👉 *सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय* 👇
*सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है कि अब किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले, उसे उसकी समझ में आने वाली भाषा में लिखित में गिरफ्तारी के आधार (कारण) बताने होंगे, नहीं तो गिरफ्तारी और रिमांड को अवैध मानकर व्यक्ति को मुक्त कर दिया जाएगा* 💪
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर एक अहम फैसला लिया है। इसके अनुसार अब से किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले उसे समझ में आने वाली भाषा में लिखित में गिरफ्तारी के आधार (कारण) बताने होंगे। ऐसा नहीं करने पर व्यक्ति की गिरफ्तारी और रिमांड अवैध माना जाएगा और उसे मुक्त कर दिया जाएगा। चीफ जस्टिस (सीजेआइ) बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने हिट एंड रन के एक मामले में आधार बताए बिना गिरफ्तारी के विधिक प्रश्न पर विचार करते हुए यह फैसला सुनाया है।
पूर्व में मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून (पीएमएलए) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत विशिष्ट अपराधों में ही गिरफ्तारी से पहले लिखित आधार बताने की अनिवार्यता थी। लेकिन अब नए आदेशों के बाद यह व्यवस्था भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) या भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत सभी अपराधों पर भी लागू की जाएगी।
बेंच ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 22(1) के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार बताने की आवश्यकता महज एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक अनिवार्य बाध्यकारी संवैधानिक सुरक्षा है, जिसे संविधान के भाग-3 में मौलिक अधिकारों के अंतर्गत शामिल किया गया है। ऐसा नहीं करना उसके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा। बेंच ने कहा कि गिरफ्तारी का आधार पता चलने से गिरफ्तार व्यक्ति को आरोप समझने, कानूनी सलाह लेने, पुलिस हिरासत को चुनौती देने और जमानत के लिए आवेदन करने में मदद मिलती है।
कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि, अब से गिरफ्तारी के आधार की जानकारी देने का संवैधानिक आदेश सभी कानूनों के तहत सभी अपराधों में अनिवार्य होगा। इसके साथ ही गिरफ्तारी के आधार व्यक्ति को समझ वाली भाषा में लिखित रूप में बताया जाना चाहिए। आपात और अपवादिक परिस्थितियों में यदि *पुलिस अधिकारी गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के समय लिखित रूप में आधार बताने में असमर्थ हो तो मौखिक रूप सूचित करेगा* । बाद में उचित समय में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने से दो घंटे पहले लिखित रूप में कारण बताना अनिवार्य होगा।
कोर्ट ने कहा कि, इन निर्देशों की अनुपालना नहीं करने पर गिरफ्तारी और रिमांड अवैध मानी जाएगी और बंधी को तत्काल मुक्त कर दिया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया कि, गिरफ्तारी करने वाले पुलिस अधिकारी को थाने में रखी पुस्तिका में इस तथ्य की प्रविष्टि करनी होगी कि गिरफ्तारी की सूचना किसे दी गई। इसके साथ ही मजिस्ट्रेट भी यह सुनिश्चित करेगा कि गिरफ्तार व्यक्ति को रिमांड के लिए पेश करते समय इन निर्देशों का पालन किया गया या नहीं। यह आदेश देते हुए बेंच ने *इस निर्णय की प्रतियां तत्काल लागू करने के लिए सभी हाईकोर्टों और राज्य सरकारों को भेजने के भी आदेश दिए…* 👌👌👌💪👍🇮🇳
*राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में राज्यपाल ने रैतिक परेड की सलामी ली*
*समारोह में 08 महानुभावों को राज्य गौरव सम्मान से किया गया सम्मानित*
*तकनीक, नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में अग्रणी बनें तथा देश-प्रदेश के विकास में योगदान दें युवा – राज्यपाल*
*हमें वही वस्तुएँ खरीदनी चाहिए, जिनमें हमारे लोगों का परिश्रम निहित हो और जो मेड इन इंडिया हों – राज्यपाल*
*राज्य स्थापना दिवस-2025 रजत जयंती रैतिक परेड में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने की महत्वपूर्ण घोषणाएं-*
*01- प्रदेश की सम्पूर्ण कृषि भूमि का आगामी 05 वर्षों में फेजवाईज सर्वेक्षण कर बन्दोबस्त करवाया जायेगा।*
*02- प्रदेश में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए स्टेट साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी।*
*03- ड्रग्स फ्री देवभूमि के लिए प्रदेश में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का विस्तार किया जाएगा।*
*04- राजकीय विद्यालयों में पीएम पोषण योजना के अंतर्गत मानदेय पर रखी गई भोजन माताओं के लिए कल्याण कोष की स्थापना की जाएगी।*
*05- राज्य में जंगली जानवरों एवं आवास पशुओं से कृषि एवं औद्यानिकी फसलों की सुरक्षा हेतु फार्म फेंसिंग पॉलिसी लाई जाएगी।*
*06- पारंपरिक धारे, नौले आदि प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण, पुनर्जीवन एवं सौंदर्यीकरण के लिए विशेष संवर्धन योजना प्रारंभ की जाएगी।*
