उत्तराखंड में धामी सरकार की सराहनीय पहल अब विद्यालयों में गीता आदि महान ग्रन्थों की नैतिक व चारित्रिक शिक्षा, मीनाक्षी अम्मा 75 वर्ष की आयु में भारत की प्राचीन मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू की सबसे वरिष्ठ और प्रेरणादायक गुरू हैं, आज का पंचाग आप का राशिफल

जब लोक कहते हैं कि आयु बढ़ने पर कदम धीमे हो जाते हैं, तब मीनाक्षी अम्मा इस सोच को अपने साहस और संकल्प से झुठला देती हैं। 75 वर्ष की आयु में वो भारत की प्राचीन मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू की सबसे वरिष्ठ और प्रेरणादायक गुरू हैं।

सात साल की उम्र में अपने पिता के साथ पहली बार जब उन्होंने कलारी देखा, तभी से यह कला उनके जीवन का हिस्सा बन गई। उस दौर में लड़कियों को इसे सीखने की अनुमति नहीं थी, लेकिन मीनाक्षी अम्मा ने परंपराओं को तोड़ते हुए न केवल खुद सीखा, बल्कि इसे आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया।

आज उनके गुरुकुल में 150 से अधिक छात्र, बिना किसी भेदभाव के इस प्राचीन विद्या को सीखते हैं — लड़के हों या लड़कियाँ। उनके लिए यह सिर्फ एक युद्ध कला नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का मार्ग है।

शादी के बाद भी उन्होंने अभ्यास नहीं छोड़ा, भले ही समाज के डर से यह अभ्यास दरवाज़ों के पीछे करना पड़ा हो। उनके पति का सपना था कि यह विद्या हर जाति, लिंग और वर्ग तक पहुँचे — और मीनाक्षी अम्मा उसी सपने को साकार कर रही हैं।

आज, उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया जा चुका है, लेकिन उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान तब होता है, जब उनका हर शिष्य खुद को मजबूत और सक्षम महसूस करता है।

60 से अधिक प्रदर्शन, अटूट ऊर्जा और अडिग हौसला — मीनाक्षी अम्मा आज भी दिखा रही हैं कि सीमाएं तो स सोच की होती हैं।

नमन है मीनाक्षी अम्मा, आपके हौसले, समर्पण और प्रेरणा को। 🙏🌟

मैं गीता की कसम खाता हूं कि …

सरकारी स्कूलों में गीता के श्लोक क्या गूंजे कि कुछ लोगों को बेचैनी होने लगी। आमतौर पर सरकार के ऐसे फैसलों के खिलाफ विपक्षी दल मुखर होते हैं लेकिन हैरानी की बात है कि इस बार अध्यापकों का एक संगठन इसकी खिलाफत में जुट गया। प्रोएक्टिव होकर एसोसिएशन ने शिक्षा निदेशक को एक मेल भेजी और सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जता डाली। ऐसे गुरुजनों को कौन समझाए कि भले ही गीता को धार्मिक ग्रंथ माना जाता हो लेकिन वास्तव में उसमें जीवन का सार है जिसका दृष्टिकोण वैज्ञानिक और व्यवहारिक है। इस विवाद के बहाने मुझे हिन्दी फिल्मों का एक मशहूर डायलॉग याद आ गया कि ‘मैं गीता पर हाथ रखकर कसम खाता हूं कि मैं जो भी कहूंगा सच कहूंगा, सच के सिवा कुछ नहीं कहूंगा’।

