आशुतोष शशांक शेखर
आशुतोष शशांक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥
निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव, जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा ॥
निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा, दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा॥
शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी, जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशम्भरा॥
नाथ नागेश्वर हरो हर, पाप साप अभिशाप तम, महादेव महान भोले, सदा शिव शिव संकरा॥
जगत पति अनुरकती भक्ति, सदैव तेरे चरण हो, क्षमा हो अपराध सब, जय जयति जगदीश्वरा ॥
जनम जीवन जगत का, संताप ताप मिटे सभी, ओम नमः शिवाय मन, जपता रहे पञ्चाक्षरा॥
आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥ कोटि नमन दिगम्बरा.. कोटि नमन दिगम्बरा.. कोटि नमन दिगम्बरा..
भगवान शिव की स्तुति🪷🪷🙏🙏
भारत अब इलेक्ट्रिक साइकिल के निर्यात में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले साल ‘मेड इन इंडिया’ ई-साइकिल 50 से अधिक देशों में भेजी गईं — यह न केवल व्यापारिक सफलता है, बल्कि पर्यावरण के प्रति भारत की जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
ये हैं #चमोली के रहने वाले #दमानी_लाल जिनके #रिंगाल से बनी #हस्तशिल्प का हर कोई #दीवाना है, उम्र के जिस पड़ाव पर अमूमन लोग घरों की चाहरदीवारी तक सीमित होकर रह जाते हैं, वहीं सीमांत #जनपद_चमोली की बंड पट्टी के किरुली #गांव निवासी 65 वर्षीय दरमानी लाल इस उम्र में हस्तशिल्प कला को नई पहचान दिलाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। वे पिछले 42 सालों से रिंगाल के उत्पादों को आकार दे रहें हैं। रिंगाल के बने कलमदान, लैंप सेड, चाय ट्रे, नमकीन ट्रे, डस्टबिन, फूलदान, टोकरी, टोपी, स्ट्रै उनके बनाए खास उत्पादों में शुमार हैं। हर कोई उनके उत्पादों का मुरीद है। यही नहीं वह अब तक बतौर मास्टर ट्रेनर कई जगह लोगों को रिंगाल हस्तशिल्प की ट्रेनिंग दे चुके हैं।
#उत्तराखंड में वर्तमान में करीब 50 हजार से अधिक #हस्तशिल्पी हैं, जो अपने हुनर से इस कला को संजोकर रखे हुए हैं। ये #हस्तशिल्पी रिंगाल, बांस, नेटल फाइबर, ऐपण, काष्ठ शिल्प और लकड़ी पर बेहतरीन कलाकरी के जरिए उत्पाद तैयार करते आ रहे हैं। युवा पीढ़ी अपनी पुश्तैनी व्यवसाय को आजीविका का साधन बनाने में दिलचस्पी कम ले रही है। परिणामस्वरूप आज हस्तशिल्प कला दम तोडती और हांफती नजर आ रही है!!💐💐❤️🙏
*।। ॐ ।।* 🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««*आज का पंचांग* »»📜
कलियुगाब्द…………………..5127
विक्रम संवत्………………….2082
शक संवत्…………………….1947
मास…………………………….श्रवण
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी……………………..अमावस्या
रात्रि 12.43 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि……………………..दक्षिणायन
सूर्योदय…….प्रातः 05.54.06 पर
सूर्यास्त……..संध्या 07.12.51 पर
सूर्य राशि……………………….कर्क
चन्द्र राशि…………………….मिथुन
गुरु राशि……………………..मिथुन
नक्षत्र………………………….पुनर्वसु
दोप 04.44 पर्यंत पश्चात पुष्य
योग…………………………….हर्षण
प्रातः 09.47 पर्यंत पश्चात वज्र
करण……………………….चतुष्पद
दोप 01.35 पर्यंत पश्चात नाग
ऋतु……………………..(नभ:) वर्षा
दिन…………………………..गुरुवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :–*
24 जुलाई सन 2025 ईस्वी ।
👁🗨 *अभिजित मुहूर्त :-*
प्रातः 11.45 से 12.39 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
दोपहर 01.53 से 03.33 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कर्क* 05:28:35 से 07:44:46
*सिंह* 07:44:46 से 09:56:34तक
*कन्या* 09:56:34से 12:07:14तक
*तुला* 12:07:14 से 14:21:52तक
*वृश्चिक* 14:21:52 से 16:38:02तक
*धनु* 16:38:02से 18:43:38
*मकर* 18:43:38 से 20:30:44तक
*कुम्भ* 20:30:44 से 22:04:16 तक
*मीन* 22:04:16 23:35:29
*मेष* 23:35:29 25:16:14
*वृषभ* 25:16:14 27:14:53
*मिथुन* 27:14:53 29:28:35
🚦 *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक……………………6
🔯 शुभ रंग…………………..पीला
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 10.31 से 12.11 तक चंचल
दोप. 12.11 से 01.52 तक लाभ
दोप. 01.52 से 03.32 तक अमृत
सायं 05.13 से 06.53 तक शुभ
सायं 06.53 से 08.13 तक अमृत
रात्रि 08.13 से 09.32 तक चंचल
📿 *आज का मंत्र :-*॥ ॐ नारायणाय नमः ॥
📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (त्रयोदशोऽध्यायः -क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग:) -*
महाभूतान्यहंकारो बुद्धिरव्यक्तमेव च ।
इन्द्रियाणि दशैकं च पञ्च चेन्द्रियगोचराः ॥१३- ५॥ अर्थात :
