कांग्रेस के साठ वर्षों के काल में भारतीय संस्कृति और संस्कृत की बड़ी क्षति हुई: आवश्यकता है प्रत्येक राज्य में एक संस्कृत विश्वविद्यालय और प्रत्येक जनपद में आवासीय संस्कृत विद्यालयों की, संविधान का अनकहा सत्य उजागर करने पर अधिवक्ता संध के अध्यक्ष अनिल मिश्रा पर कार्यवाही, आज के प्रमुख समाचार

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कांग्रेस ने साठ वर्ष के कार्यकाल में ऐसी दुर्लभ #संस्कृत और #संस्कृति समाप्त कर के….
अरब देशों के #म्लेच्छों #कबीलों की गाली गलौज युक्त अरबी #उर्दूमय और अंग्रेज कबीलों की #आंग्ल #भाषा का भ्रमजाल फैलाया। कांग्रेस आदि तो इस्लामिक दल हैं ही उनसे कोई आश भी नहीं लेकिन भाजपा तो #हिन्दू धर्म संस्कृति के प्रति अपने को समर्पित बताती है। अपनी #भारतीय #संस्कृति के प्रति सच में तनिक चिंतन करते हैं तो अविलंब समूचे #देश के हर प्रांत में एक एक #संस्कृत #विश्वविद्यालय खोलें और हर जनपद में एक एक आवासीय संस्कृत इंटर कॉलेज। जिसमें #वेदों उपनिषदों #शास्त्रों पुराणों व ज्योतिष व्याकरण मनुस्मृति #सिद्धान्त #कौमुदी व सनातन धर्म संस्कृति के विषयों व विधाओं का अध्ययन हो क्यों कि शास्त्र ही भारत के आधार हैं। भारतीय संस्कृति के #उद्गम हैं। #शास्त्रों में अहिंसा परमोधर्म, वसुधैव कुटुम्बकम सिद्धांत और शठेशाट्ठयंम् समाचरेत् वाली भारतीय न्याय प्रणाली है। #संसार व #ब्रहमांड का चिंतन है। संसार में ऐसी कोई दूसरी संस्कृति व विधा नहीं है। ✍️हरीश मैखुरी

*प्राचीन वैदिक ज्ञान…*

*भारत का प्राचीन नाम क्या था ?*
भारत का प्राचीन नाम ‘आर्यावर्त’ था।

*भारतीयों का प्राचीन नाम क्या था ?*
भारतीयों का प्राचीन नाम ‘आर्य’ था।

*भारतीयों का प्राचीन धर्म कौन सा है ?*
भारतीयों का प्राचीन धर्म ‘सनातन वैदिक धर्म’ है।

*सनातन वैदिक धर्मियों की धार्मिक पुस्तक कौन सी है ?*
सनातन वैदिक धर्मियों की धार्मिक पुस्तक ‘वेद’ है।

*वेद कितने हैं ?*
चार – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।

*वेद कितने प्राचीन हैं ?*
वेद 1,96,08,53,116 वर्ष प्राचीन हैं।

*चारों वेदों में कितने मंत्र हैं ?*
चारों वेदों में 20379 मंत्र हैं।
ऋग्वेद में 10552,
यजुर्वेद में 1975,
सामवेद में 1875,
अथर्ववेद में 5977 मंत्र हैं।

*वेद की भाषा कौन सी हैं ?*
वेद की भाषा संस्कृत हैं।

*वेदों में कौन सा विषय हैं ?*
वेदों में मनुष्यों के लिए आवश्यक समस्त ज्ञान-विज्ञान हैं। संक्षेप में ईश्वर, जीव, प्रकृति का विज्ञान एवं ज्ञान-कर्म-उपासना का विषय हैं ।

*वेदों का ज्ञान मनुष्यों को कैसे मिला ?*
वेदों का ज्ञान ईश्वर ने चार ऋषियों को प्रदान किया। जिनका नाम अग्नि, वायु, आदित्य, अंगिरा था।

*अनादि किसे कहते हैं ?*
जिसकी उत्पत्ति न हो वह अनादि हैं।

*अनादि क्या हैं ?*
ईश्वर, जीव और प्रकृति अनादि हैं।

*वेद पुस्तक रूप में कब बने ?*
सृष्टि के आरम्भ में कुछ काल के बाद वेद पुस्तक रूप में बने उससे पहले श्रुति स्मृति परम्परा में विद्यमान रहे।

*ईश्वर के मुख्य कर्म क्या हैं ?*
ईश्वर के मुख्य कर्म 5 हैं-
1. संसार को बनाना,
2. संसार का पालन करना,
3. संसार का कल्पान्त करना,
4. वेदों का ज्ञान देना और
5. अच्छे बुरे कर्मों का फल देना ।

*ईश्वर का मनुष्यों से क्या सम्बन्ध हैं ?*
ईश्वर का मनुष्यों के साथ-
पिता-पुत्र, माता – पुत्र,
गुरु – शिष्य, राजा – प्रजा,
साध्य – साधक, उपास्य – उपासक,
व्याप्त – व्यापक आदि अनेक सम्बन्ध हैं।

*वेद में ईश्वर का स्वरूप कैसा हैं ?*
वेद में ईश्वर को सर्वव्यापक, सर्वज्ञ, साकार निराकार, न्याय कारी, कर्मफल दाता आदि गुणों वाला बताया है।

*विश्व कब बना ?*
विश्व 1,96,08,53,126 वर्ष पूर्व बना।

*यह विश्व कितने वर्ष चलता रहेगा ?*
विश्व 2,35,91,46,874 वर्ष चलेगा तदुपरांत इसका भी ब्रहमांड में लय हो जायेगा। 