गीता को जीवन के हर क्षेत्र में पथ प्रदर्शक माना गया है। वैज्ञानिक आधार होने के कारण सदियों से इस ग्रंथ की व्यापक स्वीकार्यता रही है, इसीलिए तो गीता पर हाथ रखकर शपथ उठाने की परम्परा मुगल शासन में शुरू हुई थी। हालांकि मुस्लिम शासकों ने उस वक्त इसे लेकर कोई कानून नहीं बनाया गया था बल्कि यह विशुद्ध रूप से एक दरबारी प्रथा थी। हिन्दू ही नहीं मुस्लिम भी गीता के उपदेशों को जीवन का सार मानते थे। गीता की व्यापक स्वीकार्यता से चिढ़े अंग्रेजों ने ‘फूट डालो और राज करो’ के सूत्रवाक्य को आत्मसात करते हुए बाद में इसे कानूनी जामा पहना दिया और ‘इंडियन ओथ्स एक्ट 1873’ पास किया। फिर सभी अदालतों में इसे लागू कर दिया गया था। इस एक्ट के तहत हिंदू सम्प्रदाय के लोगों को गीता, मुस्लिम संप्रदाय को कुरान और ईसाइयों को बाइबल पर हाथ रखकर कसम खाने की व्यवस्था तय कर दी गई। अंग्रेज चाहते तो उस वक्त गीता के स्थान पर रामायण को शामिल कर सकते थे लेकिन गीता की व्यापक स्वीकार्यता को सीमित करने के लिए उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनकी सोच थी कि गीता की सिर्फ और सिर्फ हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ के रूप में ही पहचान रहे। हालांकि, अदालत में पवित्र किताब पर हाथ रखकर कसम खाने की यह प्रथा स्वतंत्र भारत में भी 1957 तक कुछ शाही अदालतों, जैसे बॉम्बे हाईकोर्ट आदि में चालू थी, जो 1969 में पूर्ण रुप से समाप्त हुई। इसके स्थान पर ‘ओथ्स एक्ट 1969’ पास किया गया और इस प्रकार पूरे देश में एक समान शपथ कानून लागू कर दिया गया है। मौजूदा समय में शपथ सिर्फ एक सर्वशक्तिमान भगवान के नाम पर दिलाई जाती है।

अब आपको बताते हैं कि हाल के दिनों में उत्तराखण्ड के सरकारी स्कूलों में गीता के श्लोक का वाचन करने की शुरूआत कैसे हुई। दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्र छात्राओं को भारतीय ज्ञान परम्परा का आधार और ज्ञान प्रणाली का अध्ययन कराया जाना है। इसके लिए शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम और सम्बंधित पुस्तकें अगले लागू की जानी हैं। अधिकांश लोग इस बात से सहमत होंगे कि इसके लिए गीता सर्वाधिक उपयोगी साबित हो सकती है। क्योंकि गीता एक मात्र ऐसी पवित्र पुस्तक है जिसमें कहा गया है कि मनुष्य को केवल कर्म को प्रधानता देनी चाहिए। इसी क्रम में मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami के निर्देश पर सरकारी स्कूलों में गीता के श्लोक का वाचन शुरू हुआ है और गुरूजन छात्र छात्राओं को श्लोक का भाव भी समझा रहे हैं। भाव यही है कि गीता के आदर्शों पर चलकर मनुष्य न केवल स्वयं का कल्याण अपितु संपूर्ण मानव जाति की भलाई कर सकता है। हमारे बुजुर्गों का कहना है कि गीता में जीवन का सार छिपा है। ऐसे में सरकार का निर्णय काबिलेतारीफ है। सवाल यह उठता है कि जिस व्यवहारिक पुस्तक से तब मुगल शासकों को दिक्कत नहीं थी अब हमारे अपने लोग उससे परेशान क्यों हैं?

यहां ‘श्रीमद् भागवत’ और ‘भगवद गीता’ के बीच के फर्क को भी समझना जरूरी है। श्रीमद् भागवत को अक्सर भगवद गीता समझ लिया जाता है हालांकि दोनों ग्रंथ वेद व्यास ने लिखे हैं। भगवद गीता श्रीमद् भागवत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भगवद गीता 700 श्लोकों का एक संक्षिप्त ग्रंथ है, जिसे अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण के बीच संवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जीवन के नैतिक और दार्शनिक पहलुओं को समझाना है। इसमें कर्म, भक्ति, ज्ञान और योग के विभिन्न मार्गों का वर्णन है। जबकि श्रीमद् भागवत यह एक विस्तृत ग्रंथ है, जिसमें 12 स्कंध (खंड) और 18,000 श्लोक हैं। यह मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, भक्ति योग और भगवान की लीलाओं का गहन विवरण है।( साभार ✍️दीपक फर्स्वाण) 

