ले सके? तो उत्तर है, हाँ। एक जीव, जिसे हम आत्मा भी कहते हैं, इन ८४००००० योनियों में भटकती रहती है। अर्थात मृत्यु के पश्चात वो इन्ही ८४००००० योनियों में से किसी एक में जन्म लेती है। ये तो हम सब जानते हैं कि आत्मा अजर एवं अमर होती है इसी कारण मृत्यु के पश्चात वो एक दूसरे योनि में दूसरा शरीर धारण करती है। अब प्रश्न ये है कि यहाँ “योनि” का अर्थ क्या है? अगर आसान भाषा में समझा जाये तो योनि का अर्थ है जाति (नस्ल), जिसे अंग्रेजी में हम स्पीशीज (Species) कहते हैं। अर्थात इस विश्व में जितने भी प्रकार की जातियाँ है उसे ही योनि कहा जाता है। इन जातियों में ना केवल मनुष्य और पशु आते हैं, बल्कि पेड़-पौधे, वनस्पतियाँ, जीवाणु-विषाणु इत्यादि की गणना भी उन्ही ८४००००० योनियों में की जाती है। आज का विज्ञान बहुत विकसित हो गया है और दुनिया भर के जीव वैज्ञानिक वर्षों की शोधों के बाद इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि इस पृथ्वी पर आज लगभग ८७००००० (सतासी लाख) प्रकार के जीव-जंतु एवं वनस्पतियाँ पाई जाती है। इन ८७ लाख जातियों में लगभग २-३ लाख जातियाँ ऐसी हैं जिन्हे आप मुख्य जातियों में लगभग २-३ लाख जातियाँ ऐसी हैं जिन्हे आप मुख्य जातियों की उपजातियों के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं। अर्थात अगर केवल मुख्य जातियों की बात की जाये तो वो लगभग ८४ लाख है। अब आप सिर्फ ये अंदाजा लगाइये कि हमारे हिन्दू धर्म में ज्ञान-विज्ञान कितना उन्नत रहा होगा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने आज से हजारों वर्षों पहले केवल अपने ज्ञान के बल पर ये बता दिया था कि ८४००००० योनियाँ है जो कि आज की उन्नत तकनीक द्वारा की गयी गणना के बहुत निकट है।
हिन्दू धर्म के अनुसार इन ८४ लाख योनियों में जन्म लेते रहने को ही जन्म-मरण का चक्र कहा गया है। जो भी जीव इस जन्म मरण के चक्र से छूट जाता है, अर्थात जो अपनी ८४ लाख योनियों की गणनाओं को पूर्ण कर लेता है और उसे आगे किसी अन्य योनि में जन्म लेने की आवश्यकता नहीं होती है, उसे ही हम “मोक्ष” की प्राप्ति करना कहते है। मोक्ष का वास्तविक अर्थ जन्म-मरण के चक्र से निकल कर प्रभु में लीन हो जाना है। ये भी कहा गया है कि सभी अन्य योनियों में जन्म लेने के पश्चात ही मनुष्य योनि प्राप्त होती है। मनुष्य योनि से पहले आने वाले योनियों की संख्या ८०००००० (अस्सी लाख) बताई गयी है। अर्थात हम जिस मनुष्य योनि में जन्मे हैं वो इतनी विरली होती है कि सभी योनियों के कष्टों को भोगने के पश्चात ही ये हमें प्राप्त होती है। और चूँकि मनुष्य योनि वो अंतिम पड़ाव है जहाँ जीव अपने कई जन्मों के पुण्यों के कारण पहुँचता हैं, मनुष्य योनि ही मोक्ष की प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन माना गया है। विशेषकर कलियुग में जो भी मनुष्य पापकर्म से दूर रहकर पुण्य करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति की उतनी ही अधिक सम्भावना होती है। किसी भी अन्य योनि में मोक्ष की प्राप्ति उतनी सरल नहीं है जितनी कि मनुष्य योनि में है। किन्तु दुर्भाग्य ये है कि लोग इस बात का महत्त्व समझते नहीं हैं कि हम कितने सौभाग्यशाली हैं कि हमने मनुष्य योनि में जन्म लिया है।
