सतयुग में स्वयंभभुव मनु महाराज के समय ना आज के जैसे देश थे ना राज्य थे, ना राजा थे ना वर्ण एवं उप जातियां थी, ना आज के जैसे राजनीतिक दल थे, ना जैन थे ना बौद्ध थे ना ईसाई थे ना इस्लाम था और नहीं इस धरा धाम के लिए कोई विधि विधान था तब उस युग में इस धरा धाम की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए प्राकृतिक संरक्षण के अनुरूप तत्समय कुछ विधि विधान अस्तित्व में आये जिसे मनुस्मृति कहा गया। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की वेद और स्मृतियों में जो उल्लिखित है वह सदैव वर्तमान रहता है क्यों कि वह सार्वभौमिक सार्वकालिक ऋषिमुनियों का विज्ञान सम्मत अनुसंधान है जो केवल धराधाम ही नहीं अपितु समूचे ब्रह्मांड के कल्याण के लिए है।
लेकिन आज अपने अपने दृष्टिकोण से कुछ लोगों द्वारा मनुस्मृति के बारे में निरंतर दुष्प्रचार जारी है। कुछ मनुवादी कह कर अपशब्दों से अपना परिचय देते है तो कोई प्रतियां जला कर। पढ़े बिना ही गाली देने के इस कलि काल में मनुस्मृति के बारे में विस्तार से देना यहां संभव नहीं।लेकिन कुछ संकलित अंश प्रस्तुत हैं।
महर्षि मनु कृत मनु स्मृति में–
यत्र नार्य्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रऽफलाः क्रियाः। मनुस्मृति 3/56
अर्थात जिस समाज या परिवार में स्त्रियों का सम्मान होता है, वहां देवता अर्थात् दिव्यगुण और सुख़- समृद्धि निवास करते हैं और जहां इनका सम्मान नहीं होता, वहां अनादर करने वालों के सभी काम निष्फल हो जाते हैं
पिता, भाई, पति या देवर को अपनी कन्या, बहन, स्त्री या भाभी को हमेशा यथायोग्य मधुर-भाषण, भोजन, वस्त्र, आभूषण आदि से प्रसन्न रखना चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार का क्लेश नहीं पहुंचने देना चाहिए।मनुस्मृति 3/55
जिस कुल में स्त्रियां अपने पति के गलत आचरण, अत्याचार या व्यभिचार आदि दोषों से पीड़ित रहती हैं। वह कुल शीघ्र नाश को प्राप्त हो जाता है और जिस कुल में स्त्री-जन पुरुषों के उत्तम आचरणों से प्रसन्न रहती हैं, वह कुल सर्वदा बढ़ता रहता है।मनुस्मृति 3/57
जो पुरुष, अपनी पत्नी को प्रसन्न नहीं रखता, उसका पूरा परिवार ही अप्रसन्न और शोकग्रस्त रहता है और यदि पत्नी प्रसन्न है तो सारा परिवार प्रसन्न रहता है।मनुस्मृति 3/62
पुरुष और स्त्री एक-दूसरे के बिना अपूर्ण हैं, अत: साधारण से साधारण धर्मकार्य का अनुष्ठान भी पति-पत्नी दोनों को मिलकर करना चाहिए।मनुस्मृति 9/96
ऐश्वर्य की कामना करने वाले मनुष्यों को योग्य है कि सत्कार और उत्सव के समयों में भूषण वस्त्र और भोजनादि से स्त्रियों का नित्यप्रति सत्कार करें।मनुस्मृति
पुत्र-पुत्री एक समान। आजकल यह तथ्य हमें बहुत सुनने को मिलता है। मनु सबसे पहले वह संविधान निर्माता है जिन्होंने जिन्होंने पुत्र-पुत्री की समानता को घोषित करके उसे वैधानिक रुप दिया है- ‘‘पुत्रेण दुहिता समा’’ (मनुस्मृति 9/130) अर्थात्-पुत्री पुत्र के समान होती है।
पुत्र-पुत्री को पैतृक सम्पत्ति में समान अधिकार मनु ने माना है। मनु के अनुसार पुत्री भी पुत्र के समान पैतृक संपत्ति में भागी है। यह प्रकरण मनुस्मृति के 9/130 9/192 में वर्णित है।
आज समाज में बलात्कार, छेड़खानी आदि घटनाएं बहुत बढ़ गई है। मनु नारियों के प्रति किये अपराधों जैसे हत्या, अपहरण , बलात्कार आदि के लिए कठोर दंड, मृत्युदंड एवं देश निकाला आदि का प्रावधान करते है। सन्दर्भ मनुस्मृति 8/323,9/232,8/342
नारियों के जीवन में आनेवाली प्रत्येक छोटी-बडी कठिनाई का ध्यान रखते हुए मनु ने उनके निराकरण हेतु स्पष्ट निर्देश दिये है।
पुरुषों को निर्देश है कि वे माता, पत्नी और पुत्री के साथ झगडा न करें। मनुस्मृति 4/180 इन पर मिथ्या दोषारोपण करनेवालों, इनको निर्दोष होते हुए त्यागनेवालों, पत्नी के प्रति वैवाहिक दायित्व न निभानेवालों के लिए दण्ड का विधान है। मनुस्मृति 8/274, 389,9/4
मनु की एक विशेषता और है, वह यह कि वे नारी की असुरक्षित तथा अमर्यादित स्वतन्त्रता के पक्षधर नहीं हैं और न उन बातों का समर्थन करते हैं जो परिणाम में अहितकर हैं। इसीलिए उन्होंने स्त्रियों को चेतावनी देते हुए सचेत किया है कि वे स्वयं को पिता, पति, पुत्र आदि की सुरक्षा से अलग न करें, क्योंकि एकाकी रहने से दो कुलों की निन्दा होने की आशंका रहती है। मनुस्मृति 5/149, 9/5- 6 इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि मनु स्त्रियों की स्वतन्त्रता के विरोधी है| इसका निहितार्थ यह है कि नारी की सर्वप्रथम सामाजिक आवश्यकता है -सुरक्षा की। वह सुरक्षा उसे, चाहे शासन-कानून प्रदान करे अथवा कोई पुरुष या स्वयं का सामर्थ्य।
उपर्युक्त विश्लेषण से हमें यह स्पष्ट होता है कि मनुस्मृति की व्यवस्थाएं स्त्री विरोधी नहीं हैं। वे न्यायपूर्ण और पक्षपातरहित हैं। मनु ने कुछ भी ऐसा नहीं कहा जो निन्दा अथवा आपत्ति के योग्य हो।
एक सनातनी होने के नाते, मैं मनुस्मृति को मानता हूं। लेकिन मेरे इस वाक्य पर कि आखिर मैं मनुस्मृति को क्यों मानता हूं? चलिए तो इसका उत्तर देखने से पहले यह जान लीजिए कि मनुस्मृति की रचना करने वाले मनु थे कौन।
सनातन मान्यताओं के अनुसार मनु को प्रथम पुरुष और सतरूपा को प्रथम स्त्री माना जाता है। साथ ही सनातन परंपरा का विश्वास है कि प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की सन्तान होने के कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। ‘मनुस्मृति’ एक उपदेश है जो आदिपुरुष मनु द्वारा ऋषियों को दिया गया। मनुस्मृति पर बहुत से आरोप लगते रहते हैं लेकिन अपने थोड़े से सकारात्मक दृष्टि से किए गए अध्ययन के आधार पर कुछ तथ्य सामने आए हैं और मुझे लगता है कि उन तथ्यों को यदि जीवन और समाज का आधार बनाया जाए तो 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जाएगा।(चित्र एवं विवरण साभार)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दिवंगत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रध्दांजलि दी।
*श्री हरिहरौ* *विजयतेतराम**सुप्रभातम*
*आज का पञ्चाङ्ग*
*_शुक्रवार, २७ दिसम्बर २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:१६, सूर्यास्त: 🌅 ०५:२७
चन्द्रोदय: 🌝 २८:४६, चन्द्रास्त: 🌜१४:१९
अयन 🌖 दक्षिणायणे(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८१(काल)
मास 👉 पौष, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 द्वादशी (२६:२६से त्रयोदशी)
नक्षत्र 👉 विशाखा (२०:२८से अनुराधा)
योग 👉धृति(२२:३७ से शूल)
प्रथम करण👉कौलव(१३:३९ तक
द्वितीय करण 👉 तैतिल (२६:२६ तक)
॥ गोचर ग्रहा: ॥ 🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 धनु, चंद्र 🌟 वृश्चिक(१३:५६ से)
मंगल 🌟कर्क(उदित,पूर्व,वक्री)
बुध🌟 वृश्चिक(उदित,पश्चिम,मार्गी)
गुरु 🌟 वृष(उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मीन, केतु 🌟 कन्या
शुभाशुभ मुहूर्त विचार⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५८ से १२:३९
अमृत काल 👉 १०:४९ से १२:३५
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २०:२८ से ३१:१२
विजय मुहूर्त 👉 १४:०० से १४:४१
