आजकल सेना जनरल बिपिन रावत अपने पैतृक गांव में आये है. आर्मी चीफ बिपिन रावत पैदल खड़ी चढ़ाई चढ़कर अपने गांव पहुंचे। जनरल रावत रविवार दोपहर लैंसडौन से अपने पैतृक गांव विरमोली (पौड़ी गढ़वाल) के उपग्राम सैंण पहुंचे। गांव में उन्हें देखकर वहां लोग खुशी से झूम उठे। उनके गांव पहुंचने की खबर लगते ही पूरा गांव और आसपास के लोग स्वागत के लिए उमड़ पड़े।
परिजनों से बातचीत में उन्होंने गांव में घर बनाने की इच्छा जताई तो चाचाओं ने उन्हें गांव में जमीन भी दिखायी। जनरल ने चाचा भरत सिंह के आवास के समीप ही एक खेत में आवास बनाने की बात कही। थल सेना अध्यक्ष बनने के बाद रविवार को पहली बार गांव पहुंचे जनरल रावत के कार्यक्रम को अत्यंत गोपनीय रखा गया था।सेना के हेलीकॉप्टर से जनरल रावत रविवार दिन में करीब 12 बजे लैंसडौन सेना मुख्यालय पहुंचे। थोड़ी देर विश्राम के बाद वह अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ कार से गांव पहुंचे।
सड़क से विरमोली पहुंचने के बाद गांव तक पहुंचने के लिए उन्हें करीब डेढ़ किमी खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ी। गांव पहुंचते ही ग्रामीणों और परिजनों ने उनका स्वागत किया। जनरल रावत ने सोमवार को लैंसडौन जीआरआरसी और कोटद्वार में गबर सिंह कैंप का निरीक्षण किया। जनरल रावत ने परिजनों से गांव में खेती की जानकारी ली और समस्याओं पर भी विस्तृत चर्चा की।