एक प्रश्न और भी पूछा जाता है कि क्या मोक्ष पाने के लिए मनुष्य योनि तक पहुँचना या उसमे जन्म लेना अनिवार्य है? इसका उत्तर है, नहीं। हालाँकि मनुष्य योनि को मोक्ष की प्राप्ति के लिए सर्वाधिक आदर्श योनि माना गया है क्यूंकि मोक्ष के लिए जीव में जिस चेतना की आवश्यकता होती है वो हम मनुष्यों में सबसे अधिक पायी जाती है। इसके अतिरिक्त कई गुरुजनों ने ये भी कहा है कि मनुष्य योनि मोक्ष का सोपान है और मोक्ष केवल मनुष्य योनि में ही पाया जा सकता है। हालाँकि ये अनिवार्य नहीं है कि केवल मनुष्यों को ही मोक्ष की प्राप्ति होगी, अन्य जंतुओं अथवा वनस्पतियों को नहीं। इस बात के कई उदाहरण हमें अपने वेदों और पुराणों में मिलते हैं कि जंतुओं ने भी सीधे अपनी योनि से मोक्ष की प्राप्ति की। महाभारत में पांडवों के महाप्रयाण के समय एक कुत्ते का जिक्र आया है जिसे उनके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति हुई थी, जो वास्तव में धर्मराज थे। महाभारत में ही अश्वमेघ यज्ञ के समय एक नेवले का वर्णन है जिस युधिष्ठिर के अश्वमेघ यज्ञ से उतना
पुण्य नहीं प्राप्त हुआ जितना एक गरीब के आंटे से और बाद में वो भी मोक्ष को प्राप्त हुआ। विष्णु एवं गरुड़ पुराण में एक गज और ग्राह का वर्णन आया है जिन्हे भगवान विष्णु के कारण मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। वो ग्राह पूर्व जन्म में गन्धर्व और गज भक्त राजा थे किन्तु कर्मफल के कारण अगले जन्म में पशु योनि में जन्मे। ऐसे ही एक गज का वर्णन गजानन की कथा में है जिसके सर को श्रीगणेश के सर के स्थान पर लगाया गया था और भगवान शिव की कृपा से उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई। महाभारत की कृष्ण लीला में श्रीकृष्ण ने अपनी बाल्यावस्था में खेल-खेल में “यमल” एवं “अर्जुन” नमक दो वृक्षों को उखाड़ दिया था। वो यमलार्जुन वास्तव में पिछले जन्म में यक्ष थे जिन्हे वृक्ष योनि में जन्म लेने का श्राप मिला था। अर्थात, जीव चाहे किसी भी योनि में हो, अपने पुण्य कर्मों और सच्ची भक्ति से वो मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
एक और प्रश्न पूछा जाता है कि क्या मनुष्य योनि सबसे अंत में ही मिलती है। तो इसका उत्तर है, नहीं। हो सकता है कि आपके पूर्वजन्मों के पुण्यों के कारण आपको मनुष्य योनि प्राप्त हुई हो लेकिन ये भी हो सकता है कि मनुष्य योनि की प्राप्ति के बाद किये गए आपके पाप कर्म के कारण अगले जन्म में आपको अधम योनि प्राप्त हो। इसका उदाहरण आपको ऊपर की कथाओं में मिल गया होगा। कई लोग इस बात पर भी प्रश्न उठाते हैं कि हिन्दू धर्मग्रंथों, विशेषकर गरुड़ पुराण में अगले जन्म का भय दिखा कर लोगों को डराया जाता है। जबकि वास्तविकता ये है कि कर्मों के अनुसार अगली योनि का वर्णन इस कारण है ताकि मनुष्य यथासंभव पापकर्म करने से बच सके।
