*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*
🌤️ *दिनांक – 26 मई 2025*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *मास – ज्येष्ठ (गुजरात-महाराष्ट्र वैशाख)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – चतुर्दशी दोपहर 12:11 तक तत्पश्चात अमावस्या*
🌤️ *नक्षत्र -भरणी सुबह 08:23 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
🌤️ *योग – शोभन सुबह 07:02 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:37 से सुबह 09:17 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 05:58*
🌤️ *सूर्यास्त – 07:13*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- दर्श अमावस्या,वटसावित्री व्रत (अमावस्यांत)श्री शनैश्चर जयंती,सोमवती अमावस्या (दोपहर 12:11 से 27 मई सूर्योदय तक)*
💥 *विशेष- चतुर्दशी अमावस्या पूर्णिमा व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌷 *गंगा स्नान का फल* 🌷
➡ *27 मई 2025 मंगलवार से गंगा दशहरा प्रारंभ ।*
🙏🏻 *”जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।” (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*
🌷 *गंगा स्नान का मंत्र* 🌷
🙏🏻 *गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नही सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुन्य मिलने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है ..*
🌷 *ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*
🙏🏻 *ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है | गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ लें
🌷 *नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए* 🌷
➡ *26 मई 2025 सोमवार को दर्श एवं सोमवती अमावस्या और 27 मई 2025 मंगलवार को ज्येष्ठ एवं भावुका अमावस्या है।*
🏡 *घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं।
🌷 *धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए* 🌷
🔥 *हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।*
🍛 *सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।*
🔥 *विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।*
🔥 *आहुति मंत्र* 🔥
🌷 *१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
🌷 *२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
🌷 *३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
🌷 *४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
🌷 *५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपका आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा। दिन का आरंभ ईश्वरीय आराधना से होगा जिसके फलस्वरूप दिन भर प्रतिकूल परिस्थितयो से लड़ने की शक्ति मिलेगी आध्यात्म के साथ साथ आज परोपकार की भावना भी प्रबल रहेगी दिन का अधिकांश समय मंगल कार्यो में व्यतीत होगा। आज आपके पास से कोई खाली हाथ नही जाएगा। सांसारिक जगत में मान बढ़ेगा। फिर भी ध्यान दें लोभी प्रवृति आने वाले लाभ में कमी कर सकती है। आर्थिक रूप से दिन सामान्य रहेगा धन लाभ कम होने से जमा पूंजी खर्च करनी पड़ेगी फिर भी सन्तोष रहेगा। नए कार्य का आरम्भ आज ना करें हानि होगी। पारिवारिक वातावरण परिस्थिति अनुसार ढल जाएगा। लेकिन आज संबंधों में आत्मीयता की कमी रहेगी।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपके लिए आज का दिन सुख सौभाग्य में वृद्धि करेगा। आज आप अपने विवेक एवं चातुर्य से सर्वत्र प्रशंशा के पात्र बनेंगे। अन्य लोगो के लिये भी मार्गदर्शक बनेंगे। प्रतिस्पर्धियों की परवाह नही करेंगे फिर भी कुछ समय के लिए अपने लक्ष्य से भटक सकते है। मनमौजी प्रवृति आपको आन्तरिक रूप से शांत रखेगी लेकिन अन्य लोगो को इससे परेशानी हो सकती है। आज आपकी बातों को लोग आंख बंद कर मान लेंगे परन्तु ध्यान रहे आज मौज-शौक की प्रवृति रहने से अनैतिक कार्यो के लिए किसी को विवश ना करें अन्यथा मान हानि हो