*विश्व की आयु कितनी हैं ?*
विश्व की आयु 4,32,00,00,000 वर्ष हैं।

*रामायण काल कितना पुराना हैं ?*
रामायण काल लगभग 26 लाख वर्ष पुराना है।

*महाभारत काल कितना पुराना हैं ?*
महाभारत काल 5200 वर्ष पुराना है।

*पारसी मत कितना पुराना हैं ?*
पारसी मत लगभग 4500 वर्ष प्राचीन है यह भगवान परशुराम जी से संबंधित है।

*यहूदी मत कितना पुराना हैं ?*
यहूदी मत लगभग 4000 वर्ष प्राचीन है।

*जैन-बौद्ध मत कितना पुराना हैं ?*
जैन-बौद्ध मत 2500 वर्ष पुराना है।

*शंकराचार्य काल कितना पुराना हैं ?*
आज आ शंकराचार्य काल लगभग 2300 वर्ष प्राचीन है। लेकिन यह भगवान श्री विष्णु जी की परम्परा है। 

*पुराण काल कितना पुराना हैं ?*
पुराण काल लगभग 220000 वर्ष प्राचीन है।

*ईसाई मत कितना पुराना हैं ?*
ईसाई मत लगभग 2000 वर्ष पुराना है।

*इस्लाम मत कितना पुराना हैं ?*
इस्लाम मत लगभग 1400 वर्ष पुराना है।

*सिख मत कितना पुराना हैं ?*
सिख मत लगभग 500 वर्ष पुराना है।

*ईश्वर को मूर्ति रूप में बनाकर पूजना कब से आरंभ हुआ ?*
ईश्वर को मूर्ति रूप में बनाकर पूजना यह शिव परम्परा है। भगवान राम ने भी छब्बीस लाख वर्ष पहले रामेश्वरम में पार्थिव शिवलिंग स्थापित कर पूजा की। 

*वेदों में धर्म के लक्षण क्या हैं ?*
धैर्य रखना, क्षमा करना, मन पर नियंत्रण, चोरी न करना, पवित्रता, इंद्रिय निग्रह, बुद्धि बढ़ाना, ज्ञान-विज्ञान प्राप्त करना, सत्य बोलना, क्रोध न करना।

*पृथ्वी पर सबसे पूर्व मनुष्य कहां उत्पन्न हुए ?*
पृथ्वी पर सबसे पूर्व मनुष्य आर्यावर्त में उत्पन्न हुए।

*आर्य किसे कहते हैं ?*
उत्तम गुण और श्रेष्ठ कर्म करने वाले मनुष्य को आर्य कहते है।

*क्या आर्य भारतवर्ष में बाहर से आए थे ?*
नहीं, आर्य भारतवर्ष के आदि परम्परा प्रतिष्ठा अनुशासन वाले ऋषि परम्परा से थे।

*चक्रवर्ती सम्राट किसे कहते हैं ?*
संपूर्ण पृथ्वी के राजा को चक्रवर्ती सम्राट कहते हैं।

*चक्रवर्ती सम्राट कब हुए थे ?*
सृष्टि के आरंभ से लेकर महाभारत पर्यंत पृथ्वी पर चक्रवर्ती राजा होते रहे हैं।

*अंतिम चक्रवर्ती राजा कौन थे ?*
युधिष्ठिर भारतवर्ष के अंतिम चक्रवर्ती राजा थे।

*वैदिक साम्राज्य कब तक रहा ?*
पृथ्वी पर वैदिक साम्राज्य सृष्टि के प्रारंभ से लेकर महाभारत काल तक अर्थात लगभग 1,96,08,48,000 वर्ष तक रहा।

*वैदिक काल में विश्व के लोग किस ईश्वर को मानते थे ?*
वैदिक काल में विश्व के लोग केवल एक निराकार ईश्वर को मानते थे।

*वैदिक काल में विश्व शासन की भाषा कौन सी थी ?*
वैदिक काल में विश्व शासन की भाषा संस्कृत थी।

*वैदिक शिक्षा प्रणाली कौन सी थी ?*
वैदिक काल में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी।

*वैदिक धर्म में व्यक्तिगत जीवन को कितने भागों में बांटा गया हैं ?*
वैदिक धर्म में व्यक्तिगत जीवन को चार भागों में बाँटा गया है, जिन्हें चार आश्रम कहते हैं।

*चार आश्रमों के नाम क्या-क्या हैं ?*
चार आश्रमों के नाम निम्न हैं-
ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम, सन्यास आश्रम।

*वैदिक धर्म में कर्म के आधार पर मानव समाज को कितने भागों में वर्गीकृत किया है ?*
वैदिक धर्म में कर्म के आधार पर मानव समाज को चार भागों में वर्गीकृत किया है। जिन्हें चार वर्ण कहते हैं – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र।

*वैदिक धर्मी के लिए कौन से कार्य करने अनिवार्य हैं ?*
वैदिक धर्मी के लिए पंच महायज्ञ करना अनिवार्य है।

*पंच महायज्ञों के नाम कौन से हैं ?*
पंच महायज्ञों के नाम-
ब्रह्मयज्ञ : (ईश्वर ध्यान, वेद पढ़ना)
देवयज्ञ : (हवन करना)
पितृयज्ञ : (माता-पिता की सेवा)
अतिथियज्ञ : (विद्वान-संन्यासी की सेवा)
बलिवैश्वदेव यज्ञ : (पशु-पक्षी की सेवा)

*वैदिक धर्म में जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए कितने संस्कार बताए गए हैं ?*
वैदिक धर्म में जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए 16 संस्कार अनिवार्य बताया गया है।

*16 संस्कारों के नाम क्या हैं ?*
16 संस्कारों के नाम निम्न हैं-
गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, अन्नप्राशन, निष्क्रमण, चूडाकर्म, कर्णवेध, उपनयन, वेदारम्भ, समावर्तन, विवाह, वानप्रस्थ, सन्यास और अंत्येष्टि।

