भारत में आज चंद्र ग्रहण का काल मंत्र जप के लिए श्रेष्ठ है आपके प्रश्न व शंका समाधान, पितृपक्ष आरंभ अपने इस पक्ष में अपने पित्रों हेतु किए गये श्राद्ध तर्पण व दान का वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्व जाने, मैथली ठाकुर ने सिद्ध किया अच्छे कामो का परिणाम भी अच्छा ही होता है, आज का पंचाग आप का राशिफल

सितंबर 2025 को भारत में चंद्र ग्रहण दिखेगा. चंद्र ग्रहण के बाद सफेद चीजें, अनाज, वस्त्र, चांदी, काले तिल, जौ, गाय का दूध और गंगाजल दान करना शुभ माना जाता है.पूर्ण चन्द्र ग्रहण (शंका समाधान)

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पूर्ण चन्द्रग्रहण (भारत में दृश्य) 07 सितम्बर 2025

भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, दिनांक 07 सितम्बर, रविवार को यह ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, आस्ट्रेलिया, एशिया, हिन्द महासागर, यूरोप, पूर्वी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। आइसलैण्ड, अफ्रीका के पाश्चिमी भाग और अटलांटिक महासागर के कुछ भाग में उपच्छागा का अंत चन्द्रोदय के समय दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत के सभी हिस्सो में दिखाई देगा। पूरे देश में ग्रहण के आरम्भ से अंत तक सभी चरण दिखेगें इसका सूतक दोपहर 12:56 से आरम्भ हो जायेगा

ग्रहण की परिस्थितियाँ👉 (भारतीय मानक समय)

उपच्छाया प्रवेश👉 रात्रि 08:56 से

ग्रहण प्रारम्भ 👉 रात्रि 09:56 से

पूर्णता प्रारम्भ👉 मध्यरात्रि 11:00 से

ग्रहण मध्य👉 मध्यरात्रि 11:41 से

पूर्णता समाप्त 👉 मध्यरात्रि 12:23 से

ग्रहण समाप्त (मोक्ष) 👉 मध्य रात्रि 01:26 पर।

उपच्छाया अन्त 👉 मध्यरात्रि 02.26 पर

ग्रहण (परिमाण) 👉 1:368

ग्रहण की अवधि 👉 3 घण्टे 30 मिनट

पूर्णता की अवधि 👉 01 घंटा 23 मिनट

यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत मे पूर्ण रूप से दिखाई देगा अतः धर्मनिष्ठ एवं श्रद्धालुजनों को ग्रहण-संबंधी पथ्य-अपथ्य का विचार करते हुए ग्रहण संबंधी व्रत-दानादि का अनुष्ठान करना चाहिए। 

क्या है चंद ग्रहण पौराणिक एवं वैज्ञानिक मान्यता

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एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार समुद्र मंथन के दौरान असुरों और दानवों के बीच अमृत के लिए घमासान चल रहा था इस मंथन में अमृत देवताओं को मिला लेकिन असुरों ने उसे छीन लिया अमृत को वापस लाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी नाम की सुंदर कन्या का रूप धारण किया और असुरों से अमृत ले लिया जब वह उस अमृत को लेकर देवताओं के पास पहुंचे और उन्हें पिलाने लगे तो राहु नामक असुर भी देवताओं के बीच जाकर अमृत पिने के लिए बैठ गया जैसे ही वो अमृत पीकर हटा, भगवान सूर्य और चंद्रमा को भनक हो गई कि वह असुर है तुरंत उससे अमृत छिना गया और विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी। क्योंकि वो अमृत पी चुका था इसीलिए वह मरा नहीं उसका सिर और धड़ राहु और केतु नाम के ग्रह पर गिरकर स्थापित हो गए। ऐसी मान्यता है कि इसी घटना के कारण सुर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगता है, इसी वजह से उनकी चमक कुछ देर के लिए चली जाती है। इसके साथ यह भी माना जाता है कि जिन लोगों की राशि में सुर्य और चंद्रमा मौजूद होते हैं उनके लिए यह ग्रहण बुरा प्रभाव डालता है।  