सकती है। महिलाओ को भी बात अभिमानी व्यवहार के चलते सम्मान हानि का सामना करना पड़ेगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन प्रतिकूल परिस्थितियां लाएगा। व्यवसायी अथवा नौकरी वाले लोग केवल बौद्धिक बल से कार्य निकाल सकेंगे परन्तु आज किसी भी कार्य से आशानुकूल लाभ नही हो सकेगा। लापरवाही भी स्वभाव में अधिक रहेगी जिसका खामियाजा आपके साथ अन्य लोगो को भी भुगतना पड़ेगा। सरकारी कार्य मे सफलता निकट आते आते हाथ से निकल सकती है। आर्थिक लाभ पाने के लिए परिश्रम के साथ ही वाणी में मधुरता रखनी पड़ेगी फिर भी अल्प लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। पारिवारिक वातावरण में अचानक स्वार्थ सिद्धि की भावना व्यक्तिगत संबंध में खटास लाएगी फिर भी व्यवहार के लिए नापसंद कार्य भी करने पड़ेंगे।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन धन के साथ सम्मान में भी वृद्धि कराएगा लेकिन अनर्गल प्रवृतियों में मान हानि के जिम्मेदार भी आप स्वयं ही रहेंगे। कार्य के साथ मनोरंजन का मिश्रण ना करें अन्यथा लाभ वाली जगह हानि होगी। सेहत में अचानक बदलाव आएगा फिर भी इससे दिनचार्य प्रभावित नही होगी समय से कार्य पूर्ण कर लेंगे बुद्धि पर निर्धारित कार्यो में सफलता शीघ्र मिल जाएगी तंत्र मंत्र अथवा ज्योतिष से जुड़े लोगों के लिए दिन विशेष लाभदायक रहेगा। लेकिन आज व्यवसायी वर्ग निवेश देखभाल कर ही करें निकट भविष्य में धोखा होने के आसार है। पारिवारिक स्थिति बुजुर्गो की सहायता से सामान्य बनी
रहेगी। घर के बड़े लोग किसी विकट समस्या से सहज ही निकाल लेंगे।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन पिछले कुछ दिनों की अपेक्षा अच्छा बीतेगा। धार्मिक गतिविधियों से जुड़ने का लाभ आपको अवश्य मिलेगा। स्वास्थ्य नरम रहने पर भी मानसिक रूप से शांत रहेंगे। कुछ लोग आज आपको जबरदस्ती किसी वर्जित कर्म में धकेलने का प्रयास करेंगे इससे बच कर रहें। मध्यान के बाद आर्थिक लाभ होने की संभावना बनेगी जिसे पूरा होते होते संध्या हो जाएगी लेकिन आज व्यवहार के बल पर नए लाभ के संबंध विकसित होंगे भविष्य में ये उन्नति में सहायक रहेंगे।आज खर्चीली वृति आर्थिक रूप से पनपने नही देगी। महिलाये आज हर कार्य में दिखावा ज्यादा करेंगी। संतान सुख मिलेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भाग्योदय करने वाला रहेगा । उच्च प्रतिष्ठित सामाजिक लोगो से मिलना जुलना होगा हो सकता है आपका व्यवहार किसी को पसंद ना आये इसलिए व्यावहारिक रूप से आज सतर्कता बरतनी अत्यंत आवश्यक है अन्यथा भविष्य के लाभ से वंचित रह जाएंगे। घर एवं बाहर का वातावरण सहयोगी मिलने से दिनचार्य व्यवस्थित रहेगी लेकिन महिलाये आज अपनी आदतों को लेकर स्वयं परेशानी में फंसेंगी। व्यवसायी वर्ग को आकस्मिक लाभ के सौदे हाथ लगेंगे अन्य लोगो को भी आज सोच से कही अधिक लाभ मिल सकता है इसके लिए धैर्य एवं परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। संध्या का समय थकान वाला परन्तु अधिक आनंददायक रहेगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है खान-पान का विशेष ध्यान रखें ठंडे तरल प्रदार्थो के सेवन से परहेज करें गले अथवा छाती संबंधित शिकायत रहेगी शारीरिक रूप से कार्य करने में असमर्थ रहेंगे मानसिक चंचलता भी आज हद से ज्यादा रहेगी। जिन कार्यो को करेंगे उनसे बीच मे ही पीछे हट जाएंगे फिर भी आर्थिक लाभ किसी की सहायता से हो ही जायेगा। कार्य क्षेत्र पर आज किसी से भी व्यर्थ की बहस ना करें नौकरी पेशा जातक अधिकारियों से ज्यादा सावधानी बरतें। महिलाओ का मन पल पल में बदलने से अधिकांश कार्य अधूरे रहेंगे। विद्यार्थ पढ़ाई से मन चुरायेंगे।