पाँच महाभूत, अहंकार, बुद्धि और मूल प्रकृति भी तथा दस इन्द्रियाँ, एक मन और पाँच इन्द्रियों के विषय अर्थात शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध॥5॥
🍃 *आरोग्यं :-*
*दांतों में सड़न को दूर करने के घरेलू उपाय -*
*3. सरसों का तेल और सेंधा नमक -*
सरसों का तेल सेहत और सुंदरता दोनों के ही लिए बहुत लाभकारी है। सेंधा नमक और सरसों का तेल भारतीय रसोई घरों में सालों से प्रयोग किया जा रहा है। खाना बनाने के लिए इन सामग्री का प्रयोग रोजाना किया जाता है। सरसों का तेल एंटीमाइक्रोबायल है, जबकि सेंधा नमक मुंह में पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। इसके लिए आप एक चम्मच सरसों का तेल और एक सेंधा नमक लीजिए और अच्छी तरह से मिक्स कर लीजिए। इसके बाद धीरे धीरे इससे अपने दांतों और मसूड़ों की मसाज कीजिए।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। अज्ञात भय सताएगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। कुसंगति से बचें। चिंता रहेगी। धन प्राप्ति में अवरोध दूर होंगे। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
शत्रु भय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। आर्थिक उन्नति होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। शुभ समय।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में बुद्धिबल से उन्नति होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रमाद से बचें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। किसी के उकसाने में न आएं। बात बिगड़ सकती है। आवश्यक निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान हो सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। आय में वृद्धि होगी। कारोबार का विस्तार होगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। निवेश लाभदायक रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। उत्साह बना रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। संतान की चिंता रहेगी।
👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आय में वृद्धि होगी। कारोबार लाभप्रद रहेगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय बढ़ेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में सहकर्मियों का साथ रहेगा। थकान रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
प्रेम-प्रसंग में आशातीत सफलता प्राप्त होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। कारोबार का विस्तार होगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। सुख के साधन जुटेंगे। शत्रु परास्त होंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। सभी ओर से सफलता मिलेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
राजभय रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। लेन-देन में जल्दबाजी हानि देगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था में मुश्किल होगी। दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। अनहोनी की आशंका रहेगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। आय में निश्चितता रहेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। मानसिक बेचैनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। अधिकार प्राप्ति के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। दूसरों के काम में दखल न दें। विवाद से बचें। लाभ होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
राज्य से प्रसन्नता रहेगी। कोई बड़ा काम हो सकता है। नई योजना बनेगी। नया उपक्रम प्रारंभ हो सकता है। सामाजिक कार्य करने का अवसर मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई नई समस्या आ सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई नई समस्या आ सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आंखों को चोट व रोग से बचाएं। धन प्राप्ति सुगम होगी। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। थकान व कमजोरी महसूस हो सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।
*राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
पुराना रोग उभर सकता है। अनहोनी की आशंका रहेगी। मातहतों से कहासुनी हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद संभव है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों से अपेक्षा न करें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। सोच-समझकर निर्णय लें।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
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क्या जगदीप धनखड़ दूसरे मलिक निकले ?
क्या पीछे से विपक्ष की पिच पर खेलने लगे थे धनखड़ साहब ?