वहीं, विज्ञान के अनुसार यह एक प्रकार की खगोलीय स्थिति है. जिनमें चंद्रमा, पृथ्वी और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं। इससे चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया से होकर गुजरता है, जिस वजह से उसकी रोशनी फिकी पड़ जाती है।

ग्रहण-सूतक के समय पालनीय

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सूतक के समय तथा ग्रहण के समय दान तथा जापादि का महत्व माना गया है. पवित्र नदियों अथवा तालाबों में स्नान किया जाता है। मंत्र जाप किया जाता है तथा इस समय में मंत्र सिद्धि का भी महत्व है। तीर्थ स्नान, हवन तथा ध्यानादि शुभ काम इस समय में किए जाने पर शुभ तथा कल्याणकारी सिद्ध होते हैं। धर्म-कर्म से जुड़े लोगों को अपनी राशि अनुसार अथवा किसी योग्य ब्राह्मण के परामर्श से दान की जाने वाली वस्तुओं को इकठ्ठा कर के रख लेना चाहिए फिर अगले दिन सुबह सूर्योदय के समय दुबारा स्नान कर संकल्प के साथ उन वस्तुओं को योग्य व्यक्ति को दे देना चाहिए।

ग्रहण-सूतक में वर्जित कार्य 

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सूतक के समय और ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श करना निषिद्ध माना गया है। खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना आदि कार्य भी इस समय वर्जित हैं. इस समय झूठ बोलना, छल-कपट, बेकार का वार्तालाप और मूत्र विसर्जन से परहेज करना चाहिए. सूतक काल में बच्चे, बूढ़े, गर्भावस्था स्त्री आदि को उचित भोजन लेने में कोई परहेज नहीं हैं।

सूतक आरंभ होने से पहले ही अचार, मुरब्बा, दूध, दही अथवा अन्य खाद्य पदार्थों में कुशा तृण डाल देना चाहिए जिससे ये खाद्य पदार्थ ग्रहण से दूषित नहीं होगें। अगर कुशा नहीं है तो तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं. घर में जो सूखे खाद्य पदार्थ हैं उनमें कुशा अथवा तुलसी पत्ता डालना आवश्यक नहीं है।

ग्रहण में क्या करें, क्या न करें ?

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चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है। श्रेष्ठ साधक उस समय उपवासपूर्वक ब्राह्मी घृत का स्पर्श करके ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का आठ हजार जप करने के पश्चात ग्रहणशुद्धि होने पर उस घृत को पी ले। ऐसा करने से वह मेधा (धारणशक्ति), कवित्वशक्ति तथा वाक् सिद्धि प्राप्त कर लेता है। सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक ‘अरुन्तुद’ नरक में वास करता है। सूर्यग्रहण में ग्रहण चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर (9) घंटे पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं। ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए। ग्रहण वेध के प्रारम्भ में तिल या कुश मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए। ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव-पूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्रसहित) स्नान करना चाहिए। स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं। ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए। ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए। ग्रहण के स्नान में कोई मंत्र नहीं बोलना चाहिए। ग्रहण के स्नान में गरम जल की अपेक्षा ठंडा जल, ठंडे जल में भी दूसरे के हाथ से निकाले हुए जल की अपेक्षा अपने हाथ से निकाला हुआ, निकाले हुए की अपेक्षा जमीन में भरा हुआ, भरे हुए की अपेक्षा बहता हुआ, (साधारण) बहते हुए की अपेक्षा सरोवर का, सरोवर की अपेक्षा नदी का, अन्य नदियों की अपेक्षा गंगा का और गंगा की अपेक्षा भी समुद्र का जल पवित्र माना जाता है। ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है। ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन – ये सब कार्य वर्जित हैं। ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सूअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है। गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए। तीन दिन या एक दिन उपवास करके स्नान दानादि का ग्रहण में महाफल है, किन्तु संतानयुक्त गृहस्थ को ग्रहण और संक्रान्ति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए। भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- ‘सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है।’ ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम-जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है। ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है। (स्कन्द पुराण) भूकंप एवं ग्रहण के अवसर पर पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए। (देवी भागवत) अस्त के समय सूर्य और चन्द्रमा को रोगभय के कारण नहीं देखना चाहिए।  