हालाँकि एक बात और जानने योग्य है कि मोक्ष की प्राप्ति अत्यंत ही कठिन है। यहाँ तक कि सतयुग में, जहाँ पाप शून्य भाग था, मोक्ष की प्राप्ति अत्यंत कठिन थी। कलियुग में जहाँ पाप का भाग १५ है, इसमें मोक्ष की प्राप्ति तो अत्यंत ही कठिन है। हालाँकि कहा जाता है कि सतयुग से उलट कलियुग में केवल पाप कर्म को सोचने पर उसका उतना फल नहीं मिलता जितना करने पर मिलता है। और कलियुग में किये गए थोड़े से भी पुण्य का फल बहुत अधिक मिलता है। कई लोग ये समझते हैं कि अगर किसी मनुष्य को बहुत पुण्य करने के कारण स्वर्ग की प्राप्ति होती हैतो इसी का अर्थ मोक्ष है, जबकि ऐसा नहीं है। स्वर्ग की प्राप्ति मोक्ष की प्राप्ति नहीं है। स्वर्ग की प्राप्ति केवल आपके द्वारा किये गए पुण्य कर्मों का परिणाम स्वरुप है। स्वर्ग में अपने पुण्य का फल भोगने के बाद आपको पुनः किसी अन्य योनि में जन्म लेना पड़ता है। अर्थात आप जन्म और मरण के चक्र से मुक्त नहीं होते। रामायण और हरिवंश पुराण में कहा गया है कि कलियुग में मोक्ष की प्राप्ति का सबसे सरल साधन “राम-नाम” है।
पुराणों में ८४००००० योनियों का गणनाक्रम दिया गया है कि किस प्रकार के जीवों में कितनी योनियाँ होती है। पद्मपुराण के ७८/५ वें सर्ग में कहा गया है: जलज नवलक्षाणी,
स्थावर लक्षविंशति
कृमयो: रुद्रसंख्यकः
पक्षिणाम् दशलक्षणं
त्रिंशलक्षाणी पशवः
चतुरलक्षाणी मानव
अर्थात,
जलचर जीव: ९००००० (नौ लाख)
वृक्ष: २०००००० (बीस लाख)
कीट (क्षुद्रजीव): ११००००० (ग्यारह लाख)
पक्षी: १०००००० (दस लाख)जंगली पशु: ३०००००० (तीस लाख)
मनुष्य: ४००००० (चार लाख)
इस प्रकार ९००००० + २०००००० + ११००००० + १०००००० + ३०००००० + ४००००० = कुल ८४००००० योनियाँ होती है।
जैन धर्म में भी जीवों की ८४००००० योनियाँ ही बताई गयी है। सिर्फ उनमे जीवों के प्रकारों में थोड़ा भेद है।
जैन धर्म के अनुसार:पृथ्वीकाय: ७००००० (सात लाख)
जलकाय: ७००००० (सात लाख)
अग्निकाय: ७००००० (सात लाख)
वायुकाय: ७००००० (सात लाख)
वनस्पतिकाय: १०००००० (दस लाख)
साधारण देहधारी जीव (मनुष्यों को छोड़कर): १४००००० (चौदह लाख)
द्वि इन्द्रियाँ: २००००० (दो लाख)
त्रि इन्द्रियाँ: २००००० (दो लाख)चतुरिन्द्रियाँ: २००००० (दो लाख)
पञ्च इन्द्रियाँ (त्रियांच): ४००००० (चार लाख)
पञ्च इन्द्रियाँ (देव): ४००००० (चार लाख)
पञ्च इन्द्रियाँ (नारकीय जीव): ४००००० (चार लाख)
पञ्च इन्द्रियाँ (मनुष्य): १४००००० (चौदह लाख)
इस प्रकार ७००००० + ७००००० + ७००००० + ७००००० + १०००००० + १४००००० +२००००० + २००००० + २००००० + ४००००० + ४००००० + ४००००० + १४००००० = कुल ८४०००००
अतः यदि आगे से आपको कोई ऐसा मिले जो ८४००००० योनियों के अस्तित्व पर प्रश्न उठाये या उसका मजाक उड़ाए, तो कृपया उसे इस शोध को पढ़ने को कहें। साथ ही ये भी कहें कि हमें इस बात का गर्व है कि जिस चीज कोसाबित करने में आधुनिक/पाश्चात्य विज्ञान को हजारों वर्षों का समय लग गया, उसे हमारे विद्वान ऋषि-मुनियों ने सहस्त्रों वर्षों पूर्व ही सिद्ध कर दिखाया था।
सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है 🚩🚩🙏
धरती का जादू: क्यों हम 5 किलोमीटर से आगे नहीं देख सकते?