*वैदिक धर्मियों का अभिवादन कौन सा हैं ?*
वैदिक धर्मियों का अभिवादन नमस्ते है।

*शास्त्र कितने और उनके नाम क्या हैं ?*
शास्त्र छः हैं और उनके नाम निम्न हैं-
योग दर्शन, सांख्य दर्शन, वैशेषिक दर्शन, न्याय दर्शन, वेदान्त दर्शन और मीमांसा दर्शन।

*वेदों के अंग कितने और नाम क्या हैं ?*
वेदों के अंग छ: और उनके नाम निम्न हैं-
शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द और ज्योतिष।

*वेदों के आधार पर ऋषियों के द्वारा बनाया गया सामाजिक विधान तथा आचार संहिता का प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ कौन सा हैं ?*
वेदों के आधार पर ऋषियों द्वारा बनाया गया सामाजिक विधान तथा आचार संहिता का प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ मनुस्मृति है।

*क्या वैदिक धर्म में छुआछूत, जातिभेद, जादू टोना, डोरा धागा, ताबीज, मांसाहार, मद्यपान आदि का विधान हैं ?*
वैदिक धर्म में छुआछूत, जातिभेद, जादूटोना, डोराधागा, ताबीज, मांसाहार, मद्यपान आदि का विधान नहीं है।

*वैदिक धर्म में मनुष्य जीवन का अंतिम लक्ष्य क्या बताया गया हैं ?*
वैदिक धर्म में मनुष्य जीवन का अंतिम लक्ष्य समस्त दुखों से छूटना और पूर्ण आनन्द को प्राप्त करना बताया गया हैं।

*सभी दुखों से छूटना कैसे संभव हैं ?*
आध्यात्मिक ज्ञान से सभी दुखों से छूटना संभव है।

*आध्यात्मिक अज्ञान कैसे नष्ट होता हैं ?*
आध्यात्मिक अज्ञान ईश्वरीय शुद्ध ज्ञान लेने से नष्ट होता है।

*ईश्वर आध्यात्मिक ज्ञान कब देता हैं ?*
ईश्वर आध्यात्मिक ज्ञान मन की समाधि अवस्था में देता है।

*समाधि अवस्था कैसे प्राप्त होती हैं ?*
समाधि अवस्था अष्टांग योग की विधि से मन इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण करने पर प्राप्त होती है।

*इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण कैसे होता हैं ?*
इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण आत्मा का साक्षात्कार करने पर होता है।

*आत्मा का साक्षात्कार कब होता हैं ?*
आत्मा का साक्षात्कार, आत्मा से संबंधित विज्ञान को पढ़कर, विचारकर, निर्णय लेकर, दृढ़ निश्चय करके, तपस्या और पुरुषार्थ पूर्वक कार्यों करने से होता है।

*ईश्वर ध्यान से क्या लाभ होता हैं ?*
ईश्वर का ध्यान करने से मन पर अधिकार होता है, इन्द्रियों पर नियंत्रण होता है, एकाग्रता बढ़ती है, स्मृति शक्ति तेज होती है, बुद्धि सही और शीघ्र निर्णय लेने वाली बनती है, बुरे संस्कार नष्ट होते हैं, अच्छे संस्कार उभरते हैं, आत्मिक बल बढ़ता है, धैर्य, सहनशक्ति, क्षमा, दया, निष्कामता की वृद्धि होती है और विशेष आनंद, शांति, निर्भीकता की प्राप्ति होती है।

*मनुष्य दुःखी क्यों होता हैं ?*
मनुष्य राग, द्वेष और मोह अर्थात् अज्ञान के कारण दुखी होता है।

*वैराग्य का अर्थ क्या हैं ?*
वैराग्य का अर्थ है राग-द्वेष से रहित, इच्छाओं से रहित, लौकिक सुख लेने की इच्छा से रहित होकर निष्काम भावना से कर्तव्य करना।

*आध्यात्मिकता का अर्थ क्या हैं ?*
आध्यात्मिकता का अर्थ है आत्मा, परमात्मा, मन, बुद्धि, मोक्ष, पुनर्जन्म, कर्म और उनका फल, संस्कार, समाधि इत्यादि विषयों का ज्ञान-विज्ञान प्राप्त करना और आचरण करना।

*मनुष्य के मन में अशांति, भय, चिंता क्यों उत्पन्न होते हैं ?*
मनुष्य के मन में अशांति, भय, चिंता, पाप कर्म करने से उत्पन्न होते हैं।

*पाप किसे कहते हैं ?*
अधर्म आचरण को पाप कहते हैं।

*अधर्म आचरण किसे कहते हैं ?*
ईश्वर की आज्ञाओं, शास्त्रों के विधि-विधानों, महापुरुषों के निर्देशों तथा पवित्र आत्मा में उत्पन्न होने वाले विचारों के विपरीत व्यवहार करने का नाम अधर्म आचरण है।

*धर्म की परिभाषा क्या हैं ?*
धर्म की सामान्य परिभाषा यह है कि जो व्यवहार अपने को अच्छा लगे वह दूसरों के प्रति करें और जो व्यवहार अपने को अच्छा न लगे वह दूसरों के प्रति न करें ।

*वैदिक धर्म में कर्मफल सिद्धान्त क्या हैं ?*
जो मनुष्य शरीर, मन, इन्द्रियों से जितने भी अच्छे – बुरे कर्म करता है उसे उन सबका फल सुख-दुःख के रूप में अवश्य मिलता है।

*क्या वेदों के अनुसार बुरे कर्मों के फल माफ हो सकते हैं ?*
वेदों के अनुसार बुरे कर्मों के फल किसी प्रकार से माफ नहीं होते।

*दान-पुण्य, जप-तप, सेवा-परोपकार आदि का क्या लाभ होता हैं ?*
दान-पुण्य, जप-तप, सेवा-परोपकार आदि का अलग से अच्छा फल मिलता है, इससे बुरे कर्मों के फल न कम होते हैं न माफ होते हैं ।

