गृहमंत्री अमित शाह की सुदृढ़ रणनीति से नक्शलयों का कुचक्र टूटा : पहली 103 खुंखार नक्शलियों का आत्मसमर्पण, भारत आयेंगे पुतिन रूस और भारत के व्यापार संबंध भी होंगे सुदृढ़, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की सौ रूपये का सिक्का व डाक टिकट जारी,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी है। इसके साथ ही उन्होंने एक लेख भी लिखा है। पीएम ने लिखा कि 100 वर्ष पूर्व विजयदशमी के महापर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी। ये हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा का पुनर्स्थापन था, जिसमें राष्ट्र चेतना समय-समय पर उस युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए,नए-नए अवतारों में प्रकट होती है. इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार है. ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने मिल रहा है। 

उन्होंने लिखा कि मैं इस अवसर पर राष्ट्र सेवा के संकल्प को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं. मैं संघ के संस्थापक, हम सभी के आदर्शपरम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. संघ की 100 सालों की इस गौरवमयी यात्रा की स्मृति में भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्के भी जारी किए हैं

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।

महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे

पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ॥

प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्रांगभूता

इमे सादरं त्वां नमामो वयम्।

त्वदीयाय कार्याय बद्धा कटीयं

शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये ॥

अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिं

सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्।

श्रुतं चैव युक्तं च दृढं च बुद्धिं

त्वयो दत्तया जायते राष्ट्ररक्षाम् ॥

समुत्कर्षो मेऽस्मिन्समाजेऽस्मदीये

भवत्याश्रयात्त्वत्कृपाया नृणाम्।

सहायास्त्वमेव सदा कार्येषु

मतः त्वाम नमामो वयम् भक्तिभावात् ॥

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।

महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे

पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ॥”*

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान भारत के सम्मान और ताक़त की गूंज है। पुतिन ने साफ कहा कि भारत कभी भी अपमान सहन नहीं करेगा और पीएम मोदी जैसे संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्रवादी नेता के नेतृत्व में भारत की गरिमा अडिग है। पुतिन ने यह भी कहा कि अगर भारत हमसे कच्चा माल नहीं लेता है, तो उसका नुकसान भारत को ही उठाना पड़ेगा और यह राजनीति नहीं, सच्चाई है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत की जनता मुझ पर भरोसा करती है और यही भरोसा भारत-रूस की दोस्ती की असली ताक़त है। पुतिन ने यह भी ऐलान किया कि वे दिसंबर की शुरुआत में भारत का दौरा करेंगे। यह मुलाक़ात दोनों देशों की साझेदारी और भी गहरी बनाने का संदेश देती है।:

पहले माओवादियों का नाम आते ही देश में डर और दहशत फैल जाती थी। उनका “पशुपति से तिरुपति” तक का नारा सुनकर लोग सहम जाते थे और सोचते थे कि अगर इतना बड़ा भूभाग माओवादियों के कब्ज़े में चला गया तो देश का क्या होगा। उस समय ये नारा न सिर्फ चुनौती था बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता पर गहरा संकट बनकर उभरता था।

लेकिन आज का भारत बदल चुका है। माओवादियों की ताकत टूट चुकी है, और उनकी धमकियाँ अब लोगों को डराती नहीं बल्कि हंसी का कारण बनती हैं। आज जब वही नारे लगाए जाते हैं तो देशवासी मुस्कुराकर पूछते हैं- “बचे ही कितने हो जो देश पर कब्ज़ा कर लोगे?” यह नया भारत है, जहाँ आतंक और हिंसा की जगह राष्ट्रभक्ति और सुरक्षा की गूंज सुनाई देती है।