क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम खुले मैदान में खड़े होते हैं तो नज़रें किसी बिंदु के बाद रुक-सी जाती हैं? मानो धरती खुद हमें आगे देखने से रोक देती हो। असल में यह हमारी नज़र की सीमा नहीं बल्कि धरती की गोलाई का जादू है।
धरती पूरी तरह गोल क्यों मानी जाती है?
धरती एक पूर्ण गोला नहीं बल्कि हल्की-सी चपटी गेंद जैसी है,जिसे वैज्ञानिक Oblate Spheroid कहते हैं। इसका मतलब है कि इसकी सतह सीधी नहीं बल्कि धीरे-धीरे झुकी हुई (curved) है। जब आप ज़मीन पर खड़े होते हैं तो आपकी आँखें इस घुमावदार सतह से ऊपर होती हैं। आपकी दृष्टि रेखा सीधी जाती है,पर सतह झुकने लगती है ।इसलिए कुछ दूरी के बाद धरती खुद ही आपकी नज़र को छुपा लेती है।
क्षितिज;जहाँ धरती और आसमान मिलते हैं
वो बिंदु जहाँ आपकी नज़र रुक जाती है उसे कहा जाता है क्षितिज (Horizon) यानी वो सीमा जहाँ धरती की सतह इतनी झुक जाती है कि आगे कुछ दिखाई नहीं देता। अब सवाल आता है आख़िर ये सीमा कितनी दूर है?
विज्ञान का फॉर्मूला
क्षितिज की दूरी को इस सरल समीकरण से निकाला जा सकता है:-
d = √2Rh
जहाँ
* (d) = क्षितिज तक की दूरी (किलोमीटर में)
* (R) = पृथ्वी का रेडियस ≈ 6371 किमी
* (h) = आपकी आँख की ऊँचाई (मीटर में)
अगर आपकी ऊँचाई लगभग 1.7 मीटर है तो आप लगभग 4.7 किलोमीटर तक साफ़ देख सकते हैं यानि धरती की गोलाई हर 5 किलोमीटर पर आपकी दृष्टि को सीमा दे देती है।
ऊँचाई बढ़े तो नज़ारा बढ़े
धरती की गोलाई से ऊपर उठने पर आपकी दृष्टि-सीमा भी बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए:
* टॉवर की ऊँचाई (100 मीटर) → आप 36 किमी तक देख सकते हैं
* हवाई जहाज (10000 मीटर) → आप 350 किमी दूर का क्षितिज देख सकते हैं
इसीलिए पहाड़ों से सूरज थोड़ा पहले उगता और देर से डूबता दिखाई देता है।
गोल धरती का सुंदर भ्रम
धरती की यही गोलाई हमें रोज़ के कई “जादुई दृश्य” दिखाती है:-
* सूरज का धीरे-धीरे उगना और डूबना
* जहाज़ का धीरे-धीरे क्षितिज के पार गायब होना
* और वो पल जब आसमान और ज़मीन एक साथ मिलते नज़र आते हैं।
असल में ये सब हमारी नज़र का धोखा नहीं बल्कि धरती की कोमल गोलाई का कमाल है।
निष्कर्ष:
धरती हमें सीमित नज़रिया देती है लेकिन यही सीमा हमें उसकी विशालता का एहसास कराती है। हम सिर्फ 5 किलोमीटर देख पाते हैं,पर उस सीमा के पार फैला है एक अनंत संसार,जो अभी भी हमें खोजने को बुला रहा है। #fblifestyle
🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, १० नवम्बर २०२५🌻
सूर्योदय: 🌄 ०६:४७
सूर्यास्त: 🌅 ०५:३५
चन्द्रोदय: 🌝 २२:०७
चन्द्रास्त: 🌜११:४६
अयन 🌘 दक्षिणायणे (दक्षिण गोले)
ऋतु: 🌳 हेमन्त
शक सम्वत: 👉 १९४७ (विश्वावसु)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८२ (कालयुक्त)
मास 👉 मार्गशीर्ष
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 षष्ठी (२४:०७ से सप्तमी)
नक्षत्र 👉 पुनर्वसु (१८:४८ से पुष्य)
योग 👉 साध्य (१२:०५ से शुभ)
प्रथम करण 👉 गर (१२:५५ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२४:०७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 कर्क (१३:०३ से)
मंगल 🌟 वृश्चिक (अस्त, पश्चिम , मार्गी)