*जब कर्मों का फल मिलता ही है तो ईश्वर की उपासना करने से क्या लाभ हैं ?*
ईश्वर की उपासना से बुद्धि पवित्र होती है और आनन्द की प्राप्ति होती है। आत्मिक बल मिलता है, मन में उत्तम विचार उत्पन्न होते हैं परिणाम स्वरूप मनुष्य भविष्य में बुरे कर्म नहीं करता है अथवा कम करता है।

*सनातन वैदिक धर्म का पंचांग किस नाम से प्रचलित हैं ?*
सनातन वैदिक धर्म का पंचांग सनातन संवत, वैदिक संवत, सृष्टि संवत, वैश्विक संवत एवं विश्व संवत के नाम से प्रचलित हैं।

*विश्व संवत के अनुसार अभी कौनसा वर्ष हैं ?*
विश्व संवत के अनुसार अभी 1,96,08,53,126 वर्ष हैं।

*सनातन वैदिक धर्म वर्तमान में किस नाम से प्रचलित हैं ?*
सनातन वैदिक धर्म वर्तमान में “विश्व धर्म” के नाम से प्रचलित हैं।

*सनातन वैदिक धर्म को “विश्व धर्म” क्यों कहा जाता हैं ?*
सनातन वैदिक धर्म के सिध्दांत संपूर्ण विश्व के लिए विज्ञान की दृष्टि से सार्वभौमिक और तर्कसंगत है इसलिए “विश्व धर्म” कहा गया हैं।

*सनातन वैदिक धर्म “विश्व धर्म” के नाम से क्यों प्रचलन में हैं ?*
वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से संपूर्ण विश्व को एकजुट करने का प्रयास केवल “विश्व धर्म” से संभव हैं। वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को अग्रसर करने के लिए “विश्व धर्म” नाम प्रचलन में आया। विश्व धर्म का व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रसार, अनुयायियों की बड़ी संख्या और समाज के विकास में महत्वपूर्ण प्रभाव के कारण प्रचलन में हैं; विश्व धर्म लोगों को एक संरचना, उद्देश्य और अर्थ प्रदान करता हैं, जो उन्हें जटिल दुनिया में सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता हैं।

*विश्व धर्म प्रचलन के मुख्य कारण क्या हैं ?*
*समाज और अर्थ प्रदान करना :*
विश्व धर्म अनुयायियों को एक संरचना और अर्थ प्रदान करता है, जो एक घनिष्ठ समुदाय का हिस्सा होने का अनुभव कराता है। यह जीवन के लिए एक उद्देश्य निर्धारित करने में सहायता करता है।
*सांस्कृतिक संचार और संपर्क :*
बड़े क्षेत्रों में लोगों के बीच व्यावसायिक और सांस्कृतिक संपर्क के कारण विश्व धर्म वैश्विक हो गया। इसने लोगों को भौगोलिक क्षेत्रों से परे एक-दूसरे से जुड़ने, विचार साझा करने और व्यापार करने में सक्षम बनाया।
*मानव प्रकृति की सहज प्रवृत्ति :*
विश्व धर्म मानव जीवन की एक सहज प्रवृत्ति है; उत्पत्ति काल से ही मनुष्य ने प्रकृति के विभिन्न कार्यों को समझने का प्रयास किया है और ईश्वर या किसी सिद्धांत को स्वीकार करने की तत्परता दिखाई है, जिससे धर्म की भावना जागी।
*व्याख्या और सामंजस्य :*
विश्व धर्म ज्ञान में परिवर्तन के साथ सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करता है और वैश्विक होने के कारण यह विभिन्न संस्कृतियों को एक साथ लाता है, जिससे धार्मिक प्रणालियां सांस्कृतिक संचार और नैतिक अपेक्षाओं की नींव बनती हैं।
*निष्कर्ष :*
विश्व धर्म केवल आस्था का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे मानव समाज, संस्कृति और व्यक्तिगत जीवन में गहराई से जुड़ा हैं। उनका व्यापक प्रसार, बड़े अनुयायी वर्ग और दुनिया को एक अर्थपूर्ण एवं व्यवस्थित ढांचा प्रदान करने की क्षमता ही उन्हें प्रचलन में रखती है।

*नए भारत का वैश्विक संकल्प…*
*सनातन वैदिक धर्म…विश्व धर्म*
*अखंड हिंदु राष्ट्र भारत…विश्व गुरु भारत*

*धर्मो रक्षति रक्षितः…*🚩

जो फसल हमास ने बोया , वही फसल काट रहे हैं गाज़ा के रहने वाले

UN रिपोर्ट के मुताबिक़ गाज़ा में 80% इमारतें तबाह,
90% आबादी बेघर, और मलबा हटाने में ही लग जाएंगे 10 साल।

ज़मीन को फिर से उपजाऊ बनाने में लगेंगे 25 साल.

केंद्र सरकार तुरन्त प्रभाव से EWS आरक्षण के लिए जोड़ी गई शर्तों को हटाए।

शर्तें निम्न लिखत है। जिसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग 70 साल बाद मिले आरक्षण में शर्तों को अन्याय के रूप में देखा जा रहा है। इन शर्तों के कारण केंद्र सरकार की नोकरियों का लाभ आर्थिक रूप से पिछड़े लोगो को नही मिल पा रहा है। 70 सालो से जो अन्याय आर्थिक रूप से पुछडे लोगो पर हो रहा है। केंद्र सरकार ने आरक्षण पर शर्ते लगा कर गरीबो के हाथ मे झूँठमुठ का झनझुना थमा दिया है। केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से आरक्षण में शर्ते लगाकर गरीबो को पहले ही दिन यह बता दिया है कि केंद्र सरकार आपको कोई नोकरी नही देने वाली है। केंद्र सरकार ने जो शर्ते लगाई है वह पूर्णतः अव्यवहारिक है। इन शर्तों को तुरन्त हटाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने सवर्णो के दबाब में आकर आरक्षण देने को मजबूर तो हो गई। लेकिन केंद्र सरकार की मंशा में सवर्णो के लिए खोट था। सवर्णो को केंद्र सरकार कुछ देना नही चाहती थी। इसी मंशा के तहत केंद्र सरकार ने इन शर्तों को जोड़कर गरीब सवर्णो के सपनो पर पानी फेर दिया है।

