“भारत का संविधान मजहब के आधार पे आयोग बनाने की इजाजत नहीं देता है।
भारत का संविधान मजहब के आधार पे मंत्रालय बनाने की इजाजत नहीं देता है।
भारत का संविधान मजहब के आधार पे स्कूल और कॉलेज बनाने की इजाजत नहीं देता है।
भारत का संविधान मजहब के आधार पे नियम-कानून बनाने की इजाजत नहीं देता है।
मजहब के आधार पे एक रुपया खर्च नहीं किया जा सकता है
ये भारत का संविधान साफ़-साफ़ कहता है। दुर्भाग्य इसके बावजूद माइनॉरिटी कमीशन (Minority Commission) चल रहा है, माइनॉरिटी अफेयर्स मिनिस्ट्री (Minority Affairs Ministry) चल रही है,
मजहब के आधार पे कानून चल रहा है,
मजहब के आधार पे वक्फ बोर्ड (Waqf Board) चल रहा है, मजहब के आधार पे वक्फ ट्रिब्यूनल (Waqf Tribunal) चल रहा है।
हम दोबारा फिर से भारत को मजहबी विभाजन की तरफ ले जा रहे हैं। 1947 में जो विभाजन हुआ था, वो शुद्ध रूप से मजहब के आधार पे हुआ था। इसलिए जब संविधान बना तो संविधान निर्माताओं ने कहा था—अब मजहब के आधार पे कुछ भी नहीं चलेगा।
सरदार पटेल साहब ने तो बाकायदा संविधान सभा में खड़े होकर कहा था—अगर किसी को मजहब के आधार पे विशेष दर्जा चाहिए तो वो भारत में बिल्कुल ना रुके, वो सीधे-सीधे पाकिस्तान चला जाए। बाबा साहेब अंबेडकर मजहब के आधार पे किसी भी योजना के सख्त विरोधी थे।
बाबा साहेब अंबेडकर का नाम भी लिया जा रहा है, सरदार पटेल जी का नाम भी लिया जा रहा है और मजहब के आधार पे सारे नियम-कानून अभी भी चल रहे हैं, ये देश के लिए हमारे बहुत ही खतरनाक है। मजहब के आधार पे मदरसा चल रहा है और उस मदरसों में भारत के खिलाफ नफरत सिखाई जा रही है। जबकि भारत का संविधान मदरसा चलाने की इजाजत ही नहीं देता।
कुछ लोगों को लगता है कि नहीं आर्टिकल 30 (Article 30) मदरसा खोलने की इजाजत देता है, मैं उनसे रिक्वेस्ट करता हूँ आर्टिकल 30 को ध्यान से पढ़िए। आर्टिकल 30 में साफ़-साफ़ लिखा हुआ है कि सभी नागरिकों को अपना एजुकेशन इंस्टीट्यूशन खोलने का अधिकार है, जिसका मतलब सेकुलर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन। और चलो एक बार किसी ने अपने घर में मदरसा शुरू कर लिया, दीनी तालीम देना शुरू कर दिया, मदरसा बोर्ड तो बन ही नहीं सकता। मदरसा की डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी तो मिल ही नहीं सकती।
फिर भी मदरसा बोर्ड बना हुआ है और मदरसे में केवल और केवल मजहब को प्रमोट किया जाता है। इसके बावजूद मदरसों को मान्यता दी जा रही है, मदरसों में पढ़े हुए लोगों को सरकारी नौकरी मिल रही है। जब तक संविधान की सही व्याख्या नहीं होगी तब तक ये ठीक नहीं होगा और संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का।”
जैसे ही KGMU का लव जिहाद सामने आया टूल कीट किसी रेस्तरां में कुछ गुंडों के तोड़ फोड़ को लेकर लगे लव जिहाद को डिफेंड करने..जिसने तोड़ फोड़ की वह गलत था..7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं..कानून काम कर रहा..
मगर KGMU मामले में आपको पीड़िता नहीं दिखती? इस नाम पर कभी सूटकेस में कभी फ्रिज में मिली लड़कियां नजर नहीं आती? चार मवाली लड़के दिख गए?
आप तो सनातन को लगे गरियाने! मगर इन्हीं लोगों को अभी KGMU में प्रमाणित लव जिहाद का किस्सा नहीं दिखा..जहां एक हिंदू लड़की से ऑलरेडी धर्मांतरण करा शादी करने के बाद डॉक्टर रमीज ने दूसरी हिन्दू डॉक्टर को फंसाया, गर्भपात कराया और शादी के लिए धर्मांतरण की शर्त रखी?
मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा में बताया कि
जनवरी 2020 से जुलाई 15, 2025 तक लगभग 283 ‘लव जिहाद’ के मामले दर्ज किए गए हैं..इनमें से 71 मामले नाबालिग लड़कियों से जुड़े थे..उत्तर प्रदेश में 487 मामले 2021 से 2023 के बीच दर्ज किए गए..
हम सेलेक्टिव “हिंसा, पीड़ा, न्याय” आदि देखने लगते हैं तो हम वास्तविक समस्याओं को, पीड़ितों को कमजोर कर देते हैं..हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण का बकायदा रेट कार्ड है! इसके अलावा इसे 72 हूरों को पाने का रास्ता बताया जाता रहा है!
