चमोली – कर्णप्रयाग नगर में आबादी के बीच बने कब्रिस्तान को अन्यत्र शिफ्ट करने की उठी जबर्दस्त मांग

चमोली – कर्णप्रयाग नगर के वार्ड 7 के नागरिकों ने कहा है कि कर्णप्रयाग नगर के बीचों बीच बने कब्रिस्तान को स्वास्थ्य की दृष्टि से गंभीर खतरे की आशंका को देखते हुये कर्णप्रयाग नगर की सीमा से बाहर शिफ्ट किया जाय ।

नगर के वरिष्ठ नागरिक चिन्तामणि सेमवाल , सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप लूथरा , आशीष थपलियाल , गोपीराम बेंजवाल ने तहसील दार के माध्यम से जिला अधिकारी को लिखे ज्ञापन में कहा कि कर्णप्रयाग नगर जनपद चमोली का मुख्य नगर है । तथा इसकी जनसंख्या लगभग पंद्रह हजार है  वार्ड सं. 07 की आबादी के लगभग 50% से अधिक परिवार इस वार्ड के मुख्य बाजार में वर्षो से बसे हुए है ।

घनी बस्ती के मध्य स्थित कब्रिस्तान से अब जनसंख्या बृद्धि एवं नवनिर्माण के लगातार बढ़ते जाने के कारण स्वास्थ्य की दृष्टि से समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। प्रताप लूथरा ने जानकारी देते हुये बताया दो वर्षो से कोरोना जैसी भयंकर महामारी के दृष्टिगत हुई जीवन हानि की भांति इस दूषित पर्यावरण के कारण किसी अन्य जीवाणु जनित बीमारी की आशंका लगातार प्रबल बनी हुई है ।

समाजिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से भी घनी आबादी के बीच स्थित कब्रिस्तान बच्चों एवं महिलाओ पर घातक मानसिक समस्याओं का कारण बना हुआ है ।
उन्होंने बताया पूर्व में भी इस बाजार के महत्वपूर्ण प्रतिनिधियो एवं कब्रितान के आस पास बसे परिवार जनो के हस्ताक्षर सहित एक ज्ञापन ” कब्रितान को अन्यत्र शिफ्ट करने के संबंध में ” प्रशासन की सेवा में प्रस्तुत किया गया था, जिस पर प्रशासन ने अभी तक कोई व्यवहारिक कार्यवाही नहीं की, इस संबंध में अधिकारी  बात करने से बचते भी रहे हैं।