रूसी राष्ट्रपति पुतिन प्लेन में बैठकर मास्को जाते समय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेंट की गयी भागवत गीता जो रशियन भाषा में है उसे पढ़ रहे हैं, DGCA के डायरेक्टर जनरल फ़ैज़ अहमद को तुरंत बर्खास्त करने की उठी मांग, गृहमंत्री अमित शाह जब आतंकवाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम विधेयक 2019 बिल लाये जाने तब किस दल ने और क्यों किया था संसद वहिर्गमन!,10 अधिकृत स्थल जिन्हें शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने मंदिर बताते हुए हिन्दू समुदाय को सौपने हेतु कहा है

DGCA के डायरेक्टर जनरल फ़ैज़ अहमद को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।

देश का एविएशन सिस्टम पूरी तरह चरमराया हुआ है।
रोज़ फ़्लाइट कैंसिल, घंटों की देरी, खराब मेंटेनेंस, यात्रियों की कोई सुनवाई नहीं।

निकम्मे अधिकारियों की लापरवाही की कीमत आम जनता चुका रही है।

किसी की शादी छूट गई,
किसी का एग्ज़ाम रह गया,
किसी का ज़रूरी इलाज अटक गया,
तो कहीं लोग एयरपोर्ट पर पूरी रात बेसहारा बैठे रहे।

यह सिर्फ़ अव्यवस्था नहीं, बल्कि सिस्टम फेल्योर है।
और इसके लिए सीधे तौर पर DGCA की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

अगर निगरानी एजेंसी ही सोई रहेगी तो यात्रियों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?

अब सिर्फ़ बयान नहीं, कार्रवाई चाहिए।
दोषियों को हटाओ यात्रियों को न्याय दो।

@PMOIndia @HMOIndia @RamMNK

साभार (https://www.facebook.com/share/p/1A4JDREtDc/) 

गृहमंत्री अमित शाह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम विधेयक 2019 बिल लाये तब किसने और क्यों किया था संसद वहिर्गमन!, संसद का बजट सत्र चला और कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा चली, जब लोकसभा में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन बिल यानी UAPA बिल पास होगया तब लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की मांग की और इस मांग के साथ कांग्रेस ने लोकसभा में वॉकआउट किया. बिल पर विपक्ष ने डिवीजन ऑफ वोट की मांग की जिसके बाद वोटिंग के जरिए इस बिल को पास किया गया. बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े और बिल के विरोध में 8 वोट पड़े. इसके बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी। 

