महाशिवरात्रि व्रत कथा, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का महात्म्य, भारतीय जनता पार्टी का भागलपुर से विहार विधानसभा अभियान आरंभ, आज का पंचाग आपका राशि फल

‌‌   *༺┇卐┇༻**श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*
*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_बुधवार, २६ फरवरी २०२५_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:५३, सूर्यास्त: 🌅 ०६:१५
चन्द्रोदय: 🌝 ३०:२०, चन्द्रास्त: 🌜१६:२७
अयन 🌖 उत्तरायणे(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🌳 बसन्त
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८१(काल)
मास 👉 फाल्गुन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 त्रयोदशी (११:०८
से चतुर्दशी)
नक्षत्र 👉 श्रवण (१७:२३ सेधनिष्ठा)
योग👉परिघ(२६:५८ से शिव)
प्रथम करण👉वणिज(११:०८तक
द्वितीय करण👉विष्टि(२२:०५तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कुम्भ
चंद्र 🌟 कुम्भ (२८:३६ से)
मंगल🌟मिथुन(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध🌟 कुम्भ(उदित,पश्चिम,मार्गी)
गुरु🌟वृष(अस्त,पश्चिम,मार्गी)
शुक्र 🌟 मीन
(उदित, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्य
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 ०७:२८ से ०९:००
विजय मुहूर्त 👉 १४:२४ से १५:१०
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:११ से १८:३६
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१४ से १९:२९
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५४
राहुकाल 👉 १२:३० से १३:५६
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०८:१२ से ०९:३८
दुर्मुहूर्त 👉 १२:०७ से १२:५३
होमाहुति 👉 केतु
दिशा शूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 पाताल (११:०८ से २२:०५)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम २८:३७)
शिववास 👉 भोजन में (११:०८ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत, ३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग, ७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ, ३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल, ७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

तिथि विशेष〰️〰️〰️〰️
महाशिवरात्रि पर्व (रात्रि चार प्रहर पूजन-अभिषेक), पंचक आरम्भ २८:३६ से, चूड़ाकर्म (मुंडण) संस्कार मुहूर्त प्रातः ०८:२१ से ०९:४७ तक, प्रातः ०६:५७ से ०९:४५ तक आदि।

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १७:२३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
श्रवण नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (खे, खो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ग, गी, गू) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