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप दिन भर दुविधा में रहेंगे पल पल पर प्रतिकूलताएँ मिलने से मानसिक संतुलन बिगड़ेगा। सेहत को लेकर भी आकस्मिक घटनाये घटित होंगी लापरवाही बिलकुल ना करें अन्यथा परिणाम गंभीर भी हो सकते है। व्यवसायी एवं नौकरी वाले जातक कार्य से ऊबन अनुभव करेंगे। किसी भी कार्यो को जबरदस्ती करने का प्रयास ना करें क्षति होगी। प्रेम संबंध में भावनात्मकता आज ज्यादा देर नही टिकेगी। लोग केवल स्वार्थी सिद्धि के लिए व्यवहार करेंगे। आर्थिक रूप से भी दिन नुकसान वाला रहेगा निवेश अथवा नए कार्य का आरंभ ना ही करे। गृहस्थ में उठा पटक वाला माहौल रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप जिस भी कार्य को करने का प्रयत्न करेंगे उसमे आरम्भ में व्यवधान आएंगे लेकिन अंत मे परिणाम संतोषजनक रहेंगे। धन संबंधित व्यवहार आज जरूरत से ज्यादा ही रहेंगे उधार का लेनदेन लगा रहेगा फिर भी आर्थिक पक्ष आज मजबूत ही रहेगा। व्यवसायी लोग प्रलोभन में पड़कर निवेश करेंगे यह भी लाभदायक ही रहने वाला है। शेयर सट्टे के कार्य से मध्यम लाभ होगा। बेरोजगार लोग प्रयास करने पर अवश्य किसी अच्छी जगह नियुक्त किये जा सकते है। पारिवारिक वातावरण महिलाओ के सौम्य व्यवहार से खुशहाल बनेगा किसी सदस्य की जिद पूरी करने के लिए अधिक खर्च करना पड़ेगा। सेहत उत्तम रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन राहत भरा रहेगा आर्थिक रूप से दिन ज्यादा महत्त्वपूर्ण नही रहेगा लेकिन सामाजिक रूप से आज कुछ ना कुछ शुभ होने वाला है आपके व्यक्तित्त्व में निखार आएगा लोग आपसे नजदीकी बढ़ाएंगे। आज आपके संपर्क में आने वाले उदास लोग भी हंसने को मजबूर हो जाएंगे। संबंधों के प्रति भी आप ज्यादा ईमानदार रहेंगे। नौकरी वाले जातक अधिकारियों के प्रिय बनेंगे। मध्यान के बाद मन मे कोई गुप्त युक्ति चलती रहेगी जिसका निराकरण होने में अभी वक्त लग सकता है। आर्थिक रूप से दिन परिश्रम साध्य रहेगा फिर भी आज आप शारीरिक परिश्रम की अपेक्षा मानसिक परिश्रम से अधिक लाभ कमा सकेंगे। गृहस्थ में मामूली नोंकझोंक चली रहेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन प्रतिकूल परिस्थितयां दिन भर पीछा नही छोड़ेंगी आज आप जिस के भी संपर्क में रहेंगे उसे कुछ ना कुछ दुखद सौगात अवश्य देंगे। विरोधी आज आपकी मनोदशा देखकर प्रसन्न रहंगे। नौकरी अथवा व्यवसायिक स्थल पर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य लंबे समय के लिए अधूरे रहेंगे। स्वभाव में भी चिड़चिड़ापन रहने से प्रियजन दूरी बनाएंगे। आकस्मिक यात्रा के योग बनेंगे संभव हो तो आगे के लिए टालें। आज घरेलू दैनिक कार्यो में भी कलह के कारण विलंब होगा। महिलाये भावुकता में आकर कुछ गलत निर्णय ले सकती है जिसका बाद में पछतावा भी होगा। धैर्य से दिन व्यतीत करें। वाणी व्यवहार का सही इस्तेमाल करें।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आर्थिक रूप से दिन बेहतर रहने से आज के दिन आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकेंगे पारिवारिक वातावरण भी मनोकामना पूर्ति होने पर उल्लासित रहेगा। व्यवसायी वर्ग आज समय से कार्य पूर्ण नही कर सकेंगे जिस कारण अपमानित होना पड़ेगा। धन को लेकर आज किसी ना किसी से अवश्य कहासुनी होगी फिर भी धैर्य का परिचय दें अन्यथा भविष्य में हानि हो सकती है। महिलाये आज खर्च करने में आगे रहेंगी परन्तु गलत जगह निवेश की संभावना अधिक है देख भाल कर ही कोई वस्तु खरीदे। विद्यार्थ वर्ग को मेहनत करने पर भी आशाजनक परिणाम नही मिल सकेगा। परिवार के बुजुर्ग पुरानी बीमारी से आज अधिक परेशान रहेंगे।
〰️〰️🙏राधे राधे🙏〰️
🚩*”ll जय शिव शंकर ll”*🚩
〰〰*🙏जय भोले नाथ🙏*〰
*उत्तराखंड में यूसीसी में चार माह में डेढ लाख से अधिक आवेदन मिले : सीएम धामी *
*राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं*
*यूसीसी लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए सीएम धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया*
*मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में लागू यूसीसी पर प्रस्तुतिकरण दिया*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में लागू समान नागरिक संहिता पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि यूसीसी लागू करने के लिए मजबूत सिस्टम का निर्माण किया गया है। प्रक्रिया को जनसामान्य के लिए अधिक सुलभ और सहज बनाने के लिए एक पोर्टल और समर्पित मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है। साथ ही ग्राम स्तर पर 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) को इससे जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के समय आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ऑटो एस्केलेशन और ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम भी लागू किया गया है। व्यापक डिजिटल और भौतिक नेटवर्किंग के परिणामस्वरूप केवल चार माह की अवधि में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत राज्यभर से लगभग डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इतना ही नहीं, राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जो ये दर्शाता है कि यूसीसी को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने यूसीसी के सफलतापूर्वक लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने दृष्टिपत्र के माध्यम से राज्य की जनता को ये वचन दिया था कि यदि जनादेश मिला, तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। चुनावों में विजय के पश्चात पहले दिन से ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए अपना कार्य प्रारंभ कर दिया। यूसीसी के बिल का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई जी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति द्वारा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में व्यापक जन-परामर्श किया गया।
जिसके माध्यम से समिति को लगभग 2 लाख 32 हजार सुझाव प्राप्त हुए। समिति ने न केवल आम नागरिकों से परामर्श किया, बल्कि सभी राजनीतिक दलों और विभिन्न वैधानिक आयोगों के प्रमुखों से भी बातचीत की।
राज्य सरकार ने 7 फरवरी, 2024 को समान नागरिक संहिता विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित कर मा. राष्ट्रपति महोदया को भेजा। मा. राष्ट्रपति महोदया ने 11 मार्च, 2024 को इस ऐतिहासिक विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान की। आवश्यक नियमावली एवं प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए, 27 जनवरी, 2025 को पूरे उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता को विधिवत रूप से लागू कर दिया गया। इस प्रकार उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने संविधान के अनुच्छेद 44 की भावना को मूर्त रूप देते हुए समान नागरिक संहिता को व्यवहारिक धरातल पर लागू किया।
मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता जाति, धर्म, लिंग आदि में अन्तर के आधार पर कानूनी मामलों में होने वाले भेदभाव को खत्म करने का एक संविधानिक उपाय है।
इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके लागू होने से प्रदेश में सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सकेगा।इसके द्वारा अब हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक आदि कुप्रथाओं पर पूर्णतः रोक लगाई जा सकेगी।
संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है, जिससे कि उन जनजातियों का और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सके।
समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं बल्कि ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है। जिसकी परिकल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने भी की थी और राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में इसे सम्मिलित किया था।