🍀🌹आध्यात्मिक ज्ञान 🌹

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उक्त लिंक में पितृपक्ष का इतना सुन्दर वैज्ञानिक विवेचन… DNA सहित… अवश्य सुनें।

जीते जी अपने परिवार के प्रति दायित्व, अपने माता पिता के प्रति संतति के #दायित्वों का विनम्र भाव से निर्वहन करते हुए और उनको #भगवान जानते हुए विनम्र भाव से उनकी आज्ञा का पालन करें, और उनके देह त्याग के उपरांत उनका #अंतिम_संस्कार व #पितृपक्ष में उनका #श्राद्ध करना ऐसी महान परम्परा केवल सनातन धर्म जैसी महान #सभ्यता में ही है।

आपको आश्चर्य होगा श्राद्धकर्म श्राद्ध पक्ष में जो हम पिंड तर्पण दान करते हैं वह उन्हें जिस रुप में हमारे पितृ उस काल में विद्यमान है उनकी आवश्यकता के अनुसार उन्हें प्राप्त होता है।

यह विज्ञान हमें ऋषियों से मिला है। ऋषि का अर्थ होता लाखों वर्षों का अनुभूतजन्य शोध (रिसर्च) का लोक कल्याणकारी परिणाम या प्रतिफल।

जो श्राद्धकर्म विषय की वैज्ञानिकता एवं उसके पीछे के सूक्ष्म विज्ञान का कारण नहीं जानते और श्राद्ध पर प्रश्न करते हैं या अनावश्यक बातें बनाते हैं वे सृष्टि के कालक्रम से अनविज्ञ हैं, शास्त्रों की परम्परा व वैज्ञानिक कारण उन्हें ज्ञात नहीं है।

विशेष रूप से विश्व के अज्ञानी दुराचारी व्यभिचारी यूरोपीय #ईसाई_कबीलों और दुर्दांत हिंसक लुटेरे खाड़ी देशों के #कसाई_कबीलों और उनके म्लेच्छ अनुयायियों में ऐसी महान परम्परा आयेगी भी कहां से? क्योंकि अद्वितीय विज्ञान वेद शास्त्रों के अध्ययन और संस्कार से आती है, यह मनुष्यों का विज्ञान है।✍️हरीश मैखुरी 

पूरे देश में इन दिनों बांग्लादेश और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ अभियान जोरों पर चल रहा है. नाम बदलकर रह रहे घुसपैठियों को पकड़-पकड़कर उनके मूल देश वापस भेजा रहा है.

इस मुहिम में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा सबसे आगे नजर आते हैं. वे न केवल सख्ती से अभियान चलाकर सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त करवा रहे हैं बल्कि वहां बसे बांग्लादेशियों को वापस उनके वतन भी खदेड़ रहे हैं. असम सरकार ने मंगलवार को भी 24 बांग्लादेशियों को उनके मूल देश वापस भेजा. इस मौके पर उन्होंने जो मजेदार ट्वीट किया, वह जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

‘दयालु राष्ट्र होने के नाते हम उन्हें पीछे धकेल देते हैं’

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने लिखा, ‘अक्सर कुछ लोग अपना असली घर भूल जाते हैं और सीमा के इस पार भटक जाते हैं, लेकिन एक दयालु राष्ट्र होने के नाते, हम उन्हें पीछे धकेल देते हैं. आज 24 बांग्लादेशियों को पीछे धकेल दिया गया. शुभ यात्रा!’

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए कौन हैं?

बताते चलें कि 1985 में हुए असम समझौते के तहत 24 मार्च 1971 के बाद असम में प्रवेश करने वाले लोग अवैध नागरिक हैं. अवैध घुसपैठ शुरू से ही असम में एक बड़ा मुद्दा रहा है. इस मुद्दे को असम के लोग अपने अस्तित्व के खतरे से भी जोड़कर देखते रहे हैं. वर्तमान में राज्य में मुसलमानों की आबादी 34 प्रतिशत को पार कर चुकी है, जिसमें बड़ी संख्या संख्या अवैध बांग्लादेशी मुसलमानों की बताई जा रही है.