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गांधी गीता रखते थे, सत्य बोलने के लिए न्यायालय में गीता की सौगंध खिलायी जाती है बस विद्यालयों में इसकी नैतिक शिक्षा पढ़ाई नहीं जाती थी। नैतिक व चारित्रिक विकास ज्ञानवर्धन के लिए गीता एक मात्र विज्ञान है, फिर ये कैसा तर्क है कि गीता की नैतिक शिक्षायें विद्यालयों में नहीं होनी चाहिए, भले दुर्दांत हिंसक लुटेरे मुगल आक्रांताओं जिन्होने दो करोड़ हिन्दुओं की हत्या की, तीस हजार मंदिर तोड़े, उनको महान बताने वाला फर्जी इतिहास पढाया जाता रहे, गजब तर्क है।

संविधान में सैक्यूलरिज्म समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द आपातकाल के समय इंदिरा गांधी ने बामपंथियों के दबाव में अवैध रूप से संविधान की प्रस्तावना में अंकित कराया।

रही बात शिक्षक संगठन की तो लगता है कि इसमें बामपंथियों का बोलबाला है अन्यथा शिक्षक संगठनों को तो सरकारी वेतन मिलता है सरकार जो तय करे उसमें हस्तक्षेप वे नैतिक रूप से कर ही नहीं सकते यदि ऐसा था तो सबसे पहले वे दुर्दांत मुगलों को #महान बताने वाले फर्जी इतिहास का विरोध करते।

सैक्यूलर देश सैक्यूलर संविधान में सरकारी फंडिंग से चलने वाले #मदरसे और मदरसा बोर्ड बंद कर समान शिक्षा की पहल की शिक्षक संगठनों ने? यदि इतने ही सैक्यूलर हैं तो उन्हें सौ से अधिक इस्लामिक कानूनों का विरोध करना चाहिए। गीता तो भगवान श्री जगत कल्याण के लिए ब्रहमांड के कल्याण के लिए निसृत वाणी है उसका विरोध कोई भी कैसे कर सकते हैं।

‌‌  गोपेश्वर का पांडव कालिक गोपीनाथ मंदिर           *༺┇卐┇༻**

श्री हरिहरौ* *विजयतेतराम*

*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*

   *_शुक्रवार, १८ जुलाई २०२५_*

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सूर्योदय: 🌄 ०५:४८सूर्यास्त: 🌅 ०७:१८

चन्द्रोदय: 🌝 २३:५९, चन्द्रास्त: 🌜१२:५१

अयन 🌘 दक्षिणायणे(उत्तरगोलीय)

ऋतु: ⛈️ वर्षा

शक सम्वत:👉१९४७(विश्वावसु)

विक्रम सम्वत:👉२०८२(सिद्धार्थी

मास 👉 श्रावण,  पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 अष्टमी (१७:०१ से नवमी)

नक्षत्र 👉 अश्विनी (२६:१४से भरणी)

योग 👉 सुकर्मा (०६:४८ से धृति)

प्रथम करण👉बालव(०६:०७तक

द्वितीय करण 👉 कौलव(१७:०१ तक)

॥ गोचर ग्रहा: ॥ 🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 कर्क, चंद्र 🌟 मेष

मंगल🌟सिंह(उदित,पूर्व,मार्गी)

बुध🌟कर्क(अस्त,पश्चिम,वक्री)

गुरु🌟मिथुन(उदित,पूर्व,मार्गी)

शुक्र 🌟 वृष (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 कुम्भ, केतु 🌟 सिंह

शुभाशुभ मुहूर्त विचार⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:५१

अमृत काल 👉 १९:२७ से २०:५७

सर्वार्थ सिद्धि योग 👉 ०५:२७ से २६:१४

विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३७

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१७ से १९:३८

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:१९ से २०:२०

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:४४

राहुकाल 👉 १०:३९ से १२:२३

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:५१ से १७:३५

दुर्मुहूर्त 👉 ०८:१४ से ०९:०९

होमाहुति 👉 राहु

दिशा शूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पाताल (१७:०१ से पृथ्वी)

चन्द्र वास 👉 पूर्व

शिववास 👉 गौरी के साथ (१७:०१ से सभा में)