आतंकवाद और टेरर फंडिंग के खिलाफ एक कदम और बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने यूएपीए संशोधन बिल को लोकसभा में पास तो करा लिया है परअब सबकी नजर राज्यसभा पर होगी जहां कल इस बिल को पास कराने की सरकार के सामने कड़ी चुनौती होगी. अगर ये बिल राज्यसभा में भी पास हो जाता है तो टेरर फंडिंग करने वाले संगठन के साथ साथ व्यक्तियों पर भी सीधी कार्रवाई की जा सकेगी. गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक ये आतंक के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा कदम है. अब गृहमंत्री अमित शाह के सामने इस बिल को कल राज्यसभा में पास कराने की चुनौती होगी. 2004 में यूपीए सरकार के दौरान लाया गया था UAPA बिल गौरतलब है कि यूएपीए बिल 2004 में यूपीए सरकार के दौरान लाया गया था. 2004 में पोटा कानून को खत्म करके यूएपीए बिल लाया गया था. मुम्बई टेरर अटैक के चलते 2008 में पहली बार इस कानून में संशोधन किया गया. लेकिन तब भी बीजेपी का मानना था कि यूएपीए कानून आतंकवाद को काबू करने में समर्थ नहीं है. 2013 में इस कानून में फिर से संशोधन किया गया और मनी लांड्रिंग को रोकने के लिए कानून में बदलाव किए गए क्योंकि भारत सरकार ने 2010 में यूएन में फाइनेंशियल एक्सेस टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ ) समझौते पर साइन किया था. इसके तहत मनी लांड्रिंग के खिलाफ सीधी कार्रवाई की जा सकेगी. यूपीए के दौरान से लागू मौजूदा UAPA कानून में इस सरकार ने तीन महत्वपूर्ण बदलाव के लिए संशोधन विधेयक पेश किया अब तक 1- अब तक केवल आतंकवादी संगठन को बैन करने का प्रावधान था. लेकिन किसी व्यक्ति को बैन करने का प्रावधान नहीं था. 2- डीजी एनआईए आतंकवादी संगठनों अथवा आतंकियों से सम्बंधित जो प्रॉपर्टी होती थी उनको अटैच करने का अधिकार नहीं रखता था. वो अधिकार केवल राज्य के डीजी होता था. एनआईए को राज्य पुलिस के समक्ष केवल रिकवेस्ट करते थे. 3- तीसरा अभी तक जितने भी मामले आतंकवादियों से संबंधित होते हैं उन सब की इन्वेस्टिगेशन का अधिकार एक डीएसपी स्तर के अधिकारी को है. सरकार का संशोधन 1- गृह मंत्रालय की ओर से पेश किए गए संशोधन विधेयक के अनुसार अब यूएपीए कानून के तहत आतंकवादी संगठन के साथ-साथ आतंकवाद में शामिल व्यक्तियों पर भी बैन का अधिकार होगा. 2- आतंकवाद में शामिल संगठन अथवा व्यक्ति की संपत्ति को अटैच करने का अधिकार डीजी एनआईए को होगा. 3- आतंकवाद में शामिल व्यक्तियों और मामलों की जांच का अधिकार एनआईए के इंस्पेक्टर को भी होगा.

आज जब गृहमंत्री अमित शाह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम विधेयक 2019 बिल यानी Unlawful Activities (Prevention) Amendment Act Bill पर जवाब दे रहे थे तो एक बार फिर ओवैसी ने अमित शाह के बोलने के दौरान टोकाटोकी की. इस पर अमित शाह ने कहा ओवैसी दोहरा मापदंड अपना रहे हैं. अमित शाह ने ओवैसी से कहा कि कल से अब तक पूरी चर्चा हुई है. लेकिन आपके वोट करने से यदि आपका वोट बैंक खराब हो रहा है और इसलिए आप वोट नहीं करना चाहते , तो कुछ नहीं किया जा सकता है. कुछ दिन पहले भी संसद में एनआईए संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बीच जोरदार नोंकझोंक हुई थी. विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि हम विपक्ष में थे तब भी कहते थे कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून होना चाहिए. हम जो ये कानून लेकर आये हैं वो हमारे एजेंसियों को आतंकी और आतंक से 4 कदम आगे ले जाने का काम करेंगे. गृहमंत्री ने कहा कि सरकार का प्राथमिक फर्ज है कि आतंकवाद को समूल नष्ट किया जाए. आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने वालों को आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रावधान की बहुत जरूरत है. पाकिस्तान तक में इसका प्रावधान है. व्यक्ति के मन में आतंकवाद है तो सिर्फ संस्था पर प्रतिबंध लगाने से नहीं होगा। (साभार एवीपीन्यूज) 

इस बिल का विरोध करके 
*सोनिया गांधी ने कांग्रेस की ‘कफन’ में एक और ‘कील’ ठोक दी है।**अमित शाह ji ने**एक ऐसा बिल पास किया**जिसमें आतंकवादियों को फंड देने वालों को भी आतंकवादी माना जाएगा।*

*जैसे ही यह बिल पास हुआ, सोनिया गांधी सदन से बाहर चली गईं।*
*और जब मतदान का समय आया,*
*सोनिया समेत पूरी कांग्रेस ने इस बिल को “गलत” बताया*
*और सदन का बहिष्कार किया।*

*मसमझ नहीं आता कि*
*आतंकवादियों को पैसा देने वालों और जिहादी साहित्य से आतंकवाद फैलाने वालों के प्रति “सोनिया गांधी” को इतनी सहानुभूति क्यों है…?**वोट देने के बजाय कांग्रेस ने सदन का बहिष्कार किया।*