*07- उच्च शिक्षा शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं में कौशल विकास के लिए ऑनलाइन स्किल कोर्सेज उपलब्ध कराए जाएंगे तथा सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, मैनेजमेंट, नेट आदि परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।*
*08- मानसखण्ड माला मिशन की तर्ज पर ही केदारखण्ड माला मिशन का विकास किया जाएगा।*
*09- आदर्श चम्पावत की भांति आदर्श रुद्रप्रयाग जनपद का विकास किया जाएगा।*
*10- कुमाऊँ के शारदा कॉरीडोर एवं आदि कैलाश तथा गढ़वाल के अंजनीसैण एवं बेलाकेदार क्षेत्र को स्प्रिचुअल इकोनॉमिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।*
*11- प्रत्येक जिला अस्पताल में टाइप-1 डायबिटीज के लिए विशेष क्लीनिक खोले जाएंगे और 15 वर्ष तक के बच्चों की डायबिटीज स्क्रीनिंग मुफ्त की जाएगी।*
*राजभवन देहरादून 07 नवम्बर, 2025*
उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के अवसर पर शुक्रवार को पुलिस लाइन, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। राष्ट्रीय गीत ‘‘वंदे मातरम’’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम गीत से हुई। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड पुलिस पत्रिका-2025’’ का विमोचन एवं रजत जयंती पदक के प्रतीकात्मक चिन्ह का अनावरण किया गया।
कार्यक्रम में पुलिस विभाग द्वारा विशिष्ट साहसिक प्रदर्शन किया गया, इसमें विशेष रूप से मोटरसाइकिल दल द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उपस्थित दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
राज्यपाल ने उकृष्ट सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ एवं ‘पुलिस पदक’ प्राप्त पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया। *(सूची संलग्न)*
रजत जयंती समारोह के अवसर पर इस वर्ष का उत्तराखण्ड गौरव सम्मान निशानेबाज पद्श्री जसपाल राणा, उद्यमी एवं समाजसेवी देव रतूड़ी, अभिनेता एवं लेखक स्व. टॉम ऑल्टर, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी स्व. सुशीला बलूनी, चिपको आंदोलन की जननी स्व. गौरा देवी, भूवैज्ञानिक स्व. खड़ग सिंह वल्दिया, वीरांगना स्व. तीलू रौतेली एवं लेखक स्व. शैलेश मटियानी को दिया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड गौरव सम्मान-2025 प्रदान किए। उक्त महानुभावों की अनुपस्थिति में यह सम्मान उनके परिजनों द्वारा प्राप्त किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम उत्तराखण्ड की 25 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का उत्सव मना रहे हैं, यह क्षण हमारे लिए खुशी और आत्म-गौरव के पल हैं। राज्यपाल ने सभी अमर शहीदों, आंदोलनकारियों और जन नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके बलिदान और संघर्ष से यह राज्य अस्तित्व में आया।
राज्यपाल ने कहा कि जैसे स्वदेशी के मंत्र से देश की आजादी को बल मिला, वैसे ही स्वदेशी के मंत्र से देश की समृद्धि भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने आह्वान किया कि हम वही वस्तुएँ खदीदें जो मेड इन इंडिया हों, जिनमें हमारे युवाओं का श्रम और परिश्रम निहित हो, यही आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा मंत्र है।
राज्यपाल ने राज्य के युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीक, नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में अग्रणी बनें तथा देश-प्रदेश के विकास में योगदान दें। यही वह मार्ग है जो विकसित उत्तराखण्ड, विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में उत्तराखण्ड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनेगा- जहाँ विकास और प्रकृति, विज्ञान और संस्कृति, आधुनिकता और परंपरा, तकनीक और मानवता साथ-साथ आगे बढ़ेंगी।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने भव्य परेड की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने अपनी कार्यकुशलता, अनुशासन और दूरदर्शी दृष्टिकोण से एक सशक्त और आधुनिक पुलिस बल के रूप में पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है। उन्होंने कहा ‘‘ड्रग्स-फ्री उत्तराखण्ड’’ के लक्ष्य की दिशा में पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध निरंतर और प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित साइबर कमांडो तैयार किए गए हैं, जिससे डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में नई क्षमता विकसित हुई है। उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग पर बल देते हुए कहा कि पुलिस ने जनता के साथ विश्वास, सहयोग और सहभागिता का सेतु मजबूत किया है, जो प्रशंसनीय है।