बदरीनाथ केदारनाथ सहित चारधामों की बढ़ाई सुरक्षा शीतकालीन पूजा स्थलों पर चारधाम यात्रा के लिए व्यवस्था चाक-चौबंद

सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में भारतीय तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों की तैनाती कर दी गई है। दोनों धामों में आईटीबीपी की एक – एक प्लाटून तैनात हुई है। इसके साथ ही पुलिस व श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के कार्मिक भी शीतकाल में मंदिरों की सुरक्षा देखेंगे।

वर्ष 2022 में केदारनाथ धाम के गर्भगृह में सोने की परतें चढ़ाये जाने के पश्चात शीतकाल में मंदिर की सुरक्षा को लेकर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पत्र लिख कर धामों में आईटीबीपी की तैनाती का अनुरोध किया था। इसके पश्चात केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दोनों धामों के कपाट बंद होने के बाद प्रतिवर्ष वहां आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की जाती है।

*बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी ने तीर्थयात्रियों से श्री बदरीनाथ – केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का किया आव्हान* 

• *मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 8 दिसंबर को पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से चार धाम शीतकालीन यात्रा शुभारंभ के बाद शीतकालीन यात्रा हेतु उत्साह* 

पांडुकेश्वर/जोशीमठ/ उखीमठ: 14 दिसंबर। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी )ने तीर्थयात्रियों से श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का आव्हान किया है। 

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से 8 दिसंबर को चारधाम शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया इसके बाद से शनै- शनै तीर्थयात्री शीतकालीन पूजा स्थलों में दर्शनार्थ पहुंच रहे है तीर्थयात्रियों में शीतकालीन यात्रा हेतु उत्साह बढा है।

कहा कि श्री बदरीनाथ धाम की शीतकालीन पूजाएं योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह बदरी जोशीमठ में संचालित हो रही है। तथा श्री केदारनाथ धाम तथा श्री मद्महेश्वर जी की शीतकालीन पूजाएं श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में संपन्न हो रही है।

उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पंच केदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचती है।द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी की डोली भी शीतकालीन प्रवास पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचती है तथा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शीतकालीन पूजाएं संपन्न होती है। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति के भी श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में दर्शन हो रहे है। शीतकालीन यात्रा दर्शन का भी तीर्थयात्री पुण्यलाभ अर्जित करते है।

इसी तरह भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने के बाद श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी योग बदरी पांडुकेश्वर प्रवास करते है तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की पावन गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचती है।

श्री योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में भगवान बदरीविशाल की शीतकालीन पूजाएं संपन्न होती है। इसी तरह तृतीय केदार तुंगनाथ जी की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में संपन्न होती है।

मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में मंदिर समिति ने शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किये जाने हेतु प्रयास किये है। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक संख्या में शीतकालीन पूजा स्थलों में पहुंचकर भगवान बदरीविशाल तथा भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाओं में शामिल हों।

कहा कि अभी तक तीन हजार से अधिक तीर्थयात्री शीतकालीन पूजाओं में शामिल हुए है।

जिनमें से 2230 तीर्थयात्री श्री पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ,65 तीर्थयात्री योगबदरी पांडुकेश्वर, 1069 तीर्थयात्री श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंच गये है।

उल्लेखनीय है कि श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में प्रधान पुजारी शिवशंकर लिंग सहित अन्य पुजारी वेदपाठी, श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी तथा योग बदरी पांडुकेश्वर में श्री राजेंद्र प्रसाद डिमरी तथा पुजारी परमेश्वर डिमरी शीतकालीन पूजा -अर्चना संपन्न कर रहे है।