*जब देश का विपक्ष सरकार के साथ नहीं, बल्कि आतंकवदियों के साथ खड़ा हो,तो इससे बड़ा*
*देश का दुर्भाग्य और क्या हो सकता है…?*

*लेकिन मैं भाजपा, अमित शाह और मोदी को बधाई देता हूँ*
*जिन्होंने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कानून लाए हैं।*

*अगर आज भी हम जातिवाद, क्षेत्रवाद,पक्षपात या अन्य किसी समस्या से पीड़ित हैं,*
*तो आज का दिन हमारे लिए*
*आत्मनिरीक्षण का दिन होना चाहिए।*

*भारतीय कांग्रेस को अच्छे से जानते हैं…!*
*यह वही कांग्रेस है*
*जो भारतीय हिंदू धर्म के खिलाफ बिल लाना चाहती थी, और जब*
*भाजपा आतंकवादियों के खिलाफ बिल लाई,*
*कांग्रेस वॉकआउट कर गई।*( साभार…शोशल मीडिया https://www.facebook.com/share/p/1AqiTXYR6n/) 

#मोहित_यादव जिसे ज्यादातर लोग #मोनू_मानेसर के नाम से जानते हैं… अंततः कई महीने जेल में गुज़ार ज़मानत पर बाहर आगया…

मोनू वो युवा है जिसने मेवात जैसे दुर्दान्त इलाके में ज•हा•दि•यों को छाती तान खुली चुनौती दी….

अवैध गौ हत्या के विरुद्ध एक व्यापक अभियान खड़ा किया…

और अहिरवाल और राजस्थान के सटे इलाको में बेरोक टोक हर अपराध करने वाले मेव अपराधियों के मन में खौफ़ पैदा किया…

लड़का लगातार पॉपुलर हो रहा था….. बस यही चड्डीज़ को दर्द दे गया…. और अपने जीजूजान को ख़ुश करने और बैलेंस दिखाने को ठूंस दिया जेल में…. किसी अपराध में उसके सीधे इन्वॉल्व होने का सबूत नहीं…. पर महज़ आरोप पर ठूंस दिया अंदर 

और इस बीच कुछ और पों पां छाप सरकारी हिंन्नू ह्रदय सम्राट उस इलाके में खड़े करने का प्रयत्न किया ..

खैर लड़का अब बाहर है….

शेर है… पूँछ टांगों में दे बैठने वालों में से नहीं…

बस दो सलाह दूंगा उसे…

भाई पहली लड़ाई लड़ी ताक़त के जोर से जाती है पर जीतते दिमाग़ की ताक़त से हैं….. तेरे साथ बड़ा यूथ जत्था है…. #इलेक्शन की तैयारी में जुट… फिर कट की चित्त पट्ट करियो आराम से 

दूसरा साँप के मुंह में ऊँगली दे यक़ीन कर लेना क़ि वो काटेगा नहीं……. लेकिन चड्डीज़ पर कभी पूरा यक़ीन मत करना…. ख़ास कर मेवों के ससुरालिया चड्डीज़ पर 

GNडू यार भी हैं….. कुंद हथियार भी हैं….

(साभार ✍️अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश)

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर बड़ा बयान दिया है। कंगना रनौत ने कहा कि गीता सारे विश्व की धरोहर है, हमारे सनातन, संस्कृति और हमारे भारतवर्ष के सबसे बड़े एंबेसडर प्रधानमंत्री हैं और गीता में जो सत्य है, वो सनातन है। उसमें कर्म, युद्ध , भाव को लेकर सब कुछ है। अगर पुतिन इसे पढ़ेंगे तो अवश्य ही भारत से उनका नाता और भी गहरा हो जाएगा। 

#KanganaRanaut #VladimirPutin #PMModi #BhagvadGita #Russia #India

रशियन मीडिया RT ने यह तस्वीर दिखाई है, पुतिन प्लेन में बैठकर मास्को जा रहे हैं साथ में मोदी जी द्वारा दिया गया भागवत गीता जो रशियन भाषा में है उसे पढ़ रहे हैं
मोदी जी ने एक बहुत बड़ा मास्टर स्ट्रोक चला है क्योंकि कुछ वर्ष पहले रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के कुछ लोगों ने रूस में इस्कॉन संस्था को प्रतिबंधित करने की मांग किया था उसको लेकर रूस की संसद में बहस भी हुई थी