उदय-लग्न मुहूर्त=========
कुम्भ – ३०:०९ से ०७:३५
मीन – ०७:३५ से ०८:५९
मेष – ०८:५९ से १०:३३
वृषभ – १०:३३ से १२:२७
मिथुन – १२:२७ से १४:४२
कर्क – १४:४२ से १७:०४
सिंह – १७:०४ से १९:२३
कन्या – १९:२३ से २१:४१
तुला – २१:४१ से २४:०२+
वृश्चिक – २४:०२+ से २६:२१+
धनु – २६:२१+ से २८:२४+
मकर – २८:२४+ से ३०:०६+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०६:४६ से ०७:३५
शुभ मुहूर्त – ०७:३५ से ०८:५९
मृत्यु पञ्चक – ०८:५९ से १०:३३
अग्नि पञ्चक – १०:३३ से ११:०८
शुभ मुहूर्त – ११:०८ से १२:२७
रज पञ्चक – १२:२७ से १४:४२
शुभ मुहूर्त – १४:४२ से १७:०४
चोर पञ्चक – १७:०४ से १७:२३
शुभ मुहूर्त – १७:२३ से १९:२३
रोग पञ्चक – १९:२३ से २१:४१
शुभ मुहूर्त – २१:४१ से २४:०२+
मृत्यु पञ्चक – २४:०२+ से २६:२१+
अग्नि पञ्चक – २६:२१+ से २८:२४+
शुभ मुहूर्त – २८:२४+ से ३०:०६+
रज पञ्चक – ३०:०६+ से ३०:४५+
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आज का राशिफल🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी शुभ फलों की प्राप्ति कराएगा लेकिन आज चोटादि का भी भय है जोखिम ना लें वाहन से सतर्क रहें।
सेहत में थोड़ा उतार चढ़ाव बना रहेगा। पुराने लटके कार्यो में गति आएगी। नई योजनाएं अधिक फलीभूत होंगी। सामाजिक कारणों से भी आज अधिक व्यस्त रह सकते है। सरकारी कार्य आज मध्यान से पहले पूर्ण होंगे। संध्या के समय धन की आमद होने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी। विरोधी आज शांत रहेंगे। महिलाये आज घरेलू कार्य मे ज्यादा व्यस्त रहेंगी। रिश्तेदारों के आने से चहल पहल बढ़ेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज आप मध्यान तक जितना परिश्रम करेंगे इसके बाद के समय उससे पूर्ण संतुष्ट रहेंगे धन लाभ भी होने के साथ भविष्य में आय के मार्ग भी बनेंगे। आज का दिन प्रेम-प्रसंगों में भी यादगार अनुभूति कराएगा। पर्यटक स्थल पर घूमने-फिरने की योजना बनाएंगे। आज फिजूल खर्च भी अधिक रहने वाला है जिस पर नियंत्रण की आवश्यकता है। कार्य व्यवसाय का दायित्व आज नौकरों अथवा सहकर्मियों के ऊपर छोड़ना पड़ेगा। परिजनों के साथ किसी सामाजिक कार्यक्रम में उपस्थित हो सकते है। महिलाये एवं बच्चे मनोकामना पूर्ति से उत्साहित होंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन के मध्यान तक आप सेहत को लेकर परेशान रहेंगे। शारीरिक स्फूर्ति गायब रहेगी। अधिकांश कार्यो में देरी होगी। दोपहर बाद आकस्मिक लाभ के समाचार मिलने से उत्साह वृद्धि होगी। विरोधी आपकी प्रगति से ईर्ष्या करेंगे शेयर सट्टे में आज किया निवेश निकट भविष्य में लाभ कराएगा। अन्य व्यवसाय में भी आज मेहनत का फल थोड़े देर से परन्तु भरपूर मिलेगा। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपका योगदान प्रतिष्ठा बढ़ाएगा। महिलाये अपने कार्यो के प्रति निष्ठावान रहेंगी।परिवार के बुजुर्गो का सहयोग घरेलू कार्य के साथ व्यवसायिक कार्यो को सहज बनाएगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप दिन के आरंभिक भाग में अनुकूल परिस्थितियों का जमकर लाभ उठायेंगे। आज आपके स्वाभाव में नरमी रहने से परिजनों के साथ चल रहे मतभेद सामान्य होंगे। कला एवं संगीत में आज विशेष रूचि रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति का सहयोग मिलने से रुके कार्य पूर्ण होंगे। संतानों के ऊपर खर्च बढेगा महिलाये अस्त-व्यस्त गृहस्थी को संभालने में अधिक व्यस्त रहेंगी। नजदीकी रिश्तेदारो से शुभ समाचार मिलेगा। धन लाभ कम परिश्रम से हो जाएगा। मध्यान पश्चात स्थिति प्रतिकूल होने लगेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन पूर्वार्ध आपके लिए धन वृद्धि कारक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज अधिकारियो का प्रोत्साहन मिलने से उन्नति के मार्ग खुलेंगे। व्यवसाय में लाभ पाने के लिए थोड़ा परिश्रम करना पड़ सकता है लेकिन इसका फल आश्चर्य में डालने वाला रहेगा। अनैतिक कार्यो में पड़ने से मान हानि के योग बनेंगे इससे दूर रहें। परिजनों से मधुर भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे घरेलू समस्याओ को महिलाये अपने बल पर सुलझा लेंगी। संध्या के समय शुभ समाचार मिलेंगे। उत्तम भोजन वाहन मनोरंजन पर्यटन से आनंद मिलेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा मध्यान बाद तक प्रत्येक कार्यो में उदासीनता दिखाएंगे परन्तु धार्मिक कार्यो के प्रति आकर्षित रहेंगे। मध्यान पश्चात गाड़ी पटरी पर आने लगेगी। नौकरी व्यवसाय में आपके कार्य की प्रशंसा होगी। धन लाभ के कोई भी अवसर चूकेंगे नही। दाम्पत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। पत्नी संतान के साथ आज अच्छी पटेगी। स्वास्थ्य आज सर्दी जुखाम के कारण नरम रह सकता है फिर भी आपकी दिनचर्या पर इसका विशेष असर नहीं पड़ेगा। संध्या के बाद यात्रा की योजना बनेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज दोपहर तक अपने सभी कार्य पूर्ण करने का प्रयास करें इसके बाद परिस्थिति कलहकारी बनेगी जिसका भला करने का सोचेंगे उसी का व्यवहार आपको आहत करेगा। महिलाये भी आज मानसिक रूप से अशांत रहेंगी। सेहत भी असामान्य रहने से कार्य क्षेत्र पर बेहतर अनुभव नहीं करेंगे। फिर भी चाटुकारिता का सहारा लेकर खर्च योग्य आय बना ही लेंगे। धार्मिक स्थानों पर दान पुण्य के अवसर मिलेंगे। स्त्री मित्रो से संबंदो में कड़वाहट आ सकती है। दिनचर्या असंयमित रहेगी। संतानो के ऊपर नजर रखें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के मध्यान तक का समय सामान्य बना रहेगा लेकिन इसके बाद कही से अशुभ समाचार मिलने से परेशान रहेंगे। इसके बाद का समय श्रम साध्य रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज महत्त्वपूर्ण कार्य मध्यान के बाद करना लाभदायक रहेगा। घरेलु उत्पादों के क्रय-विक्रय सम्बंधित व्यापार से अच्छा मुनाफा कमाएंगे। परिजन का ख़राब स्वास्थ्य भी चिंता का विषय बनेगा। धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रण में आ जायेगी। पूजा पाठ में भाग लेंगे धार्मिक यात्रा के प्रसंग भी बन सकते है। महिलाये पारिवारिक स्थिति के कारण बेचैन रहेंगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन की शुरुआत आलस्य प्रमाद से होगी ध्यान रहें कार्यो को लेकर टालमटोल की प्रवृति हानि करा सकती है। दोपहर के समय से स्थिति बेहतर होने लगेगी। उत्तरार्ध का समय आकस्मिक फायदे कराने वाला रहेगा। आज आप किसी से अधिक व्यवहार करना पसंद नहीं करेंगे इससे कई समस्याओं से भी बचे रहेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर भी आज आपके योगदान की प्रशंसा होगी। वरिष्ठ जनो के साथ नविन संपर्क बनेंगे। स्त्री-पुत्र से लाभदायक समाचार मिल सकते है। विपरीत लिंगीय आकर्षण आज कम रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए आनंद दायक रहेगा। आप आज प्रत्येक कार्य को देखभाल कर ही करेंगे जिससे सफलता का प्रतिशत अधिक रहेगा। नौकरी व्यवसाय में आज मध्यान तक किया परिश्रम का फल संध्या के समय सम्मान एव धन लाभ के रूप में मिल जाएगा। कार्य क्षेत्र पर आज प्रतिस्पर्धा भी अधिक रहेगी लेकिन आपके काम निकालने की कला लाभ दिलाएगी। आप किसी की भी मनोकामना पूर्ति करने में हिचकिचाएंगे नही। परिजनों से स्नेह की वर्षा होगी। संतानो का व्यवहार भी अनुकूल रहेगा। महिलाये घर की साज सज्जा पर खर्च करेंगी। सेहत सामान्य रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए मिला जुला रहेगा। दोपहर तक लगभग सभी कार्यो में विलंब होगा जो कार्य करेंगे उनके पूर्ण होने में भी संशय बना रहेगा लेकिन मध्यान बाद स्थिति में थोड़ा सुधार आने लगेगा। सामाजिक अथवा मांगलिक कार्यक्रमो के कारण व्यस्तता अधिक रहेगी। कार्य क्षेत्र से भी धन का आगमन होगा। फिजूल खर्च भी लगे रहेंगे जिन पर अंकुश रखे। विपरीत लिंगीय से आज आकस्मिक लाभ हो सकता है नजदीकियां भी बढ़ेंगी। उपहार सम्मान मिलेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी आपके लिए लाभदायी रहेगा बीते कल के अधूरे कार्य आज पूर्ण होने से धन की आमद होगी। नौकरी पेशा लोग भी अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित होंगे। दूर के व्यवसायों अथवा शेयर आधी के कार्यो में उछाल आने से अन्य आय के साधन बनेंगे। सरकारी कार्यो में आज ढील ना दे अन्यथा लंबे समय के लिये लटक सकते है। धार्मिक कार्यो में रुचि होने पर भी उपयुक्त समय नही निकाल पाएंगे। संध्या के बाद समय प्रतिकूल हो जाएगा आसपास का वातावरण क्रोध दिलाने वाला बनेगा ना चाहते हुए भी किसी से झगड़ा होने की संभावना है। महिलाओ की सेहत खराब होने की संभावना है।

