*पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कोविड जीवन बीमा पॉलिसी लाना जरूरीः महाराज*
*पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री को लिखा पत्र*
देहरादून। कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश-विदेश के पर्यटकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है जिससे भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी भारी कमी दिखाई दे रही है। ऐसे में पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोविड बीमा पालिसी लानी अति आवश्यक है। जिससे देश विदेश के पर्यटक पुनः भारत का रूख कर सकें।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने आज उक्त बात केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉक्टर प्रह्लाद पटेल को लिखे अपने एक पत्र में कही है। श्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉक्टर प्रह्लाद पटेल को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड महामारी के चलते देश एवं विदेश से यहां आने वाले पर्यटकों में भय का वातावरण है। इसलिए उन्हें भारत लाने के लिए सुरक्षा प्रदान करना नितांत आवश्यक है। श्री महाराज ने कहा कि देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एवं उनकी सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कोविड जीवन बीमा पॉलिसी लाना अति आवश्यक हो गया है। पत्र में श्री महाराज ने कहा यह भी कहा कि वर्ष 2021 में उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार में कुम्भ आयोजित होना है। जिससे यहां अधिकाधिक श्रद्धालुओं तथा अध्यात्म से जुड़े जनमानस के आने की प्रबल संभावना है। इसलिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु कोविड जीवन बीमा कराया जाना बेहद जरूरी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री प्रहलाद पटेल को लिखें पत्र में प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने आग्रह किया है कि उनके इस सुझाव पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए ताकि पर्यटकों को आकर्षित करने तथा उन्हें सुरक्षा हेतु आश्वस्त किया जा सके। श्री सतपाल महाराज ने कहा कि सिंगापुर और अन्य देशों में भी इस तरह की बीमा पालिसी को अमल में लाए जाने के प्रयास किए गए हैं। श्री महाराज ने कहा कि वर्ष 2019 में 10.9 बिलियन विदेशी पर्यटकों ने भारत का दौरा किया जबकि कोरोना महामारी के कारण देश में पर्यटन गतिविधियां खासी प्रभावित हुई हैं। इसलिए पर्यटन को पुनः पटरी पर लाने के लिए कोबिड बीमा पॉलिसी लागू किया जाना वर्तमान में आवश्यक प्रतीत हो रहा है।
*महाराज ने सौंग बांध परियोजना के तकनीकी पहलुओं की जानकारी ली*
*समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश*
देहरादून। पयर्टन व सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने पर्यटन विभाग गढ़ीकैंट में पर्यटन की दृष्टि से सौंग बांध पेयजल परियोजना के पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना हेतु पर्यटन विभाग व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ आज एक समीक्षा बैठक की।
पर्यटन व सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज को सिंचाई विभाग के महाप्रबंधक आर0 के0 तिवारी द्वारा सौंग बांध परियोजना के तहत माॅडल दिखाया गया। जिसमें जनपद टिहरी के सौनधाना पट्टी में 3.5 किलोमीटर लम्बी झील का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये कि सौनधाना पट्टी में गंधक पानी का स्रोत है जो आयुर्वेदिक का काम करता है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि झील के निर्माण के साथ ही पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां पर वेलनेस सेंटर, होमस्टे, योगा आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे वहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों का भी उत्पादन किया जायेगा जिससे पहाड़ी व्यंजनों को भी बढ़ावा मिलेगा।
समीक्षा बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य के आखिरी गांव में जो पर्यटक आकर रात को रूकेगा उसे प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये कि वे शीतकालीन कार्यक्रम करवायें जिससे पर्यटक इन गांवों की ओर आकर्षित होंगे।
सिंचाई विभाग के महाप्रबंधक आर0 के0 तिवारी ने बताया कि सौंग बांध पेयजल परियोजना के पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना हेतु राजकीय भूमि उपलब्ध हो जाती है तो पुनर्वास पर लगभग 134 करोड़ रूपये का व्यय भार अनुमानित है।
इस परियोजना के तहत पूर्ण प्रभावित खाते धारकों को अधिग्रहित भूमि की ऐवज में आधा एकड़ विकसित कृषि भूखण्ड एवं 200 वर्ग मीटर विकसित आवासीय भूखण्ड का आवंटन किया जाएगा। यदि कोई पूर्ण प्रभावित पुनर्वास स्थल में विस्थापन नहीं चाहता तो पूर्ण प्रभावित को अधिग्रहित भूमि का प्रतिकर देय होगा।
कारीगर, छोटे व्यापारी या स्वनियोजित व्यक्ति के प्रत्येक प्रभावित कुटुम्ब या ऐसे प्रभावित कुटुम्ब जिसके स्वामित्वाधीन प्रभावित क्षेत्र में गैर कृषिक भूमि या वाणिज्यिक, औद्योगिक या संस्था ढांचा है और जिसे भूमि के कारण प्रभावित क्षेत्र से अस्वैच्छिक रूप से विस्थापित किया गया है, ऐसी रकम की एक बारगी वित्तीय सहायता पायेगा, जो न्यूनतम 25 हजार रूपये की सीमा के अधीन रहते हुए विनिर्दिष्ट की जायेगी। ऐसे प्रभावित परिवारों को जो बेनाप/राजकीय भूमि पर अधिसूचना तिथि से तीन वर्ष पूर्व की तिथि से या उससे पूर्व से काबिज हैं उनको प्रतिकर/अधिनिर्णय शासन के निर्णय के अनुसार देय होगा। यथासंभव परियोजना क्षेत्र के ग्रीमीणों को परियोजना निर्माण उपरान्त संचालित होने वाली व्यवसायिक गतिविधियों में प्राथमिकता दी जायेगी।
बैठक में पर्यटन विभाग की अपर निदेशक पूनम चांद, डीटीडीओ अतुल भंडारी, सौंग बांध पेयजल परियोजना, सिंचाई विभाग के उपमहाप्रबंधक के आर0 के0 गुप्ता, वी0के0 मौर्या, सहायक अभियन्ता दीपक जोशी, सुधीर सैमी, सुधांशु व प्रशान्त श्रीवास्तव सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।