सरकारी जमीनों पर कर डाले हैं कब्जे

सरकार का कहना है कि इन अवैध घुसपैठियों ने राज्य के जंगल, चरागाह, नदी-नालों पर कब्जा कर वहां पर मस्जिद-मजार और मदरसे बना लिए हैं. उन्हें बसाने में कई राजनीतिक दलों के अलावा जमीयत और कई इस्लामिक संगठन भी खुलकर सहयोग करते हैं. मुस्लिमों की लगातार बढ़ रही संख्या से स्थानीय असमी लोग खुद को बेहद असहज महसूस कर रहे हैं और अवैध घुसपैठियों के साथ उनका तनाव भी लगातार बढ़ रहा है.

घुसपैठियों को मूल देश धकेला जा रहा

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को उनके मुल्क वापस भेजने की पहल पहले भी हो रही थी. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद इसमें तेजी आ गई है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर अवैध घुसपैठियों को हिरासत में लेकर उनके मूल देश डिपोर्ट करने को कहा है. इस निर्देश के बाद दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, महाराष्ट्र, ओडिशा और असम में बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों को ढूंढ-ढूंढकर उनके मूल देश में वापस धकेला जा रहा है.

अच्छे कामो का परिणाम भी अच्छा ही होता है । भोजपुरी में ना जाने कितने गायक आये और चले गए । जिसे अपनी संस्कृति अपनी माटी पर गर्व होता है , जो किसी भी परिस्थिति में अच्छे काम को छोड़ता नही चाहे सफर कितना भी लम्बा क्यों न तय करना पड़े , वही सदैव अस्तित्व में बना रहेगा । सुरुआत के दौर में Maithili Thakur अगर यह सोच कर अच्छे लोकगीत गाना बंद कर देती की आजकल लोग लोकगीत नही सुनते और बेकार के भद्दे गीतों की तरफ अपना रुख कर लेती तो शायद आज उनकी मिशाल न दी जाती। आज सेलिब्रिटी भी मैथिली के साथ सेल्फी लेते दिख जाते हैं। ये होता है अच्छे कामों का परिणाम जो इतिहास में दर्ज हो जाता है ।❤️🙏🙏

 🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️

🌤️ *दिनांक – 07 सितम्बर 2025*

🌤️ *दिन – रविवार*

🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*🌤️ *शक संवत – 1947*

🌤️ *अयन – दक्षिणायन*

🌤️ *ऋतु – शरद ऋतु* 

🌤️ *मास – भाद्रपद*🌤️ *पक्ष – शुक्ल* 

🌤️ *तिथि – पूर्णिमा रात्रि 11: 38 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*

🌤️ *नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 09:41 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*

🌤️ *योग – सुकर्मा सुबह 09:23 तक तत्पश्चात धृति*

🌤️ *राहुकाल – शाम 05:16 से शाम 06:49 तक*

🌤️ *सूर्योदय – 06:24*, 🌤️ *सूर्यास्त – 06:48*

👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*

🚩 *व्रत पर्व विवरण – व्रत पूर्णिमा, भाद्रपद पूर्णिमा, प्रौष्ठपदी पूर्णिमा, संयासी चतुर्मास समाप्त, पितृपक्ष प्रारंभ, महालय श्राद्ध आरंभ, पूर्णिमा का श्राद्ध, पंचक, खग्रास चंद्रग्रहण (भारत मे दिखेगा, ग्रहण के नियम पालनीय है) (ग्रहण समय : रात्रि 09:57 से मध्यरात्रि 01:26 तक)*

💥 *विशेष – पूर्णिमा व व्रत और रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

👉🏻 *चंद्रग्रहण मे इस विधि से करोड गुना पुण्य प्राप्त होगा*⤵️

🌷 *श्राद्ध के लिए विशेष मंत्र* 🌷

🙏 *” ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा । “*

🌞 *इस मंत्र का जप करके हाथ उठाकर सूर्य नारायण को पितृ की तृप्ति एवं सदगति के लिए प्रार्थना करें । स्वधा ब्रह्माजी की मानस पुत्री हैं । इस मंत्र के जप से पितृ की तृप्ति अवश्य होती है और श्राद्ध में जो त्रुटी रह गई हो वे भी पूर्ण हो जाती है।

👉🏻 *गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल में इन बातों को जरूर ध्यान रखें*⤵️

🌷 *ग्रहण दर्शन ना करें* 🌷

🌗 *कोई-कोई TV Channel वाले नादान होते हैं.. ग्रहण का दृश्य लाईव दिखाते हैं .. ये नहीं देखना चाहिए और ग्रहण की छाया भी हम पर न पड़े इसका ध्यान रखना चाहिए*

👉🏻 *शास्त्र अनुसार तिथि अनुसार श्राद्ध कर्म करने से पित्र संतुष्ट होतै है*⤵️

🌷 *ग्रहण के समय उसके देवता का मंत्र जप* 🌷

🌔 *ग्रहण का समय हो तो उस समय ग्रहण के देव का नाम जप करने से उस ग्रह का माने सूर्य या चन्द्र का विशेष आशीवार्द प्राप्त होते हैं चन्द्र ग्रहण में चन्द्र देव का मंत्र …*

🌷 *ॐ सोमाय नमः*

🌷 *ॐ रोहिणी कान्ताय नमः*

🌷 *ॐ चन्द्रमसे नमः*

🙏🏻🌷🌻☘🌹🌼🌺💐🌷🙏🏻

*आज का राशिफल ⚜️*

*दिनांक : 07 सितंबर 2025*

🐐🐂💏💮🐅👩〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपके लिए लाभप्रद रहेगा। आप जिस कार्य को वृथा भाग-दौड़ वाला समझेंगे वही धन लाभ कराएगा। लापरवाही स्वभाव में दिनभर बनी रहेगी जिसके चलते कुछ ना कुछ हानि अवश्य उठानी पड़ेगी। कार्यक्षेत्र पर सहकर्मी अथवा नौकरों के ऊपर अति विश्वास नुकसान करा सकता है इसका ध्यान रखें। मध्यान्ह के आसपास विचित्र स्थिति बनेगी परिजन अथवा अन्य कोई वरिष्ठ व्यक्ति जिस कार्य को करने के लिए मना करेगा आप जबरदस्ती उस कार्य को करेंगे आरंभ में विरोध भी देखना पड़ेगा लेकिन सफलता मिलने पर सभी बगलें झांकने नजर आएंगे। जीवनसाथी को आप के कारण कुछ कष्ट हो सकता है। व्यवहार कुशल रहें अन्यथा घरेलू सुख को भूल ही जाएं। आज दिन के आरंभ में ही शनि संबंधित वस्तुओं का दान करने से प्रत्येक कार्य में सफलता की संभावना बढ़ेगी। सेहत व्यसन अथवा चोट के कारण गड़बड़ हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आपकी उम्मीद पर खरा उतरेगा। आज दिन के आरम्भ में घरेलू मामलों को लेकर लापरवाही करेंगे। लेकिन आज व्यवसायिक कार्यों में अधिक गंभीरता दिखाएंगे। कार्यक्षेत्र पर धन की आमद रुक-रुककर होती रहेगी। आज जहां से सहज काम नहीं बनेगा वहां से दंड की नीति भी अपना सकते हैं। सहकर्मी अधीनस्थों को डरा धमका कर अपना काम चलाएंगे। पारिवारिक वातावरण कुछ समय के लिए उथल पुथल होगा। किसी परिजन की अनैतिक मांग को लेकर जिद बहस हो सकती है। परिवार के बड़े बुजुर्ग कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौप कर दुविधा में डालेंगे। संध्या का समय थकान से भरा रहेगा फिर भी मनोरंजन के अवसर तलाश ले लेंगे। सर दर्द अथवा बुखार की शिकायत हो सकती है। 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपमें अध्यात्म के प्रति विशेष लगाव रहेगा। मन में धर्म के गूढ विषयों को जानने की जिज्ञासा रहेगी। व्यस्तता एवं व्यवधानों के बाद भी दिन का कुछ समय धार्मिक कार्यों के साथ टोने टोटको के प्रयोग में भी देंगे। कार्यक्षेत्र पर मध्यान तक विविध उलझनों का सामना करना पड़ेगा। जिस किसी से भी सहयोग की आशा रखेंगे वही अपने निजी परेशानी बता कर पीछा छुड़ाएगा। फिर भी आज युक्ति मुक्ति लगाकर आवश्यकता अनुसार धन प्राप्त कर ही लेंगे। परिवार में अचल संपत्ति को लेकर कुछ ना कुछ परेशानी खड़ी होगी निवास स्थान में परिवर्तन के बारे में भी विचार कर सकते हैं।

