मुख्यमंत्री धामी की सख्ती का दिखा असर, चार दिन में खोलीं 307 सड़कें
जिलाधिकारियों को आज संबंधित विभागों के साथ बैठक करने के निर्देश
सचिव आपदा प्रबंधन से 25 सितंबर को मांगी स्टेटस रिपोर्ट
देहरादून। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिए गए सख्त निर्देशों का व्यापक असर हुआ। मात्र चार दिन में ही 307 अवरुद्ध मार्गों को खोल लिया गया। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 174 सड़कें बंद हैं। मा0 मुख्यमंत्री ने इन मार्गों को भी जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन को 25 सितंबर को अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए की गई कार्रवाई तथा जो मार्ग नहीं खुल पाए हैं, कारण सहित विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही मा0 मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 19 सितंबर को सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर जो मार्ग बंद हैं, उन्हें खोलने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जाए। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार का भी सहयोग मार्गों को खोलने के लिए संबंधित विभागों को चाहिए, जिलाधिकारी वह उपलब्ध कराएं और जल्द से जल्द मार्गों को खोलने सुनिश्चित करें।
पिछले दिनों भारी बारिश के कारण राज्य के अलग-अलग जनपदों में काफी संख्या में मार्ग अवरुद्ध हो गए थे, जिसके कारण लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सबसे ज्यादा ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया था। मा0 मुख्यमंत्री ने आम जनमानस की दिक्कतों को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन को जल्द से जल्द मार्ग सुचारु करवाने के लिए व्यापक रणनीति बनाने के निर्देश दिए।
मा0 मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि सड़कों को खोलने में किसी तरह की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी अधिकारी लापरवाही बरतेंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश मा0 मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए। मा0 मुख्यमंत्री की सख्ती का असर यह हुआ कि चार दिन में 307 सड़को को खोलकर यातायात सुचारु कर दिया गया है।
दिनांक 14 सितंबर को जहां प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लोक निर्माण विभाग, एनएच, पीएमजीएसवाई की कुल मिलाकर 481 सड़कें बंद थी, वहीं दिनांक 18 सितंबर को 174 सड़कें बंद हैं। इस प्रकार चार दिन में ही 307 अवरुद्ध सड़कों को खोल लिया गया है। मा0 मुख्यमंत्री ने जो मार्ग अभी नहीं खुल पाए हैं, उन्हें जल्द से जल्द खोलने तथा जिन मार्गों को खोलने में कुछ ज्यादा समय लग सकता है, उनकी विस्तृत रिपोर्ट सचिव आपदा प्रबंधन को भेजने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचोली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न प्रभावित व्यवसायियों को ₹56.30 लाख की राहत राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से किये जाने की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा इससे पूर्व भी प्रभावित व्यवसायियों के लिए ₹09 करोड़ 08 लाख की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है।
सचिव मुख्यमंत्री श्री शैलेश बगोली द्वारा जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि उनके अनुरोध पर ₹56.30 लाख की धनराशि और स्वीकृत की गई है। यह धनराशि पूर्व में स्वीकृत ₹09 करोड़ 08 लाख के अतिरिक्त है।
सचिव मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रस्ताव के संदर्भ में शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचोली से सोनप्रयाग तक के अतिवृष्टि के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार उपरोक्त धनराशि स्वीकृत की गई है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि स्वीकृत धनराशि का भुगतान प्रभावितों को करने से पूर्व प्रकरणों का संगत शासनादेशों में किये गये प्रावधानों के तहत परीक्षण तथा प्रभावितों का नियमानुसार सत्यापन करने के उपरान्त पूर्णतः संतुष्ट होने पर भुगतान यथासंभव ई-बैंकिग के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। जहां ई-बैंकिग की सुविधा न हो, वहां धनराशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वितरित की जाएगी।
प्रभावितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि के वितरण के पश्चात् लाभार्थियों का विवरण यथा-नाम, पता, दूरभाष संख्या इत्यादि जनपद स्तर पर सुरक्षित रखे जाने के भी निर्देश वर्णित शासनादेश में दिए गए हैं।
*उत्तराखंड के चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार*
*मुख्यमंत्री धामी की पर्यटन प्रदेश की मुहिम रंग लाई*
*जखोल गांव को साहसिक पर्यटन, सूपी को कृषि पर्यटन और हर्षिल व गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के लिए किया जाएगा सम्मानित*
*केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय अंतराष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर करेगा सम्मानित*
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने की मुहिम रंग ला रही है। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से राज्य के चार गांवों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। आगामी 27 सितंबर को नई दिल्ली में यह पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा।
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। संस्कृति और प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्यों व जीवन शैली को बढ़ावा देने एवं आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को इसमें परखा जाता है। इन्हीं विषयों पर प्रविष्टियां आमंत्रित की जाती हैं। इस वर्ष प्रविष्टियों के आधार उत्तराखंड के चार गांवों का इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है।
उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन, हर्षिल गांव को वाइब्रेंट विलेज, पिथौरागढ़ जिले के सीमान्त गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज और नैनीताल जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार के लिए चुना गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी ग्रामवासियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्यटन विकास में आम जनता की अहम भूमिका है। उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के रूप में स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है, इसके लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, लेकिन राज्य की देवतुल्य जनता के सहयोग से ही यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।