प्रधानमंत्री ने मणिपुर जाकर दी 1200 करोड़ की और मिजोरम जाकर दी पहली बार नयी रेल की सौगात मोदी अपने विकास कार्यों से लकीर लम्बी कर रहे हैं विपक्षी आलोचना तक सीमित रह गये, नेपाल को पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शुशीला कार्की बोली धन्यवाद मोदी, प्रकृति का मौसम विभाग है टिटहरी अर्थात् ‘टिटूड़ी’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 13 सितंबर को मणिपुर के दौरे पर हैं। दो साल पहले यानी 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद यह मणिपुर की उनकी पहली यात्रा है। वे चुराचांदपुर पहुंच गए हैं। उन्होंने मणिपुर के लोगों को 12000 करोड़ रुपयों की विकास परियोजनाओं की सौगात के रूप में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। मणिपुर को पहली बार नयी रेल की सौगात भी प्रधानमंत्री मोदी देने जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस मणिपुर में मोदी का दौरा पचा नहीं पायी यहां युवा इकाई ने भी कांग्रेस भवन के पास प्रदर्शन किया, जो पीएम के कार्यक्रम स्थल से केवल 100 मीटर दूरी पर है पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ने से रोका, बारिश और जलभराव के उपरांत हजारों लोग मोदी के संबोधन को सुनने कांगला किले पहुंचे, मोदी ने मणिपुर में रोड़ शो भी किया। सड़क पर लाखों लोगों ने उनका स्वागत किया। मोदी 3000 करोड़ का स्पेशल पैकेज भी मणिपुर को दिया  मोदी जहां जाते हैं विकास की गंगा बहाते हैं अभी कल ही उत्तराखंड मोदी आए और चुपचाप उत्तराखंड को बाढ़ व भूस्खलन के संदर्भ में 12 अरब रुपए का मरहम पैकेज दे गए। प्रधानमंत्री कि यह विशेषता है कि वह जहां जाते हैं सबको अपना बना लेते हैं  पीएम मोदी ने मणिपुर के साथ ही मिजोरम का दौरा भी किया पहली बार मिजोरम को रेल की सौगात दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया, जो मिज़ोरम की राजधानी को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में निर्मित इस रेल लाइन परियोजना में जटिल भौगोलिक परिस्थितियों में 45 सुरंगें बनाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल भी सम्मिलित हैं।

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भारत के बाहरी और भीतरी दुश्मन जिनसे सचेत होने की आवश्यकता है। 

काठमांडू का हिल्टन होटल, जिस पर 8 अरब रुपये व्यय किए गए थे, अब सिर्फ़ खंडहर और राख बनकर रह गया है।

अगस्त 2024 में शुरू हुआ ये होटल केवल एक वर्ष पुराना था, लेकिन आग की भीषण घटना ने सब कुछ नष्ट कर दिया।

पहले और आज के दृश्य देखकर पता चलता है कि नेपाल के माओवादी #नक्शल और #जिहादी आपराधिक #घुसपैठियों के नेक्सिस सपनों का संसार कैसे शमशान बना दिया है।

पिछले चार पांच वर्षों से इतिहास में अजेय रहे नेपाल को पुन: हिन्दू राष्ट्र घोषित करने और राजशाही की परम्परा वापस लाने के लिए संघर्षरत नेपाल के हिन्दू वादी नेताओं और जन सामान्य का कहना है कि वे तो केवल हिंदू राष्ट्र की पुनः शांतिपूर्वक स्थापना के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, लेकिन अमेरिकी डीप स्टेट ने अचानक से नेपाल में इसी आन्दोलन का लाभ उठाने के लिए अपना माओवादी नक्सली औ घुसपैठियों को आंदोलन के बीच में घुसा कर केवल दो-तीन दिन में ही पूरे नेपाल को जला दिया। संसद जला दी, राष्ट्रपति भवन जला दिया, वहां के बड़े उद्योग और माॅल जला दिए या लूट लिए और वहां के बड़े होटल भी जला दिए देश के उद्योगपतियों और सुरक्षा व्यवस्था का दुश्मन यह नेक्स किसी भी देश को ऐसे जलाने में ही विश्वास रखता है।