यूसीसी के माध्यम से किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है। यूसीसी के अंतर्गत सभी धर्मों के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक और उत्तराधिकार से संबंधित मामलों में एक समान विधिक प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अब पति-पत्नी को विवाह विच्छेद के लिए निर्धारित न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा तथा बहुविवाह की प्रथा पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन कानूनों के अंतर्गत सभी धर्म और समुदायों में बेटी को भी संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही, संपत्ति के अधिकार में बच्चों में किसी भी प्रकार का भेद नहीं किया गया है, अर्थात प्राकृतिक संबंधों के आधार पर, सहायक विधियों द्वारा या लिव इन संबंधों द्वारा जन्मे बच्चों का भी संपत्ति में बराबर अधिकार माना जाएगा। यूसीसी के अंतर्गत बच्चों की संपत्ति में माता-पिता को भी अधिकार प्रदान किया गया है, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार प्राप्त हो।
वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, युवा पीढ़ी विशेष रूप से युवक-युवतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें संभावित सामाजिक जटिलताओं एवं अपराधों से बचाने के उद्देश्य से इसमें लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार उनके माता-पिता या अभिभावक को देगा, ये जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएंगी। यूसीसी के माध्यम से जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण की भांति विवाह और विवाह-विच्छेद दोनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा। समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन हेतु एक प्रभावी एवं स्पष्ट नियमावली को भी लागू कर दिया है।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति से जुड़े 45 अन्य मंदिरों यात्रा व्यवस्था को भव्य बनाया जायेगा – हेमंत द्विवेदी ।
•बदरीनाथ के विराट सिंहद्वार के निर्माण में महारानी अहिल्या बाई होल्कर के भी योगदान के प्रति कृतज्ञता जताई।
• श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओंं का जायजा लिया
श्री बदरीनाथ/ केदारनाथ: 25 मई।बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा बदरीनाथ एवं केदारनाथ की यात्रा भव्यता और पूर्ण निष्ठा भक्ति के साथ जारी है। बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा उत्तराखण्ड सरकार और मंदिर समिति यात्रा व्यवस्था को और अधिक सुगम और सुव्यवस्थित बनाने के लिए दृढ संकल्पित है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा उत्तराखण्ड के 45 मंदिर जो बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति से जुड़े हैं उनकी यात्रा व्यवस्था को भी सुव्यवस्थित किया जायेगा। ताकि भारत और दुनिया से आने वाले श्रद्धालु बदरीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुनोत्री के दर्शन और यात्रा की तरह इनर 45 मंदिरों में भी पहुंचे।
रविवार को बदरीनाथ धाम में भगवान बदरी विशाल तथा श्री केदारनाथ धाम के दर्शन और यात्रा व्यवस्थाओंं का जायजा लेने के बाद बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा सारा ब्रह्माण्ड जिन बदरी विशाल बाबा केदार के श्री चरणों में अपना शीश नवाता है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे बदरीनाथ केदारनाथ समिति के अध्यक्ष के तौर पर प्रभु की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा महारानी अहिल्या बाई होल्कर जी के त्रिशताब्दी पर आयोजित कार्यक्रमों में मैंअहिल्या बाई होल्कर जी की प्रभु सेवा के कार्यों में उनके द्वारा बदरीनाथ के सिंहद्वार के निर्माण में योगदान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कार्यालय सभागार में मंदिर समिति, पुलिस प्रशासन एवं आईटीबीपी के अधिकारियों से बदरीनाथ धाम यात्रा के विषय में बातचीत की तथा केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओंं की समीक्षा की बताया कि अभी तक 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री बदरीनाथ तथा केदारनाथ धाम के दर्शन कर लिए है।
कहा कि बदरीनाथ धाम में यात्रियों को भगवान के सुगमतापूर्वक दर्शन हो इसके लिए हर संभव कार्य किये जायेंगे। बताया कि आज तक साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर लिए है। बी के टी सी के अध्यक्ष ने हेमकुंड साहिब लोकपाल तीर्थ के कपाट खुलने के अवसर को सौभाग्य का दिन बताया । बदरीनाथ धाम में बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने
बदरीनाथ धाम के रावल अमरनाथ नंबूदरी से आशीर्वाद लिया।
बीकेटीसी अध्यक्ष क्षेत्र भ्रमण के बाद कल देर रात श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। आज प्रात: लोक कल्याण हेतु भगवान श्री बदरीविशाल के दर्शन तथा पूजा-अर्चना की किये। माता लक्ष्मी जी के मंदिर में दर्शन किये। जहां डिमरी पुजारीगणों ने शाल ओढ़ाकर बीकेटीसी अध्यक्ष का स्वागत किया। इसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष यात्रा के कुशलता हेतु हवन में शामिल हुए तत्पश्चात श्री बदरीनाथ धाम के रावल अमरनाथ नंबूदरी से भी आशीर्वाद लिया।
बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओंं के निरीक्षण के बाद बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी श्री केदारनाथ धाम पहुंचे तथा तीर्थयात्रियों से बातचीत की एवं यात्रा व्यवस्थाओंं का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि साढ़े पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर लिए है। यात्रा सुव्यवस्थित चल रही है। इस अवसर पर केदारनाथ धाम में बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल एवं मुख्य प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी भी साथ रहे।
*भारत मे बढ़ती मुस्लिमों की जनसंख्या क्या आने वाले समय में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने जतन कर रही है*
“भारत तेजी से गजवा ए हिंद की ओर बढ़ रहा है। पिछले केवल सतर वर्षों में ही जहां
#पाकिस्तान में हिन्दूओं की संख्या 15% से घट कर 1%रह गयी। वहीं #भारत में #मुसलमानों की संख्या जनसंख्या जिहाद के बल पर 2 करोड़ से बढ़कर 40 करोड़ हो गयी। उपर से चार बीवी 40 बच्चे खुद की देन, और महंगाई बेरोजगारी शिक्षा स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी।
देश की सभी सीमाओं को मजार मदरसे और मस्जिदों से पाट दिया गया है लगभग सभी बस अड्डों को रेलवे स्टेशनों को और बड़े बाजारों के सभी रास्तों को बड़े शहरों के सभी रास्तों को मस्जिदों मजारों और मदर्सों से पाट दिया गया है। नो राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुका है। लेकिन कागजों मुसलमान अल्पसंख्यक बना हुआ है। सैक्यूलर देश में गुरुकुल नहीं खुल सकते लेकिन लाखों सरकारी गैर सरकारी मदरसे चल रहे हैं भारत की सभी राज्यों की भाषाओं में उर्दू फारसी मिश्रित कर दी गई है। यह कार्य फिल्म मीडिया जनसंख्या और राजनीतिक जिहाद के माध्यम से किया जा रहा है।
जनसंख्या जिहाद कितना भयावह है इसका एक उदाहरण गाजा पट्टी में देखा जा सकता है, पिछले 2 वर्षों में इस्त्राइल की बमबारी में गाजा पट्टी में सभी घर ध्वस्त कर दिए गए हैं वहां खाने के लिए दाना नहीं बचा है फिर भी गाजा पट्टी में पिछले दो वर्षों में एक लाख से अधिक नये मुस्लिम बच्चे पैदा हुए। ये बच्चे भुखमरी के कगार हैं लेकिन गाजा पट्टी में हथियारों की कमी नहीं है।
विकसित भारत बनाने के लिए देश में यदि समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं लाये तो सनातनी और भारत बचेगा नहीं।”
यही सत्य है यदि इस समस्या पर इस देश के लोगों ने जल्दी विचार नहीं किया तो कोई भी सरकार इस देश को मुस्लिम राष्ट्र बनने से नहीं रोक पायेगी…..
सोचना तो इस देश के हिंदुओं को है जो जातियों में बटकर ये भूल गया है कि वह अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाना चाहता है..आजादी या फिर वही सालों वाली मुगलों की गुलामी…..
क्योंकि आज से ठीक 70 साल पहले जो आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी उसमें दो विचारों की लड़ाई थी…..
जिसमें हिन्दू 400 और 200 सालों गुलामी में कटी आजादी से जीने की, आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे और दूसरी तरफ मुस्लिम द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई हिंदुस्तान में फिर से हुकूमत करने की, आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे…..
उसका सबसे बड़ा कारण था अंग्रेज, क्योंकि अंग्रेज जब भारत आये थे तब भारत मुगलों का गुलाम था और अंग्रेजों ने मुगलों से सत्ता हाशिल कर भारत के साथ साथ भारत मे शासन कर रहे मुगलों को गुलाम बना लिया था…..
सिर्फ यही एक वजह थी कि भारत मे लड़ी जा रही आजादी की लड़ाई में मुस्लिमों ने हिन्दुओ का साथ दिया था इसीलिए इस देश मे कहा जाता है कि स्वतंत्रता की लड़ाई हिंदू मुस्लिम ने मिलकर लड़ी थी……
जब कि सच्चाई तो कुछ और थी मुस्लिम सिर्फ हुकूमत के लिए आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे जो उन्हें सन 1947 में मिलती नहीं दिखी…..
क्योंकि 1947 में हिन्दू एक चुका था और उसे 400 साल मुगलों के और 200 साल अंग्रेजो से आजादी मिलने जा रही थी ये वही समय था जब इस देश मे मुस्लिमों को लगने लगा था कि अब भारत मे उनका शासन दोबारा वापस नहीं आ पायेगा…..
इसी वजह से मुस्लिमों ने एक अलग देश की मांग की थी और सन 1947 में भारत धर्म के आधार पर बट गया हिंदुओं को मिला हिंदुस्तान और मुस्लिमों को मिला पाकिस्तान….
लेकिन मुस्लिम इस बात से कहाँ संतुष्ट होने वाले थे क्योंकि उन्हें तो दोबारा हिंदुस्तान को गुलाम बनाना था इसीलिए सारे मुसलमान इस देश को छोड़ कर नहीं गए और जो मुसलमान इस देश मे रुके उन्होंने इस देश को गुलाम बनाने की लड़ाई फिर से शुरू की जिसे नाम दिया….
जिहाद
और तब ही दिया एक नारा
*लड़ के लिया था पाकिस्तान*
*और*
*छीन कर लेंगे हिंदुस्तान*
यही सच्चाई है और जब तक इस देश मे हिन्दू एक नहीं होगा और जब तक हिन्दू जातियों में बंटा रहेगा और जब तक हिन्दू सेक्युलरिज्म जैसी स्त्री के आंचल में छिपता रहेगा….
उनके मनसूबे पूरे होते रहेंगे और एक दिन आएगा जब ये हिंदुस्तान फिर से
जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता विधेयक भारत की तात्कालिक आवश्यकता है नहीं तो भारत नये मुगलों का गुलाम होकर अन्य देशों की तरह मुस्लिम राष्ट्र बन जाएगा,,,(साभार शोशल मीडिया )
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*पावन वट सावित्री पर्व*
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री पर्व मनाया जाता है। इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए वट सावित्री व्रत रखकर वट वृक्ष तथा यमराज की पूजा करती हैं। सनातन हिंदू संस्कृति में यह व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक है।
सावित्री कथा के बारे में जानने के लिए महाभारत के वनपर्व में प्रवेश करते हैं।
देवी सावित्री की कृपा से राजा अश्वपति को एक सुकन्या प्राप्त हुई थी , इसलिए राजा ने उस कन्या का नाम सावित्री रखा था। जब सावित्री ने यौवनावस्था में कदम रखा , तो उसके पिता ने कहा – ” अपने योग्य कोई वर खोज लो। ” पिता की आज्ञा का का पालन करती हुई सावित्री वर ढूंढ़कर जब वापस आई , उस समय उसके पिता के साथ नारद जी बैठे हुए थे। सावित्री ने कहा कि मैंने शाल्वदेश के निष्कासित दृष्टिहीन राजा द्युमत्सेन के कुमार को पतिरूप से वरण किया है।
नारद जी ने कहा – ” इस कुमार के पिता सत्य बोलते हैं और माता भी सत्यभाषण ही करती हैं। इसी से ब्राह्मणों ने इस कुमार का नाम सत्यवान रखा है। “
” सत्यवान गुणों का सागर है। उसमें केवल एक ही दोष है। वह यह कि आज से एक वर्ष बाद उसकी आयु समाप्त हो जाएगी और वह देह त्याग देगा। “
यह सुनकर राजा अश्वपति ने अपनी पुत्री सावित्री को किसी दूसरे वर की खोज करने को कहा। तब सावित्री ने कहा – पिताजी ! जिसे मैंने एक बार वरण कर लिया , वह दीर्घायु हो या अल्पायु तथा गुणवान हो या गुणहीन – वही मेरा पति होगा। किसी अन्य पुरुष को मैं नहीं वर सकती।
तब राजा ने अपनी पुत्री का विवाह सत्यवान से कर दिया। सावित्री अपने पति सत्यवान के साथ आश्रम में साधारण वेशभूषा में रहने लगी। जब उसने देखा कि अब चौथे दिन उनका देहांत हो जाएगा , तो उसने तीन दिन का व्रत धारण किया।
इसलिए आज भी बहुत सी सौभाग्यवती महिलाएं तीन दिन का व्रत करती हैं।
चौथे दिन जब सत्यवान समिधा लाने को तैयार हुआ , तब सावित्री भी उसके साथ वन को चल पड़ी। लकड़ी काटते-काटते सत्यवान अस्वस्थ हो गया तथा सोने लगा। तब सावित्री वट वृक्ष (बरगद पेड़) की छाया में अपने पति के सिर को गोद में रखकर धरती पर बैठ गई।
तभी वहां यमराज उपस्थित हुए। सावित्री ने धीरे से पति का सिर जमीन पर रख दिया और खड़े होकर कहने लगी – मैंने सुना है कि मनुष्य को लेने के लिए यमदूत आते हैं , परंतु आप स्वयं क्यों पधारे ? यमराज ने कहा – सत्यवान धर्मात्मा और गुणों का सागर है। यह मेर दूतों द्वारा ले जानेयोग्य नहीं है। अतः मैं स्वयं आया हूं।
जब यमराज सत्यवान के जीव को लेकर चला , तब सावित्री भी पीछे-पीछे चल पड़ी। यमराज ने सावित्री को वापस लौटने को कहा, पर सावित्री नहीं लौटी। तब सावित्री की दृढ़ता एवं अदम्य साहस को देखकर यमराज ने उससे सत्यवान के जीवन के अतिरिक्त वर मांगने को कहा। सावित्री के द्वारा चार वर मांगे गए थे। सत्यवान के द्वारा मेरे एक सौ पुत्र हों – यह चौथा वर सावित्री ने यमराज से मांग लिया।
विवश होकर एवं सावित्री की धर्मानुकूल गंभीर अर्थयुक्त बातों को सुनकर सत्यवान को यमराज ने अपने बंधन से मुक्त कर दिया।
इस प्रकार अपने पातिव्रत्य से सावित्री ने अपने पति को वापस पा लिया। यमराज द्वारा प्रदत्त तीन वरों के फलस्वरुप सावित्री के अंधे ससुर को दृष्टि प्राप्त हो गई। वे पुनः राजा बने तथा सत्यवान युवराज बनाए गए। परवर्ती काल में सावित्री पुत्रवती हुई।
वैशम्पायन जी राजा जनमेजय को कहते हैं – जो व्यक्ति इस परम पवित्र सावित्री चरित्र को श्रद्धापूर्वक सुनेगा , वह समस्त मनोरथ के सिद्ध होने से सुखी होगा और कभी दुःख में नहीं पड़ेगा।”श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि”!”हे नाथ नारायण वासुदेवा,श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी!