महाराणा का घोड़ा चेतक जो अतीव बांका निराला बलशाली व मनुष्यों से अधिक विश्वसनीय था इसलिए महाराणा प्रताप ने उसका देह संस्कार भी अपने हाथों से किया, चेतक पर श्याम नाराणय पांडेय की कविता आज भी नयी पीढ़ी में वीरता का संचार करती है

✍️हरीश मैखुरी नाम के आगे क्षत्रिय लिख तो कोई सकता है पर क्षत्रिय होना साधारण बात नहीं है। क्षत्रिय होने का पैमाना केवल बाहुवली होना नहीं

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