भारत का नक्शा जिस रूप में आज है, वह सरदार बल्लभ भाई पटेल की “लौह इच्छाशक्ति” के साथ ही राजपूत और मराठा राजाओं की स्वैच्छिक सहमति से भी बना है, विवाह को महत्वाकांक्षा और शक्ति प्रदर्शन का आडंबर नहीं अपितु संस्कार बनायें, सच्ची घटनाओं पर आधारित धुरंधर फ़िल्म का एक और पक्ष है जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं हो रही है… वो है नकली करेंसी का इकोसिस्टम, देहरादून में होगा जनसंपर्क का “महाकुंभ” 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस 13–15 दिसंबर तक, आज का पंचाग आप का राशिफल

*रिश्तों की बदलती आकृति — एक गंभीर चिंतन*  केवल 40 दिनों में 150 से अधिक शादियाँ टूट जाना यह कोई साधारण आँकड़ा नहीं है, बल्कि

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