अगर केंद्र सरकार सवर्णो की मांग को अनदेखी करती है तो इसका परिणाम केंद्र सरकार को भोगना पड़ेगा।

EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) आरक्षण का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:

वार्षिक पारिवारिक आय ₹8 लाख या उससे अधिक है।

परिवार के पास 5 एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि है।

परिवार के पास अधिसूचित नगर पालिका में 100 वर्ग गज (या उससे अधिक) का आवासीय प्लॉट है।

परिवार के पास गैर-अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्रों में 200 वर्ग गज (या उससे अधिक) का आवासीय प्लॉट है। 

परिवार के पास 1,000 वर्ग फुट या उससे अधिक का आवासीय फ्लैट है। 

इन बेतुकी शर्तों को केंद्र सरकार हटाये। इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। कॉपी पेस्ट कर पोस्ट को डाले। ताकि केंद्र सरकार तक बात पहुंचे।

@topfans

जितनी शीघ्रता से संविधान का सत्य उजागर करने पर अधिवक्ता अनिल मिश्रा जी पर कार्यवाही हुई कभी देखा कि सनातन धर्म संस्कृति को अपशब्द कहने वालों पर हुई हो?
ग्वालियर मध्यप्रदेश पूर्व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल मिश्र जी संविधान की स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं संविधान विरोधियों में खलबली मचाए है पिछले कुछ महीनों से इनके पीछे कथित भीमवादी पड़े हुए हैं, इनकी हत्या करने, जूते मारने, मां बहन का रेप करने की धमकियां दे रहे हैं …
पुलिस के सामने मिडिया के सामने चौराहे में हर जगह धमकी दे रहे हैं। पर बंदा रुका नहीं झुका नहीं सीना ताने खड़ा है …

इन्होंने भीम राव अम्बेडकर की आलोचना कर दी, क्योंकि इस देश की आजादी में अम्बेडकर का कोई योगदान नहीं है उन्होंने कभी अंग्रेजों का विरोध नहीं किया आदि आदि।

संविधान में प्रदत्त जाति आधारित कानून और सुविधाओं को लेकर कुछ लोग देश को अपनी बपौती समझ रहे हैं और ब्राह्मणों को विदेशी बता रहे हैं,
इस देश में लोकतंत्र है
लोकतंत्र में वोटबैंक महत्वपूर्ण है
इसीलिए जिनकी संख्या ज्यादा है उनका इस देश में एकतरफा राज है उनके लिए सब आवाज उठाने वाले हैं लेकिन जो वास्तविक रूप से पिछड़े हैं, 70 वर्षों से वंचित व संविधान द्वारा प्रतिबंधित किये गये हैं, उन्हें मुख्य धारा से पीछे धकेला जा रहा है।

भारत की संस्कृति नष्ट करने के लिए संस्कृति की जड़ मूल ब्राह्मणों को गाली देना, उन्हें शोषण कर्ता बताना सतत जारी है। ताकि भारतीय संस्कृति का आधार ही समाप्त हो जाय। मुगलों और अंग्रेजों ने भी यही किया था। मुगलों ने गुरूकुल बंद कराये और उन #गुरूकुलों के डेढ़ लाख आचार्य मरवा कर उनके जनेऊ के चट्टे लगाये।

इस देश में ईश निंदा हो सकती है,
भगवान को गाली दी जा सकती है
लेकिन अंबेडकर की आलोचना नहीं हो सकती है। उनका मिथ्या महिमामंडन करो, सही बात कहेंगे तो जेल भेज देंगे।

फिलहाल आज अनिल मिश्रा जी को सभी हिंदुओं, मैरिट धारियों, मुफ्तखोरी विरोधियों के समर्थन की आवश्यकता है …
#अनिल_मिश्रा_ग्वालियर
(साभार)

 🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️

🌤️ *दिनांक – 09 अक्टूबर 2025*

🌤️ *दिन – गुरूवार*

🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*

🌤️ *शक संवत – 1947*

🌤️ *अयन – दक्षिणायन*

🌤️ *ऋतु – शरद ऋतु* 

🌤️ *मास – कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र आश्विन*

🌤️ *पक्ष – कृष्ण* 

🌤️ *तिथि – तृतीया रात्रि 10:54 तक तत्पश्चात चतुर्थी*

🌤️ *नक्षत्र – भरणी रात्रि 08:02 तक तत्पश्चात कृत्तिका*

🌤️ *योग – वज्र रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात सिद्धि*

🌤️ *राहुकाल – दोपहर 01:54 से शाम 03:23 तक*

🌤️ *सूर्योदय – 06:33*

🌤️ *सूर्यास्त – 06:18*

👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*

🚩 *व्रत पर्व विवरण -* 

💥 *विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण,) 

 

🌷 *कार्तिक में दीपदान* 🌷

👉🏻 *गताअंक से आगे …..*

🔥 *दीपदान कहाँ करें* 🔥

🙏🏻 *पद्मपुराण के अनुसार*

🌷 *तेनेष्टं क्रतुभिः सर्वैः कृतं तीर्थावगाहनम्। दीपदानं कृतं येन कार्तिके केशवाग्रतः।।*

➡ *जिसने कार्तिक में भगवान् केशव के समक्ष दीपदान किया है, उसने सम्पूर्ण यज्ञों का अनुष्ठान कर लिया और समस्त तीर्थों में गोता लगा लिया।*

🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है जो कार्तिक में श्रीहरि को घी का दीप देता है, वह जितने पल दीपक जलता है, उतने वर्षों तक हरिधाम में आनन्द भोगता है। फिर अपनी योनि में आकर विष्णुभक्ति पाता है; महाधनवान नेत्र की ज्योति से युक्त तथा दीप्तिमान होता है।*