विदेश अथवा अन्य लंबी दूरी की यात्रा में अक्समात बाधा आने से मन निराश होगा। संध्या का समय मानसिक बेचैनी फिर भी दिन की अपेक्षा ठीक ही रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज दिन के आरंभ से ही सेहत में उतार-चढ़ाव आना शुरू हो जाएगा। इस वजह से दिनचर्या अस्त-व्यस्त ही रहेगी कार्यक्षेत्र पर जिस आशा से कार्य करेंगे उस में कुछ ना कुछ कमी रहेगी। उलझे हुए कार्यों को अपनी अथवा किसी निकटस्थ स्वजन की पद-प्रतिष्ठा का हवाला देकर पूर्ण करने का प्रयास करेंगे लेकिन इसमें भी कुछ अड़चन ही आएगी। आज केवल पैतृक कार्यों से बिना किसी झंझट के सहज लाभ कमा लेंगे। अन्य कार्यों से भी जोड़-तोड़ करने का प्रयास करेंगे लेकिन सफलता संदिग्ध ही रहेगी। कोई व्यावसायिक अथवा घरेलू कार्य से यात्रा की योजना अंत समय में निरस्त करनी पड़ सकती है। आरंभ में यह निराशा बढ़ाएगी लेकिन आज यात्रा में कुछ ना कुछ अनिष्ट होने का डर है यथासंभव टालना ही बेहतर है। घर में जीवनसाथी अथवा किसी अन्य प्रियजन को शारीरिक कष्ट पहुंच सकता है स्वयं भी जोखिम वाले कार्यों से बचें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन बीते कई दिनों की तुलना में बेहतर रहने वाला है। पूर्व में मिली असफलताओं के चलते आज कार्य व्यवसाय के प्रति ज्यादा उत्साह नहीं रहेगा लेकिन आज कार्य क्षेत्र से अवकाश लेना महंगा पड़ सकता है। दोपहर तक परिश्रम के बाद धन की आमद आरंभ हो जाएगी आज पूर्व में जो सौदे मजबूरी में निरस्त करने पड़े थे। वह पुनः मिलने से कुछ ना कुछ लाभ दे कर जाएंगे। धन की आमद आशाजनक तो नहीं दैनिक आवश्यकता से अधिक ही होगी। नौकरी पेशा लोग कार्य पूर्ण करने के दबाव में जल्दबाजी करेंगे। घर परिवार में संतान अथवा किसी अन्य महत्वपूर्ण कारण से दोराय रहेगी। आप जिस कार्य को करने के पक्ष में रहेंगे परिजन उसके विपरीत ही अपना निर्णय लेंगे। अनैतिक मार्ग से धन कमाने का अवसर मिलेगा इसमें कुछ ना कुछ फायदा ही होगा। आकस्मिक अथवा पर्यटक यात्रा करनी पड़ेगी। सेहत सामान्य रहेगी लेकिन शुगर के रोगियों को चोट अथवा घाव होने से गंभीर परेशानी हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आप थोड़ी-बहुत मानसिक बेचैनी को छोड़ चैन से ही बताएं। कार्यक्षेत्र पर कम परिश्रम से अधिक लाभ मिल सकता है। पर थोड़ी गुप्त युक्तियों का सहारा भी लेना पड़ेगा। किसी महत्वपूर्ण सौदे अथवा कार्य को लेकर मन में भय की स्थिति बनेगी यहां स्वयं निर्णय लेने से बचें अनुभवी व्यक्ति की सलाह अवश्य लें लाभ नहीं तो नुकसान से भी बचेंगे। धन की आमद आश्चर्यजनक होने पर कई दिनों से लगा आर्थिक सूखा मिटेगा। लेकिन विविध खर्चे पहले ही सर पर रहने के कारण बचेगा नहीं। पारिवारिक वातावरण किसी न किसी बात पर आपकी इच्छा के विरुद्ध ही रहेगा। इस कारण घर से ज्यादा बाहर समय बिताना पसंद करेंगे। भाई बंधुओं से अति आवश्यक होने पर ही बात करें अन्यथा आपको व्यर्थ की बातों में उलझाकर