मोदी के बाद देश का प्रधानमंत्री कौन होगा ऐतिहासिक रूप से आगे बढ़ सकता है! मेरे एक मित्र ने बहुत अच्छा प्रश्न किया कि आज हजारों हिन्दू नेता उनको इफ्तार पार्टी देते हैं..
लेकिन, क्या एक भी नेता हमें नवरात्र की पार्टी देता है क्या ???
आखिर, ये भेदभाव क्यों ???
तो, मैंने अपने उस मित्र को समझाते हुए बताया कि….
कोई भी पार्टी या नेता प्यार के लिए उन्हें इफ्तार नहीं देते बल्कि उनके वोट के लिए देते हैं.
क्योंकि, उनके वोट एकमुश्त होते हैं.
जबकि, हम हिन्दुओ के वोट बंटे हुए हैं.
अपने यहाँ हिन्दू समुदाय इतने विचारों में बंटा हुआ है कि किसी एक को खुश करो तो दूसरा नाराज हो जाता है.
इसीलिए, नेता अथवा पार्टियाँ हिन्दुओ के पचड़े में पड़ती ही नहीं है.
उदाहरण के लिए… भाजपा और मोदी ने हिन्दुओ के लिए श्री राम मंदिर बनवाया, काशी कॉरिडोर से लेकर अनेकों मंदिर का जीर्णोउद्धार करवाया, असंभव माने जाने वाली कश्मीर से धारा 370 एवं हज सब्सिडी तक बंद कर दिए.
फिर भी, आज आप जैसे हिन्दू उनसे नाराज ही हैं.
और, यहाँ सोशल मीडिया पर यथाशक्ति भाजपा/मोदी भगाओ का कैम्पेन चलाते रहते हैं.
लेकिन, ये जान लो कि अगर किसी पार्टी ने सिर्फ उनकी महजजिद ही बनवा दी होती तो यकीन जानो कि सात पुश्तों तक का वोट उस पार्टी और नेता के लिए पक्का हो जाता.
यहाँ याद रखो कि जो आज वर्तमान है वही कल इतिहास होगा.
और, कल इतिहास में यही लिखा जाएगा कि एक समय में मोदी और भाजपा ने सारे साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपना कर हिंदुओं के लिए अयोध्या में चिरप्रतीक्षित श्री राम मंदिर का निर्माण करवाया.
काशी से लेकर महाकाल और वैष्णोदेवी तक के मंदिरों की कायाकल्प कर दी.
लगभग हाथ से निकल चुके कश्मीर से 370 हटा कर उसे वापस भारत में मिला लिया.
उनको दी जाने वाली हजारों करोड़ की हज सब्सिडी बंद कर दी.
देश से आतंकवाद का लगभग सफाया कर दिया.
फिर भी, उस काल में हिंदुओं का एक वर्ग उनसे खुश नहीं था और उस समय के मौजूदा सोशल मीडिया पर उन्हें हटाने के लिए लगातार कैम्पेन चलाये जाते थे..
वो भी खुद हिंदुओं के ही द्वारा…!
इसके बाद… नेता को तो छोड़ो.
अगर आप खुद ही नेता रहोगे और हिंदुओं का ऐसा इतिहास पढ़ोगे तो क्या आप अपने समय में हिंदुओं के लिए कुछ करके अपना हाथ जलाना चाहोगे…
या, खुद के खिलाफ कैम्पेन चलवाना चाहोगे ???
लेकिन, इसके विपरीत…. आज यदि पूरा हिन्दू समाज भाजपा और मोदी के किए गए कार्यों के लिए उनका पक्षधर रहता और उनके पीछे मजबूती से खड़ा हो जाता..
तो, निश्चित रूप से आज सभी पार्टियाँ हिन्दुओं की जी-हुजूरी में लगी रहती…
और, भाजपा से भी बड़ी हिंदूवादी पार्टी बनने की कोशिश करती.
क्योंकि, ये मूर्ख से मूर्ख आदमी को भी समझ आता है कि…. 80 करोड़ वोट ज्यादा होता है या 20 करोड़ ???
लेकिन, हमारी बुद्धि का स्तर ही ऐसा है कि कुछ बोलने को बचा ही नहीं है.
और, आज भी तुम मोदी और भाजपा का विरोध नहीं कर रहे हो…
बल्कि, अन्य सभी पार्टियों को ये संदेश दे रहे हो कि हमारे लिए भविष्य में कोई कुछ मत करना..
क्योंकि, जब हम भगवान राम के मंदिर बनवाने वाले भाजपा, मोदी और संघ के नहीं हुए तो भला तुम्हारे कैसे हो जाएंगे ???