हमारे तो अस्सी वर्ष के #शंकराचार्य भी #सैक्युलर हैं। और #मुसलमान का बच्चा भी #जिहादी है, वो गो वंश की गर्दन पर छुरी चलाने में उस्ताद है।
ऐसी ही सैक्युलरिज्म से अफगानिस्तान में हमारा एक संत बचा नहीं है वहां एक भी हिन्दू और गैर मुसलमान बचा नहीं है। १९४८ में अफगानिस्तान का एक चित्र है जिसमें में तीन पगड़ी वाले थे और एक इस्लाम संक्रमित दिख रहा है। तब अफगानिस्तान में पांच लाख सिक्ख परिवार थे। लेकिन मुसलमानों ने सब मार दिए या धर्मांतरणतरित करा दिए। पांच वर्ष पहले अंतिम बचा हुआ सिक्ख शरण मांग कर भारत आ गया। #छावा फिल्म दिखाओ #प्रेमानन्द जी को संभव है इनके ज्ञान चक्षु खुल जांय। इन से पूछो दिल्ली में कौटिल्य मार्ग, राम मार्ग, सीता मार्ग, राधा मार्ग, विवेकानंद मार्ग, टैगोर मार्ग, श्रीकृष्ण मार्ग है? यदि किसी संत को आसन्न संकट दिखाई ना दे तो उनके ज्ञान चक्षु खुलने बाकी है।