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२२ से १७:५०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२५ से १८:४७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५१ से २४:४६
राहुकाल 👉 ११:०१ से १२:१८
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:५१ से १६:०८
दुर्मुहूर्त 👉 ०९:१४ से ०९:५५
होमाहुति 👉 केतु, दिशा शूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पाताल (२६:२६ से पृथ्वी)
चन्द्र वास 👉 पश्चिम (उत्तर १३:५७ से)
शिववास 👉 नन्दी पर (२६:२६ से भोजन में)
☄चौघड़िया विचार☄〰️〰️〰️〰️〰️〰️
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ, ३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग, ७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल, ३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत, ७ – चर ८ – रोग
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
शुभ यात्रा दिशा🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
तिथि विशेष〰️〰️〰️〰️
सुरूप द्वादशी, अन्नपूर्णा व्रत समाप्त आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २०:२८ तक जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ते, तो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ना, नी, नू) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
उदय-लग्न मुहूर्त
धनु – ३०:२५ से ०८:२८
मकर – ०८:२८ से १०:०९
कुम्भ – १०:०९ से ११:३५
मीन – ११:३५ से १२:५९
मेष – १२:५९ से १४:३२
वृषभ – १४:३२ से १६:२७
मिथुन – १६:२७ से १८:४२
कर्क – १८:४२ से २१:०४
सिंह – २१:०४ से २३:२३
कन्या – २३:२३ से २५:४०+
तुला – २५:४०+ से २८:०१+
वृश्चिक – २८:०१+ से ३०:२१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०७:१२ से ०८:२८
शुभ मुहूर्त – ०८:२८ से १०:०९
चोर पञ्चक – १०:०९ से ११:३५
शुभ मुहूर्त – ११:३५ से १२:५९
शुभ मुहूर्त – १२:५९ से १४:३२
चोर पञ्चक – १४:३२ से १६:२७
शुभ मुहूर्त – १६:२७ से १८:४२
रोग पञ्चक – १८:४२ से २०:२८
शुभ मुहूर्त – २०:२८ से २१:०४
मृत्यु पञ्चक – २१:०४ से २३:२३
अग्नि पञ्चक – २३:२३ से २५:४०+
शुभ मुहूर्त – २५:४०+ से २६:२६+
रज पञ्चक – २६:२६+ से २८:०१+
शुभ मुहूर्त – २८:०१+ से ३०:२१+
चोर पञ्चक – ३०:२१+ से ३१:१२+
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आज का राशिफल🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन के आरम्भ से ही स्वास्थ्य में कुछ ना कुछ विकार लगा रहेगा। लापरवाही से बचें अन्यथा कोई नई समस्या खड़ी हो सकती है। विशेषकर आज ठंडे अथवा गहरे जल से दूरी बनाए रखें। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से स्नेहीजनों से संबंधों में थोड़ी खटास आएगी। कार्यक्षेत्र पर भी इसी कारण नुकसान हो सकता है फिर भी आर्थिक दृष्टिकोण से दिन संतोषप्रद ही रहेगा धन की आमद किसी ना किसी मार्ग से अवश्य होगी। लेकिन आज संचय नहीं कर पाएंगे घरेलू वातावरण भी अन्य दिनों की अपेक्षा शांत रहेगा परिजन आपकी यथासंभव मदद करेंगे अपने स्वभाव में भी नरमी रखें अन्यथा फल विपरीत भी हो सकते हैं। ना चाहकर भी यात्रा करनी पड़ेगी दुर्व्यसनों से बचें। जल्दी से कही सुनी बातो पर यकीन ना करें किसी से कलह हो सकती है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए विजय दिलाने वाला रहेगा। दिन के आरंभिक भाग में स्वभाव में थोड़ी गर्मी रहेगी किसी पुराने व्यवहार अथवा प्रसंग को लेकर पुराने परिचित से झगड़ा होने की संभावना है। धैर्य से काम लें अन्यथा बाद में स्वयं की ही गलती निकलने पर पश्चाताप होगा। दोपहर तक जिस भी कार्य को करेंगे उसमें परिश्रम के बाद भी कोई नतीजा ना निकलने से निराशा होगी लेकिन दोपहर के बाद आर्थिक एवं व्यवसायिक जिस भी कार्य में लगेंगे उसमें कुछ ही देर में सफलता मिल जाएगी लेकिन कोई अन्य उलझन पडने से दुविधा भी होगी। शत्रु पक्ष निर्बल रहेंगे फिर भी इन को अनदेखा ना करें बाद में परेशान कर सकते हैं। घर में कोई ना कोई उलझन लगी रहेगी इसका निराकरण तुरंत संभव नहीं हो सकेगा इसलिए जल्दबाजी ना करें। पेट संबंधित व्याधि अन्य रोगों को बढ़ावा दे सकती है खाने पीने में संतुलन रखें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए वृद्धि कर हो सकता है। बीते दिन की तुलना में आज स्वभाव में जल्दबाजी नहीं रहेगी लेकिन दिमाग में आज भी थोड़ी बहुत गर्मी बनी रहेगी। पारिवारिक सदस्यों को छोड़ अन्य बाहरी लोगों से सहज ही घुल मिल जाएंगे लेकिन आपके मन में कुछ अलग ही तिकड़म लगी रहेगी। सामने वाला आपके उद्देश्य को आसानी से समझ जाएगा लेकिन बोलेगा नहीं। दोपहर के बाद धन लाभ के लिए विविध तरह की युक्तियां लगाएंगे इनमें से एक दो सफल भी होगी लेकिन व्यर्थ के खर्चे मुख्यता शत्रुपक्ष एवं व्यसन पर खर्च होगा। परिवार के सदस्य आपको कितना भी स्नेह दे लेकिन आप उन्हें संदेह की दृष्टि से ही देखेंगे जिससे आपसी तालमेल एकदम खत्म सा ही रहेगा। मोटापा वजन बढ़ने के कारण रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन मध्यान तक व्यर्थ में खराब होगा। जिस काम को करने की सोचेंगे उसकी जगह कोई नया काम सर आने से दुविधा होगी फिर भी आप आज जिस भी कार्य को करेंगे उसे पूर्ण निष्ठा से ही करेंगे अन्यथा करेंगे ही नही। मध्यान के बाद मेहनत रंग लाने लगेगी आय के साधन बनेंगे। आपका मन जोखिम वाले कार्यो अथवा सरकार विरोधी कार्यो से कम समय मे अधिक धन कमाने में रुचि लेगा मन मे भय भी रहेगा लेकिन इससे भी लाभ ही होगा। घर का शांत वातावरण अकस्मात ही किसी परिजन की जिद बहस के कारण खराब होगा। यात्रा के प्रसंग बनेंगे कुछ विघ्न के बाद टाल सकते है विचार कर लें आज सफल ही रहेगी। सेहत कुछ समय के लिये नरम होगी स्वतः ही सामान्य हो जाएगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आपके लिए प्रतिकूल फल देने वाला रहेगा घर एवं कार्यक्षेत्र दोनों जगह नापसंद कार्य होने से क्रोध आएगा। दिन के आरंभ से अंत तक शांत रहने का प्रयास करें लोगों की कही सुनी को अनदेखा करें तो दिन का बाकी समय सुखपूर्वक बिता सकते हैं। अन्यथा मानसिक क्लेश किसी न किसी कारण से लगा ही रहेगा। व्यवसाय नौकरी से नाम तो अवश्य मिलेगा लेकिन दाम के लिए अनचाहा परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी धन अल्प ही मिलेगा।आवेश में आकर जीवनसाथी अथवा संतान को कुछ अपशब्द कह देंगे बाद में इसका दुख भी होगा लेकिन समय बीतने के बाद स्थिति संभाल नहीं पाएंगे इससे बेहतर है कि मौन रहने का प्रयास करें। सरकारी कार्य को आज निरस्त करना बेहतर रहेगा उलझने घटने की जगह बढ़ेंगी ही। पित्त बढ़ने से खट्टी डकार गैस कब्ज जलन की शिकायत हो सकती है।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए शुभ फल दायक है। दिन के आरंभ में मिजाज हल्का रहने से घर का वातावरण भी हास्यास्पद बनाएंगे। कार्यों के प्रति आज भी लापरवाह रहेंगे गलती करने पर मानने की जगह सफाई पेश करेंगे जिससे परिवार में क्लेश होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का सहयोग मिलने से कोई लंबे समय से अटकी योजना को पूर्ण कर पाएंगे जिससे आज तो धन की आमद होगी ही निकट भविष्य में भी आय के नए मार्ग बनेंगे। आज स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी किसी की भी कही सुनी बातों को तुरंत मान जाएंगे। जोखिम वाले कार्यों में निवेश सोच समझकर करें अथवा आज नाही करें अन्यथा धन व्यर्थ ही जाएगा। सेहत में उतार चढ़ाव रहने के बाद भी दिनचर्या पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा फिर भी समय रहते जांच कराएं। ससुराल पक्ष से शुभ समाचार मिल सकते हैं।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन परिस्थितियां कल जैसी सुविधाजनक नहीं फिर भी संतोषजनक अवश्य रहेगी। आज आप आर्थिक विषयों को छोड़ अन्य किसी भी कार्य के प्रति अधिक गंभीरता नहीं दिखाएंगे कार्यक्षेत्र पर भी आज ज्यादा मेहनत करने के पक्ष में नहीं रहेंगे। जितना मिल जाए उतने से ही संतोष कर लेंगे लेकिन महिला वर्ग में संतोष की कमी रहने के कारण अधिक बेहतर प्रदर्शन के लिए निरंतर प्रयास करेंगी इसमे सफल भी होंगी। आय केवल खर्च निकालने लायक ही होगी। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी एवं सुख सुविधा बढ़ाने पर खर्च करना पड़ेगा। पारिवारिक वातावरण आपके गर्म स्वभाव के चलते कुछ समय के लिए अशांत बनेगा। भाई बंधुओं में आरोप-प्रत्यारोप होने से स्थिति जटिल बनेगी। धार्मिक कार्यों में श्रद्धा की जगह आडंबर अधिक रहेगा। निकट भविष्य में कुटुंब के कार्य से यात्रा होगी। मौसमी बीमारियों का प्रकोप एवं रक्त संबंधित समस्या हो सकती है।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपको मंगल कार्यो की तरफ खींचेगा। घर अथवा बाहर धार्मिक अथवा पारिवारिक कार्यक्रम में जाने के अवसर मिलेंगे। इससे कार्य व्यवसाय अथवा अन्य गतिविधियों में फेरबदल करना पड़ेगा थोड़ी असहजता भी होगी लेकिन मिलनसार वातावरण मिलने से परेशानी भूल जाएंगे। काम धंधे से लाभ के आश्वाशन अधिक मिलेंगे लेकिन अंत समय मे लोग टाल कर दुविधा में डालेंगे। सरकारी अथवा अन्य लोन स्वीकृत कराने के लिये अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी सफलता संदिग्ध रहेगी। नौकरी वाले जातक कूटनीति का सहारा लेकर अतिरिक्त आय बनाएंगे। घरेलू वातावरण मिला जुला रहेगा परिजन मतलब से ही बात करेंगे। खाने पीने में सावधानी रखें पेट के कारण सेहत में थोड़ी बहुत गड़बड़ होगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए हानिकारक है। किसी भी कार्य में लाभ हानि का विचार करने के बाद निर्णय ले जल्दबाजी में जो भी कार्य करेंगे उसमें नुकसान ही होगा। आर्थिक निवेश बड़े बुजुर्गों एवं उस क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तियों की सलाह के बाद ही करें अथवा कुछ दिन के लिए टालना ही बेहतर है। व्यवसाई वर्ग को कोई अशुभ समाचार मिलने से दिनभर मानसिक बेचैनी रहेगी। नौकरीपेशा जातकों को भी कार्य क्षेत्र पर किसी के वैर विरोध का सामना करना पड़ेगा। आप को किसी अन्य व्यक्ति का कार्य भी सौंपा जा सकता है जिससे आरंभ में परेशानी होगी लेकिन निकट भविष्य में यह सम्मान वृद्धि का कारण बनेगा। कुटुंबीजनों अथवा संतान के द्वारा हानि होने की संभावना है क्रोध से बचें अन्यथा संबंध खराब हो सकते हैं। संध्या के समय अपने विवेक से धन कमाएंगे लेकिन खर्चों को देखते हुए बहुत अल्प रहेगा। ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें सर्दी जुखाम गले छाती की समस्या हो सकती है।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन सार्वजनिक क्षेत्र पर लाभ के नए संपर्क जुड़ेंगे जिनकी आशा भी आपको नहीं रहेगी उन लोगों से सम्मान मिलेगा। कार्यक्षेत्र पर अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। मन के रहस्य सहकर्मियों से ना बाटे धोखा होने की संभावना है। कार्यक्षेत्र पर सहकर्मियों से अच्छा व्यवहार मिलेगा लेकिन अंदर ही अंदर ईर्ष्या से भरे रहेंगे। मध्यान्ह के बाद मन अनैतिक कार्यों में भटकेगा परोपकार के चक्कर मे भी कोई आवश्यक कार्य में विलंब होने पर बिगड़ सकता है। पारिवारिक वातावरण किसी ना किसी कारण से अस्त व्यस्त रहेगा परिजनों की मांगे पूरी ना करने पर नाराजगी देखनी पड़ेगी जीवनसाथी का चिड़चिड़ा स्वभाव मानसिक रूप से परेशान करेगा बुखार एवं आंखों संबंधित समस्या हो सकती है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए कार्य सफलता वाला रहेगा दिन के पहले भाग में जो भी योजना बनाएंगे मध्यांतर थोड़ी दौड़ को उसके बाद उसे पूरा करके ही दम लेंगे स्वभाव में थोड़ी तेजी भी रहे जिससे स्वजनों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं कार्यक्षेत्र पर आकस्मिक लाभ के योग बन रहे हैं। धन की आमद कि जितनी संभावना रहेगी वह अंत समय में किसी न किसी कारण से या तो टलेगी अथवा सोच से कम होगी। दूर रहने वाले जानकार से शुभ समाचार मिलने की संभावना है। आपकी प्रसन्नता ज्यादा देर तक स्थाई नहीं रह पाएगी स्वयं अथवा किसी जानने वाले को शारीरिक कष्ट होने से मानसिक पीड़ा होगी आज यात्रा सोच समझकर ही करें वाहन चलाते समय अधिक सावधानी बरतें दुर्घटना में गंभीर चोट लग सकती है घरेलू कार्य अस्त व्यस्त रहेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए भाग्यवर्धक रहेगा लेकिन इसके लिए लापरवाही से बचना होगा। किसी महत्वपूर्ण कार्य को पहले अनदेखा करेंगे बाद में स्थिति स्पष्ट होने पर जल्दबाजी करने पर कुछ ना कुछ त्रुटि रह सकती है। आप जल्दी से किसी के ऊपर विश्वास नहीं करेंगे हानि होने का यह भी एक मुख्य कारण हो सकता है। किसी गुप्त कार्य अथवा अन्य कारण से यात्रा हो सकती है इसका परिणाम आपके पक्ष में ही रहेगा। कार्यक्षेत्र पर धीमी गति रहने से आय भी अल्प ही होगी किसी भी प्रकार के सरकारी अथवा लोन संबंधित कागजी कार्यवाही दिन रहते कर लें कल आज जैसी सुविधा मिलना मुश्किल है। पारिवारिक वातावरण में थोड़ी बहुत बहस बाजी हो सकती है लेकिन स्थिति गंभीर नहीं हो पाएगी। संध्या के समय वाणी का प्रयोग संभलकर करें सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी।
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*श्री मान नरेन्द्र मोदी जी,*
*प्रधानमंत्री, भारत सरकार *
*मोदीजी आप ताबड़तोड़ भारत के सारे पेंडिंग बिल की सर्जरी कर डालिए…*
*आखिर भारत कबतक जुझता रहेगा ?*
*व्यवस्था परिवर्तन से स्वर्णिम भारत…*
वैश्विक एवं विश्व गुरु भारत के लिए
एक देश एक कानून बनाइये…
समृद्ध और स्वाभिमान भारत के लिए
सक्षम एवं सशक्त कानून बनाइये…👇
*भारत मांगे…*
*अपनी विरासत, अपना गौरव…*
*अपनी संस्कृति, अपना सम्मान…*
01.PoK की घर वापसी
02.सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून
03.धर्मांतरण नियंत्रण कानून
04.घूसपैठ नियंत्रण कानून
05.सम्पूर्ण भारत में UCC लागू
06.NRC – CCC
07.एक देश एक शिक्षा
08.एक देश एक चुनाव
09.एक देश एक टैक्स
10.एक देश एक कानून
11.एक देश एक व्यापार कानून
12.अनुच्छेद 30a खत्म
13.अनुच्छेद 25 में बदलाव
14.वक्फ बोर्ड समाप्त
15.मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड समाप्त
16.अल्प संख्यक आयोग खत्म
17.Worship Act 1991 खत्म
18.पूरे भारत के लिए Renaming कानून
*नए भारत का वैश्विक संकल्प…*
*सनातन वैदिक धर्म…विश्व धर्म*
*अखंड हिंदु राष्ट्र भारत…विश्व गुरु भारत*
*धर्मो रक्षति रक्षितः…*🚩