बुध 🌟 वृश्चिक (उदय, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 कर्क (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 तुला (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 कुम्भ
केतु 🌟 सिंह
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३९ से १२:२२
अमृत काल 👉 १६:३१ से १८:०२
सर्वार्थ सिद्धि योग 👉 १८:४८ से ३०:३९
रवि योग 👉 १८:४८ से ३०:३९
विजय मुहूर्त 👉 १३:४८ से १४:३१
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२३ से १७:५०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२३ से १८:४३
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३४ से २४:२७
राहुकाल 👉 ०७:५९ से ०९:१९
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:४० से १२:०१
दुर्मुहूर्त 👉 १२:२२ से १३:०५
होमाहुति 👉 गुरु
दिशा शूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२४:०७ तक)
भद्रावास 👉 मृत्यु (२४:०७ से)
चन्द्र वास 👉 पश्चिम (उत्तर १३:०२ से)
शिववास 👉 भोजन में (२४:०७ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल, ३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर, ७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग, ३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ, ७ – अमृत ८ – चर
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष🗓
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पूज्य डोगरे जी पुण्य तिथि, छींट छठ, गृह प्रवेश मुहूर्त+वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः ०९:२७ से १०:४९ तक, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ११:४९ से दोपहर १२:३२ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १८:४८ तक जन्मे शिशुओ का नाम पूनर्वसु नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (को, ह, ही) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पुष्य नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (हू, हे) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २८:५० से ०७:११
वृश्चिक – ०७:११ से ०९:३०
धनु – ०९:३० से ११:३४
मकर – ११:३४ से १३:१५
कुम्भ – १३:१५ से १४:४१
मीन – १४:४१ से १६:०४
मेष – १६:०४ से १७:३८
वृषभ – १७:३८ से १९:३३
मिथुन – १९:३३ से २१:४८
कर्क – २१:४८ से २४:१०+
सिंह – २४:१०+ से २६:२८+
कन्या – २६:२८+ से २८:४६+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
मृत्यु पञ्चक – ०६:३८ से ०७:११
अग्नि पञ्चक – ०७:११ से ०९:३०
शुभ मुहूर्त – ०९:३० से ११:३४
रज पञ्चक – ११:३४ से १३:१५
शुभ मुहूर्त – १३:१५ से १४:४१
चोर पञ्चक – १४:४१ से १६:०४
रज पञ्चक – १६:०४ से १७:३८
शुभ मुहूर्त – १७:३८ से १८:४८
चोर पञ्चक – १८:४८ से १९:३३
शुभ मुहूर्त – १९:३३ से २१:४८
रोग पञ्चक – २१:४८ से २४:०७+
शुभ मुहूर्त – २४:०७+ से २४:१०+
मृत्यु पञ्चक – २४:१०+ से २६:२८+
अग्नि पञ्चक – २६:२८+ से २८:४६+
शुभ मुहूर्त – २८:४६+ से ३०:३९+