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले 25 वर्षों का सफर उत्तराखण्ड के सतत परिश्रम और प्रगति की कहानी है। राज्य की स्थापना के बाद से शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, उद्योग, विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड चार धाम यात्रा से आगे बढ़कर वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिनेशन, शूटिंग डेस्टिनेशन, योग और आयुर्वेद डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। सैकड़ों युवा अपने गाँव लौटकर आत्मनिर्भरता और स्वावलम्बन का नया अध्याय लिख रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में मातृशक्ति की भूमिका रीढ़ की भांति रही है। जल, जंगल, पहाड़ और पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय रहा है। आज भी वही मातृशक्ति राज्य के विकास की सशक्त धुरी है। स्वयं सहायता समूहों से लेकर नवाचार आधारित स्टार्टअप्स तक, महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई कहानियां लिख रही हैं। उत्तराखण्ड की बेटियाँ शिक्षा, खेल, रक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं जो सराहनीय है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना रजत जयंती समारोह के अंतर्गत रैतिक परेड के दौरान देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवानों और राज्य आन्दोलन के अमर बलिदानियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखण्ड की स्थापना का स्वप्न साकार हुआ और विशेष औद्योगिक पैकेज के माध्यम से राज्य की नींव को मजबूती प्रदान करने का कार्य भी उन्होंने किया। पिछले 25 वर्षों की इस गौरवशाली यात्रा में राज्य के विकास में अपना योगदान देने वाले सभी लोगों का भी उन्होंने आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के इन 25 वर्षों की यात्रा में राज्य ने अनेकों चुनौतियों और समस्याओं का सामना करते हुए आज देश के अग्रणी और सशक्त राज्य के रूप में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। समय-समय पर राज्य को कई प्राकृतिक आपदाओं और कठिन परिस्थितियों से भी जूझना पड़ा है। उन्होंने कहा कि विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों में राज्य की कानून-व्यवस्था को बनाए रखना भी अपने आप में एक बड़ी चुनौती रही है। इन कठिनाइयों के बीच उत्तराखण्ड पुलिस ने राज्य की आत्मा की प्रहरी और मूक साधक की भांति प्रत्येक मोर्चे पर डटकर जनसेवा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उत्तराखण्ड पुलिस ने महिला अपराधों के निराकरण में सराहनीय कार्य किया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी महिला अपराधों एवं पोक्सो अधिनियम के मामलों के निस्तारण में भी उत्तराखण्ड देश में पांचवें स्थान पर रहा है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों पर प्रभावी लगाम लगाने के लिए तकनीकी क्षमता को और अधिक सशक्त बनाने के साथ ही ‘ड्रग फ्री उत्तराखण्ड’ के संकल्प को एक जन आंदोलन का रूप देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने पिछले करीब साढ़े चार वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की है। प्रदेश ने किसानों की आय में वृद्धि करने में देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 12.69 प्रतिशत रही है, जो राष्ट्रीय औसत से चार गुना अधिक है। राज्य युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। उत्तराखण्ड के चार गांवों जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी को देश भर में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उत्तराखण्ड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। सरकार राज्य के समग्र विकास के साथ-साथ अपने सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री प्रेमचंद अग्रवाल, श्री खजान दास, श्री दुर्गेश्वर लाल, मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, डीजीपी श्री दीपम सेठ सहित शासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य महानुभाव उपस्थित थे।
मा0 पीएम ड्यूटी में तैनात अधिकारियों को डीएम ने समझाए दायित्व; ड्यूटी में भूल-चूक के लिए कोई स्थान नही
डीएम पौड़ी गढ़वाल स्वाती भदौरिया, मेयर श्रीनगर गढ़वाल आरती भंडारी और नगर आयुक्त श्रीनगर गढ़वाल नूपुर वर्मा। श्रीनगर गढ़वाल के प्रसिद्ध बैकुंठ चतुर्दशी मेले के दौरान इन्होंने पारंपरिक परिधान पहने और अच्छा यह किया कि जिस तरह आजकल महिलाओं को भी देखा – देखी टोपी पहनी और पहनाई जा रही हैं, वैसा नहीं किया। आपने यह सिद्ध किया कि इस पारंपरिक परिधान में टोपी फिट नहीं बैठती। परम्परागत ड्रेस ही लग रही है। टोपी पहनती तो फैंसीड्रेस हो जाती।
पारंपरिक परिधान में टोपी नहीं है और महिलाओं के लिए तो कदापि भी नहीं होती। सिर पर ढांटू, रुमाल या सांफा ऐसे ही बांधा जाता है। यह आपके अन्य पारंपरिक वस्त्र और गहनों के अनुरूप भी है। मांगटीका, नथ, गुलबन्द, तिमणिया, चन्द्रहार आदि सब बढ़िया हैं और आकर्षक भी।#पौड़ी डीएम का दिखा अलग अंदाज, ‘मि उत्तराखंडी छौं’ कार्यक्रम में डीएम #स्वाति_एस_भदौरिया देवभूमि के रंग में रंगी नजर आईं.