कलह कर सकते हैं। आज यात्रा से बचे वाहन अथवा उपकरणों से भी सावधानी रखें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपके लिए सामान्य फलदायक रहेगा। दिन के आरंभ में माता अथवा किसी अन्य परिजन से मतभेद हो सकते हैं। इसका प्रमुख कारण आपके अंदर अतिआत्मविश्वास एवं परिजनों के विरुद्ध कार्य करना होगा। कार्य क्षेत्र पर आज थोड़ी तेजी रहेगी धन की आमद थोड़े से प्रयास के बाद हो जाएगी लेकिन कार्य करते हुए भी मन में अनजाना भय रहने से खुलकर निर्णय नहीं ले पाएंगे। आज परिजन अथवा किसी अन्य विशेष व्यक्ति के कारण मानसिक बंधन भी अनुभव करेंगे। संध्या का समय दिन की अपेक्षा राहत भरा रहेगा। किसी प्रियजन से मुलाकात होगी सम्मान उपहार का आदान प्रदान मन को प्रसन्न रखेगा। आज दिनभर जिस व्यक्ति को दोष देंगे संध्या के आसपास वही किसी महत्वपूर्ण कार्य को बनाने में सहयोगी बनेगा। सरकारी कार्य बनाने के लिए धन खर्च करना पड़ेगा। आज किसी गुम चोट अथवा गुप्त रोग के कारण परेशानी हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपके लिए विपरीत फलदायक रहेगा। आप अपनी ही गलती से शत्रु वृद्धि करेंगे। दिन के आरंभ में किसी पारिवारिक सदस्य से व्यर्थ की जिद बहस होगी इसका निर्णय कुछ नहीं निकलेगा लेकिन परिवार में अशांति फैलेगी। आज अध्यात्म के प्रति कुछ ज्यादा आस्था नहीं रहेगी फिर भी कार्यक्षेत्र पर पूर्व में किए किसी परोपकार का फल धन लाभ के रुप में मिल सकता है। कार्यक्षेत्र पर सहकर्मी अथवा अधीनस्थ निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए आपके गलत निर्णय पर भी हां में हां मिलाएंगे। कई दिनों से अटके सरकारी कार्य प्रयास करने पर या तो तुरंत बन जाएंगे अथवा परिणाम आप के विरुद्ध जा सकता है। संध्या का समय मित्र परिचितों के साथ आनंद में बिताएंगे लेकिन मित्र मंडली में बैठते समय आज भावुक होने से बचे अन्यथा सार्वजनिक क्षेत्र पर अपमान जैसी स्थिति बन सकती है। खानपान देखभाल कर करें पेट संबंधित परेशानी अन्य रोगों का कारण बन सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप व्यर्थ की उलझन में फंस सकते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र पर वाणी एवं व्यवहार का प्रयोग बहुत सोच-समझकर करें कोई व्यक्ति केवल अपने मनोरंजन के लिए आपको विविध प्रकार से परख सकता है। कार्यक्षेत्र पर बुद्धि विवेक एवं धैर्य का परिचय देंगे लेकिन आज ना चाहकर भी उधार के व्यवहार बढ़ने से आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा। दोपहर के बाद धन लाभ के अवसर उपलब्ध होंगे फिर भी आर्थिक आमद संतोष प्रदान नहीं कर पाएगी। आज आप लंबी यात्रा की योजना भी बनाएंगे। संध्या बाद का समय सभी प्रकार से संतोषजनक रहेगा मित्र परिजनों के साथ वाहन उत्तम भोजन का सुख मिलेगा। सेहत भी आज के बीते दिन की तुलना में ठीक ही रहेगी फिर भी ठंडी वस्तुओं के प्रयोग से परहेज करें। बाहर ठीक रहेंगे पर घर में आते