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। सेहत सामान्य रहेगी। कार्यो को आप लाभ-हानि की परवाह किये बिना अपनी ही मस्ती में करेंगे जिससे बाद में कोई गलती उभरेगी। स्वभाव में जल्दबाजी रहने के कारण अधिकांश कार्य समय से पहले पूर्ण कर लेंगे। नौकरी वाले लोग आज अधिकारी वर्ग से विशेष प्रयोजन सिद्ध कर पाएंगे। सरकारी कार्य भी थोड़े बौद्धिक श्रम से बना लेंगे। परिजनों के साथ संबंधों में निकटता रहेगी लेकिन व्यक्तिगत निर्णय में किसी का हस्तक्षेप करने से विवाद पर भी उतर सकते है। प्रेम प्रसंगों में आपके गलत निर्णय के कारण हानि होगी अनैतिक गतिविधि से दूरी बनाए रखें अन्यथा पारिवारिक सुख शांति बिगड़ सकती है। धन लाभ से खर्च ज्यादा रहेगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी आप आराम से बितायेंगे। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी थोड़ी पेट सम्बंधित समस्या रह सकती है। कामो की भरमार रहने से थोड़ी असमंजस की स्थिति भी बनेगी परन्तु मध्यान तक सभी बोझ स्वतः ही उतरने लगेगा। मध्यान के बाद का समय चुनौती से भरा रहेगा। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा रहने से मन में उच्चाटन आएगा आपका मन अलग-अलग जगह भटकने के बाद भी मध्यान तक निर्वाह योग्य धन लाभ हो जाएगा। आज सामाजिक कार्यो में रुचि लेंगे लेकिन अपने काम से काम रखे तो अधिक लाभ भी बना पाएंगे। गृहस्थ जीवन में आनंद बना रहेगा। सन्ध्या बाद कार्यो को छोड़ आराम करने का मन करेगा। घरेलु कार्यो में लापरवाही के कारण झगडे होने की संभावना है।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन का पहला भाग आनंद से व्यतीत करेंगे सुख के लगभग सभी साधन उपलब्ध होंगे लेकिन आलस्य अधिक रहने से लापरवाही बढ़ेगी। मध्यान से स्थिति में परिवर्तन आने लगेगा। शारीरिक परेशानियां बनने से कार्य में व्यवधान आ सकता है। ना चाहकर भी मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन परिश्रम के बाद भी परिणाम शून्य रहेगा। लोगो से आपकी बात की विपरीत प्रतिक्रिया मिलने पर मन में नकारात्मकता बढ़ेगी। दुर्व्यसनों पर खर्च होगा। धन लाभ के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। मध्यान बाद सभी तरह से सावधानी बरतें। सरकारी अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यो को आज टालना ही बेहतर रहेगा। धन खर्च करने पर भी अधिकतर कार्य अधूरे ही रहेंगे। परिजनों के साथ भी आज संबंधो में रुखापन रहेगा। धन लाभ मुश्किल से होगा। जोखिम वाले कार्य ना करें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपकी आशाओं के विपरीत रहने से बनी बनाई योजनाएं अधर में लटक सकती है। आर्थिक हानि होने की सम्भवना है। आपकी प्रशंशा करने वाले पीठ पीछे आलोचना करेंगे परन्तु इससे उदास ना हों अपने कार्य में निष्ठा से लगे रहे स्थिति सुधरने में अभी वक्त लगेगा। स्वास्थ्य भी विपरीत रहने से उत्साहहीनता रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आर्थिक कारणों से किसी से झड़प हो सकती है। व्यवहार को संतुलित बनाये रखें अन्यथा भविष्य में होंने वाले लाभ से भी वंचित रहना पड़ेगा। परिवार में आज अहम् को लेकर किसी से टकराव भी हो सकता है वाणी अथवा व्यवहार से किसी को ठेस ना पहुंचे इसका ध्यान रखें। आध्यत्म से जुड़ें मानसिक शान्ति मिलेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपको समाज के किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग मिलने से बिगड़े काम बनेंगे। परन्तु घर के बुजुर्ग आपकी कार्यप्रणाली को लेकर नाराज भी रह सकते है। सामाजिक क्षेत्र पर सम्मान में कमी आएगी लेकिन आगे के लिये राह भी यही से मिलेगी। अहम् की भावना भी अधिक रहने से किसी के आगे झुकना पसंद