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भारत के भीतर पलते सपोले

भारत को भी सावधान रहने की आवश्यकता है। जो देशद्रोही नेपाल को जलाने का समर्थन करे भारत में इसकी संभावना पर ज्ञान दे उसे भी तत्काल प्रभाव से शठेशाट्ठयंम् समाचरेत् किया जाना चाहिए।

शपोलों को अजगर बनने तक पाले रखना चाणक्य नीति के विरूद्ध है।

इस बार पितृपक्ष में INDI गठबंधन के दोनों ऐजेंडों का श्राद्ध हो गया।

🔥 INDI का पहला ऐजेंडा था , “धनखड़ सामने आएं” का शोर और दूसरा ऐजेंडा था, “मोदी मणिपुर जाएं” …

लेकिन इस कनागत में दोनों मुद्दे निपट गए।

धनखड़ भी सामने आ गए, और मोदी जी का भी मणिपुर दौरा भी हो गया।

इंडि गठबंधन को अब नए ऐजेंडे रचने होंगे यही उनकी विवशता है।

उठापटक के बाद संसद भंग कर दी गई है और देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।

यह निर्णय उस समय आया है, जब काठमांडू की सड़कों पर सोशल मीडिया प्रतिबंध और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन जारी हैं। हालात फिलहाल तनावपूर्ण हैं और सुरक्षाबल चौकन्ने हैं।सुशीला कार्की 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रहीं। अपनी निष्पक्ष छवि और प्रशासनिक अनुभव के लिए जानी जाने वाली कार्की को मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल में स्थिरता लाने और जनता का विश्वास बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों और जनता के असंतोष के बीच यह कदम नेपाल की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी पर लाने की कोशिश है। हालांकि सड़कों पर जारी आंदोलन को देखते हुए आने वाले दिन सरकार के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहेंगे।

 प्रकृति का मौसम विभाग है टिटहरी अर्थात् ‘टिटूड़ी’ 🦆
इसके आगे तो वैज्ञानिक भी फेल हैं 👇पहले ही बता दिया था कैसा रहेगा मानसून ⚠️
इस बार टिटहरी ने कई जगह छत पर अंडे दिये, सोशल मीडिया पर बहुत से फोटो ऐसे दिखे जिनमें इस पक्षी ने ऊंचाई पर अंडे दिए थे। जैसे कि खेत में बने मकान की छत पर 🤷
👉 टिटहरी ने 4 अंडे दिये हो तो समझो 4 महीने बारिश होगी।तीन दिये तो तीन महीने ही बारिश होगी।
👉 टिटहरी ने ऊँचाई वाली भूमि पर अंडे दिये तो समझो बहुत अच्छी बारिश के आसार है इस बार। जो कि सच भी साबित हुआ है ☑️
👉 अगर टिटहरी ने छत पर अंडे दे दिये है तो समझो पानी से बाढ़ व भारी क्षति होगी,, कई राज्य बाढ़ की चपेट में हैं।
👉 कभी आप टिटहरी को कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त देश में मृत नहीं देख सकते
👉 टिटहरी जिस खेत मे अंडे देती है वो खेत कभी खाली नहीं रहता, अच्छी फसल होती है।
👉 जिस वर्ष टिटहरी अंडे न दे या जमीन में नीचे गड्ढे में अंडे दे तो समझ लो अकाल पड़ेगा या कम बारिश होगी।
प्रकृति इनसे है, ये प्रकृति के पोषक हैं। जब विज्ञान नहीं था तब ये थे, भगवान ने इसलिए इन्हें बनाया। हम खो रहे हैं और भुगत रहे हैं इनको और प्राचीन मान्यताओं को अनदेखा करके , जैसे हिमाचल में बाढ़ आई कुत्ते ने सचेत किया था, जिन्दगी भी बचाई थी 🐕 कुछ लोग अब ज्ञान देंगे (वैज्ञानिक) युग का तो भाई ऐसा भी हुआ है मौसम विभाग (वैज्ञानिकों) ने भारी बारिश 🌧️ का अलर्ट ⚠️ जारी किया और उस समय बूंद तक नहीं पड़ी।( साभार) 
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Harish Maikhuri