ही मन विचलित होगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप परिस्थिति अनुसार स्वयं को ढालने में सफल रहेंगे। आप की मानसिकता जितना मिल जाए उतने में संतोष करने की रहेगी। लेकिन परिजन विशेषकर परिवार के छोटे सदस्य अन्य लोगों की देखा-देखी किसी बहुमूल्य कार्य अथवा वस्तु के लिए जिद कर आपको दुविधा में डालेंगे। आज व्यवसायी हो या नौकरीपेशा दैनिक सुख सुविधा की पूर्ति के लिए किसी को भी ज्यादा भाग दौड़ करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी नहीं आप इसके पक्ष में रहेंगे। कार्य क्षेत्र से धन की आमद मध्यान्ह के बाद अक्समात बढ़ेगी। आज पुराने आर्थिक व्यवहार के कारण किसी से कहासुनी होने की संभावना है। घर का वातावरण भी कुछ समय के लिए उग्र होगा लेकिन आपके नरम व्यवहार के कारण गंभीर रूप धारण नहीं कर पाएगा। संध्या का समय दिन भर की उलझन को भुलाकर शांति से बिताएंगे। लेकिन भविष्य की चिंता मन में लगी ही रहेगी। किसी न किसी रूप में चोट घाव का भय है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आप का मन वर्जित कार्यों के प्रति सहज आकर्षित होगा। स्वभाव में भावुकता भी अधिक रहेगी किसी की कही सुनी बातों पर तुरंत विश्वास कर लेंगे। जिसके परिणाम स्वरुप बाहरी संपर्कों की हानि एवं बदनामी हो सकती है। कार्यक्षेत्र पर उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा नौकरी पेशा जातक फिर भी परिस्थिति अनुसार स्वयं को ढाल लेंगे लेकिन व्यवसायी वर्ग को ऐसा करने में परेशानी होगी। फिर भी धन लाभ आज एक से अधिक मार्ग से होगा भले ही थोड़ी थोड़ी मात्रा में ही हो। पारिवारिक वातावरण में असंतोष की भावना रहेगी। स्वयं अथवा परिजन के अनैतिक आचरण के कारण पड़ोसी अथवा किसी अन्य से झगड़ा होने की संभावना है। व्यर्थ के खर्चों पर नियंत्रण रखना आवश्यक है अन्यथा ऋण वृद्धि होगी। पैतृक सुख सुविधा की वृद्धि के चक्कर में शत्रु वृद्धि के साथ शारीरिक कष्ट भी उठाना पड़ेगा। किसी भी आकस्मिक घटना दुर्घटना के लिए पहले से ही तैयार रहें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके लिए हानिकारक रहेगा। आप किसी भी कार्य को पूरी तरह से देखे भाले बिना ही अपना निर्णय देंगे अथवा बिना जांच पड़ताल किए उस पर कार्य आरंभ कर देंगे। इस कारण बाद में आर्थिक हानि के साथ समय भी बर्बाद होगा। कारोबारियों को आज कम समय में अथवा कम निवेश में ज्यादा लाभ कमाने के प्रलोभन मिलेंगे इनको बिना सोचे समझे ही मना कर दें यही आपके लिए हितकर रहेगा। धन की आमद ले-देकर कामचलाऊ हो ही जाएगी लेकिन मन को संतोष नहीं होगा। परिवार में आज अपने बुद्धि विवेक से तालमेल बैठाए रखेंगे। लेकिन घर के छोटे सदस्य एवं महिलाओं को परिस्थिति अनुसार ढालने में असमर्थ होंगे। संध्या के बाद परिस्थिति में धीरे-धीरे सुधार आने लगेगा फिर भी आर्थिक व्यवहार आज किसी से ना करें। रक्तचाप की शिकायत हो सकती है। वाहन आदि से भी सतर्कता बरतें।