महाकुंभ से पहले हरिद्वार को मिलेगी अलग पहचान: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ से पहले हरिद्वार को अलग पहचान मिले। कलर कल्चर कुछ ऐसा हो कि हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को इस बात का अहसास हो जाए कि वे धार्मिक स्थान पर हैं। यह बात मुख्यमंत्री ने सोमवार को श्री पंचायती नया उदासीन निर्वाणी अखाड़ा कनखल में आयोजित एक धार्मिक समारोह में कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ की तैयारियों को लेकर वे श्रीमहंत व महामंडलेश्वरों से प्रारंभिक बातचीत कर चुके हैं। महाकुंभ की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसमें संतों का मार्गदर्शन और स्थानीय लोगों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि संतों का समाज में अलग महत्व होता है। हरिद्वार का नाम आते ही सोच और श्रद्धा भिन्न होती है। हरिद्वार भारत की सनातन परंपरा का केंद्र बिंदु है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक व जिलाधिकारी दीपक रावत से कहा है कि महाकुंभ को लेकर सभी संतों व स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाए।

इससे पहले शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि दस माह के शासनकाल में विरोधी भी भ्रष्टाचार का एक भी आरोप सरकार पर नहीं लगा सके हैं। राज्य में ईमानदारी की स्वच्छ सरकार सत्तासीन है और ईमानदारी सरकार के कामकाज में झलक भी रही है। मुखिया महंत भगत राम ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि संत महंतों का आशीर्वाद लेने वाले हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं। मंच संचालन स्वामी हरि हरानंद शास्त्री ने किया।