📖 *नीतिदर्शन…………………..*✍ *या प्रकृत्यैव चपला निपतत्यशुचावपि।* *स्वामिनो बहु मन्यन्ते दृष्टिं तामपि सेवका:।।* 📝 *भावार्थ* 👉🏾 जो दृष्टि स्वभाव से ही चंचल अपवित्र पर भी गिरती
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