ये लोग रुकते नहीं ?दिल्ली चुनाव बीता तो भागलपुर से शुरू हुआ एनडीए का चुनावी अभियान। बिगुल बजाने खुद जा पहुंचे पीएम मोदी।नीतीश कुमार को लाडला मुख्यमंत्री बताकर गदगद कर दिया तो भागलपुर दुपट्टा ओढ़कर उसे भी ब्रैंड बना दिया। मखाना उद्योग को मखाना बोर्ड की उड़ान देकर किसानों के खाते में तीसरी किश्त जारी कर दी।

अब बताइए भाई लोग तो अभी दिल्ली पराजय का मातम भी ढंग से नहीं मना पाए और मोदी ने बुद्ध की धरती पर इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया।चारा घोटाले और जमीन के बदले रेलवे नौकरी के खुले भ्रष्टाचार में डूबे लालू यादव को संभलने का मौका दिए बगैर भागलपुर की विशाल रैली ने बता दिया कि वर्षान्त में होने वाले चुनाव एनडीए के लिए कितने खास हैं।

दरअसल बीजेपी दुनिया की एकमात्र पार्टी है जो 24 घंटे सातों दिन 12 महीने चुनावी मोड में रहती है।मोदी लीड बीजेपी में विश्राम नाम का शब्द नहीं है। तभी तो कह रहे हैं कि ये लोग रुकते नहीं।खुद देख लीजिए,लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्य जीते,लोकसभा चुनाव जीतकर तीसरी बार सरकार बनाई,आंध्र प्रदेश में एनडीए की सरकार बनाई और ओडिशा में पहली बार प्योर बीजेपी सरकार बनीं।फिर एक के बाद एक हरियाणा,महाराष्ट्र और दिल्ली जीते और जीतते ही चल पड़े बिहार।

अगले साल बंगाल जाना है जहां बीजेपी के आधार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एक विशाल रैली कर आए हैं। उससे अगले साल यूपी उत्तराखंड।यह सब बताने का मकसद यह है कि बीजेपी यूं ही चुनाव नहीं जीत जाती।बीजेपी और उसके अनुषांगिक संगठन पहले ही जमीन पर मकड़जाल फैला देते हैं, जमीन बो देते हैं जिस पर चुनाव के समय चढ़कर बीजेपी नेता फसल काट ले जाते हैं।

और भाई लोग?ईवीएम या चुनाव आयोग को दोषी करार देकर आँसू बहाते रह जाते हैं।बीजेपी का चुनावी कौशल ही है जो विपक्ष के बनाए इंडी गठबंधन को भी बिखेर देता है,गठबंधन के घटकों को परस्पर दुश्मन बना देता है और चुनाव जीतकर अगले राज्य की ओर निकल पड़ता है।वस्तुतः 2014 में बीजेपी के आने के बाद देश का चुनावी स्टाइल पूरी तरह बदल चुका है।इस तेजी से बदला कि विरोधी जब तक उसे समझ पाएं, चुनाव खत्म हो जाता है।

अब देखिए बीजेपी देश को वन नेशन वन इलेक्शन की ओर ले जा रही है और विरोधी दल उसके अवगुण गिना रहे हैं। कितना अच्छा होता यदि दिल्ली हारते ही कांग्रेस और राजेडी बिहार में सीटों के बंटवारे पर चर्चा कर रहे होते।लालू और तेजस्वी न जानें अभी तक क्यों नहीं समझे कि नीतीश अब उनके साथ नहीं आने वाले?इंडी का खेल निपट चुका है वे माने या न माने।11 वर्ष बीतने जा रहे हैं, अब तो समझ लीजिए उनका स्टाइल? या फिर गलियां ही देते जाएंगे?ये लोग रुकते नहीं तो कम से कम आप खड़े तो हो जाइए?(साभार) 

🌄*महाशिवरात्रि व्रत की प्रामाणिक और पौराणिक कथा*

पूर्व काल में चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। शिकारी ध्यानमग्न होकर शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा। चतुर्दशी को उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी।

शाम होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने के विषय में बात की। शिकारी अगले दिन सारा ऋण लौटा देने का वचन देकर बंधन से छूट गया। अपनी दिनचर्या की भांति वह जंगल में शिकार के लिए निकला। लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण भूख-प्यास से व्याकुल था। शिकार खोजता हुआ वह बहुत दूर निकल गया। जब अंधकार हो गया तो उसने विचार किया कि रात जंगल में ही बितानी पड़ेगी। वह वन एक तालाब के किनारे एक बेल के पेड़ पर चढ़ कर रात बीतने का इंतजार करने लगा।

बिल्व वृक्ष के नीचे शिवलिंग था जो बिल्वपत्रों से ढंका हुआ था। शिकारी को उसका पता न चला। पड़ाव बनाते समय उसने जो टहनियां तोड़ीं, वे संयोग से शिवलिंग पर गिरती चली गई। इस प्रकार दिनभर भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बिल्वपत्र भी चढ़ गए। एक पहर रात्रि बीत जाने पर एक गर्भिणी हिरणी तालाब पर पानी पीने पहुंची।

शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर ज्यों ही प्रत्यंचा खींची, हिरणी बोली- ‘मैं गर्भिणी हूं। शीघ्र ही प्रसव करूंगी। तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे, जो ठीक नहीं है। मैं बच्चे को जन्म देकर शीघ्र ही तुम्हारे समक्ष प्रस्तुत हो जाऊंगी, तब मार लेना।’ 

शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और हिरणी जंगली झाड़ियों में लुप्त हो गई। प्रत्यंचा चढ़ाने तथा ढीली करने के वक्त कुछ बिल्व पत्र अनायास ही टूट कर शिवलिंग पर गिर गए। इस प्रकार उससे अनजाने में ही प्रथम प्रहर का पूजन भी सम्पन्न हो गया।

शिकारी ने मृग परिवार को जाने दिया। यह करुणा ही वस्तुत: उस शिकारी को उन पंडित एवं पुजारियों से उत्कृष्ट बना देती है जो कि सिर्फ रात्रि जागरण, उपवास एवं दूध, दही, बेल-पत्र आदि द्वारा शिव को प्रसन्न कर लेना चाहते हैं। इस कथा में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कथा में ‘अनजाने में हुए पूजन’ पर विशेष बल दिया गया है। इसका अर्थ यह नहीं है कि शिव किसी भी प्रकार से किए गए पूजन को स्वीकार कर लेते हैं अथवा भोलेनाथ जाने या अनजाने में हुए पूजन में भेद नहीं कर सकते हैं।

वास्तव में वह शिकारी शिव पूजन नहीं कर रहा था। इसका अर्थ यह भी हुआ कि वह किसी तरह के किसी फल की कामना भी नहीं कर रहा था। उसने मृग परिवार को समय एवं जीवन दान दिया जो कि शिव पूजन के समान है। शिव का अर्थ ही कल्याण होता है। उन निरीह प्राणियों का कल्याण करने के कारण ही वह शिव तत्व को जान पाया तथा उसका शिव से साक्षात्कार हुआ।

परोपकार करने के लिए महाशिवरात्रि का दिवस होना भी आवश्यक नहीं है। पुराण में चार प्रकार के शिवरात्रि पूजन का वर्णन है। मासिक शिवरात्रि, प्रथम आदि शिवरात्रि, तथा महाशिवरात्रि। पुराण वर्णित अंतिम शिवरात्रि है- नित्य शिवरात्रि। वस्तुत: प्रत्येक रात्रि ही शिवरात्रि’ है अगर हम उन परम कल्याणकारी आशुतोष भगवान में स्वयं को लीन कर दें तथा कल्याण मार्ग का अनुसरण करें, वही शिवरात्रि का सच्चा व्रत है।

🛕🛕सोमनाथ-ज्योतिर्लिंग 🛕🛕*

     👉 *सोमनाथ गुजरात* 👈

👉समुद्र तल से ऊचाई –155फ़ीट

🚆🚆 निकटतम रेलवे स्टेशन–सोमनाथ (2KM)🚆🚆

🙏🙏सोमनाथ मंदिर की विशेषताएं🙏🙏

👉प्रभु शिव का निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने यहां करवाकर उनका नामकरण हुआ “सोमनाथ”।

👉मंदिर प्रांगण में रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक एक घंटे का साउंड एंड लाइट शो चलता है।

👉मंदिर के शिखर पर स्थित स्थित कलश का वजन 10 टन है और इसकी ध्वजा 27 फीट ऊँची है।

👉यहां तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है। इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है।

👉श्रीकृष्ण ने किया देहत्याग (सोमनाथ)

ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण भालुका तीर्थ पर विश्राम कर रहे थे। तब एक शिकारी ने उनके पैर के तलुए में पद्मचिन्ह को हिरण की आंख जानकर धोखे में तीर मारा था जिस कारण कृष्ण ने देह त्यागकर यहीं से वैकुंठ गमन किया। इस स्थान पर बडा ही सुन्दर कृष्ण मंदिर बना हुआ है।

👉👉महमूद गजनवी के 17 हमले झेलकर भी खड़ा है सोमनाथ मंदिर

महमूद गजनवी ने सन् 1024 में कुछ 5,000 साथियों के साथ सोमनाथ मंदिर पर हमला किया, उसकी संपत्ति लूटी और उसे नष्ट कर दिया। तब मंदिर की रक्षा के लिए निहत्‍थे हजारों लोग मारे गए थे।

इसे मुसलमान आक्रांताओं द्वारा अब तक 17 बार नष्ट किया गया और हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया।

👉👉बता दें कि इस समय जो मंदिर खड़ा है उसे भारत के पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अंतिम बार बनवाया

🙏🙏ज्योतिर्लिंग की कथा का पुराणों में इस प्रकार से वर्णन है-🙏🙏

👉 दक्ष प्रजापति की सत्ताइस कन्याएं थीं। उन सभी का विवाह चंद्रदेव के साथ हुआ था। किंतु चंद्रमा का समस्त अनुराग व प्रेम उनमें से केवल रोहिणी के प्रति ही रहता था। उनके इस कृत्य से दक्ष प्रजापति की अन्य कन्याएं बहुत अप्रसन्न रहती थीं। उन्होंने अपनी यह व्यथा-कथा अपने पिता को सुनाई। दक्ष प्रजापति ने इसके लिए चंद्रदेव को अनेक प्रकार से समझाया। 

 किंतु रोहिणी के वशीभूत उनके हृदय पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अंततः दक्ष ने कुद्ध होकर उन्हें ‘क्षयग्रस्त’ हो जाने का शाप दे दिया। इस शाप के कारण चंद्रदेव तत्काल क्षयग्रस्त हो गए। उनके क्षयग्रस्त होते ही पृथ्वी पर सुधा-शीतलता वर्षण का उनका सारा कार्य रूक गया। चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई। चंद्रमा भी बहुत दुखी और चिंतित थे। 

 उनकी प्रार्थना सुनकर इंद्रादि देवता तथा वसिष्ठ आदि ऋषिगण उनके उद्धार के लिए पितामह ब्रह्माजी के पास गए। सारी बातों को सुनकर ब्रह्माजी ने कहा- ‘चंद्रमा अपने शाप-विमोचन के लिए अन्य देवों के साथ पवित्र प्रभासक्षेत्र में जाकर मृत्युंजय भगवान्‌ शिव की आराधना करें। उनकी कृपा से अवश्य ही इनका शाप नष्ट हो जाएगा और ये रोगमक्त हो जाएंगे।

 उनके कथनानुसार चंद्रदेव ने मृत्युंजय भगवान्‌ की आराधना का सारा कार्य पूरा किया। उन्होंने घोर तपस्या करते हुए दस करोड़ बार मृत्युंजय मंत्र का जप किया। इससे प्रसन्न होकर मृत्युंजय-भगवान शिव ने उन्हें अमरत्व का वर प्रदान किया। उन्होंने कहा- ‘चंद्रदेव! तुम शोक न करो। मेरे वर से तुम्हारा शाप-मोचन तो होगा ही, साथ ही साथ प्रजापति दक्ष के वचनों की रक्षा भी हो जाएगी। 

कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन तुम्हारी एक-एक कला क्षीण होगी, किंतु पुनः शुक्ल पक्ष में उसी क्रम से तुम्हारी एक-एक कला बढ़ जाया करेगी। इस प्रकार प्रत्येक पूर्णिमा को तुम्हें पूर्ण चंद्रत्व प्राप्त होता रहेगा।’ चंद्रमा को मिलने वाले इस वरदान से सारे लोकों के प्राणी प्रसन्न हो उठे। सुधाकर चन्द्रदेव पुनः दसों दिशाओं में सुधा-वर्षण का कार्य पूर्ववत्‌ करने लगे।

शाप मुक्त होकर चंद्रदेव ने अन्य देवताओं के साथ मिलकर मृत्युंजय भगवान्‌ से प्रार्थना की कि आप माता पार्वतीजी के साथ सदा के लिए प्राणों के उद्धारार्थ यहां निवास करें। भगवान्‌ शिव उनकी इस प्रार्थना को स्वीकार करके ज्योतर्लिंग के रूप में माता पार्वतीजी के साथ तभी से यहां रहने लगे।

पावन प्रभासक्षेत्र में स्थित इस सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की महिमा महाभारत, श्रीमद्भागवत तथा स्कन्दपुराणादि में विस्तार से बताई गई है। चंद्रमा का एक नाम सोम भी है, उन्होंने भगवान्‌ शिव को ही अपना नाथ-स्वामी मानकर यहां तपस्या की थी। 

 अतः इस ज्योतिर्लिंग को सोमनाथ कहा जाता है इसके दर्शन, पूजन, आराधना से भक्तों के जन्म-जन्मांतर के सारे पाप और दुष्कृत्यु विनष्ट हो जाते हैं। वे भगवान्‌ शिव और माता पार्वती की अक्षय कृपा का पात्र बन जाते हैं। मोक्ष का मार्ग उनके लिए सहज ही सुलभ हो जाता है। उनके लौकिक-पारलौकिक सारे कृत्य स्वयमेव सफल हो जाते हैं।