केंद्र सरकार जस्टिस वर्मा के विरूद्ध लोक सभा में महाभियोग लेकर आई. केंद्र सरकार की योजना थी कि लोकसभा स्पीकर की अगुवाई में जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया होगी और ये कार्य केंद्र सरकार करेगी
तभी राज्यसभा में वो हुआ, जिसने भाजपा, केंद्र सरकार को हिला दिया. धनखड़ साहब ने अचानक से राज्यसभा में जस्टिस वर्मा के ख़िलाफ़ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग के नोटिस को स्वीकार कर लिया. इस नोटिस पर 63 सांसदों के साइन थे और ये सभी सांसद विपक्ष के थे. धनखड़ साहब ने ये सब तब किया, जब राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और वरिष्ठ मंत्री अनुपस्थित थे. सिर्फ क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और जी किशन रेड्डी थे
जैसे ही धनखड़ साहब ने विपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार किया, मेघवाल और रेड्डी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई. दरअसल धनखड़ साहब ने केंद्र को बताए बिना विपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था. केंद्र सरकार जहां जहां लोकसभा में प्रस्ताव लाकर जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया का नेतृत्व कर न्यायिक सुधार की बड़ी मिसाल पेश करने जा रही थी, तभी धनखड़ साहब ने राज्यसभा के माध्यम से इसमें विपक्ष की भी एंट्री करा दी. केंद्र के सूत्रों की मानें तो ये सब जस्टिस वर्मा को बचाने की योजना का हिस्सा था क्योंकि विपक्ष के कई नेता जस्टिस वर्मा को हटाने के विरोध में बोल चुके थे
जो धनखड़ साहब मीडिया के सामने न्यायिक गंदगी के खिलाफ हुंकार भर रहे थे, वही धनखड़ साहब राज्यसभा में विपक्ष के एजेंडे को बढ़ाकर जस्टिस वर्मा को बचाने की प्रक्रिया का हिस्सा बन गए थे
इसके साथ ही विपक्ष प्रयागराज हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव को हटाने के लिए महाभियोग लाने जा रहा था, जिन्होंने VHP के कार्यक्रम में कहा था कि यह देश कठमुल्लों से नहीं चलेगा. VP धनखड़ साहब विपक्ष के इस प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार हो गए थे. मंगलवार को विपक्ष का यह प्रस्ताव आना था. केंद्र की इसकी कोई जानकारी नहीं थी
इसका अर्थ यह हुआ कि जो केंद्र सरकार लोकसभा के माध्यम से जस्टिस वर्मा को हटाने जा रही थी, धनखड़ साहब ने राज्यसभा के माध्यम से उसमें विपक्ष को शामिल कर जस्टिस वर्मा को बचाने की पिच तैयार कर दी थी
वहीं जो केंद्र सरकार जस्टिस शेखर यादव को बचाने में लगी थी, धनखड़ साहब केंद्र को बताए बिना विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर जस्टिस यादव को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने वाले थे
अर्थात धनखड़ साहब विपक्ष की उस प्रक्रिया का हिस्सा बन गए थे, जिसके तहत नोटों के बोरे के मामले में फंसे जस्टिस वर्मा को बचाया जाना था और संघ के आनुवांशिक संगठन VHP के मंच से हिंदुत्व की हुंकार भरने वाले जस्टिस शेखर यादव को हटाया जाना था
और ये उस भाजपा की सरकार में किए जाने का षड्यंत्र था, जो भाजपा RSS का ही आनुवंशिक संगठन है
सोचिए कि ये RSS, BJP, VHP और PM मोदी के लिए कितनी शर्म की बात होती कि VHP के मंच से हिंदुत्व की बात करने वाले जज को BJP की सरकार में विपक्ष द्वारा BJP के बनाए उपराष्ट्रपति के सहयोग से हटा दिया जाता ?
यही कारण था कि विपक्ष पिछले दो-तीन महीने से आक्रामक था क्योंकि राज्यसभा के सभापति शायद उनके अपने हो चुके थे. संभवतः विपक्ष की योजना थी कि राज्यसभा में केंद्र सरकार के बिल रोके जाएंगे, सरकार को राष्ट्र के सामने शर्मशार किया जाएगा
सरकार को समय रहते इसकी भनक लग गई. इसके बाद राजनाथ सिंह के कार्यालय में 10-10 के ग्रुप में NDA के सांसद बुलाए गए और कोरे कागज पर साइन कराए. ये साइन उस स्थिति के लिए थे कि अगर धनखड़ साहब नहीं माने तो उन्हें सरकार महाभियोग लाकर हटा देगी
इसके बाद रात 8 बजे के बाद धनखड़ साहब को एल कॉल गया. कॉल पर बहस हुई, धनखड़ साहब को संदेश दिया गया कि सांसदों के साइन हो चुके हैं. अब आपको तय करना है. इसके बाद धनखड़ साहब ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा दे दिया.
जो विपक्ष धनखड़ साहब को झुकी कमर, संघी जाट, लोकतंत्र का भक्षक बता रहा था, उनके इस्तीफे पर वही विपक्ष उन्हें लोकतंत्र का रक्षक बताते हुए रुदन कर रहा है
और जिन PM मोदी ने हामिद अंसारी जैसे PFI समर्थक उपराष्ट्रपति की विदाई पर उनके सम्मान में भाषण दिया था, ग़ुलाम नबी आज़ाद की विदाई पर भावुक हो गए थे
उन PM मोदी ने धनखड़ साहब की विदाई पर सिर्फ़ ये लिखा कि उन्हें बहुत से बड़े पदों पर काम करने का मौक़ा मिला है, वो जल्दी स्वस्थ हों. PM ने न तो धनखड़ साहब के योगदान की सराहना की और न कुछ ज़्यादा लिखा. PM के अलावा BJP के किसी नेता ने धनखड़ साहब के इस्तीफे पर एक शब्द तक नहीं लिखा है.
इससे आप समझ सकते हैं कि केंद्र सरकार धनखड़ साहब से पीछा छूटने पर राहत महसूस कर रही है क्योंकि केंद्र को लगता है कि
धनखड़ साहब तो शायद धोखा दे रहे थे
भाजपा ने दूसरे दलों से जितने भी आयातित किए हैं, उसमें 80% से अधिक या तो नकारा हैं या फिर एक समय पर धोखा दे गए हैं।