नहीं करेंगे चाहे हानि ही क्यों ना हो। पेट सम्बंधित व्याधियां बढ़ने से कार्य पर प्रभाव पड़ सकता है। कार्य व्यवसाय की गति सामान्य रहेगी पर उधार के व्यवहार अथवा अन्य किसी कमी के कारण आपको स्वयं किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। बेरोजगारों को थोड़े प्रयास से नए रोजगार मिल सकते है। धर्म कर्म में आस्था होने पर भी इसके लिए कम ही समय दे पाएंगे लेकिन दान पुण्य के लिये खर्च करने में संकोच नही होगा। मनोरंजन के खर्च भी अतिरिक्त होंगे।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन शुभफली रहेगा। आप में स्वार्थ सिद्धि की भावना प्रबल रहेगी आज दिमाग में केवल पैसा ही रहेगा सामाजिक स्तर पर भी आपकी पहचान धनवानों जैसी रहेगी। कार्य क्षेत्र अथवा पारिवारिक बड़े लोगो से अपना काम बनाने के लिए दिखावे का गुस्सा करेंगे। वाणी में मिठास रहने से कार्य शीघ्र बन जाएंगे मध्यान से व्यावसायिक गतिविधियों में अत्यधिक व्यस्त रहेंगे। घरेलु कार्य भी इस कारण स्थगित करने पड़ सकते है। कार्य क्षेत्र के कारण भावनाओ को दरकिनार करेंगे जिससे परिवार में वातावरण अशान्त हो सकता है। अनुभवियों से नए कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। विद्यार्थ एवं नौकरी पेशा जातक बेहतर प्रदर्शन करने पर सम्मान के पात्र बनेंगे। समाज के वरिष्ठ व्यक्तियों से भेंट आनंदित करेगी। सेहत छोटी मोटी बातो को छोड़ सामान्य बनी रहेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आप सुख-शांति से व्यतीत करेंगे। शारीरिक रूप से छोटी-मोटी परेशानियों को छोड़ स्वस्थ रहेंगे। कार्य व्यवसाय में सुधार होने और परिजनों का सहयोग मिलने पर आकस्मिक लाभ कमा सकेंगे। परिजनों की इच्छा पूर्ती करने से संबंधो में मधुरता बढ़ेगी आपकी भी किसी मनोकामना की पूर्ति होने की संभावना है। धन लाभ के लिए थोड़ा इन्तजार करना पड़ेगा परन्तु निराश नहीं होंगे। आपका मधुर व्यवहार सामाजिक क्षेत्र पर भी प्रसिद्धि दिलाएगा। धन लाभ की प्रबल योग है परंतु गलत जगह निवेश भी हो सकता है। परिजन-मित्रो के साथ उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा। संध्या का समय प्रेम-प्यार के लिए भी यादगार रहेगा। खर्च लगे रहेंगे।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज परिस्थितियां आपके विपरीत रहने वाली है प्रत्येक कार्य सोच समझ कर करें। व्यवहारिक जगत में भी आज विवेक का परिचय दें। अधिक बोलने से बेहतर है कि मौन धारण करें कई समस्याओं से बचेंगे। आलस्य थकान के कारण कार्य प्रभावित हो सकते है ठण्ड से बचकर रहें सर्दी के कारण पीड़ा हो सकती है आज आपको अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते है। घर में भी किसी बुजुर्ग की सेहत पर खर्च रहेगा। आर्थिक रूप से आज का दिन काफी दयनीय रहने वाला है। कार्य क्षेत्र पर धन की आमद होगी परन्तु लेन-देन अधिक रहने से बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे।
यात्रा में शरीर के साथ सामान की भी सुरक्षा सुनिश्चित करें। स्त्री वर्ग से शारीरिक एवं आर्थिक सहयोग मिलेगा। चिढचिढा स्वभाव वातावरण अशान्त कर सकता है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए बेहतर रहेगा। सेहत भी चुस्त रहने से कार्य करने में मन लगा रहेगा कुछ मनोकामनाओं की पूर्ति और बीच-बीच में धन की आमद होने से दिन भर प्रसन्न रहेंगे। व्यापारी वर्ग को