☄चौघड़िया विचार☄〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ, ३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग, ७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल, ३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत, ७ – चर ८ – रोग

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

शुभ यात्रा दिशा🚌🚈🚗⛵🛫

उत्तर-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

तिथि विशेष〰️〰️〰️

बुध वक्री १०:१३ से बुध अस्त पश्चिम २०:२७ से, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०५:४८ से १०:५१ तक, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः ०९:०९ से १०:५२ तक आदि।

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २६:१४ तक जन्मे शिशुओ का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से तथा इसके जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (ली) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कर्क – २९:२४ से ०७:४६

सिंह – ०७:४६ से १०:०४

कन्या – १०:०४ से १२:२२

तुला – १२:२२ से १४:४३

वृश्चिक – १४:४३ से १७:०३

धनु – १७:०३ से १९:०६

मकर – १९:०६ से २०:४७

कुम्भ – २०:४७ से २२:१३

मीन – २२:१३ से २३:३६

मेष – २३:३६ से २५:१०+

वृषभ – २५:१०+ से २७:०५+

मिथुन – २७:०५+ से २९:२०+

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:२७ से ०७:४६

रोग पञ्चक – ०७:४६ से १०:०४

शुभ मुहूर्त – १०:०४ से १२:२२

मृत्यु पञ्चक – १२:२२ से १४:४३

अग्नि पञ्चक – १४:४३ से १७:०१

शुभ मुहूर्त – १७:०१ से १७:०३

रज पञ्चक – १७:०३ से १९:०६

शुभ मुहूर्त – १९:०६ से २०:४७

चोर पञ्चक – २०:४७ से २२:१३

शुभ मुहूर्त – २२:१३ से २३:३६

शुभ मुहूर्त – २३:३६ से २५:१०+

चोर पञ्चक – २५:१०+ से २६:१४+

शुभ मुहूर्त – २६:१४+ से २७:०५+

रोग पञ्चक – २७:०५+ से २९:२०+

शुभ मुहूर्त – २९:२०+ से २९:२८+

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप काम-काज से मन चुरायेंगे। घरेलू कार्य भी आज आपको आफत ही लगेंगे इसकी जगह मौज शौक यात्रा पर्यटन की तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे जहां आवश्यकता नही वहां भी खर्च करेंगे। मान सम्मान मिलने से अहम की भावना भी रहेगी। व्यवसाय के अलावा भी आज विविध क्षेत्रों से लाभ मिल सकता है परन्तु सहकर्मियों का कम सहयोग मिलने से पूर्ण सफल नही हो पाएंगे। धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र के लिये भी समय निकालेंगे। समाज के प्रतिष्ठित लोगो से जान पहचान बढ़ेगी। घरेलु आवश्यकताओ की पूर्ति पर अधिक खर्च करेंगे। मनोरंजन के लिए पर्यटन पर भी जाने के अवसर आएंगे। स्त्री सुख मिलेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन परिस्थितियां बाधा डालने वाली बन रही है आवश्यक कार्यो को टालना ही बेहतर रहेगा। आज किसी ना किसी रूप में धन हानि की संभावना है। उधारी जल्द चुकाने का प्रयास करें अन्यथा मानभंग हो सकता है। कार्य व्यवसाय को लेकर चिंतित रहेंगे। समय पर कार्य पूरा ना कर पाने के कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है। क्रोध भी आज सामान्य से अधिक रहने से घर-बाहर का वातावरण अशान्त बनेगा। कार्य क्षेत्र पर अधिक परिश्रम करने पर भी अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा। सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। आज परिवार की आवश्यकता पूर्ती करने में असमर्थ रहेंगे। महिलाओ का मन किसी अरिष्ट की आशंका से व्याकुल रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन लाभदायक रहेगा। प्रातः काल का समय आलस्य में खराब होगा परन्तु इसके बाद कही से प्रसन्नता दायक समाचार मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज आप मध्यान तक कि गतिविधियों से दिन भर का लाभ कमा लेंगे। नौकरी वाले जातक आज आराम करना पसंद करेंगे। व्यवसाय में बेजिझक निवेश करेंगे शीघ्र ही इसका लाभ मिलेगा। आपकी अथवा किसी सहकर्मी की गलती से हानि होने की भी सम्भावना है परंतु इसका दैनिक क्रियाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। घर के सदस्य आपसे कई उम्मीदे लगाए रहेंगे संभवतः उन्हें निराश नही करेंगे। स्त्रीवर्ग आपकी मनोदशा को भली भांति समझेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज आप अपने बुद्धि एवं कार्य कौशल से परिवार एवं सार्वजनिक क्षेत्र पर प्रभाव बनाएंगे। लेकिन प्रत्येक क्रिया को संदेह की दृष्टि से देखने के कारण किसी से झगड़ा भी हो सकता है। आर्थिक स्थिति अचनाक धन लाभ होने से सुधरेगी आज आप इच्छा पूर्ति एवं सुखोपभोग पर खर्च करने में सोचेंगे नही। घरेलु कार्यो के कारण व्यवसायिक कार्य स्थगित करने पड़ सकते है इसका विपरीत असर भी अवश्य देखने को मिलेगा। किसी मांगलिक कार्यक्रम के लिये खरीददारी पर भी अधिक खर्च होगा। कार्य क्षेत्र से शुभ समाचार मिलने से मन की चिंता दूर होगी। संध्या का समय मौज-शौक पूर्ण करने में बितायेंगे। स्त्री वर्ग के कारण पीड़ा हो सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप परिजनों के लिए भाग्यशाली साबित होंगे। आज भाग्य का साथ मिलने से आपके द्वारा जल्दबाजी में लिए निर्णय भी लाभ दिलाने वाले ही रहेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति भी आज समय पर करेंगे लेकिन आज विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा जल्द ही बातों में आ जाएंगे। संतोषजनक व्यवसाय रहने से धन की आमद होगी। दैनिक कार्य में व्यस्तता अधिक रहेगी। घूमने-फिरने की योजनाएं बनाएंगे परन्तु इसमें व्यवधान आ सकते है। मध्यान के बाद स्थिति परेशानी वाली बनेगी परन्तु कुछ समय के लिये ही। बनते कामो में अड़चने आने लगेगी। व्यवसाय में किये वादे अंतिम समय पर ना निभा पाने के कारण खरी-खोटी सुन्नी पड़ेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपके लिए कष्ट साध्य रहेगा। आज आप जिस किसी से भी सीधी बात करेंगे उसका उल्टा ही जवाब मिलेगा। परिवार में आज किसी पुराने विवाद को लेकर आपस मे झड़प हो सकती है। बनी बनाई योजनाएं अधर में लटक सकती है। आर्थिक हानि होने की सम्भवना है। स्वास्थ्य भी विपरीत रहने से उत्साहहीनता रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आर्थिक कारणों से किसी से लड़ाई हो सकती है। व्यवहार को संतुलित बनाये रखें अन्यथा भविष्य में होंने वाले लाभ से भी वंचित रहना पड़ेगा। परिवार में आपके कारण विवाद होने से अशांति बनी रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज आपको हर जगह अनुकूल वातावरण मिलेगा परन्तु आज एक साथ कई काम आने से दुविधा में पड़ जाएंगे जिससे विलंब होगा। मध्यान बाद आप सभी कार्यो को धैर्य से सोच समझ कर करेंगे इसलिए सफलता की संभावना भी अधिक रहेगी। कार्य क्षेत्र पर नौकरों की लापरवाही के कारण हानि हो सकती है। मध्यान का समय धन लाभ वाला रहेगा। नविन योजनाओं से भी आज लाभ होगा। महिलाये आज पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा खर्चीली रहेंगी लेकिन खर्च अनावश्यक नही होंगे। मनोरंज के लिये भी समय निकाल लेंगे। परिजनों के साथ पर्यटन भोजन पर जाएंगे घर का वातावरण कुछ समय के लिये उग्र बनेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज आपके मन मे बड़ी-बड़ी योजनाए चलती रहेंगी लेकिन आज शारीरिक अस्वस्थता कार्यो में बाधा डालेगी। स्फूर्ति की कमी प्रातः काल से ही बनेगी दैनिक कार्यो को भी लाचारी में करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर मध्यान बाद लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मन एकाग्र ना होने से उचित लाभ नही मिल सकेगा। आपकी प्रशंशा करने वाले भी पीठ पीछे आलोचना करेंगे। परन्तु इससे उदास ना हों अपने कार्य में निष्ठा से लगे रहे जल्द ही समय आपके अनुकूल बनेगा। आज अहम् को लेकर किसी से टकराव भी हो सकता है वाणी अथवा व्यवहार से किसी को ठेस ना पहुंचे इसका ध्यान रखें। आध्यत्म से जुड़ें मानसिक शान्ति मिलेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आपके मन के विपरीत घटनायें घटित होंगी जिससे मन कुछ समय के लिये विचलित होगा लेकिन आज आपकी विवेक शक्ति प्रखर रहने से हर प्रकार की परिस्थितियों का सामना करने का साहस रहेगा। आज आप कार्य क्षेत्र पर धन कमाने से ज्यादा महत्त्व व्यवहार बनाने को देंगे। मध्यान बाद का अधिकांश समय आनंद प्रमोद में बितायेंगे। शारीरिक रूप से चुस्त रहेंगे। किसी मनोकामना की पूर्ति होने की संभावना है। धन लाभ के लिए थोड़ा इन्तजार करना पड़ेगा परन्तु निराश नहीं होंगे। परिजन-मित्रो के साथ उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा। संध्या का समय प्रेम-प्यार के लिए भी यादगार रहेगा। खर्च लगे रहेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप भागदौड की जिंदगी को छोड़ चैन से समय व्यतीत करना पसंद करेंगे लेकिन आकस्मिक कार्य आने से आपकी यह कामना पूरी नही हो सकेगी। घर के सदस्य आपके व्यवहार में अचानक आई उदासीनता से परेशान होंगे। आप लाभ-हानि की परवाह किये बिना अपनी ही मस्ती में रहेंगे। किसी का हस्तक्षेप करने से विवाद पर भी उतर सकते है। प्रेम प्रसंगों में आपके गलत निर्णय के कारण हानि होगी। परिजन आज आपके ऊपर नजर लगाए हुए है किसी भी अनैतिक गतिविधि से दूरी बनाए रखें अन्यथा पारिवारिक सुख शांति बिगड़ सकती है। धन लाभ से खर्च ज्यादा रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आप जो भी कार्य करेंगे वह अपना हो या किसी अन्य का उसमे सफलता अवश्य मिलेगी। स्वभाव में व्यवहारिकता रहने से लोग आपसे समीपता बढ़ाना चाहेंगे। कार्य क्षेत्र अथवा अन्य जगह किसी की सहायता करनी पड़ेगी इसमे धन एव समय खर्च होंगे लेकिन आत्मशांति भी मिलेगी। दोपहर बाद का समय अधिक सुखदायक रहेगा। बड़े बुजुर्गों अथवा अधिकारी वर्ग की कृपा दृष्टि रहने से आज मनमाना व्यवहार करेंगे अपनी बात मनवाने के लिए भी आज का दिन उपयुक्त है। जिद्दी व्यवहार के कारण पारिवारिक विवाद का कारण भी बन सकते है। ससुराल-अथवा मायके पक्ष से स्वार्थ सिद्धि की पूर्ति कर लेंगे। असंयमित खान-पान के कारण उदर शूल-कब्ज की शिकायत रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आप सुख-शांति से बिताएंगे। कार्य व्यवसाय में कम मेहनत के बाद भी अधिक लाभ होने से आर्थिक पक्ष पहले से बेहतर बनेगा। मनोरंजन अथवा अन्य घरेलू सुखों पर खर्च करने के लिये ज्यादा सोचना नही पड़ेगा। परिजन आज आपकी पसंद का विशेष ख्याल रखेंगे। किसी से धन संबंधित व्यवहारों को लेकर कहाँ-सुनी होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर अनदेखी के कारण लाभ होने में विलंब हो सकता है। संबंधो की लिहाज के कारण हानि भी उठानी पड़ सकती है। सेहत उत्तम बनी रहेगी। किसी ऐतिहासिक अथवा धार्मिक यात्रा का आयोजन करेंगे। धर्म-कर्म में आस्था रहेगी। परिजनों का साथ मिलेगा।