🙏🏻 *स्कन्दपुराण माहेश्वरखण्ड-केदारखण्ड के अनुसार*

🌷 *ये दीपमालां कुर्वंति कार्तिक्यां श्रद्धयान्विताः॥*

*यावत्कालं प्रज्वलंति दीपास्ते लिंगमग्रतः॥*

*तावद्युगसहस्राणि दाता स्वर्गे महीयते॥*

➡ *जो कार्तिक मास की रात्रि में श्रद्धापूर्वक शिवजी के समीप दीपमाला समर्पित करता है, उसके चढ़ाये गए वे दीप शिवलिंग के सामने जितने समय तक जलते हैं, उतने हजार युगों तक दाता स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है।*

🙏🏻 *लिंगपुराण के अनुसार*

🌷 *कार्तिके मासि यो दद्याद्धृतदीपं शिवाग्रतः।।*

*संपूज्यमानं वा पश्येद्विधिना परमेश्वरम्।।*

🌷 *व्यतिपात योग* 🌷

➡️ *10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को शाम 05:41 से 11 अक्टूबर दोपहर 02:07 तक व्यतिपात योग है।*

🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*

🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।* 

🌷 *विघ्नों और समस्या दूर करने के लिए* 

👉 *10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को संकष्ट चतुर्थी है (चन्द्रोदय रात्रि 08:33)*

🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*

🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*

🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*

🙏🏻 *- Shri Sureshanandji Delhi Rohini 12 Sep, 2011*

         🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️

 

🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷

🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*

👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*

🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*

🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*

🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*

🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*

🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*

🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:* 

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🌷🙏

*⚜️ आज का राशिफल ⚜️*

*दिनांक : 09 अक्टूबर 2025*

🐐🐂💏💮🐅👩〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज दिन भर आप विपरीत लिंगीय आकर्षण में बंधे रहेंगे। अपने काम को छोड़ अनर्गल प्रवृतियों में समय और धन बर्बाद करने से घर और समाज में सम्मान खो सकते है। कार्य क्षेत्र पर कार्य करते समय ध्यान कही और ही रहेगा। धन लाभ के प्रसंग अकस्मात बनेंगे लेकिन लापरवाह रहने के कारण हाथ से निकलने की संभावना है। सहकर्मियो पर नाजायज दबाव और हुकुम ना चलाया अन्यथा अकेले रह जाएंगे। धन की आमद होगी लेकिन खर्च निकालने के लिए भी कम पड़ेगी। भाई बहन का अधिक बोलना अखरेगा फिर भी धैर्य बनाये रखें आपके हित की बात की करेंगे। किसी की चुगलखोरी के शिकार बनेंगे। आज अनैतिक साधनों से लाभ आसानी से मिलेगा फिर भी इनसे बचना ही बेहतर रहेगा। संध्या के समय शारीरिक क्षमता में कमी आएगी फिर भी मौज शौक से पीछे नहीं हटेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन भी आपके लिये हानिकर रहेगा। जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे पहले धन का अभाव फिर सहयोग की कमी बाधक बनेगी। व्यवसायी वर्ग आज संग्रह करने से बचे अन्यथा धन फसने के प्रबल योग है। सार्वजनिक क्षेत्र पर तो आपकी छवि धनवान जैसी बनेगी लेकिन अंदर से स्थिति इसके विपरीत रहेगी उधारी को लेकर किसी से किया वादा पूरा ना करने पर अपमानित होना पड़ेगा। जल्दबाजी में कोई भी जोखिम वाला कार्य ना करें अन्यथा लेने के देने पड़ जाएंगे। लंबी यात्रा, अग्नि और मशीनरी से सावधानी बरतें दुर्घटना हो सकती है। संध्या के समय बौद्धिक परिश्रम करने पर थोड़ा बहुत धन मिल जाएगा। घर मे किसी का जिद्दी व्यवहार क्रोध दिलाएगा शांत रहने का प्रयास करें वरना बिना बात सरदर्दी बढ़ेगी। स्वसन तंत्र में खराबी आएगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन बुद्धि विवेक की कमी रहने पर भी आपका व्यक्तित्त्व निखरा हुआ रहेगा। सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान के साथ भविष्य में लाभ के द्वार भी खुलेंगे। कार्य क्षेत्र पर लापरवाही करेंगे जिससे कोई पुराना स्नेह संबंध खराब हो सकता है। व्यवसायी वर्ग और नौकरी पेशा जातक शारीरिक परिश्रम की जगह आज दिमागी कसरत कर लाभ कमाएंगे लेकिन जिस लाभ के हकदार है उतना नही हो पाने पर निराशा भी होगी। स्वभाव में अकड़ रहने पर भी परिजनों से अच्छी पटेगी घर के सदस्य अपने निजी स्वार्थ के लिये आपकी गलतियों को अनदेखा करेंगे जिससे स्वभाव की उद्दंडता बढ़ेगी इसपर नियंत्रण रखें। आज हाथ पैरों में शिथिलता और जननेन्द्रिय संबंधित शिकायत से परेशानी होगी। यात्रा की योजना निरस्त होगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा किसी मनोकामना पूर्ति ना होने का दुख आज भी रह सकता है। धर्य हीनता के बाद भी दिन सुख संतोष जनक ही रहेगा। दिन के आरम्भ से मध्यान तक दैनिक कार्यो में व्यस्त रहेंगे इसके बाद कार्य क्षेत्र से कोई शुभ समाचार मिलेगा। आज आप जो भी कार्य करेंगे उसे बिना किसी सहयोग के पूर्ण कर लेंगे पठन पाठन संबंधित एवं सौंदर्य-साज सज्जा संबंधित कार्य से विशेष लाभ की उम्मीद है। धन की आमद अल्प मात्रा में लेकिन कई बार होने से दिन भर का कोटा पूर्ण कर लेंगे। नौकरी वालो के लिये मध्यान तक का समय ठीक रहेगा इसके बाद कार्यो में उलझन बढ़ेगी। घर के छोटे छोटे खर्च परेशान करेंगे। अग्नि से कष्ट एवं पेट से उपर के भाग में कष्ट हो सकता है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप सभी क्षेत्रों से ज्यादा ही उम्मीद लगाए रहेंगे परन्तु सफलता कुछ एक मे ही मिल सकेगी। सरकारी कार्य भी आज कुछ कमी रहने से अपूर्ण रह सकते है । नौकरी-व्यवसाय में कार्य विलम्ब से आरंभ करने के कारण पूर्ण होने में भी विलम्ब होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से कुछ ना कुछ कमी बनी रहेगी धन की कमी रहने से महत्त्वपूर्ण कार्य की योजना बनी बनाई रह जायेगी। संध्या के समय से स्थिति सुधरेगी लाभ की संभावना बनेगी परन्तु समय की कमी भी रहने से लाभ सीमित रहेगा। पिता को छोड़ अन्य पारिवारिक जन का सहयोग मिलने पर भी मानसिक उद्वेग रहेगा। चर्म रोग खुजली अथवा अग्नि से जलने के भय है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज भी मध्यान तक शारीरिक रूप से शिथिलता बनी रहेगी इस कारण कुछ आवश्यक कार्य आगे के लिये निरस्त करने पड़ेंगे वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह निर्णय उपयुक्त ही रहेगा। मध्यान के बाद परिस्थिति में सुधार आने लगेगा लेकिन स्वभाव में जल्दबाजी रहने के कारण कुछ कार्य बिना सोचे करेंगे जिससे कार्य बनने की जगह ज्यादा उलझ जाएंगे। धन की आमद आवश्यकता से कम ही रहेगी आवश्यक खर्च संचित धन से करने पड़ेंगे। आज आपको परिजनों की कोई पुरानी सलाह ना मानने की ग्लानि भी होगी। संध्या के समय पति पत्नी के बीच कहाँ सुनी हो सकती है। संताने आज्ञाकारी रहेंगी लेकिन कोई गुप्त बात खुलने के कारण इनके प्रति हीन भावना बनेगी। पिता अथवा पैतृक कार्यो में लाचारी दिखेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपके लिए सुख-समृद्धि दायक रहेगा। आज आपका स्वभाव अत्यंत आराम तालाब रहेगा जल्दी से किसी कार्य मे परिश्रम नही करेंगे फिर भी पूर्व में की गई मेहनत का फल आज अवश्य धन अथवा अन्य लाभो के रूप में मिलेगा। जमीन संबंधित एवं भागीदारी के कार्यो से हानि हो सकती है इसके विपरीत कला से जुड़े लोगों को लाभ होगा। थोक अथवा शेयर के कारोबारी निवेश का भरपूर लाभ ले सकेंगे। आपका सार्वजिक जीवन ठाठ बाट वाला रहेगा। किसी भी कार्य मे खर्च करने से पीछे नही हटेंगे इससे बीच मे थोड़ी आर्थिक विषमताएं भी आ सकती है। रहन-सहन में आडम्बर की झलक दिखेगी। गृहस्थ सुख आज उत्तम रहेगा परिजनो से पूर्ण स्नेह मिलेगा। प्रमेह अथवा चेहरे संबंधित समस्या रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज आपका दिमाग इधर उधर की बातों में ज्यादा रहेगा। अपने काम छोड़ पराई समस्यों में उलझेगे बिना मांगे सलाह देना बाद में भारी पड़ जायेगा इसका ध्यान रहे। स्वभाव दिन भर मनमौजी रहेगा जो मन मे आएगा करेंगे किसी के टोकने पर नाराज हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज दिन भर उदासीनता रहेगी भाग दौड़ के बाद भी परिणाम निराशाजनक ही मिलेंगे खर्च निकालने के लिये किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। भाई बंधुओ से गलतफलमी के कारण बहस होगी शांत रहे उन्हें अपनी गलती का अहसास अपने आप हो जाएगा। आज भागीदारी की योजना बनेगी लेकिन पुराने पैतृक कार्यो में कोई भागीदार ना बनाये अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। घर मे छूट पुट नोकझोंक लगी रहेगी। सेहत संध्या से विपरीत होगी छाती में संक्रमण हो सकता है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। स्वभाव से विनोदी रहेंगे व्यस्तता से समय निकाल कुछ समय के लिये प्रियजनों के साथ मसखरी करेंगे। लेकिन कार्य के समय लापरवाही करना पसंद नही करेंगे आज धार्मिक भावनाएं भी बढ़ने से मानसिक रूप से राहत अनुभव करेंगे मन मे अवश्य उथल पुथल लगी रहेगी फिर भी जाहिर नही होने देंगे। कार्य क्षेत्र पर मेहनत तो करेंगे परन्तु लाभ उचित मात्रा में नही हो सकेगा। कुछ महत्त्वपूर्ण विषयो को लेकर किसी प्रतिद्वन्दी से समझौता करना पड़ सकता है। धन लाभ मध्यान बाद थोड़े अंतराल पर होता रहेगा परन्तु खर्च की तुलना में पर्याप्त नही होगा। गृहस्थ में कुछ ना कुछ उलझनों के बाद भी स्थिति सामान्य बनी रहेगी। नाक-कान-गले संबंधित रोग हो सकते है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज आप मानसिक रूप से शांत रहने का प्रयास करेंगे लेकिन मध्यान और संध्या बाद के समय किसी न किसी से विवाद होने की संभावना है। आपकी वाणी और व्यवहार से किसी का अहित ना हो इसका ध्यान आज विशेष रूप से रखें। विरोधी पक्ष आज प्रबल रहेगा मध्यान तक स्वयं को किसी न किसी कार्य मे लगाये रखें इससे मन मे अनर्गल विचार नही आएंगे। दोपहर के बाद स्थिती सुधरने से कार्यो के प्रति गंभीरता आएगी लेकिन कार्य क्षेत्र पर भी ज्यादा व्यवसाय नही मिलेगा। आय व्यय बराबर रहने और खर्च पर जबरदस्ती नियंत्रण करने से आर्थिक संतुलन बना रहेगा। संध्या बाद फिर से पुरानी बातों को याद कर कलह के प्रसंग बनेंगे। आज परिजनों की अप्रिय बात को अनसुनी करें। सन्तानो का परीक्षा में खराब प्रदर्शन चिंता बढ़ाएगा। स्वास्थ्य बना रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज दिन आर्थिक दृष्टिकोण से सुधार वाला रहेगा फिर भी धन को लेकर आज आप संतुष्ट नही रहेंगे। जिस भी कार्य से लाभ होगा उसमे कुछ न कुछ कमी ही रहेगी ज्यादा पाने के लालच में जितना मिलना है उसमें भी कमी आ सकती है। व्यवसाय में आज किसी को भूलकर भी उधार ना दें अन्यथा वापसी में परेशानी आ सकती है। भाई बंधुओ से पैतृक कार्य अथवा किसी अन्य पुराने कार्य को लेकर अनबन होने की संभावना है निर्णय लेने मे जल्दबाजी ना करें अन्य लोगो के विचार सुनने के बाद ही अपना पक्ष रखें इससे समाधान शीघ्र हो सकता है। भागीदारी के कार्य विशेष कर जमीन संबंधित कार्य मे विवाद हो सकता है आज इनको टालना ही बेहतर रहेगा। सर दर्द अपच की शिकायत हो सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज आपका संतोषि स्वभाव विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाये रखेगा। सोचे हुए कार्य ना बनने पर कुछ समय के लिये क्रोध आएगा फिर भी किसी का मीठा व्यवहार मिलेने से शांत हो जाएंगे। महिला वर्ग आज जितना मील उसी में संतोष करे अन्यथा स्वयंजन को दुख हो सकता है। काम-धंधे में कोई बड़ी चूक होने की संभावना है यहां भी किसी स्वजन का सहयोग बड़ी हानि होने से बचा लेगा। घर मे आज मातृ शक्ति का बोलबाला रहेगा इनसे बनाकर रखने में ही भलाई है अन्यथा दिन शांति से नही बिता पाएंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे एक दूसरे की बात काटने पर तीखी बहस हो सकती है। माता का सुख उत्तम रहेगा अपनी बात आसानी से मनवा लेंगे। सेहत में आकस्मिक गिरावट आएगी सतर्क रहें।

*सुबह की देश राज्यों से बड़े समाचार*

*1* पीएम मोदी बोले- मुंबई हमले का जवाब देना चाहती थी सेना, कांग्रेस ने विदेशी दबाव में रोक दिया, आतंकियों के सामने घुटने टेके

*2* पीएम मोदी बोले- सेना मुंबई हमले का जवाब देने वाली थी, कांग्रेस बताए– 2008 में किसके दबाव में हमला करने से रोका था

*3* अमित शाह Gmail से स्वदेशी Zoho Mail पर शिफ्ट हुए, कहा- अब इसी आईडी पर मेल करें; Zoho Mail को श्रीधर वेंबु ने बनाया

*4* ‘2040 तक भारत बनेगा स्पेस सुपरपावर; मोदी की दूरदर्शिता से अंतरिक्ष में रचेगा इतिहास’; इसरो प्रमुख बोले

*5* ‘राम सदा विद्यमान रहे, वाल्मीकि ने दुखों को दूर करने के लिए लिखी रामायण’; वाल्मीकि जयंती पर बोले भागवत

*6* संघ प्रमुख ने कहा कि भगवान राम हमें सिखाते हैं कि जीवन कैसे जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामायण हमें बताती है कि परिवार के प्रत्येक सदस्य को एक-दूसरे के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए। एक आदर्श सेवक कैसा होना चाहिए, एक आदर्श मंत्री को राजा का मार्गदर्शन कैसे करना चाहिए। भगवान राम इन गुणों का उदाहरण हैं, और उनके समर्पित अनुयायी भगवान हनुमान हैं।

*7* प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आलोचना किए जाने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, यह बिल्कुल निराधार और पूरी तरह से गलत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के प्रधानमंत्री ने ऐसा बयान दिया।

*8* CJI गवई की तरफ जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ ऐक्शन, बेंगलुरु में जीरो FIR दर्ज

*9* चिराग पासवान की पार्टी ने आज बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, सांसद भी होंगे मौजूद, सियासी हलचल तेज, बिहार में सीट बंटवारे पर अड़ी हुई है बात

*10* 15 सीट नहीं मिली तो HAM चुनाव ही नहीं लड़ेगी; BJP, JDU को जीतनराम मांझी की सीधी धमकी

*11* ‘अमित शाह पर भरोसा मत करो’, ममता बनर्जी की PM मोदी को सलाह! गृहमंत्री की मीरजाफर से कर दी तुलना

*12* केदारनाथ में रिकॉर्ड 16.52 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, कपाट बंद होने में 14 दिन बाकी; अब तक 47 लाख लोगों ने की चारधाम यात्रा

*13* सोना ₹1.22 लाख पार, लगातार तीसरे दिन कीमत बढ़ी, इस साल अब तक ₹45,936 महंगा हुआ; चांदी भी ₹1.52 लाख के ऑलटाइम हाई पर

*14* ‘ग्लोबल इकोनॉमी के लिए इंजन बना रहेगा भारत’, US के टैरिफ का नहीं होगा असर; IMF के बयान से उड़ जाएगी ट्रंप की नींद!

*15* ‘जितनी जल्दी हो सके, भारत से संबंध सुधारें’, टैरिफ विवाद के बीच ट्रंप पर भड़के US के 19 सांसद; चिट्ठी लिख सुनाईं खरी-खोटी।