साभार https://www.facebook.com/share/p/1Cy3KkdRbN/
नेपाल के बाद अब ईरान में भी जेन Z सड़कों पर उतर चुका है। तेहरान की सड़कों पर नारे लग रहे हैं.. दिस इज द फाइनल बैटल.. यानी ये निर्णायक लड़ाई है। इस नारे का सीधा मतलब है कि ईरान की अवाम सूप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ निर्णायक युद्ध में उतर गई है।
ईरान में भड़का जनविद्रोह, इस्लामिक शासन के खिलाफ सड़कों पर लोग
पिछले दो दिनों से ईरान के कई शहरों और कस्बों की सड़कों पर भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. ईरानी रियाल की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है और महंगाई दर 42.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिसमें खाद्य पदार्थों की कीमतें 72 प्रतिशत बढ़ गई हैं. इसके बाद सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व वाला धार्मिक शासन तीन साल की सबसे बड़ी जन-विरोधी लहर का सामना कर रहा है. तेहरान के ग्रैंड बाजार से शुरू हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन अब मशहद, इस्फहान, शिराज, हमदान समेत कई शहरों में फैल गया है। साभार
कांग्रेस ने 50 साल के शासन में एक भी कानून देश की एकता अखंडता मज़बूत करने के लिए नहीं बनाया, लेकिन सैकड़ों कानून भारत को बर्बाद करने के लिए बनाए हैं।
उसमें से एक कानून 2010 में बनाया, इसका नाम है FCRA (Foreign Contribution Regulation Act, 2010)। और दुर्भाग्यवश ये कानून आज भी चल रहा है। हालाँकि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने इस कानून में कुछ बदलाव किए हैं, लेकिन कानून ये इतना घटिया है कि वो काम नहीं कर रहा है।
इस कानून को पूरी तरीके से अगर हम खत्म नहीं करेंगे तो फंडिंग नहीं बंद होगी, और फंडिंग अगर नहीं बंद होगी तो भारत बर्बाद हो जाएगा। झांगुर जलाउद्दीन को 500 करोड़ की फंडिंग आई है उसके NGOs को। कैसे आई है? इसी कानून के ज़रिए।
कानपुर में पत्थरबाजों को करीब 55 करोड़ आया था इसी कानून के ज़रिए। कश्मीर के अलगाववादियों की फंडिंग इसी कानून के ज़रिए। मणिपुर के कुकी आतंकवादियों की फंडिंग इसी कानून के ज़रिए।
ये घटिया कानून जब तक खत्म नहीं होगा तब तक विदेशी फंडिंग नहीं बंद होगी। और फंडिंग नहीं बंद होगी तो जिहाद नहीं बंद होगा, मज़हबी उन्माद नहीं बंद होगा, लव जिहाद नहीं रुकेगा, धर्मांतरण जिहाद नहीं रुकेगा।
आप जानते हैं लव जिहाद की फंडिंग कहाँ से आ रही है? FCRA के ज़रिए। देश-विरोधी यूट्यूबर्स के NGO बने हुए हैं और उन NGOs की फंडिंग कहाँ से आ रही है? FCRA के ज़रिए। भारत में बहुत सारे वकील हैं जो जिहादियों का, पत्थरबाजों का, अलगाववादियों का, माओवादियों का केस लड़ते हैं। इनकी फीस कहाँ से आती है? विदेशी फंडिंग होती है FCRA के ज़रिए।
और ये कानून किसने बनाया था? 2010 में कांग्रेस ने। दुर्भाग्यवश इस कानून पे संसद में चर्चा ही नहीं हुई। अगर भारत को बचाना है तो केवल अंग्रेजों के ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के भी 100% कानूनों को खत्म करना पड़ेगा।
कांग्रेस के द्वारा बनाए गए 100% कानून भारत के खिलाफ बने हैं, भारत के विरोध में बने हैं। या तो हिंदुओं को बाँटने के लिए बने हैं, या तो देश को लूटने के लिए बने हैं, या सनातन धर्म को बर्बाद करने के लिए। और जब तक वो कानून खत्म नहीं होंगे कांग्रेस के, तब तक भारत बचेगा नहीं, भारत सुरक्षित नहीं रहेगा।” (साभार)
हमें गर्व है अपने मुख्यमंत्री पर और हो भी क्यों ना,
घटना पिछले साल 14 जून 2024 की है, जब रुद्र प्रयाग उत्तराखंड में यात्रियों से भरी एक बस अलकनंदा नदी में गिर गई थी जिसमे 14 यात्रियों की मौत हो गई थी और उत्तर प्रदेश के कुछ यात्री ऋषिकेश के अस्पताल में भर्ती थे,, योगी आदित्यनाथ उन घायलों को देखने उस अस्पताल में गए थे, जब योगी जी उन घायल यात्रियों को देख कर वापस आने लगे तो अस्पताल के डाक्टरों के एक स्टॉफ ने बताया की इसी अस्पताल में आप की माता जी भी पिछले एक सप्ताह से भर्ती हैं , तब योगी जी अपने साथ चल रहे अधिकारियों से पूछा अगर आप का प्रोटोकॉल मेरे आड़े ना आए तो क्या मैं एक मिनट अपनी मां को देख सकता हूं,, और फिर वो अपनी मां से मिले।जय श्री राम 🚩(साभार)