देवभूमि उत्तराखंड में पारंपरिक परिधान और आभूषण महिलाओं को खास बनाती हैं. उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत को देखने सालभर देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं. कुछ ऐसा ही ‘मि उत्तराखंडी छौं’ कार्यक्रम में भी देखने को मिला, यहां महिलाओं के उत्तराखंडी परिधान और आभूषण ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. डीएम स्वाति एस भदौरिया ने पारंपरिक पहाड़ी परिधान पहनकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया. डीएम ने पारंपरिक उत्तराखंडी परिधान के साथ ही मांग टीका, गुलोबंद, कानों में झुमके और नथ पहना हुआ था. इस दौरान वे ठेठ पहाड़ी कल्चर में रंगी नजर आईं.
श्रीनगर में बैकुंठ चतुर्दशी मेले में पहाड़ी परिधान प्रतियोगिता आयोजित हुई. स्थानीय संस्कृति, परंपरा और अपनी मिट्टी की महक को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से आयोजित “मि उत्तराखंडी छौं” कार्यक्रम में डीएम स्वाति एस भदौरिया ने प्रतिभाग किया. गोला बाजार में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी के साथ ही मेयर, उपजिलाधिकारी, तहसीलदार समेत सभी पार्षदों, स्थानीय महिलाओं, युवाओं और विद्यार्थियों ने भी पारंपरिक वेशभूषा में उत्साहपूर्ण भाग लेकर अपनी संस्कृति की अनोखी छटा बिखेरी.
कार्यक्रम के तहत “स्वाणि नौनी, स्वाणु नौनु, द्वि झणां” प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने पारंपरिक परिधान और लोक-संस्कृति की सुंदर झलक प्रस्तुत की. जिलाधिकारी ने स्वयं भी पारंपरिक पहाड़ी परिधान पहनकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया. मेयर नगर निगम श्रीनगर आरती भंडारी ने कहा कि हमारी पारंपरिक वेशभूषा हमारी पहचान है और हमारी विरासत भी है. इसे पहनना सिर्फ एक परिधान धारण करना नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व और अपनी जड़ों को सम्मान देना है. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन हमारे लोकसंस्कृति और पारंपरिक पहनावे के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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जिलाधिकारी ने गढ़वाली में कहा कि “सुण दीदी सुण भुली, मैं त अपण संस्कृति बचौंण चली” उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल गढ़वाली परिधान का नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने की एक मुहिम है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि पर्वों, शादियों और विशेष अवसरों पर पारंपरिक गढ़वाली, कुमाऊंनी या पहाड़ी वेशभूषा अवश्य धारण करें, क्योंकि यही हमारी पहचान और एकता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि मेलों का असली उद्देश्य उत्साह, सहभागिता और सांस्कृतिक जुड़ाव है.
हमें केवल वेशभूषा ही नहीं, बल्कि अपनी पहाड़ी रसोई, लोकभाषा, लोकनृत्य और लोकगायन से भी जुड़ना चाहिए. जिलाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों की सृजनशीलता और सांस्कृतिक समर्पण की सराहना की. यह क्षण केवल एक प्रतियोगिता का नहीं, बल्कि अपनी पहचान, परंपरा और गर्व के पुनर्स्मरण का था, जिसे जिलाधिकारी ने अपनी सादगी, आत्मीयता और सांस्कृतिक जुड़ाव से एक प्रेरक अनुभव में बदल दिया।