प्रतिस्पर्धा कम रहने पर भी कार्य क्षेत्र पर आज अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। सरकारी कार्यो में सफलता की आशा जगेगी परन्तु पूर्ण होने में थोड़ा और समय लग सकता है इसके लिये आज भागदौड़ ना करे आज नही तो आने वाले समय मे सफलता स्वतः ही मिल जाएगी। महिलाओ को घर में नई जिम्मेदारियां मिलेंगी परिवार में कद भी बढ़ेगा। आज किसी को उधार धन आज ना दें वापसी में परेशानी आएगी। धार्मिक पर्यटक क्षेत्र की यात्रा की योजना बनेगी। घर मे बिना जरूरत ना बोले।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन कभी ख़ुशी तो कभी निराशा मिलने से मन ठोस निर्णय लेने की स्थिति में नहीं रहेगा। बेहतर रहेगा की मध्यान तक कोई जोखिम का कार्य हाथ में ना लें। दोपहर बाद कई दिनों से रुके सरकारी महत्त्वपूर्ण कार्य बनने से धन की बचत के साथ ही भविष्य में लाभ के संकेत मिलेंगे। पैतृक व्यवसाय में उन्नति होगी। कार्यो में अवरोध नहीं रहने से धन की आमद रुक रुक कर सीमित मात्रा में होती रहेगी लेकिन आज संतोष कम ही होगा। स्वार्थ सिद्धि की भावना आज प्रबल रहेगी फिर भी पराये कार्यो में बिना बात टांग फ़साने से भी अपना समय बर्बाद करेंगे लेकिन पीठ पीछे आलोचना ही मिलेगी। नौकर वर्ग से परेशानी होगी। घर में मौन धारण करने से शांति रहेगी। धार्मिक गतिविधियों में आज मन होते हुए भी नहीं जा पाने की ग्लानि रहेगी। संध्या के समय मौज-शौक पर पैसा लुटाएंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपकी सोच के विपरीत घटनाएं घटने से आश्चर्यचकित रहेंगे। आकस्मिक लाभ होने की संभावना है
परन्तु सहकर्मियों का कम सहयोग मिलने से थोड़ी असुविधा भी होगी। पूर्व में सोची गयी योजनाएं आज फलीभूत होंगी। आप अपने बल पर किसी महत्त्वपूर्ण कार्यो को पूर्ण करेंगे जिससे प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र के लिये भी समय निकालेंगे। समाज के प्रतिष्ठित लोगो से जान पहचान बढ़ेगी। घरेलु आवश्यकताओ की पूर्ति पर अधिक खर्च करेंगे। ,मनोरंजन के लिए पर्यटन पर भी जाने के अवसर आएंगे। विपरीत लिंगीय सुख मिलेगा लेकिन किसी के ऊपर अनैतिक दबाव न बनाये अन्यथा सम्मान बढ़ने की जगह घट भी सकता है। सर्दी अथवा जोड़ो में दर्द की शिकायत रहेगी। उपहार मिलेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन बीते दिनों की अपेक्षा राहत भरा रहेगा। पिछली गलतियों से सीख लेकर आज संयम बरतेंगे फिर भी महत्त्वपूर्ण कार्यो में असफलता मिलने से मानसिक रूप से अशान्त रहेंगे काम चलाने लायक धन लाभ हो जाएगा परंतु इससे आपको संतोष नहीं होगा। दोपहर बाद पुराने कार्यो में सफल होने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। सामाजिक – धार्मिक आयोजनों में सम्मिलित होंगे मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। रिश्तेदारी अथवा घर में खर्च करना पड़ेगा। पैतृक मामलो को लेकर आज भी थोड़ा चिंतित रह सकते है परिजनों अथवा ख़ास लोगो से धन अथवा अन्य कारणों से विवाद हो सकता है। परिजनों के विपरीत व्यवहार से परेशानी होगी। संध्या का समय थोड़ा राहत देने वाला रहेगा। बाहर घूमने फिरने के अवसर मिलेंगे जिससे मन हल्का होगा।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏
