*🕉️✡️ ॐ तत्त्सत् ✡️🕉️*
भ्रमों के मंथन से ब्रह्म तक की यात्रा*
*वेदान्त में बाह्य व्यवहार की अपेक्षा आन्तरिक भावना पर अधिक बल दिया गया है, आदर्श चरित्र का निर्माण वेदान्तिक साधना का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है, उपनिषदों में नैतिक गुणों के अर्जन पर अत्यधिक जोर दिया गया है, सुविधा की दृष्टि से इन्हें तीन भागों में विभक्त किया जा सकता है:-*
(१) *संन्यास गुण*
*शौच, उपशम, त्याग, तप और क्षमा ये पाँच संन्यास के प्रधान गुण हैं, शौच दो प्रकार के होते हैं- बाह्य और आन्तरिक, जलादि द्वारा शरीरेन्द्रियाँ की पवित्रता बाह्य शोच है, मोह, राग, द्वेष, ईर्ष्या आदि आन्तरिक मलों का निवारण आन्तरिक शोच है, शोच से उपशम की प्राप्ति होती है, उपशम भी दो प्रकार के हैं, बाह्य इन्द्रियों का उपशम दम है और अन्तःकरण का उपशम ‘शम’ (शान्ति) कहलाता है, उपशम से त्याग, तप, सन्तोष और तितिक्षा आदि गुणों का विकास होता है।*
(२) *सामाजिक गुण*
*वेदान्त का आचार-दर्शन व्यावहारिक दर्शन है, उपर्युक्त संन्यास-गुण सामाजिक पक्ष में स्वतः अभिव्यक्त होते हैं, शौच से हमारे स्वभाव में मार्दव आता है, उपशम से दयावृत्ति आती है, त्याग हमें उदार तथा दानशील बनाता है, तप से संयम का प्रादुर्भाव होता है, संतोष से घृणा भाव की निवृत्ति होती है और सभी प्राणियों के प्रति सौहार्द भावना का विकास होता है।*
(३) *मौलिक गुण* *संन्यास-गुण सामाजिक गुणों में परिर्वातत होकर मौलिक गुणों के रूप में पर्यवसित होते हैं, जो हमारे श्रेष्ठतम नैतिक चरित्र का निर्माण करते हैं और वे हो हमारी आध्यात्मिक साधना की सुदृढ़ नीव हैं, ऋजुता, पवित्रता, विनयशीलता, हिसा, संतोष, अभय, सोहार्द, सत्य आदि वेदान्त शास्त्र के मौलिक गुण माने गये हैं, वस्तुतः वेदान्त में एक ही ब्रह्म है, यदि सगुण ब्रह्म को ही परब्रह्म मान लिया जाय, तो वह मिथ्या है, पर ब्रह्म के प्रतीक के रूप में वह मिथ्या नहीं है, “यद्यपि परब्रह्म अनन्त और सर्वगत है, फिर भी परिच्छिन्न और उपास्य ईश्वर की कल्पना इसकी अनन्तता के विरुद्ध नहीं है।*
*निरुपाधिक ब्रह्म की भी उपाधि विशेष से कल्पना उपपन्न है,” अपनी अनन्त महिमा में प्रतिष्ठित ब्रह्म की ही उपासना के उद्देश्य से आधार विशेष में परिच्छिन्न रूप से कल्पना की जाती है, सर्वगत तथा अनन्त परमात्मां भी इस प्रकार सगुण रूप में उपास्यमान होने पर प्रसन्न होता है, उसके प्रसाद से श्रेयस् की सिद्धि होती है, वह सगुण ब्रह्म है।*
*जो जगत् का स्रष्टा तथा अधिष्ठाता है, वह सर्वशक्तिमान है तथा उसकी इच्छा से तृण भी वाजवत कठोर हो सकता है, वहीं जगत् के जीवों के कर्मफल का नियन्ता भी है, किन्तु वह कर्म विधान कार्य परमात्मा के लिये बन्धन का कारण नहीं है, क्योंकि वह उसे कर्तृत्वाभिमान रहित भाव फलाकांक्षा भाव से करता है, वह ईश्वर समस्त सद्गुणों का आगार है, ऐसे ईश्वर की उपासना से हमारे नैतिक व्यक्तित्व का उत्थान होता है तथा जन्मान्तर में ऊर्ध्वलोकों को प्राप्ति होती है, जिनका आध्यात्मिक साधना में उपयोग करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।*
*मोक्ष और उसका महत्व*
*जब साधन चतुष्टय, श्रवण, मनन, निदिध्यासन, निष्काम कर्म के सम्पादन से हमारे अन्तःकरण की शुद्धि हो जाती है, तो सत्य का शुद्ध आलोक प्रकाशित होता है, परिणामस्वरूप साधक आत्मसाक्षात्कार करने में समर्थ होता है, आत्म-निष्ठ होकर साधक मुक्ति के आत्मिक तथा दिव्य आंनद में प्रतिष्ठित हो जाता है, यही मोक्ष है, वेदान्त के मतानुसार मोक्ष एक नित्य सत्य है। समस्त आध्यात्मिक साधनाओं की समाप्ति मोक्ष में होती है, जो पूर्ण शान्त तथा अनन्त आनन्दमय है।*
*हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिये कि मोक्ष की शान्ति मृत्यु की शान्ति नहीं और न यह अनन्त आनन्द की शून्यता है, यह शान्ति उच्चतम जीवन से अनुप्राणित है, मोक्ष से जगत् का बाध हो जाता है, किन्तु बाध का अभिप्राय सत्ता का अन्त नहीं है, ब्रह्म से पृथक् जगत् की सत्ता नहीं है, ब्रह्म के साथ अपृथक् तादात्म्य होने के कारण जगत् की सत्ता सनातन है, मोक्ष का अर्थ जगत् का विलय नहीं, यदि ऐसा होता तो प्रथम मुक्ति के साथ ही उसका विलय हो जाता, बृहदारण्यक उपनिषद के भाष्य में उन्होंने ब्रह्मज्ञानी और अज्ञानी दोनों के लिये व्यवहार का विधान है, अतः चरम आध्यात्मिक सत्त्य और एकत्व हमारी सत्ता का चरम सत्य है तथा हमारे जीवन का परम श्रेय भी है।*
*आगे अगले लेख में…….*
*धन्यवाद🙏💕*
*🕉️💕 जै मॉं देव 💕🕉️*
यूपी से सरकार चले जाने के बाद अखिलेश यादव ने सैफई महोत्सव क्यों नहीं मनाया ??😳
बसपा सरकार जाने के बाद मायावती के जन्मदिन पर उसे हीरे, ताज, नोटों से क्यों नहीं तौला गया ???? 🤔
यूपी में योगी जी के सीएम बनने के बाद अब अतीक अहमद, आजम खान, मुख्तार अंसारी जैसा बाहुबली क्यों नहीं पैदा हुआ है ????? 😍
मोदी के आने के बाद , पी. चिदंबरम अपने बंगले के गमलों में 6 करोड़ की गोभी क्यों नहीं उगा पा रहा है ??? 🤔🤔
आजकल सुप्रिया सुले अपनी दस एकड़ जमीन में 670 करोड़ की फसल क्यों नहीं उगा पाती हैं ???😀
हरियाणा में कांग्रेस की सरकार चले जाने के बाद रोबर्ट वाड्रा ने वहाँ कोई जमीन क्यों नहीं खरीदी ???😘
कांग्रेस सरकार जाने के बाद मुंबई में फिर कोई हाजी़ मस्तान, करीम लाला, दाऊद इब्राहिम पैदा क्यों नहीं हुआ ???😳
यस बैंक के मालिक राणा कपूर को ढाई करोड़ की पेंटिंग बेचने के बाद, प्रियंका गांधी ने फिर कोई पेंटिंग क्यों नहीं बेची ??😂
ए. के. एंटनी ने अपनी पत्नी के हाथ की पेंटिंग सरकार को 28 करोड़ में बेचने के बाद अपनी पत्नी से फिर कोई पेंटिंग क्यों नहीं बनवाई ???😀
यूपीए के दस वर्षीय (2004-14) शासनकाल में सोनिया अपनी अज्ञात बीमारी के इलाज के लिये प्रत्येक छ: माह के अन्तराल पर “अज्ञात” देश को नियमित रुप से जाती थी.
वह रहती दिल्ली में है पर उसकी उडा़न हमेशा केरल के एयरपोर्ट से होती थी और उसके लगेज में 4-5 बडे़-बडे़ ट्रंक हमेशा हुआ करते थे 🤔
किसी प्रकार की सिक्योरिटी-चेक का सवाल ही नहीं था क्योंकि वह उस समय भारत की “सुपर पीएम” थी. 2014 में सत्ता परिवत्तॆन के बाद आश्चयॆजनक रुप से सोनिया की “अज्ञात” बीमारी उड़न छू कैसे हो गई ???😀
कल फिर कडक चाय पिऊंगा और फिर सोंचूँगा! आप भी एक बार इस बारे में जरूर सोचना!! प्रश्न वाकई गंभीर है.😔
ऐसे और अनगिनत सवाल हैं, जिनके बारे में हम सबको सोचना ही चाहिए।🥳
अंबानी का देशी घी दूध बादाम पिस्ता अखरोट मेवे का हलवा अंदर हो गया हो तो..
“”बंग्लादेश में हुए हिंदुओ के कत्ल और उन पर हुए नरसंहार पर दो शब्द ही बोल देते या राममंदिर के मुहूर्त पर ही ज्ञान देना जानते हो”” ???
वास्तव में यह साधु नहीं …. हिन्दू , हिन्दुत्व , सनातन व देश के दुश्मन हैं … भेंड़ की खाल में छुपे भोड़िए हैं यह ।
अब हर स्तर पर इनका पुरजोर विरोध होना ही चाहिए…☝️🙄😡😡
*दिनांक:- 14/08/2024, बुधवार*
नवमी, शुक्ल पक्ष, श्रावण
तिथि———– नवमी 10:23:13 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— अनुराधा 12:11:49
योग————– ऐन्द्र 16:04:28
करण———– कौलव 10:23:14
करण———– तैतुल 22:31:04
वार———————— बुधवार
माह———————– श्रावण
चन्द्र राशि—————– वृश्चिक
सूर्य राशि—————— कर्क
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) —————कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:50:39
सूर्यास्त—————- 18:56:33
दिन काल————- 13:05:53
रात्री काल————–10:54:36
चंद्रोदय—————- 14:26:57
चंद्रास्त—————- 24:44:48
लग्न—- कर्क 27°31′ , 117°31′
सूर्य नक्षत्र————— आश्लेषा
चन्द्र नक्षत्र—————- अनुराधा
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
नू—- अनुराधा 05:54:06
ने—- अनुराधा 12:11:49
नो—- ज्येष्ठा 18:26:28
या—- ज्येष्ठा 24:38:03
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कर्क 27°05, अश्लेषा 4 ड़ो
चन्द्र= वृश्चिक 13°30 , अनुराधा 3 नू
बुध =सिंह 06°53′ मघा 2 मी
शु क्र= सिंह 16°05, पू o फाo’ 2 टा
मंगल=वृषभ 22°30 ‘ रोहिणी’ 4 वु
गुरु=वृषभ 23°30 रोहिणी , 4 वु
शनि=कुम्भ 23°10 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 14°45 उo भा o, 4 ञ
केतु= (व)कन्या 14°45 हस्त 2 ष
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 12:24 – 14:02 अशुभ
यम घंटा 07:29 – 09:07 अशुभ
गुली काल 10:45 – 12: 24अशुभ
अभिजित 11:57 – 12:50 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:57 – 12:50 अशुभ
वर्ज्यम 18:02 – 19:41 अशुभ
प्रदोष 18:57 – 21:09 शुभ
🚩गंड मूल 12:12 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 05:51 – 07:29 शुभ
अमृत 07:29 – 09:07 शुभ
काल 09:07 – 10:45 अशुभ
शुभ 10:45 – 12:24 शुभ
रोग 12:24 – 14:02 अशुभ
उद्वेग 14:02 – 15:40 अशुभ
चर 15:40 – 17:18 शुभ
लाभ 17:18 – 18:57 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:57 – 20:18 अशुभ
शुभ 20:18 – 21:40 शुभ
अमृत 21:40 – 23:02 शुभ
चर 23:02 – 24:24* शुभ
रोग 24:24* – 25:46* अशुभ
काल 25:46* – 27:08* अशुभ
लाभ 27:08* – 28:29* शुभ
उद्वेग 28:29* – 29:51* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 05:51 – 06:56
चन्द्र 06:56 – 08:02
शनि 08:02 – 09:07
बृहस्पति 09:07 – 10:13
मंगल 10:13 – 11:18
सूर्य 11:18 – 12:24
शुक्र 12:24 – 13:29
बुध 13:29 – 14:35
चन्द्र 14:35 – 15:40
शनि 15:40 – 16:46
बृहस्पति 16:46 – 17:51
मंगल 17:51 – 18:57
🚩होरा, रात
सूर्य 18:57 – 19:51
शुक्र 19:51 – 20:46
बुध 20:46 – 21:40
चन्द्र 21:40 – 22:35
शनि 22:35 – 23:29
बृहस्पति 23:29 – 24:24
मंगल 24:24* – 25:18
सूर्य 25:18* – 26:13
शुक्र 26:13* – 27:08
बुध 27:08* – 28:02
चन्द्र 28:02* – 28:57
शनि 28:57* – 29:51
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
कर्क > 02:54 से 05:14 तक
सिंह > 05:14 से 07:24 तक
कन्या > 07:24 से 09:34 तक
तुला > 09:34 से 11: 50 तक
वृश्चिक > 11:50 से 14:08 तक
धनु > 14:208 से 16:14 तक
मकर > 16:14 से 18:06 तक
कुम्भ > 18:06 से 19:34 तक
मीन > 19:34 से 21:02 तक
मेष > 21:02 से 22:34 तक
वृषभ > 22:34 से 00:48 तक
मिथुन > 00:48 से 02:46 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
🐏मेष
पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। लाभ के अवसर मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। कुछ मानसिक अंतर्द्वंद्व पैदा होंगे। पारिवारिक उलझनों के कारण मानसिक कष्ट रहेगा। धैर्य एवं संयम रखकर काम करना होगा। यात्रा आज न करें।
🐂वृष
पुराना रोग उभर सकता है। चोट व दुर्घटना से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। बाकी सामान्य रहेगा। व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। दूरदर्शिता एवं बुद्धि चातुर्य से कठिनाइयां दूर होंगी। राज्य तथा व्यवसाय में सफलता मिलने के योग हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।
👫मिथुन
राजमान प्राप्त होगा। नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। कार्य में व्यय की अधिकता रहेगी। दांपत्य जीवन में भावनात्मक समस्याएं रह सकती हैं। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें।
🦀कर्क
कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। संतान के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परिवार के सहयोग से दिन उत्साहपूर्ण व्यतीत होगा। योजनानुसार कार्य करने से लाभ की संभावना है। आर्थिक सुदृढ़ता रहेगी। बेचैनी रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।
🐅सिंह
लेन-देन में सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रखें। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कानूनी मामले सुधरेंगे। धन का प्रबंध करने में कठिनाई आ सकती है। आहार की अनियमितता से बचें। व्यापार, नौकरी में उन्नति होगी।
🙍♀️कन्या
ऐश्वर्य पर व्यय होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। राजकीय कार्य में परिवर्तन के योग बनेंगे। आलस्य का परित्याग करें। आपके कामों की लोग प्रशंसा करेंगे। व्यापार लाभप्रद रहेगा। नई कार्ययोजना के योग प्रबल हैं।
⚖️तुला
रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। व्यावसायिक समस्या का हल निकलेगा। नई योजना में लाभ की संभावना है। घर में मांगलिक आयोजन हो सकते हैं। जीवनसाथी से संबंध घनिष्ठ होंगे।
🦂वृश्चिक
यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के योग हैं। वाणी पर संयम आवश्यक है। जीवनसाथी से मदद मिलेगी। सामाजिक यश-सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
🏹धनु
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। पारिवारिक उन्नति होगी। सुखद यात्रा के योग बनेंगे। स्वविवेक से कार्य करना लाभप्रद रहेगा।
🐊मकर
पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधूरे कामों में गति आएगी। व्यावसायिक गोपनीयता भंग न करें। गीत-संगीत में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
🍯कुंभ
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। स्वजनों से मेल-मिलाप होगा। नौकरी में ऐच्छिक पदोन्नति की संभावना है। किसी की आलोचना न करें। खानपान का ध्यान रखें। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी।
🐟मीन
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी। कामकाज में बाधाएं आ सकती हैं। कर्मचारियों पर व्यर्थ संदेह न करें। आर्थिक तंगी रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य कमजोर होगा।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏🕉🔱🕉
इतिहास
15 अगस्त, 1947 को जब घड़ी ने आधी रात बजाई, तो भारत और पाकिस्तान के लाशों से भरे परिदृश्य से गुज़र रहे लाखों लोगों की चीखों में बदल गईं। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सौ से ज़्यादा सालों के शासन और ब्रिटिश राज के 90 सालों के शासन के संघर्ष के वर्षों के बाद जो एक शानदार जीत का क्षण होना चाहिए था वह नेहरू, गांधी, मोहम्मद जिन्ना और अंग्रेजो के कारण एक अकल्पनीय हिंसा और रक्तपात से अमिट रूप से कलंकित हो गया।
ससार भर में बिना युद्ध के ऐसा लोमहर्षक नरसंहार कभी न इससे पहले हुआ ना बाद में भयावह तरीके से करीब 20 लाख हिंदुओ ने अपनी जान गंवाई। अंधेरे परिदृश्य में इस्लामिक जेहादियों द्वारा मृत हिंदुओ से भरी ट्रेनें, कटे हुए शरीर, सड़कों के किनारे बिखरे अंग और बेरहमी से बलात्कार और लूटपाट की मूक गवाह थीं। लाशों का अंबार ऐसा कि कोई लाश उठाने वाला भी नहीं बचा। 1947 में भारतीय उपमहाद्वीप का विभाजन हिंदू-बहुल भारत और मुस्लिम-बहुल पाकिस्तान के स्वतंत्र राष्ट्रों में हुआ, जिसके साथ मानव इतिहास में सबसे बड़े सामूहिक पलायन और हिंसा का ऐसा पैमाना था जो शायद ही पहले कभी देखा गया हो। कुल मिलाकर बीस लाख लोग मारे गए। बँटवारे के सत्तर साल बाद बीबीसी ने बारह ऐसे लोगों से बात की जो अपने बचपन में इस भयानक उथल-पुथल से गुज़रे थे. इनमें से कई लोगों ने बँटवारे के अपने अनुभवों पर पहली बार बात की है। 7,000 सिख मारे गए रावलपिंडी डिवीजन से उनका सामूहिक पलायन शुरू हो गया। अनुमान है कि अप्रैल के अंत तक 80,000 सिख और हिंदू डिवीजन छोड़ चुके थे।
कोई कुछ भी कहे लेकिन हम ऐसे भयावह क्षणों का उत्साह कैसे मना सकते हैं कभी नहीं भूला जा सकने वाला लाखों निरपराध हिन्दुओं के नरसंहार का दिन बंटवारे के अपराधियों के चिन्हीकरण का यही समय है क्योंकि बंग्लादेश में आज वही दोहराया जा रहा है तो बंटवारे का औचित्य क्या हुआ🙏