केदारनाथ में एक षड्यंत्र के अन्तर्गत सोना चोरी की अफवाह फैलाने पर कांग्रेस व इंडि गठबंधन पर भड़के मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय बोले सबूत हैं तो एफआईआर दर्ज करो ना

कांग्रेस और उनके समर्थक एक सुनियोजित षड्यंत्र के अन्तर्गत लगातार श्री केदारनाथ धाम के गर्भगृह में स्वर्ण परत चढ़ाये जाने के प्रकरण पर दुष्प्रचार अभियान चलाए हुए हैं। जबकि देश-दुनिया से श्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए गर्भ गृह की स्वर्णिम आभा एक आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। श्री केदारनाथ धाम के गर्भगृह में स्वर्ण परत चढ़ाने का कार्य एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत हुआ है। मगर कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थों के चलते श्री केदारनाथ धाम को विवाद का केंद्र बना रहे हैं। कुछ समय पूर्व एक स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद ने श्री उद्धव ठाकरे से भेंट कर गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित किए जाने के मामले पर सवाल उठाए थे। उसके पश्चात आज श्री ठाकरे ने महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों की दृष्टिगत हिंदुओं के विश्व प्रसिद्ध धाम में स्वर्ण परत चढ़ाये जाने के कार्य को संदेहास्पद बताया है। 

श्री केदारनाथ धाम में स्वर्ण प्रकरण को लेकर गत वर्ष जब यह विवाद उठा था, उस समय ही मेरे द्वारा प्रदेश सरकार से संपूर्ण प्रकरण की जांच का अनुरोध किया गया था। सरकार द्वारा इसकी जांच भी संपादित करायी गई है। मेरा अनुरोध है कि शीघ्र ही जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए, ताकि आम जनमानस के अलावा श्रद्धालुजनों में किसी प्रकार कि भ्रांति ना रहे। 

मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम करोड़ों – करोड़ों हिंदुओं की आस्था व विश्वास के केंद्र हैं। ये धाम हमारे प्रदेश की आर्थिक की धुरी भी हैं। इन धामों के संदर्भ में अगर श्रद्धालुओं/ तीर्थयात्रियों में किसी प्रकार का गलत संदेश जाता है तो वह हमारे प्रदेश की आर्थिकी को क्षति पहुंचाने के साथ ही हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए भी कष्टकारक है। 

लिहाजा, श्री धामों के बारे में किसी प्रकार का भ्रम व दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए। कोई शक व संदेह होने पर जांच आवश्यक है। जांचोपरांत दुष्प्रचार करने वालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए। हिंदुओं के धामों के प्रति ऐसा अभियान दुर्भावनापूर्ण तरीके से संचालित हो रहा है। किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से ऐसे तत्वों को प्रोत्साहन मिलता है। 

मा. प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से विगत वर्षों में श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं व तीर्थ यात्रियों की संख्या नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। कुछ लोगों को यह स्थिति असहज लग रही है । मंदिरों में दीमक की तरह लगे कुछ स्वार्थी तत्व वहां सुधार व संशोधन की प्रक्रिया में बाधक बने हुए हैं। व्यवस्थाओं में सुधार का वो हर स्तर पर षड्यंत्र पूर्वक विरोध कराने में जुटे हुए हैं । 

श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम हमारे प्रदेश की धरोहर हैं । उनकी अस्मिता पर किसी कीमत पर आंच नहीं आने दी जानी चाहिए। जहां भी किसी प्रकार का शक – संदेह हो उसकी पूर्ण जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। 

इस संदर्भ में कुछ प्रकरण हैं, जिनकी मैं सक्षम स्तर पर समय – समय पर जांच की मांग करता रहा हूँ। जांच नहीं होने और उनका निष्कर्ष जन मानस के समक्ष प्रकट नहीं होने से संदेह भी उत्पन्न होता है। विश्व प्रसिद्ध हमारे धाम किसी प्रकार के अनावश्यक विवाद में ना आएं, इस कारण से मैं लगातार व्यक्तिगत रूप से आरोपों को झेलता रहा हूँ और कड़वे घूंट पीता रहा हूं। मगर इसके बावजूद आरोपों का सिलसिला लगातार जारी है और आरोपों का यह क्रम व्यक्तिगत सीमा को पार कर संपूर्ण हिंदु समाज के श्रद्धा व आस्था के केंद्रों पर प्रहार करने लगा है। 

ऐसा ही एक प्रकरण श्री धामों में QR कोड लगाए जाने संबंधी है। इस प्रकरण की मंदिर समिति द्वारा चमोली पुलिस के समक्ष FIR दर्ज की गई थी। मगर पुलिस द्वारा इस संदर्भ में क्या कार्रवाई की गई, यह ज्ञात नहीं है। यह प्रकरण राष्ट्रीय मीडिया में भी प्रचारित हुआ था। इसलिए पुलिस द्वारा उसका निष्कर्ष भी सार्वजनिक किया जाना अति आवश्यक है। 

श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति में व्यवस्थाओं की सुधार की दृष्टि से अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। भविष्य के सुधारों के लिए विगत के वर्षों में हुई भारी गड़बड़ियों खास कर वर्ष 2012 से कुछ समय पूर्व तक मंदिर समिति में तैनात रहे एक अधिकारी के कार्यकाल की विस्तृत जांच आवश्यक है। इसके साथ ही मंदिर समिति के कुछ सदस्यों की जांच, जिनकी पत्रावली गृह विभाग लंबे समय से लंबित रखे हुए हैं, उन पर कार्रवाई को लेकर भी पहल आवश्यक है।मंदिर समिति अध्यक्ष ने मंदिर समिति के कार्यों और उपलब्धियों का विवरण भी उपलब्ध कराया।