दुनिया में दो ही पूर्ण हैं परमात्मा और परिक्रमा, बाकी सब आधा अधूरी क्षणभंगुर माया है। यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च। तानि तानि प्रणश्यन्ति
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दुनिया में दो ही पूर्ण हैं परमात्मा और परिक्रमा, बाकी सब आधा अधूरी क्षणभंगुर माया है। यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च। तानि तानि प्रणश्यन्ति
Read moreडाॅ हरीश मैखुरी मंदिरों का निर्माण भारत की श्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रणाली की स्थापना है। परिक्रमा करने से परिपूर्णता की ओर जाने का मार्ग प्रशस्त
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