हालांकि रूस सरकार ने इस्कॉन पर प्रतिबंध नहीं लगाया था लेकिन ऑर्थोडॉक्स चर्च के इस कदम से रूस में इस्कॉन और ज्यादा पॉपुलर हो गया

और ऊपर से मोदी जी ने पुतिन को भागवत गीता गिफ्ट में देकर एक बेहद शानदार संदेश दिया है
#बंटोगे_तो_कटोगे_तय_है
#नमस्ते_भारत_वंदेमातरम्
#हर_हर_शंभु 🌺

ये है वो 10 विवादित स्थल जिन्हें शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने मंदिर मानकर हिन्दू समुदाय को सौपने के लिए मुस्लिम समुदाय को प्रस्ताव दिया था।

१. कूवत उल इस्लाम दिल्ली
२. शाही ईदगाह मथुरा
३. अटाला मज्जित जौंनपुर
४. ज्ञानव्यापी काशी
५. अदीना मज्जित मालदा
६. बीजा मंडल विदिशा
७. कमालुद्दीन भोजशाला
८. जामा मज्जित अहमदाबाद
९. जामी मज्जित पाटन
१०. ताजमहल आगरा

आज वे वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी तीन माह से जेल में है लेकिन कोई सुधि लेने को तैयार नही है। हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी रद्द कर दी और सुप्रीम कोर्ट तारीख नही दे रहा। जब तक वसीम रिजवी मुस्लिम रहे कोई उन्हें छूने की हिम्मत नही कर सका लेकिन जैसे ही घरवापसी हुई जेल में डाल दिये गए।

सम्भवतः देश का पहला मामला था जब कोई सैय्यद/अशराफ (मुस्लिम उच्च जाति) की घर वापसी हुई। अभी तक घर वापसी के उदाहरण केवल पसमांदा (मुस्लिम पिछड़ा दलित) के आते थे लेकिन प्रथम बार कोई सैय्यद/अशराफ वह भी वक्फबोर्ड का चेयरमैन घर लौटा था लेकिन हिन्दू समाज उसे सहेजकर नही रख पाया।

गौरतलब है कि अदालत के ऊपर इकोसिस्टम का बहुत दवाब है। तमाम मुस्लिम संगठन बड़े बड़े वकीलों की फौज लेकर वसीम रिजवी की जमानत का विरोध करने हर बार अदालत पहुंच रहे है। लेकिन सनातनी इकोसिस्टम शांत है।

एक सैय्यद का घर वापसी करना कितनी बड़ी घटना है ये वे जानते है लेकिन आप नही जान पाए। उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया वसीम रिजवी को रोकने के लिए लेकिन हम एड़ी घिसने को भी तैयार नही है।

वसीम रिजवी केवल एक व्यक्ति नही एक नरेटिव था ‘सैय्यद नरेटिव” यदि उसे भुना लिया जाता तो आज घरवापसी की लाइन लग जाती और एक बड़ी लड़ाई हम जीत जाते।

“राष्ट्रहित सर्वोपरि” 💪💪

जय श्री राम 🙏

हर हर महादेव 🔱🙏🚩

वर्तमान में जी रहे समाज में किसी को ध्यान से देखने व समझे का समय ही नहीं हैं। सब एक-दूसरे से आगे निकलने की दौड़ में सबसे क़ीमती रिश्ते-नाते, संस्कार व परिवार पीछे छोड़ते जा रहे हैं। कुछ भाग्यशाली ही इन समझते हुए इन के साथ जुड़ते हैं।

नेहरू पैदाइशी हिंदू नहीं थें तो उनको मुस्लिम लोगों की तरफ झुकाव था जो मोहनदास करमचंद गांधी को भी था क्योंकि वह भी पैदाइशी हिंदू नहीं थें। Quora